दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए कार्यक्रम स्थल तक अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने दिल्ली मेट्रो में छात्रों से बातचीत की। पीएम मोदी ने भारत की भाषाई विविधता पर बातचीत की और छात्रों से भारत की विभिन्न भाषाओं को सीखने या समझने में उनके अनुभवों के बारे में भी पूछा.!
पीएम मोदी ने यह भी पूछा कि क्या छात्रों को ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के बारे में जानकारी है! इस विषय पर उन्होंने मानसिक तनाव से निपटने और प्रभावी प्रदर्शन को संभव बनाने के उपायों पर बात की। पीएम मोदी के बढ़ते कद पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'यह बढ़ोतरी भारत के लोगों के समर्थन के कारण है। यह वह भरोसा है जो इस देश के युवाओं ने उन पर जताया है।’
इस दौरान ‘नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020’ पर भी बातचीत हुई कि कैसे यह स्थानीय माध्यम में शिक्षा के लिए मददगार है। इस पर पीएम ने कहा कि सीखने में, भाषा कभी बाधा नहीं बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत प्रतिभाशाली छात्रों से भरा हुआ है और यह पॉलिसी सभी के लिए सीखने और शिक्षा के समान अवसर प्रदान करने का प्रयास करती है।
पीएम मोदी ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने पर बल दिया तथा इस दिशा में एक प्रयास के तहत, छात्रों से एक सप्ताह के लिए केवल डिजिटल माध्यम से भुगतान करने को कहा। एक छात्र ने शिक्षा के समान अवसरों को प्रदान करने के साधन के रूप में, दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण वाली नीतियां बनाने के लिए पीएम मोदी के प्रयास की भी सराहना की।
अंत में, पीएम मोदी ने युवाओं को 'प्रो प्लैनेट पीपल' बनने और स्वच्छता तथा पर्यावरण जागरूकता को बढ़ाने के प्रयासों में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। इसी संदर्भ में, पीएम मोदी ने कहा कि भारत 2025 तक टीबी फ्री स्टेटस हासिल कर सकता है, बशर्ते युवा योगदानकारी भूमिका निभाएं।