"यह अवसर दो कारणों, अर्थात् 75वां गणतंत्र दिवस समारोह होने और इसके भारत की नारी शक्ति को समर्पित होने की वजह से विशेष हो गया है"
"राष्ट्रीय बालिका दिवस, भारत की बेटियों के साहस, जज्‍बे और उपलब्धियों का गुणगान करने का दिन है"
"जननायक कर्पूरी ठाकुर का पूरा जीवन सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित रहा"
“एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने से प्रत्येक नागरिक के जीवन में नए अनुभव जुड़ने लग जाते हैं यह भारत की विशेषता है”
"मैं जेन ज़ी को अमृत पीढ़ी कहना पसंद करता हूं"
"यही समय है, सही समय है, ये आपका समय है"
''प्रेरणा हो सकता है कभी कम हो भी जाए, लेकिन वो अनुशासन ही होता है, जो आपको सही रास्ते पर रखता है"
"युवा 'माई युवा भारत' प्लेटफॉर्म पर 'माई भारत' स्वयंसेवक के रूप में अवश्‍य खुद को पंजीकृत करें"
''नमो एप के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी मुझ से लगातार जुड़ी रह सकती है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज एनसीसी कैडेटों और एनएसएस स्वयंसेवकों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में रानी लक्ष्मी बाई के जीवन को दर्शाने वाली सांस्कृतिक प्रस्‍तुति पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि इस प्रस्‍तुति ने भारत के इतिहास को आज जीवंत कर दिया। उन्होंने प्रस्‍तुति में शामिल टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वे अब गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह अवसर दो कारणों, अर्थात् 75वां गणतंत्र दिवस समारोह होने और इसके भारत की नारी शक्ति को समर्पित होने की वजह से विशेष हो गया है।" समूचे भारत से आई महिला प्रतिभागियों का उल्‍लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वे यहां अकेली नहीं आई हैं, बल्कि अपने राज्यों की महक, संस्‍कृति ,रीति-रिवाजों के अनुभव और अपने समाज की समृद्ध सोच भी अपने साथ लेकर आई हैं। आज एक और विशेष अवसर -राष्ट्रीय बालिका दिवस होने का उल्लेख करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह बेटियों के साहस, जज्बे और उनकी उपलब्धियों का गुणगान करने का दिन है। प्रधानमंत्री ने इतिहास के अलग-अलग दौर में समाज की नींव रखने में महिलाओं के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा, "भारत की बेटियों में समाज को बेहतर बनाने की क्षमता है।" उन्‍होंने कहा कि इसी विश्‍वास की झलक आज की सांस्कृतिक प्रस्‍तुति में दिखाई दी।

 

जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के सरकार के निर्णय का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इसे सरकार का सौभाग्य बताया और आज की युवा पीढ़ी को इस महान शख्सियत के बारे में जानने की जरूरत को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने उनके उत्थान को याद करते हुए कहा कि बेहद गरीबी और सामाजिक असमानता के बावजूद वह मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए और उन्होंने हमेशा अपने स्वभाव में विनम्रता बनाए रखी। प्रधानमंत्री ने कहा, "उनका पूरा जीवन सामाजिक न्याय और वंचितों के उत्थान के लिए समर्पित रहा।'' श्री मोदी ने कहा कि गरीबों पर ध्यान केंद्रित करने और अंतिम लाभार्थी तक पहुंचने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा जैसी सरकार की पहल कर्पूरी ठाकुर की प्रेरणा को दर्शाती है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि कई लोग ऐसे भी होंगे, जो पहली बार दिल्ली आए हैं और उन्होंने गणतंत्र दिवस समारोह के लिए अपना उत्साह और उत्‍सुकता को साझा किया है। दिल्ली में पड़ रही कड़ाके की ठंड की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कई लोगों को पहली बार ऐसी सर्दी का अनुभव हुआ होगा और साथ ही उन्‍होंने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मौसम की विविध स्थितियों का भी उल्‍लेख किया। प्रधानमंत्री ने मौसम की ऐसी कठोर स्थितियों में अभ्यास करने के प्रति उनकी संकल्‍पबद्धता की सराहना की और उनकी आज की प्रस्‍तुति की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विश्वास जताया कि जब वे घर लौटेंगे तो उनके पास गणतंत्र दिवस के अनुभवों के बारे में बताने के लिए काफी कुछ होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ''यह भारत की विशेषता है, एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने भर से ही प्रत्येक नागरिक के जीवन में नए अनुभव जुड़ने लग जाते हैं।''

 

प्रधानमंत्री ने कहा, "वर्तमान पीढ़ी को जेन ज़ी कहा जाता है, लेकिन मैं आपको अमृत पीढ़ी कहना पसंद करता हूं।" उन्होंने रेखांकित किया कि यह वर्तमान पीढ़ी की ऊर्जा ही है, जो अमृत काल में देश की प्रगति को गति देगी। वर्ष 2047 तक भारत के एक विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने भारत और वर्तमान पीढ़ी के भविष्य के लिए अगले 25 वर्षों के महत्व पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, "अमृत पीढ़ी के सभी सपनों को साकार करना, अनगिनत अवसर पैदा करना और उनके रास्ते की सभी बाधाओं को दूर करना सरकार का संकल्प है।" उन्होंने कहा कि आज की प्रस्‍तुति में जो अनुशासन, एकाग्रता और समन्वय देखने को मिला, वही अमृत काल के सपनों को साकार करने का आधार भी है।

 

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि अमृत पीढ़ी का मार्गदर्शक सिद्धांत 'राष्ट्र प्रथम' होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने युवा दर्शकों से यह भी कहा कि वे कभी भी निराशा को अपने जीवन में न आने दें। हर छोटे योगदान के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जोर देकर कहा, "यही समय है सही समय है, ये आपका समय है।" वर्तमान समय के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने युवाओं से विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने संकल्प को शक्ति प्रदान करने को कहा। श्री मोदी ने युवाओं से कहा कि उन्‍हें अपने ज्ञान के क्षितिज का विस्तार करना है, ताकि भारत की मेधा दुनिया को नई दिशा दे सके। उन्‍होंने कहा कि आपको नई क्षमताएं हासिल करनी हैं, ताकि भारत दुनिया की समस्याओं का समाधान कर सके। उन्होंने युवाओं को उनकी पूरी क्षमता का एहसास कराने के लिए नए रास्ते बनाने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तार से बताया और नए खुले क्षेत्रों में नए अवसरों का सृजन किए जाने का भी उल्लेख किया। श्री मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र में नए अवसरों का सृजन करने, इज ऑफ डूइंग बिजनेस पर बल देने, रक्षा उद्योग में निजी क्षेत्र की जगह बनाने, नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना करने और 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने के लिए आधुनिक शैक्षणिक सुविधाएं बनाने का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने भारत में शिक्षा प्रणाली में सुधार का भी उल्लेख किया, जो मातृभाषा में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देती है और उनको किसी विशेष धारा या विषय से बंधे रहने के लिए बाध्‍य भी नहीं करती। युवाओं को अनुसंधान और नवाचार से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हुए प्रधानमंत्री ने अटल टिंकरिंग लैब्स का उल्लेख किया, जो रचनात्मकता और नवाचार को प्रेरित करती हैं। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि सेना में शामिल होकर अपना करियर बनाने की इच्‍छुक छात्राओं के लिए सरकार ने नए अवसर सृजित किए हैं। प्रधानमंत्री ने उनसे पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का आग्रह करते हुए कहा, “अब, छात्राएं भी विभिन्न सैनिक स्कूलों में दाखिला ले सकती हैं।” उन्होंने कहा, "आपके प्रयास, आपका विजन, आपका सामर्थ्य भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा।"

 

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सभी स्वयंसेवक अपनी ऊर्जा सही जगह पर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिसके अंदर अनुशासन का भाव हो, जिसने देश में खूब यात्राएं की हों, जिसके पास अलग-अलग प्रांतों और भाषाओं को जानने वाले दोस्त हों, उसके व्यक्तित्व में निखार आना स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यह किसी के पूरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, "आपको इसे कम नहीं समझना चाहिए। प्रधानमंत्री ने उनसे फिटनेस को अपनी पहली प्राथमिकता बनाने का आग्रह करते हुए फिटनेस बनाए रखने में अनुशासन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। श्री मोदी ने कहा, ''प्रेरणा हो सकता है कभी कम हो भी जाए, लेकिन वो अनुशासन ही होता है जो आपको सही रास्ते पर रखता है।" उन्‍होंने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि अगर अनुशासन ही प्रेरणा बन जाए, तो हर मैदान में जीत की गारंटी है।

 

एनसीसी के साथ अपने संबंधों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एनसीसी, एनएसएस जैसी संस्थाएं या सांस्कृतिक शिविर युवाओं को समाज और नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक करते हैं। उन्होंने एक और संगठन - 'माई युवा भारत' के निर्माण के बारे में जानकारी देते हुए युवाओं से 'माइ भारत' स्वयंसेवक के रूप में अपना पंजीकरण करने का आग्रह किया।

 

प्रधानमंत्री ने इस गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान, कई कार्यक्रमों को देखने, विभिन्न ऐतिहासिक स्थानों का दौरा करने और विशेषज्ञों से मिलने के अनेक अवसरों पर प्रकाश डाला। श्री मोदी ने कहा, “यह एक ऐसा अनुभव होगा, जो आपको पूरे जीवन याद रहेगा। हर वर्ष जब भी आप गणतंत्र दिवस की परेड देखेंगे, आपको ये दिन जरूर याद आएंगे, ये भी याद आएगा कि मैंने आपसे कुछ बातें कही थी।” प्रधानमंत्री ने उनसे गणतंत्र दिवस समारोह के अपने अनुभवों और सीखों को रिकॉर्ड करने का भी आग्रह किया, जिसे नमो ऐप पर लिखित या वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री के साथ साझा किया जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जोर देकर कहा, ''नमो एप के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी मुझ से लगातार जुड़ी रह सकती है।''

 

अपना संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने युवाओं के सामर्थ्य पर भरोसा और विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने उनसे कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने, कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनने, पर्यावरण की रक्षा करने, बुरी आदतों से बचने तथा देश की विरासत और संस्कृति पर गर्व करने का आग्रह किया। श्री मोदी ने अंत में कहा, "आपको मेरा आशीर्वाद है, मेरी शुभकामनाएं हैं।"

 

इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय खेल और युवा कार्यक्रम मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा और अन्‍य गणमान्‍य लोग भी उपस्थित थे।

 

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