पीएम मोदी ने हमेशा ही जल और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर दिया है। जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, जल शक्ति अभियान और मिशन लाइफ जैसी पहल इसका प्रमाण हैं।

गुजरात सरकार के रिटायर्ड फॉरेस्ट ऑफिसर एच.एस. सिंह ने एक वाकया सुनाया, जब सीएम मोदी ने गुजरात में जल निकायों के संरक्षण और उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए 'जल मंदिर' की संकल्पना की। चूंकि गुजरात में 18,000 से अधिक गांव हैं, जहां हर गांव में एक या उससे अधिक संख्या में तालाब हैं। सीएम मोदी ने सुझाया कि इन तालाबों के आसपास के क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण किया जाना चाहिए ताकि व्यवस्थित वृक्षारोपण संभव हो सके। चूंकि जल निकाय गांवों के लिए गहरा सांस्कृतिक महत्व रखते हैं, इसलिए सीएम मोदी ने राज्य में जल निकायों के संरक्षण और उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए, एक असरदार व्यवस्था के रूप में 'जल मंदिर' की संकल्पना की। यह बदले में; सांस्कृतिक पुनर्जागरण, पक्षी और पर्यावरण संरक्षण, मनोरंजक पर्यटन के लिए समर्थन के साथ-साथ जमीनी स्तर पर जल संरक्षण को सक्षम करता है।

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प्रधानमंत्री मोदी का मार्मिक पत्र
December 03, 2024

दिव्यांग आर्टिस्ट दीया गोसाई के लिए रचनात्मकता का एक पल, जीवन बदलने वाले अनुभव में बदल गया। 29 अक्टूबर को पीएम मोदी के वडोदरा रोड शो के दौरान, उन्होंने पीएम मोदी और स्पेन सरकार के राष्ट्रपति महामहिम श्री पेड्रो सांचेज़ के अपने स्केच भेंट किए। दोनों नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से उनके भावनात्मक उपहार को स्वीकार किया, जिससे वह बहुत खुश हुईं।

कुछ सप्ताह बाद, 6 नवंबर को, दीया को प्रधानमंत्री से एक पत्र मिला जिसमें उनकी कलाकृति की प्रशंसा की गई थी और बताया गया था कि कैसे महामहिम श्री सांचेज़ ने भी इसकी प्रशंसा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें समर्पण के साथ ललित कलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, और "विकसित भारत" के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने उनके परिवार को दीपावली और नववर्ष की शुभकामनाएं भी दीं, जो उनके व्यक्तिगत जुड़ाव को दर्शाता है।

खुशी से अभिभूत दीया ने अपने माता-पिता को वह पत्र पढ़कर सुनाया, जो इस बात से बहुत खुश थे कि उसने परिवार को इतना बड़ा सम्मान दिलाया। दीया ने कहा, "मुझे अपने देश का एक छोटा सा हिस्सा होने पर गर्व है। मोदी जी, मुझे अपना स्नेह और आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद।" उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के पत्र से उन्हें जीवन में साहसिक कदम उठाने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने की गहरी प्रेरणा मिली।

पीएम मोदी का यह कदम, दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उनके योगदान को सम्मान देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सुगम्य भारत अभियान जैसी अनेक पहलों से लेकर दीया जैसे व्यक्तिगत जुड़ाव तक, वह लगातार प्रेरणा देते हैं और उत्थान करते हैं, यह साबित करते हुए कि उज्जवल भविष्य बनाने में हर प्रयास महत्वपूर्ण है।