प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा सिख समुदाय के साथ गहराई से जुड़े रहे हैं, यह जुड़ाव आपसी सम्मान, सराहना और साझा मूल्यों पर आधारित है। उनकी उदारता और समुदाय की भलाई के प्रति अटूट प्रतिबद्धता ने भारत और दुनिया भर के सिखों के दिलों को छुआ है।
इस विशेष जुड़ाव का एक प्रमाण 2019 में करतारपुर साहिब कॉरिडोर का ऐतिहासिक उद्घाटन है, जो सिख समुदाय का बहुप्रतीक्षित सपना था। इस अभूतपूर्व पहल ने प्रतिष्ठित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे तक निर्बाध पहुंच की सुविधा प्रदान की है, जिससे भारत के श्रद्धालु वीजा और सीमा पार प्रतिबंधों की परेशानी के बिना दर्शन करने में समर्थ हुए हैं।
एक अन्य महत्वपूर्ण कदम में, प्रधानमंत्री मोदी ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया, जो श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों, साहिबजादों जोरावर सिंह जी और फतेह सिंह जी की शहादत को मनाने के लिए एक राष्ट्रीय दिवस है। श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) की प्रिंसिपल प्रोफेसर सिमरत कौर इस बात से सहमत हैं कि उनके बलिदान की इस मान्यता से सिख समुदाय पर गहरा प्रभाव हुआ है, जिससे उनका देश से जुड़ाव और राष्ट्रीय गौरव मजबूत हुआ है। उन्हें बहुत गर्व है कि छोटे बच्चों ने साहिबजादों और उनके सर्वोच्च बलिदान के बारे में सवाल पूछना शुरू कर दिया है।
वहीं, प्रधानमंत्री ने हिमालय में एक प्रमुख सिख तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं। क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को प्राथमिकता देकर, उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए इस कठिन लेकिन आध्यात्मिक रूप से समृद्ध यात्रा को आसान बना दिया है। अमेरिका के एक प्रवासी भारतीय, संत सिंह चटवाल, इस बात से सहमत हैं क्योंकि उन्होंने इस यात्रा को अब और अधिक सुविधाजनक और सुलभ होते देखा है।
समुदाय के प्रति अपने अटूट समर्थन को प्रदर्शित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान से सिखों को निकालने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी तेज और प्रभावी पहलों ने समुदाय के हितों की रक्षा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए, सैकड़ों सिखों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की।
इन विशिष्ट पहलों से परे, प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार सिख समुदाय के कल्याण की पैरवी की है। उन्होंने सिख विरासत को संरक्षित करने और पंजाबी भाषा तथा संस्कृति को बढ़ावा देने की पहल का समर्थन किया है। उनकी सच्ची सहानुभूति और सिख आकांक्षाओं की समझ ने समुदाय के बीच विश्वास और सम्मान की गहरी भावना को बढ़ावा दिया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी याद करते हैं, गुजरात के कच्छ में एक छोटा सा लेकिन बेहद महत्वपूर्ण लखपत साहिब गुरुद्वारा है, जहां गुरु नानक देव जी अपनी यात्रा के दौरान दो बार रुके थे। गुजरात भूकंप के दौरान यह गुरुद्वारा क्षतिग्रस्त हो गया था और पीएम मोदी ने इसके गौरव को फिर से प्रतिष्ठित करने के लिए इसका जीर्णोद्धार सुनिश्चित किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सिख समुदाय के प्रति अटूट प्रतिबद्धता ने आपसी सम्मान और सराहना के एक विशिष्ट बंधन को बढ़ावा दिया है। पीएम की पहल ने उनकी आकांक्षाओं को पूरा किया है और उनमें अपनेपन तथा राष्ट्रीय गौरव की भावना को मजबूत किया है। बदले में, सिख समुदाय ने पूरे दिल से प्रधानमंत्री मोदी को एक ऐसे नेता के रूप में स्वीकार किया है जो उनके योगदान को महत्व देते हैं और उनके हितों की रक्षा करते हैं।
Prime Minister Narendra Modi shares a special bond with the Sikh community. Be it the opening of Kartarpur corridor, declaring Veer Baal Diwas, connectivity to Hemkund Sahib or the evacuation of Sikhs from Afghanistan, these are just a few examples of the several efforts he has… pic.twitter.com/CyetFnIVzZ
— Modi Story (@themodistory) November 27, 2023