उत्तर प्रदेश के वाराणसी के अपने दौरे में, पीएम मोदी ने ‘News18’ से बातचीत में कई विषयों पर चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी, हर परिस्थिति में देश की सेवा करने के बारे में, अपने विचार व्यक्त करते हुए भावुक भी हो गए। उन्होंने कहा कि वह देश की सेवा करना चाहते हैं क्योंकि 140 करोड़ लोग उनके परिवार के सदस्य हैं।
रुबिका लियाकत- हमारे साथ काशी का लाड़ला, हीराबा का लाडला, देश के बड़ा प्रधान प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी, बहुत-बहुत स्वागत है आपका।
पीएम मोदी- जय मां गंगे।
रुबिका लियाकत- जय महाकाल, कैसे हैं आप।
पीएम मोदी- मैं वैसा ही हूं जैसा चुनाव प्रारंभ हुआ उसके पहले था।
रुबिका लियाकत- ये चुनाव आपके लिए इतने महत्त्वपूर्ण क्यों हैं?
पीएम मोदी- कोई भी चुनाव महत्त्वपूर्ण होना ही चाहिए और हर व्यक्ति के जीवन में हर दिन महत्त्वपूर्ण होना चाहिए हर पल महत्त्वपूर्ण होना चाहिए हर किसी के लिए। मैं हर एक को कहूंगा कि ऐसा ही होना चाहिए।
रुबिका लियाकत- अच्छा ये बताइए, फर्ज कीजिए कि अगर आप प्रधानमंत्री बन जाते हैं तीसरे टर्म में तो वो पहली चीज क्या होगी जो आप देश को देंगे।
पीएम मोदी- आप इतना बड़ा क्वेश्चन मार्क क्यों लगा रही हो। मां गंगा के किनारे पर खड़ी हो। पूरा देश आप घूम कर के आई हो। देश में आप लोगों से मिली हो। आपने देखा है ये चुनाव मोदी नहीं लड़ रहा है जी, ये चुनाव 140 करोड़ देशवासी लड़ रहे हैं। और जो मनोभाव लोगों के देखे हैं, मेरा बहुत लंबा अनुभव है चुनावों का, जनता के मिजाज का अनुभव है, उनका तजुर्बा मैं समझ सकता हूं। तो ये चुनाव से भी काफी ऊपर की अवस्था है ये वोट देकर के छूटने वाली अवस्था नहीं है। वोट दिया और कांट्रैक्ट दे दिया ऐसा नहीं है वो मोदी से जुड़ चुके हैं और अधिक जुड़ना चाहते हैं। उनको लगता है कि देश ने कई सरकारों के मॉडल देखे, लेकिन भाजपा ने ऐसा मॉडल दिया है जिसमें आधुनिक भारत का संकल्प भी है, सपने भी हैं। और जिसमें साफ-साफ देश के सामान्य मानवी जो 70 साल से इंतजार कर रहा था, जिसको लगता था कि आजाद होने के बाद सब उसे मिल जाएगा, उसको मिला नहीं, वो देने का काम आज मोदी कर रहा है। और इसलिए मुझे जो जमीनी सच्चाई है वो मेरे साथ जुड़ चुकी है। और जो खास करके युवा जनरेशन जिसने बुरे दिन देखे नहीं थे। 2014 के पहले जो पांच साल-दस साल आयु का था उसको लगता है यार इसमें रिफॉर्म हो रहा है, चंद्रयान हो रहा है, डिजिटल इंडिया हो रहा है, स्टार्ट अप हो रहा है ग्रीन हाइड्रोजन का हब बनने वाला है, फार्मा का हब बनने वाला है, ये उसको लगता है ये तो बिल्कुल दुनिया के लिए हमारा सब कुछ खुल जाएगा। जब वो देखता है हम मोबाइल फोन इंपोर्ट करते थे और जब वो सोचता है कि यार दुनिया में हम सेकेंड नंबर पर हैं मोबाइल एक्सपोर्टर के रूप में, तो मेरा नौजवान अपने सपनों को मेरी सफलताओं के साथ बुन रहा है और बुन कर के वो ऐसा धागा बना रहा है जिस धागे के कारण उसको अपने भविष्य की गारंटी दिखती है।
रुबिका लियाकत- इतना कॉन्फिडेंस, आप लबरेज है कॉन्फिडेंस से, मतलब आपको नर्वसनेस जरा भी नहीं है।
पीएम मोदी- पहली बात है शायद वो मेरी डिक्शनरी में शब्द नहीं है। दूसरा मैंने जीवन में तपस्या की है जी। मेरा पल-पल मैंने खपाया है, देशवासियों के लिए खपाया है, अपने लिए नहीं खपाया है। और मैंने उनके इसलिए खपाया कि मुझे मालूम है बहुत ही डिजर्विंग लोग हैं। इनके साथ 70 साल तक अन्याय हुआ है। और जब उनके आंसू कोई पोंछता है, उनके टॉयलेट की कोई चिंता करता है, वो भूल नहीं सकता है, कोरोना का कठिन काल चूल्हा बुझने नहीं दिया था, बच्चे को भूखा सोने नहीं दिया। क्यों एक सरकार थी जिसने कहा था अनाज के भंडार पड़े हैं लेकिन हम दे नहीं सकते। एक यह सरकार है जिसका संकल्प है किसी का घर का चूल्हा बुझने नहीं दूंगा।
रुबिका लियाकत- ये जो इमोशनल साइड है आपका, 15 साल से ज्यादा वक्त गुजरात में, 10 साल यहां केंद्र में, एक बहुत ही कड़े प्रशासक के तौर पर आपकी इमेज जो है निकल कर आई है। लेकिन हाल के दिनों में ये दिख रहा है कि आपका एक कोमल मन है जो रह रह कर बाहर आ जाता है। आप बहुत इमोशनल आदमी है लेकिन उसे दुनिया से छुपाते हैं।
पीएम मोदी- ऐसा है कि अब टीवी का जमाना है तो लोगों को पता चल जाता है। ये कोई बाद में आई हुई चीज नहीं होती है जन्मजात होती है। और वो शायद मेरी स्ट्रेंथ भी है, दुनिया की नजरों में वो वीकनेस भी है और विरोधियों के लिए ताना मारने का एक अवसर भी है। लेकिन मैं इन सब से परे हूं। मोदी आपका बच्चा है, आपने उसको बनाया है, आपने उसको पाल करके बड़ा बनाया है। कुछ कमी रह गई, मैं ठीक करूंगा, अच्छा होगा तो आगे बढ़ाऊंगा।
रुबिका लियाकत- मैंने दो पर्सनालिटी आपकी बताई एक बेहद इमोशनल एक कड़ा प्रशासक लेकिन आपके विरोधी इन दोनों के इतर एक ऐसी इमेज आपकी उकेरते हैं जिसमें आप ऑटोक्रेट हैं, तानाशाह हैं, जहां आपके कोई राजनीतिक साथी साथ नहीं होते हैं। आप किसी का साथ पसंद नहीं करते वो कहते हैं यह आदमी क्या समझेगा परिवार, इसका तो परिवार ही नहीं है।
पीएम मोदी- सचमुच में सवाल उनको पूछना चाहिए। आप देश के लिए निकले हो, परिवार के बाहर कब निकलोगे, यह सवाल उनको पूछना चाहिए। अब कांग्रेस पार्टी का पूरा कैंपेन फैमिली कैंपेन बन गया है। बाकी सारे दल इंडिया अलायंस के हैं। आप तमिलनाडु देखिए परिवार कैंपेन कर रहा था। आप कर्नाटका देखिए परिवार कैंपेन कर रहा था। आप आंध्र देखिए परिवार कैंपेन कर रहा था। आप तेलुगु तेलंगना देखिए परिवार कैंपेन कर रहा था। आप उत्तर प्रदेश देखिए दो परिवार कैंपेन कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर देखिए दो परिवार कैंपेन कर रहे हैं। सवाल मीडिया के उनको होने चाहिए कि क्या हुआ इतने साल के बाद भी आप परिवार से बाहर निकल क्यों नहीं पाते हो। मैं परिवार से जुड़ा नहीं हूं ये गुनाह नहीं होना चाहिए गर्व होना चाहिए। लोकतंत्र की सबसे ऊंची अमानत है कि जो इंसान अपने परिवार के लिए नहीं जीता है, जो इंसान देश को अपना परिवार मानता है मेरा भारत मेरा परिवार, उसके लिए जीता है। अब यह क्वेश्चन मार्क लग जाए तब मुझे होता है कि क्या इरादे होंगे।
रुबिका लियाकत- आपको तकलीफ होती है इस बात को लेकर के ये आईडियोलॉजिकल वॉर कम है, वैचारिक जो लड़ाई है वो कम है आपसे नफरत ज्यादा है, मतलब अगर यह मोदी ने किया है तो पक्का कुछ गड़बड़ है,इसमें कुछ खराब है।
पीएम मोदी- कठिनाई ये है कि जब इंसान तर्क के आधार पर, तथ्य के आधार पर और जमीनी हकीकत के आधार पर पूरी प्रकार से निराश हो चुका होता है। कुछ हाथ नहीं लगता है तब वो टेबल पछाड़ता रहता है, चिल्लाता रहता है, अनाप-शनाप बोलता रहता है। अब मेरे सामने दो रास्ते हैं कि जो हो हल्ला हो रहा है, मैं अपना ध्यान उसमें केंद्रित करूं कि मैं जिस संकल्प को लेकर के चला हूं, मैं अपने आप को वहां समर्पित करूं। तो मैंने अपने आप को अपने संकल्पों के लिए समर्पित कर दिया है। और मैं योगा का इंसान हूं। मैं ध्यान को जीता हूं। मैं ध्यान करता हूं ऐसा नहीं, मैं ध्यान को जीता हूं और इसलिए कितनी ही कोलाहल के बीच में मैं अपने आप को निर्विकल्प निराकार संकल्प के साथ जुड़ा हुआ है चला जा रहा हूं।
रुबिका लियाकत- आपको यह एहसास नहीं, मतलब आपको सच में तकलीफ नहीं होती, आप वाहिद ऐसे शख्स हैं पॉलिटिकली जिसको इतना कोसा गया है, और यह अतिशयोक्ति नहीं है जब मैं आपसे कह रही हूं। मतलब आप किसी भी पर्सनालिटी को सोचिए तो उसको विपक्ष की तरफ से ऐसे नहीं कोसा गया जैसे आपको कोसा गया।
पीएम मोदी- हमारे शास्त्रों में कहा है निंदक नियरे राखिए और मैं यह साफ मानता हूं, अगर इतने आलोचक ना होते। टीवी मीडिया का उस जमाने में थोड़ा कम था, लेकिन जो भी बैठे थे वो एक विचारधारा से पीड़ित लोग थे, वेस्टेड इंटरेस्ट ग्रुप से जुड़े हुए थे तो उन्होंने सोचा कि आदमी को गालियां दे-दे करके हम इस पूरे इंस्टिट्यूट को और पूरे विचार प्रवाह को ही तबाह कर देंगे। ये भूल गए कि उन्होंने ऐसा करके मुझे बहुत बड़ा बना दिया। वरना मुझे कौन जानता था जी। गालियां देने के कारण न और इसलिए मैं, आपको आश्चर्य होगा कि मैं गुजरात में पब्लिक मीटिंग करता था ना तो मैं पूछता था कोई काले झंडे वाला आया है कि नहीं आया है। तो फिर वो मेरे सामने, मैंने कहा- दो चार काले झंडे वाले लाइए, तभी तो कल अखबार में आएगा कि मोदी जी ने इतना बड़ा कार्यक्रम किया। मैंने कहा एक लाइन नहीं छपेगी दो चार काले झंडे वाले रखो भाई। क्योंकि मेरा पॉजिटिव प्रचार संभव ही नहीं है। मैंने कहा कि कोई नेगेटिव वाला आ जाएगा तो कम से ये खबर आएगी कि मोदी उस गांव में वो कार्यक्रम कर रहा था, क्या कर रहा था वो भी नहीं आएगा। तो फिर वो सोचेगा। एक बार मेरे यहां कुछ लोग आए गुजरात में। वो मिठाई लेकर के आए और 40-50 गांव के प्रधान आ गए। बोले हमारे गांव में 24 घंटे बिजली हो गई तो हम आपको सम्मान करने आए। मैंने कहा- झूठ बोल रहे हो, 24 घंटे बिजली हो ही नहीं सकती। बोले - हो गई है। मैंने कहा बताओ किस अखबार में छपा है, किसी टीवी में आया क्या। बोले- अखबार में तो नहीं आएगा। मैंने आपकी बात मान लूं, बोले-मान लो। तो मैंने कहा चलो मिठाई खिलाओ। तो मैं इन चीजों से निकला हूं। मैंने इसका आनंद लिया है।
रुबिका लियाकत- हम एक कार्यक्रम कर रहे मोदी जी। न्यूज18 इंडिया का वो कार्यक्रम है मोदी वतन मुसलमान। हम ज्यादातर उन जगहों पर जाते हैं जहां पर मुस्लिम मतदाता भारी संख्या में हैं। पहले आलम अलग था और आज की तारीख में मैं आपको पूरी गंभीरता से और संजीदगी से कह सकती हूं कि ऐसे- ऐसे मुसलमान आगे आते हैं जो आपके लिए जान दे सकते हैं। और एक उनका वाक्य है ना दूरी है ना खाई है मोदी हमारा भाई है। बड़ा जोर शोर से ऐसे करते हुए नजर आते हैं। बावजूद उसके आप उस धारणा को तोड़ने में क्या नाकामयाब रहे हैं कि मोदी मुसलमानों का नहीं है।
पीएम मोदी- पहली बात ये है कि यह मुद्दा मुसलमान का नहीं है। इंडिविजुअल मुसलमान कितना ही मोदी के साथ होगा लेकिन एक निश्चित विचार प्रवाह है जो उनको आदेश करता है आप ये करो आप वो करो उसके आधार पर निर्णय करते हैं। जहां तक मोदी का सवाल है, तो मेरा जो घर है ना मेरे अगल बगल में सारे मुस्लिम परिवार हैं। तो हमारे घर में ईद भी मनती थी, हमारे घर में और भी त्यौहार होते थे। मेरे घर में ईद के दिन खुद का खाना नहीं पकता था। सारे मुस्लिम परिवारों से मेरे यहां खाना आ जाता था। मेरे घर से पांच कदम के बाद मुस्लिम परिवार है। जब मोहर्रम में ताजिया निकलता था, तो हमारा कंपलसरी होता था उससे नीचे से निकलो, जैसे परिक्रमा करते हैं मंदिर में। ताजिये के नीचे से निकलो, हमें सिखाया जाता था। तो मैं उस दुनिया से पला बढ़ा हूं। आज भी मेरे बहुत सारे दोस्त हैं। दूसरा 2002 के बाद मेरी छवि बहुत खराब कर दी गई गोधरा के बाद। मैंने सोचा भई जरा रियलिटी जाननी चाहिए। तो मैंने हमारे 30 कार्यकर्ताओं का, युवाओ का एक ट्रेनिंग कैंप किया उनको सर्वे करना सिखाया, सर्वे मतलब वो आंकड़ों वाला सर्वे नहीं, बातचीत कैसे करनी बात कैसे निकालनी। अहमदाबाद में एक माणिक चौक करके जगह है। वो माणिक चौक में शाम को लोग खाना खाने जाते हैं। वहां दिन में जो बिजनेस है, सारे व्यापारी हैं और खरीदार सारे हिंदू हैं बड़ा यूनिक मार्केट है। मतलब सारे व्यापारी मुसलमान हैं,सारे खरीदार हिंदू हैं। और वो इतनी भीड़ होती है जी पैदल नहीं चल सकते। साइकिल को तो लेकर जाना इंपॉसिबल है। अब दीवाली में आप अंदर गए तो दो घंटे में निकल नहीं सकते। और हर प्रकार की चीजें बिकती है वहां। मैंने कहा मुझे उसी मार्केट में सर्वे करना है। वहां सर्वे करो तो मैंने लड़कों को भेजा और मैं डेली रिपोर्ट लेता था। वो पूछते थे कि आप बताइए दिवाली कैसी है। नहीं जी, दिवाली बहुत अच्छी है। ये मैं 2002 की बात कर रहा हूं। फिर वो कहता था उसको जरा चुभने के लिए। फिर वो कहता था मोदी बड़ा यार दिवाली है। हे, मोदी का नाम मत लो। बच्चा होता था उनका, बोले इसकी मां सुनेगी ना तो मुझे रात को खाना नहीं देगी। बोले क्यों, अरे बोली मोदी नहीं आया ना तब तक ये स्कूल नहीं जाता था। बोले मोदी आया तो स्कूल जा रहा है। ये दिवाली की छुट्टी है तो दुकान पर मेरी मदद कर रहा है। बोले पहले कभी दुकान पर नहीं आता था, मेरा सर फूट जाता था। बोले उसकी मां इतनी खुश है कि मेरे बच्चे सब उनका जीवन बन रहा है। तो बोले मोदी के खिलाफ मेरे पास मत बोलो। और करीब-करीब 90 परसेंट दुकान वालों का तर्क अलग-अलग होंगे, यही जवाब था। दूसरा मुझे कुछ मुस्लिम महिलाएं एक बार मिलने आई। तो बड़ी बधाई दे रही थी, कुछ अपेक्षा लेकर के आई थी। मैंने क्या बधाई, वो जोहापुरा की थी और जोहापुरा वो है जहां करीब तीन-चार लाख मुसलमान का गेटोज है। तो बोले हम वहां से आए है। मैंने कहा, कुछ तकलीफ है क्या, कोई पुलिस वाला कोई सरकार कुछ परेशान करती आपको क्या। नहीं नहीं बोले साब, हम तो आपका अभिनंदन करने आए हैं और कुछ काम लेके आए हैं। मैंने कहा बताइए, बोले आपने बिजली का काम किया न बहुत अच्छा किया। मैंने कहा- कहां वो को मैंने बहुत बुरा किया है। मैंने कहा मैंने 35 किलोमीटर केबल उस इलाके का 35 किलोमीटर केबल उखाड़ के फेंक दिया है और वहां कोई सरकारी आदमी नहीं जा पाता था। बोले साब, वही अच्छा काम किया है। मैंने कहा कैसे, मैंने तो बिजली काट दी, मैंने तो केबल काट दिए। बोले नहीं साहब आपका तो एक बिजली मंत्री है। हमारे यहां हर मोहल्ले में बिजली मंत्री है और बोले बिजली देकर के वो हमसे पेमेंट लेते थे। केबल उनके थे बोले सरकार की बिजली चोरी करके हमको बेचते थे और हमारे पैसे बहुत जाते थे। बोले अभी रेगुलर बिजली मिल रही है कोई हमें दादागिरी नहीं करता है, बोले इसलिए हम आए हैं। उस समय पहले मेरे पर अखबार में क्या आया, मोदी ने वहां पर जुल्म कर दिया, सारे केबल काट दिए, एक्चुअली मैंने उनका भला किया तो ऐसा मेरे जीवन में सैकड़ों घटना है लेकिन मैं इसका मार्केटिंग नहीं करता हूं। क्यों, मेरा पहले से मंत्र रहा है सबका साथ सबका विकास। मैं वोट बैंक के लिए काम नहीं करता हूं। और जो गलत है वो मैं गलत कह के रहूंगा।
रुबिका लियाकत- स्टेज पर आपने मुसलमानों का जब जिक्र किया तो घुसपैठिया, ज्यादा बच्चा पैदा करने वाला, इसकी क्या जरूरत आन पड़ी थी?
पीएम मोदी- मैं हैरान हूं जी, किसने आपको कहा कि जब ज्यादा बच्चे की बात होती तो सिर्फ मुसलमान का नाम जोड़ देते हैं। क्यों मुसलमान के साथ अन्याय करते हैं आप। हमारे यहां गरीब परिवारों में भी ये हाल है जी। उनके बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं। किसी भी समाज के हों, गरीबी जहां है वहां बच्चे भी ज्यादा हैं।
रुबिका लियाकत- तो आप कह रहे मुसलमान अलग था, ज्यादा बच्चा पैदा करने वाला...
पीएम मोदी- मैंने ना हिंदू कहा है ना मुसलमान कहा है। मैंने कहा कि भाई आप, उतने बच्चे हो जिसका लालन पालन कर सको। सरकार को करना पड़े ऐसी स्थिति मत करो।
रुबिका लियाकत- इस बार मुसलमान आपको वोट देगा? आपको उनके वोट की चाहत है।
पीएम मोदी- मैं ये मानता हूं मेरे देश के लोग मुझे वोट देंगे। मैं जिस दिन हिंदू मुसलमान करूंगा ना उस दिन मैं सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रहूंगा। और मैं हिंदू मुसलमान नहीं करूंगा ये मेरा संकल्प है। अगर मैं घर देता हूं सैचुरेशन की बात करता हूं 100% डिलीवरी। इसका मतलब हुआ गांव में मानो 200 घर है कौन समाज है कौन जाति है कौन धर्म है NO, उन 200 घर में अगर 60 लाभार्थी हैं, तो उन 60 लोगों को लाभ मिलना चाहिए। और जब मैं 100 परसेंट सैचुरेशन का मतलब होता है वो सच्चा सामाजिक न्याय है। वो सच्चा सेकुलरिज्म है। जब उसमें करप्शन की संभावना नहीं रहती। लोगों को मालूम है भले उसको मंडे को मिला है ना अगले मंडे को मेरा नंबर लग जाएगा।
रुबिका लियाकत- नहीं इस बात की गवाह तो मैं भी हूं। मुसलमान ये बात कहते हैं और ये मानते हैं कि उनके घर पे सड़क आई है, बिजली आई है, उनके घर पे सिलेंडर आया है, शकीला और शकुंतला में किसी तरह का कोई अंतर नहीं है। और ये रहा आपका नमो घाट। जब आप ये बदलाव देखते हैं तो कैसा लगता है?
पीएम मोदी- पहली बात है, मैं मानता हूं कि काशी में घाट काशी की पहचान है। लेकिन उसमें आधुनिकता होनी चाहिए, व्यवस्था होनी चाहिए। और उसमें से मुझे नमो घाट बनाने का विचार आया। और इन दिनों शाम को बहुत बड़ी मात्रा में लोग यहां आते हैं तो वो पुराना और इसको जोड़ कर के देखते हैं। और मैंने उस पुरानी परंपरा को भी बचा के रखा है और मैंने इसको आधुनिक रूप भी दिया है। और लगातार गंगा को नमन। यहां क्यों आते हैं नमो गंगा, ये नमो गंगा है।
रुबिका लियाकत- बहुत खूब। अच्छा ये बताइए, मेरे दो आखरी सवाल है। पहला तो यह कि ये कहा जाता है कि 400 पार अगर मोदी ले आएगा तो फिर विपक्ष क्या करेगा विपक्ष एक मजबूत स्थिति में होगा तभी तो लोकतंत्र चल पाएगा। आप क्यों चाहते हैं कि सब आप ही के पास आ जाए।
पीएम मोदी- मैं चाहता हूं कि विपक्ष मजबूत बने। मैं इसी के लिए मेहनत कर रहा हूं लेकिन मजबूती का मतलब ये नहीं हाउस ना चलने दें। हुरदंग करें, अनडेमोक्रेटिक वे में काम करें। भारत का दुर्भाग्य है कि पिछले 10 साल ये लोग पूरी तरह विपक्ष के रूप में भी फेल हो गए। उनके खाते में विपक्ष के नाते एक काम नहीं है। जो लोग विपक्ष में फेल हो गए वो शासन में कैसे सफल हो सकते हैं। और भारत में मजबूत लोकतंत्र की बहुत आवश्यकता है, मजबूत विपक्ष की आवश्यकता है और इसलिए शरद पवार ने अच्छा सुझाव दिया है और मैं उसका स्वागत करता हूं। उन्होंने सुझाव दिया है कि सभी छोटी पार्टियों ने कांग्रेस में मर्ज कर देना चाहिए। कांग्रेस में मर्ज करना, नहीं करना, कहां करना वो मेरा विषय नहीं है, इसका अर्थ मैं ये निकालता हूं अगर ये मर्ज हो जाते हैं क्योंकि उनको चिंता ये है कि इस चुनाव में मान्य विपक्ष संभव नहीं होगा। इतनी सीटें भी नहीं आएगी कोई रिकॉग्नाइज अपोजिशन बने। और इसलिए अगर मर्जर कर देंगे तो नंबर थोड़ा हो जाएगा, हम मान्य विपक्ष बनेंगे। दूसरा आपको आश्चर्य होगा, मैंने कानून में परिवर्तन किया। हमारे यहां बहुत सी योजनाएं ऐसी हैं बहुत सी कमेट ऐसी है जिसमें लीडर ऑफ अपोजिशन बैठ सकता है। और बड़े महत्त्वपूर्ण निर्णय होते हैं। तो मैंने कानूनी परिवर्तन किया कि लीडर ऑफ अपोजिशन है नहीं। क्योंकि 2014 से 19 उनके पास सीट नहीं थी। मैंने कहा लार्जेस्ट पार्टी का लीडर उसको बिठाओ। मैं इतना डेमोक्रेट हूं वरना मैं नहीं बिठाता, मुझे कोई जरूरत नहीं थी। लेकिन फिर भी मैंने किया है।
रुबिका लियाकत- मुझे पता है वक्त की कमी है लेकिन पिछली बार जब मैंने आपका इंटरव्यू लिया था और बहुत से लोग हैं जिन्होंने इस सवाल पर बहुत खिल्लियां उड़ाई थी। लेकिन वो सवाल मैंने इसलिए पूछा था कि खेत में गन्ना काट रही एक औरत ने मुझसे ये कहा था और आज फिर मैं वो सवाल आपसे पूछूंगी 5 साल पहले मैंने आपसे कहा था आप थकते क्यों नहीं हैं। आज 5 साल बीत जाने के बाद आप ज्यादा एनर्जेटिक मुझे लग रहे हैं, ज्यादा आपने रैलियां की है, ज्यादा आप काम कर रहे हैं, आप वाकई थकते क्यों नहीं हैं?
पीएम मोदी- पहले जब तक मां जिंदा थी मुझे लगता था कि शायद बायोलॉजिकली मुझे जन्म दिया गया है। मां के जाने के बाद इन सारे अनुभवों को मैं जोड़ कर के देखता हूं तो मैं कन्विंस हो चुका हूं, गलत हो सकता हूं, आलोचक, लेफ्टिस्ट लोग तो मेरी धज्जियां उड़ा देंगे, मेरे बाल नोच लेंगे। मैं कन्विंस हो चुका हूं कि परमात्मा ने मुझे भेजा है। ये ऊर्जा बायोलॉजिकल शरीर से नहीं मिली है, ये ऊर्जा ईश्वर मुझसे कुछ काम लेना है, इसलिए मुझे विधा भी दी है इसलिए मुझे सामर्थ्य भी दिया है इसलिए मुझे नेक दिली भी दिए है, और प्रेरणा भी वही दे रहा है, पुरुषार्थ करने का सामर्थ्य भी दे रहा है और मैं कुछ नहीं हूं, एक इंस्ट्रूमेंट हूं जो ईश्वर ने मेरे रूप में मुझे मुझसे लेना तय किया है और इसलिए मैं जब भी कुछ करता हूं तो मैं मानता हूं शायद ईश्वर मुझसे करवाना चाहता है क्या परिणाम होगा चिंता छोड़ो। मैं सिर्फ ईश्वर को समर्पित हूं दूसरा लेकिन उस ईश्वर को मैं देख नहीं सकता। तो मैं भी एक पुजारी हूं, मैं भी एक भक्त हूं तो मैं 140 करोड़ देशवासियों को ईश्वर का रूप मान कर के चलता हूं। वही मेरे भगवान हैं।
रुबिका लियाकत- आप भगवान के बीच में है और भगवान आपके साथ हैं, मां आप में समाई हुई है, आपको खूब सारी शुभकामनाएं 4 जून को फिर हो सकता है आपसे मुलाकात हो, ख्याल रखिएगा।
पीएम मोदी- बहुत-बहुत धन्यवाद।