"महिला सशक्तिकरण" के विषय पर आगे बढ़ने की दिशा में बेटियों की शिक्षा पर जोर देना; पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक अहम् मुद्दा रहा है। 1990 के दशक में पीएम मोदी द्वारा गुजरात में बालिकाओं की उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के ऐसे ही एक प्रयास की चर्चा की जाती है, जब वे पार्टी के एक सामान्य कार्यकर्ता थे।


फलजी चौधरी, गुजरात बीजेपी के नेता, पीएम मोदी से जुड़ी एक दिलचस्प घटना बताते हैं। 1990 में, पीएम मोदी दोपहर के भोजन के लिए गुजरात के सिसराना में उनके गांव गए थे। दोपहर के भोजन के दौरान, चौधरी ने अपने परिवार के सदस्यों का परिचय दिया, जहाँ लगभग सभी ने बताया कि वे विभिन्न विषयों में स्नातक हैं।


इसके बाद पीएम मोदी ने चौधरी की छोटी बहन नैनाबेन से पूछा कि वह कितना पढी-लिखी हैं? इस पर नैनाबेन ने जवाब दिया कि उन्होंने दसवीं कक्षा पास की है, जिस पर पीएम मोदी ने मजाकिया लहजे में कहा कि उन्हें 'आगे पढ़ने के लिए आंदोलन करना चाहिए और उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए अपने पिता को राजी करना चाहिए'।


चौधरी आगे कहते हैं कि एक 'पार्टी कार्यकर्ता' के रूप में भी पीएम मोदी की भारत की प्रगति और विकास की प्रक्रिया में सभी महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा की सोच थी। और इसीलिए गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद उन्होंने बालिका शिक्षा को मिशन मोड में लागू किया।


अक्सर अपनी बड़ी जनसभाओं में पीएम मोदी, अपने भाषण में कहते थे कि एक भिक्षुक (भिक्षु) के रूप में वे अपनी बेटियों के लिए शिक्षा चाहते हैं, लड़कियों और महिलाओं के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने में यह उनकी दृढ़ आस्था को प्रदर्शित करता है।


यह घटना समृद्ध परिवार और समृद्ध भारत के निर्माण हेतु बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Cabinet extends One-Time Special Package for DAP fertilisers to farmers

Media Coverage

Cabinet extends One-Time Special Package for DAP fertilisers to farmers
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री मोदी का मार्मिक पत्र
December 03, 2024

दिव्यांग आर्टिस्ट दीया गोसाई के लिए रचनात्मकता का एक पल, जीवन बदलने वाले अनुभव में बदल गया। 29 अक्टूबर को पीएम मोदी के वडोदरा रोड शो के दौरान, उन्होंने पीएम मोदी और स्पेन सरकार के राष्ट्रपति महामहिम श्री पेड्रो सांचेज़ के अपने स्केच भेंट किए। दोनों नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से उनके भावनात्मक उपहार को स्वीकार किया, जिससे वह बहुत खुश हुईं।

कुछ सप्ताह बाद, 6 नवंबर को, दीया को प्रधानमंत्री से एक पत्र मिला जिसमें उनकी कलाकृति की प्रशंसा की गई थी और बताया गया था कि कैसे महामहिम श्री सांचेज़ ने भी इसकी प्रशंसा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें समर्पण के साथ ललित कलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, और "विकसित भारत" के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने उनके परिवार को दीपावली और नववर्ष की शुभकामनाएं भी दीं, जो उनके व्यक्तिगत जुड़ाव को दर्शाता है।

खुशी से अभिभूत दीया ने अपने माता-पिता को वह पत्र पढ़कर सुनाया, जो इस बात से बहुत खुश थे कि उसने परिवार को इतना बड़ा सम्मान दिलाया। दीया ने कहा, "मुझे अपने देश का एक छोटा सा हिस्सा होने पर गर्व है। मोदी जी, मुझे अपना स्नेह और आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद।" उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के पत्र से उन्हें जीवन में साहसिक कदम उठाने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने की गहरी प्रेरणा मिली।

पीएम मोदी का यह कदम, दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उनके योगदान को सम्मान देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सुगम्य भारत अभियान जैसी अनेक पहलों से लेकर दीया जैसे व्यक्तिगत जुड़ाव तक, वह लगातार प्रेरणा देते हैं और उत्थान करते हैं, यह साबित करते हुए कि उज्जवल भविष्य बनाने में हर प्रयास महत्वपूर्ण है।