प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष महोदय, मैडम ब्राउनी बिशप, सीनेट के अध्यक्ष स्टीफन पैरी, प्रधानमंत्री एवं मेरे दोस्त टोनी एबाट, आपका धन्यवाद।

सफल जी-20 के लिए आपको एवं ऑस्ट्रेलिया के लोगों को बधाइयां।

मैं तीसरा शासनाध्यक्ष हूँ जिसे आप सभी इस सप्ताह सुन रहे हैं।

मुझे पता नहीं कि आप यह कैसे कर पा रहे हैं। हो सकता है कि यह प्रधानमंत्री एबाट का आपको शर्ट फ्रंट करने का तरीका हो। परंतु, आपके साथ बात करने के इस अवसर से मैं सही मायने में सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। मैं यहां आप में से एक रूप में खड़ा हूँ – लोगों के प्रतिनिधि के रूप में; मैं ऐसे राष्ट्र के 1.25 बिलियन लोगों की शुभकामनाओं के साथ आपके पास आया हूँ जो महान हिंद महासागर के जरिए आस्ट्रेलिया से जुड़ा है; हमारे इतिहास एवं हमारी अनेक साझी विरासतों के जरिए जुड़ा है तथा हमारी आपस में गहन रूप से नियतियों के माध्यम से भी जुड़ा है।

और, आज मैं भावनात्मक रूप से एकता स्थापित करने के लिए आया हूँ, जैसा कि कभी हम भूगोल के माध्यम से एकजुट थे – वह भावना जो मानव सफलता एवं बलिदान की अनेक प्रेरक कहानियों से भरी पड़ी है। आज सवेरे, प्रधानमंत्री एबाट और मैंने हमारे सैनिकों को सम्मानित किया जिन्होंने 100 साल पहले गल्लिपोली के संग्राम में साथ मिलकर अपने जीवन की आहुति दी थी। कैनबरा की इस सुंदर राजधानी को डिजाइन करने वाला व्यक्ति अर्थात वाल्टर बु्रले ग्रिफिन को भारत के लखनऊ के पुराने शहर में दफनाया गया है।

150 साल से भी पहले, आस्ट्रेलिया के एक उपन्यासकार एवं वकील जॉन लैंग ने एक बहादुर भारतीय स्वतंत्रता सेनानी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के लिए भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी थी। उनको भी भारत के मसूरी शहर के पहाड़ी इलाके में दफनाया गया है।

कैनबरा में महात्मा गांधी जी प्रतिमा हमारे साझे मूल्यों का प्रतीक है। हम ब्रेडमैन के लीजेंड तथा तेंदुलकर के क्लास का जश्न एक साथ मनाते हैं। हम आस्ट्रेलिया की स्पीड से प्रभावित हैं और आप भारत की स्पिन से अचंभित हैं। निश्चित रूप से जब तक शेन वार्न नहीं आए थे। परंतु, इन बातों के अलावा, हम लोकतंत्र के आदर्शों से भी एकजुट हैं।

आज, जब मैं लोकतंत्र के इस मंदिर में खड़ा हूँ, मेरा यह मानना है कि हमारे जैसे राष्ट्रों के लिए यह वरदान है क्योंकि लोकतंत्र मानव भावना को पनपने के लिए सर्वोत्तम अवसर प्रदान करता है क्योंकि हमें चयन करने की आजादी होती है, बोलने का अधिकार होता है तथा हटाने की शक्ति होती है – और हम राजनीतिज्ञों के लिए सम्मान के साथ छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है।

जन प्रतिनिधियों की पीढि़यों ने आस्ट्रेलिया को आज विश्व के महान राष्ट्रों में से एक के रूप में बनाया है। भूभाग के विस्तृत फैलाव से लेकर संसाधनों की प्रचुरता तक प्रकृति आप सभी पर बहुत मेहरबान है।

परंतु, भारत आस्ट्रेलिया के लोगों ने ही आस्ट्रेलिया को वह बनाया है जो आज यह है : लोकतंत्र एवं कानून के शासन का बीकन; ऐसा राष्ट्र जो स्वेच्छा से किसी गुमशुदा एयरक्राफ्ट की तलाशी की अगुवाई करता है; दुनिया के सबसे समृद्ध राष्ट्रों में से एक; शहरी विकास सूचकांक की दृष्टि से सर्वोत्तम में से एक; ऐसा राष्ट्र जहां दुनिया के सबसे उत्तम शहरों में से कुछ हैं; सबसे उत्पादक फार्मों एवं खानों में से कुछ; इसके कुछ सर्वोत्तम विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र; एक उन्नत प्रौद्योगिकी आधार; और एक ऐसा राष्ट्र जहां खेल के महान कौशल हैं।

आस्ट्रेलिया न केवल प्रचुर सुंदरता की छवि उत्पन्न करता है अपितु जीवन की महान गुणवत्ता का भी। आज, इसके शहर इस विश्व की विविधता की प्रचुरता के साथ जीवंत हैं तथा यहां 4,50,000 भारतीय रहते हैं जिन्हें आस्ट्रेलिया का हिस्सा होने पर गर्व है क्योंकि वे अपनी भारतीय विरासत के हैं।

माननीय सदस्यगण,

हम में से अनेक के लिए, एक समय ऐसा था, जब आस्ट्रेलिया विश्व के दक्षिणी छोर पर काफी दूर स्थित देश था। आज, विश्व आस्ट्रेलिया को एशिया प्रशांत और हिंद महासागर के मर्म के रूप में देखता है। इस गतिशील क्षेत्र में इस विश्व के भविष्य की कुंजी है तथा आस्ट्रेलिया इसके क्रास करंट पर है। और, जैसा कि आस्ट्रेलिया विश्व के इस भाग में अधिक भागीदारी कर रहा है, हम इस क्षेत्र में समृद्धि लाने तथा इसकी सुरक्षा को आकार देने में इसकी बढ़ती भूमिका का स्वागत करते हैं। क्योंकि हम भारत के लोग, इस विश्व के लिए इसी भविष्य की तलाश कर रहे हैं।

हम आस्ट्रेलिया को प्रगति एवं समृद्धि के लिए भारत की ललक में एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में भी देखते हैं। विश्व में ऐसे देश बहुत कम हैं जहां हम इतनी सारी सिनर्जी देखते हैं जिसे हम आस्ट्रेलिया में देख रहे हैं।

एक बिलियन से अधिक आबादी वाला भारत विकास चाह रहा है, आस्ट्रेलिया कुछ मिलियन लोगों का एक विकसित देश है जहां संसाधनों की प्रचुरता है। इस शताब्दी के बदलने तक भारत विश्व में सबसे तेजी से विकास करने वाली दूसरी अर्थव्यवस्था है। लाखों लोगों ने अपने आप को गरीबी से बाहर निकाला है तथा संभावनाओं का एक नया जीवन जी रहे हैं।

आज, 30 साल बाद हमारे यहां ऐसी सरकार है जिसे स्पष्ट बहुमत प्राप्त है। दूर-दराज के गांवों से लेकर सबसे बड़े शहरों तक भारत में उम्मीदें आसमान की नई ऊँचाई छू रही हैं, एक नई ऊर्जा है।

यह हमारे युवाओं – 35 साल के कम आयु के 80 मिलियन लोगों की ऊर्जा है – जो परिवर्तन के इच्छुक हैं, इसके लिए काम करना चाहते हैं – क्योंकि अब उनको विश्वास हो गया है कि यह संभव है कि वे परिवर्तन ला सकते हैं। परिवर्तन की इस ताकत को हम बेलगाम करेंगे।

सरकार के रूप में हमने इन छह महीनों में काफी काम किया है, हम आगे बढ़े हैं, महत्वाकांक्षा की सोच के साथ, गति के साथ काम करते हुए; केवल विकास के लिए विकास की तलाश न करते हुए बल्कि हर भारतीय के जीवन की गुणवत्ता में बदलाव लाने के लिए – मैं हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता के हर क्षेत्र में आस्ट्रेलिया को एक प्रमुख साझेदार के रूप में देखता हूँ।

हमारे युवाओं को कौशल एवं शिक्षा प्रदान करने में; हर व्यक्ति के सिर पर छत प्रदान करने एवं हर परिवार को बिजली प्रदान करने में; सबसे कठिन बीमारियों के लिए सबसे सस्ती स्वास्थ्य देख-रेख; अगली पीढ़ी की अवसंरचना जो हमारे पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचाए; ऊर्जा जो हमारे हिमखंडों के लिए पिघलने का कारण न बने – स्वच्छ कोयला एवं गैस, नवीरकरणीय ऊर्जा या परमाणु बिजली के ईंधन; शहर जो स्मार्ट, संपोषणीय एवं रहने योग्य हों; गांव जो अवसर प्रदान करे; कृषि जो अधिक पैदावार दे तथा बाजार से अच्छी तरह से जुड़ी हो; प्रथाएं एवं प्रौद्योगिकी जो पानी की बचत करे। हमने ''मेड इन इंडिया’’ को एक वैश्विक नाम में परिवर्तित करने के लिए एक नया मिशन शुरू किया है, जिस तरह भारत में कंप्यूटर है। परंतु, हम समृद्धि के नए रास्तों को ढूंढ़ना चाहते हैं, न कि पिछली शताब्दी के रास्तों पर ही चलना चाहते हैं। भारत के भावी शहरों एवं अवसंरचना का अभी भी काफी हद तक निर्माण किया जाना है और इसलिए अब अपना चयन करने के लिए हमारे पास एक अनोखा अवसर है। तथा हर क्षेत्र में – कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, खनन, अवसंरचना, विनिर्माण, वित्त एवं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा; निधि एवं संसाधन प्रदान करने से लेकर प्रौद्योगिकी एवं विशेषज्ञता तक; साझेदार एवं निवेशक के रूप में काम करना – भारत की प्रगति में भागीदारी करने के लिए आस्ट्रेलिया के पास प्रचुर अवसर हैं।

बदले में, भारत नए आर्थिक अवसरों के लिए आपकी खोज तथा अपनी वैश्विक आर्थिक भागीदारी में विविधता लाने की आपकी इच्छा का उत्तर होगा; घर पर विश्वस्तरीय कौशलों के लिए या विदेश में विनिर्माण के स्थान के लिए आपका स्रोत।

भारत का विकास, आबादी एवं मांग आस्ट्रेलिया के लिए एक अनोखा एवं दीर्घावधिक अवसर प्रदान करता है – और यह सब लोकतंत्र की परिचित रूपरेखा में। विश्व में इस तरह का कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। भारतीय निवेशक भी अधिक संख्या में तथा अधिक प्रतिबद्धता के साथ यहां आ रहे हैं।

माननीय सदस्यगण,

यह एक ऐसा युग है जो वायदों की दृष्टि से समृद्ध है परंतु सभी चुनौतियों से भरे हैं। हम अपने सपनों को साकार तभी कर सकते हैं जब हम में यह आत्मविश्वास हो कि हमारे शहर सुरक्षित हैं, हमारे राष्ट्र सुरक्षित हैं, हमारा क्षेत्र स्थिर है तथा हमारा विश्व शांतिपूर्ण है। इस विशाल क्षेत्र के अनेक अनसुलझे प्रश्न हैं तथा नई चुनौतियां हैं। परस्पर निर्भरता में वृद्धि के बावजूद ऐतिहासिक भिन्नताएं बनी हुई हैं। महासागर हमारी जीवन रेखा हैं परंतु, हम पहले की तुलना में आज विश्व के अपने इस भाग में पहुंच एवं सुरक्षा के बारे में अधिक चिंतित हैं। हमारे क्षेत्र ने शांति एवं स्थिरता की नींव पर विशाल प्रगति देखी है। परंतु हम इसे तय मानकर नहीं चल सकते हैं। इस क्षेत्र में इसे बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण कार्य होगा।

भारत और आस्ट्रेलिया इसमें अपनी – अपनी भूमिका निभा सकते हैं – हमारे सुरक्षा सहयोग का विस्तार करके तथा इस क्षेत्र में हमारी अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को गहन करके। परंतु, हमें अतीत के उधार में लिए गए वास्तशिल्प पर निर्भर नहीं रहना होगा। और न ही हमारे पास यह चयन की आजादी है कि किसके साथ काम करना चाहिए और किसके साथ काम नहीं करना चाहिए।

परंतु, हमें साथ मिलकर तथा दूसरों के साथ काम करने की जरूरत है ताकि ऐसे परिवेश एवं संस्कृति का निर्माण हो सके जो सह-अस्तित्व एवं सहयोग की भावना को बढ़ावा दे, जिसमें सभी राष्ट्र, छोटे हों या बड़े, अंतर्राष्ट्रीय कानून एवं मानदंडों का ऐसी स्थिति में भी पालन करें जब उनके बीच गंभीर विवाद हों।

हमें समुद्री सुरक्षा बनाए रखने पर अधिक सहयोग स्थापित करना चाहिए। हमें समुद्रों पर साथ मिलकर काम करना चाहिए तथा अंतर्राष्ट्रीय मंचों में सहयोग स्थापित करना चाहिए। और हमें अंतर्राष्ट्रीय कानून एवं वैश्विक मानदंडों के प्रति सार्वभौमिक सम्मान के लिए काम करना चाहिए।

हमें पूरे क्षेत्र में आर्थिक एकीकरण की प्रक्रिया तथा एक खुली वैश्विक व्यापार व्यवस्था का भी समर्थन करना चाहिए जो एकीकृत बनी रहे। हमें क्षेत्रीय व्यापार पहलों के विरूद्ध अपनी रक्षा करनी चाहिए जो राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का साधन बन रही हैं।

तथापि, आर्थिक एकीकरण अपने आप में शांति एवं स्थिरता के लिए मजबूत क्षेत्रीय संस्थाओं के बगैर मजबूत आधार नहीं हो सकता है। भारत और आस्ट्रेलिया अनेक संस्थाओं के सदस्य हैं जो इस क्षेत्र के लिए एवं पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं। हमें पूर्वी एशिया शिखर बैठक, जी-20 तथा हिंद महासागर क्षेत्र संघ में अधिक निकटता से आपस में समन्वय करना चाहिए।

माननीय सदस्यगण,

आपस में जुड़े हमारे विश्व में, हमारी साझी चुनौतियां हमारे क्षेत्र तक ही सीमित नहीं हैं। आतंकवाद हम सभी के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। भारत में, हम तीन दशकों से इसके चेहरे को बहुत करीब से देख रहे हैं। और, हमने इसे पूरी स्पष्टता के साथ देखा है। आतंकवाद अपना चरित्र बदल रहा है तथा अपनी पहुंच बढ़ा रहा है। इंटरनेट ने हिंसा के लिए भर्ती एवं आह्वान को स्वजनित बना दिया है। इसका वित्त पोषण धन शोधन, दवाओं की तस्करी तथा हथियारों के अवैध व्यापार से भी हो रहा है।

हमें अपने द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को गहन करना होगा। परंतु, हमें किसी वैश्विक समस्या के लिए एक व्यापक वैश्विक रणनीति की जरूतर होती है। इसके लिए घनिष्ठ सुरक्षा सहयोग की जरूरत होगी परंतु इससे भी ज्यादा जरूरी ऐसी नीति अपनाने की है जो आतंकी गुटों के बीच कोई भेद न करे या राष्ट्रों के बीच कोई भेदभाव न करे, उनको अलग करने का संकल्प करे जो आतंकियों को आश्रय देते हैं, ऐसे राज्यों को सामर्थ्यवान बनाने की तत्परता हो जो इनके खिलाफ लड़ेंगे, ऐसे देशों में अतिवाद के खिलाफ एक सामाजिक आंदोलन जहां यह सबसे ज्यादा प्रचलित है और धर्म एवं आतंकवाद को आपस में न जोड़ने के लिए हर प्रयास।

जब मैं भविष्य की ओर देखता हूँ, तो हमें यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि बाहरी अंतरिक्ष एवं साइबर स्पेस संयोजकता एवं समृद्धि का माध्यम बने रहें, न कि संघर्ष के नए मैदान बनें। क्षेत्रीय आपदाओं पर कार्रवाई करना, हथियारों के प्रसार से लड़ना, जलदस्युता के खिलाफ कार्रवाई करना, हम सुरक्षा चुनौतियों की पूरी रेंज में साथ मिलकर काम कर सकते हैं।

माननीय सदस्यगण,

जब से मेरी सरकार ने सत्ता संभाली है, एशिया प्रशांत क्षेत्र की तुलना में भारत की ओर से किसी अन्य क्षेत्र ने इतनी तीव्र भागीदारी नहीं देखी है – क्योंकि हम अच्छी तरह समझते हैं कि हमारा भविष्य कितना गहन रूप से इस क्षेत्र से जुड़ा है। भारत और आस्ट्रेलिया एक – दूसरे के साथ क्रिकेट के मैदान में कड़ा संघर्ष कर सकते हैं – तथा मुझे संदेह है कि अगले माह हम ऐसा ही देखेंगे। परंतु, हम इस क्षेत्र में आस्ट्रेलिया को अपने सर्वश्रेष्ठ साथियों में से एक रूप में देखते हैं।

सितंबर में अपने पहले राजकीय अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री टोनी एबाट की मेजबानी करके मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई थी। भारत के किसी प्रधानमंत्री को आस्ट्रेलिया आने में 28 साल लग गए हैं। किसी भी स्थिति में ऐसा नहीं होना चाहिए था। और, यह बदलेगा। आस्ट्रेलिया हमारे विजन की परिधि में नहीं होगा परंतु हमारी सोच के केंद्र में होगा।

इसलिए, हम प्रचुर अवसर एवं महान जिम्मेदारी के समय एक साथ खड़े हैं। मैं भारत और आस्ट्रेलिया के बीच साझेदारी का एक महान भविष्य तथा इसे साकार करने के लिए एक साझी प्रतिबद्धता देखता हूँ।

प्रधानमंत्री एबाट ने सितंबर में इस नई यात्रा की शुरूआत की है। मैं हमारे दो देशों को इस पथ पर अधिक मजबूती से लाने के लिए यहां आया हूँ। आपकी मदद से तथा भारत और आस्ट्रेलिया के महान लोगों की मदद से।

अगले साल के शुरू में महान एवं सफल क्रिकेट वर्ल्ड कप के आयोजन के लिए मैं आपको शुभकामनाएं देता हूँ।

आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

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संविधान हमारा मार्गदर्शक है: पीएम मोदी
देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए constitution75.com नाम से एक खास वेबसाइट बनाई गई है: पीएम
महाकुंभ का संदेश, एक हो पूरा देश: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी
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आयुष्मान भारत योजना ने कैंसर के इलाज में होने वाली वित्तीय समस्याओं को काफी हद तक कम कर दिया है: पीएम मोदी

मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार | 2025 बस अब तो आ ही गया है, दरवाजे पर दस्तक दे ही रहा है | 2025 में 26 जनवरी को हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष होने जा रहे हैं | हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है | हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें जो संविधान सौंपा है वो समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है | संविधान हमारे लिए guiding light है, हमारा मार्गदर्शक है | ये भारत का संविधान ही है जिसकी वजह से मैं आज यहाँ हूँ, आपसे बात कर पा रहा हूँ | इस साल 26 नवंबर को संविधान दिवस से एक साल तक चलने वाली कई activities शुरू हुई हैं | देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए constitution75.com नाम से एक खास website भी बनाई गई है | इसमें आप संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपना video upload कर सकते हैं | अलग-अलग भाषाओं में संविधान पढ़ सकते हैं, संविधान के बारे में प्रश्न भी पूछ सकते हैं | ‘मन की बात’ के श्रोताओं से, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से, कॉलेज में जाने वाले युवाओं से, मेरा आग्रह है, इस website पर जरूर जाकर देखें, इसका हिस्सा बनें |

साथियो,

अगले महीने 13 तारीख से प्रयागराज में महाकुंभ भी होने जा रहा है | इस समय वहां संगम तट पर जबरदस्त तैयारियाँ चल रही हैं | मुझे याद है, अभी कुछ दिन पहले जब मैं प्रयागराज गया था तो हेलिकॉप्टर से पूरा कुम्भ क्षेत्र देखकर दिल प्रसन्न हो गया था | इतना विशाल! इतना सुंदर! इतनी भव्यता!

साथियो,

महाकुंभ की विशेषता केवल इसकी विशालता में ही नहीं है | कुंभ की विशेषता इसकी विविधता में भी है | इस आयोजन में करोड़ों लोग एक साथ एकत्रित होते हैं | लाखों संत, हजारों परम्पराएँ, सैकड़ों संप्रदाय, अनेकों अखाड़े, हर कोई इस आयोजन का हिस्सा बनता है | कहीं कोई भेदभाव नहीं दिखता है, कोई बड़ा नहीं होता है, कोई छोटा नहीं होता है | अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा | इसलिए हमारा कुंभ एकता का महाकुंभ भी होता है | इस बार का महाकुंभ भी एकता के महाकुंभ के मंत्र को सशक्त करेगा | मैं आप सबसे कहूँगा, जब हम कुंभ में शामिल हों, तो एकता के इस संकल्प को अपने साथ लेकर वापस आयें | हम समाज में विभाजन और विद्वेष के भाव को नष्ट करने का संकल्प भी लें | अगर कम शब्दों में मुझे कहना है तो मैं कहूँगा...

महाकुंभ का संदेश, एक हो पूरा देश |

महाकुंभ का संदेश, एक हो पूरा देश |

और अगर दूसरे तरीके से कहना है तो मैं कहूँगा...

गंगा की अविरल धारा, न बँटे समाज हमारा ||

गंगा की अविरल धारा, न बँटे समाज हमारा ||

साथियो,

इस बार प्रयागराज में देश और दुनिया के श्रद्धालु digital महाकुंभ के भी साक्षी बनेंगे | Digital Navigation की मदद से आपको अलग-अलग घाट, मंदिर, साधुओं के अखाड़ों तक पहुँचने का रास्ता मिलेगा | यही navigation system आपको parking तक पहुँचने में भी मदद करेगा | पहली बार कुंभ आयोजन में AI chatbot का प्रयोग होगा | AI chatbot के माध्यम से 11 भारतीय भाषाओं में कुंभ से जुड़ी हर तरह की जानकारी हासिल की जा सकेगी | इस chatbot से कोई भी text type करके या बोलकर किसी भी तरह की मदद मांग सकता है | पूरा मेला क्षेत्र को AI-Powered cameras से cover किया जा रहा है | कुंभ में अगर कोई अपने परिचित से बिछड़ जाएगा तो इन कैमरों से उन्हें खोजने में भी मदद मिलेगी | श्रद्धालुओं को digital lost & found center की सुविधा भी मिलेगी | श्रद्धालुओं को मोबाईल पर government-approved tour packages, ठहरने की जगह और homestay के बारे में भी जानकारी दी जाएगी | आप भी महाकुंभ में जाएँ तो इन सुविधाओं का लाभ उठाएँ और हाँ #एकता का महाकुंभ के साथ अपनी selfie जरूर uplaod करिएगा |

साथियो,

‘मन की बात’ यानि MKB में अब बात KTB की, जो बड़े बुजुर्ग हैं, उनमें से, बहुत से लोगों को KTB के बारे में पता नहीं होगा | लेकिन जरा बच्चों से पूछिए KTB उनके बीच बहुत ही superhit है | KTB यानि कृष, तृष और बाल्टीबॉय | आपको शायद पता होगा बच्चों की पसंदीदा animation series और उसका नाम है KTB – भारत हैं हम और अब इसका दूसरा season भी आ गया है | ये तीन animation character हमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन नायक-नायिकाओं के बारे में बताते हैं जिनकी ज्यादा चर्चा नहीं होती | हाल ही में इसका season-2 बड़े ही खास अंदाज में International Film Festival of India, Goa में launch हुआ | सबसे शानदार बात ये है कि ये series न सिर्फ भारत की कई भाषाओं में बल्कि विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित होती है | इसे दूरदर्शन के साथ-साथ अन्य OTT platform पर भी देखा जा सकता है |

साथियो,

हमारी animation फिल्मों की, regular फिल्मों की, टीवी serials की, popularity दिखाती है कि भारत की creative industry में कितनी क्षमता है | यह industry न सिर्फ देश की प्रगति में बड़ा योगदान दे रही है, बल्कि, हमारी economy को भी नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है | हमारी Film & Entertainment industry बहुत विशाल है | देश की कितनी ही भाषाओं में फिल्में बनती हैं, creative content बनता है | मैं अपनी film और entertainment industry को इसलिए भी बधाई देता हूँ, क्योंकि उसने ‘एक भारत – श्रेष्ठ भारत’ के भाव को सशक्त किया है |

साथियो,

वर्ष 2024 में हम फिल्म जगत की कई महान हस्तियों की 100वीं जयंती मना रहे हैं | इन विभूतियों ने भारतीय सिनेमा को विश्व-स्तर पर पहचान दिलाई | राज कपूर जी ने फिल्मों के माध्यम से दुनिया को भारत की soft power से परिचित कराया | रफ़ी साहब की आवाज में वो जादू था जो हर दिल को छू लेता था | उनकी आवाज अद्भुत थी | भक्ति गीत हों या romantic songs, दर्द भरे गाने हों, हर emotion को उन्होंने अपनी आवाज से जीवंत कर दिया | एक कलाकार के रूप में उनकी महानता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज भी युवा-पीढ़ी उनके गानों को उतनी ही शिद्दत से सुनती है - यही तो है timeless art की पहचान | अक्किनेनी नागेश्वर राव गारू ने तेलुगु सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है | उनकी फिल्मों ने भारतीय परंपराओं और मूल्यों को बखूबी प्रस्तुत किया | तपन सिन्हा जी की फिल्मों ने समाज को एक नई दृष्टि दी | उनकी फिल्मों में सामाजिक चेतना और राष्ट्रीय एकता का संदेश रहता था | हमारी पूरी film industry के लिए इन हस्तियों का जीवन प्रेरणा जैसा है |

साथियो,

मैं आपको एक और खुशखबरी देना चाहता हूँ | भारत की creative talent को दुनिया के सामने रखने का एक बहुत बड़ा अवसर आ रहा है | अगले साल हमारे देश में पहली बार World Audio Visual Entertainment Summit यानि WAVES summit का आयोजन होने वाला है | आप सभी ने दावोस के बारे में सुन होगा जहां दुनिया के अर्थजगत के महारथी जुटते हैं | उसी तरह WAVES summit में दुनिया-भर के media और entertainment industry के दिग्गज, creative world के लोग भारत आएंगे | यह summit भारत को global content creation का hub बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है | मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस summit की तैयारी में हमारे देश के young creators भी पूरे जोश से जुड़ रहे हैं | जब हम 5 trillion dollar economy की ओर बढ़ रहे हैं, तब हमारी creator economy एक नई energy ला रही है | मैं भारत की पूरी entertainment और creative industry से आग्रह करूंगा – चाहे आप young creator हों या established artist, Bollywood से जुड़े हों, या regional cinema से, TV industry के professional हों, या animation के expert, gaming से जुड़े हों या entertainment technology के innovator, आप सभी WAVES summit का हिस्सा बनें |

मेरे प्यारे देशवासियो,

आप सभी जानते हैं कि भारतीय संस्कृति का प्रकाश आज कैसे दुनिया के कोने-कोने में फैल रहा है | आज मैं आपको तीन महाद्वीपों से ऐसे प्रयासों के बारे में बताऊंगा, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत के वैश्विक विस्तार की गवाह है | ये सभी एक दूसरे से मिलों दूर हैं | लेकिन भारत को जानने और हमारी संस्कृति से सीखने की उनकी ललक एक जैसी है |

साथियो,

Paintings का संसार जितना रंगों से भरा होता है, उतना ही खूबसूरत होता है | आप में से जो लोग टीवी के माध्यम से ‘मन की बात’ से जुड़े हैं, वे अभी कुछ paintings टीवी पर देख भी सकते हैं | इन Paintings में हमारे देवी-देवता, नृत्य की कलाएं और महान विभूतियों को देखकर आपको बहुत अच्छा लगेगा | इनमें आपको भारत में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं से लेकर और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा | इनमें ताजमहल की एक शानदार Painting भी शामिल है, जिसे 13 साल की एक बच्ची ने बनाया है | आपको ये जानकार हैरानी होगी इस दिव्यांग बच्ची ने अपने मुहँ से इस panting को तैयार किया है | सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन Painting को बनाने वाले भारत के नहीं, बल्कि Egypt के students हैं, वहाँ के विद्यार्थी हैं | कुछ ही हफ्ते पहले Egypt के करीब 23 हजार students ने एक painting प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था | वहाँ उन्हें भारत की संस्कृति और दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को बताने वाली paintings तैयार करनी थी | मैं इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले सभी युवाओं की सराहना करता हूँ | उनकी creativity की जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम है |

साथियो,

दक्षिण अमेरिका का एक देश है पराग्वे | वहाँ रहने वाले भारतीयों की संख्या एक हजार से ज्यादा नहीं होगी | पराग्वे में एक अद्भुत प्रयास हो रहा है | वहाँ भारतीय दूतावास में एरीका ह्युबर free आयुर्वेद consultation देती हैं | आयुर्वेद की सलाह लेने के लिए आज उनके पास स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं | एरीका ह्युबर ने भले ही engineering की पढ़ाई की हो, लेकिन उनका मन तो आयुर्वेद में ही बसता है | उन्होंने आयुर्वेद से जुड़े Courses किए थे और समय के साथ वे इसमें पारंगत होती चली गई |

साथियो,

ये हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल है और हर हिन्दुस्तानी को इसका गर्व है | दुनियाभर के देशों में इसे सीखने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है | पिछले महीने के आखिर में फ़िजी में भारत सरकार के सहयोग से Tamil Teaching Programme शुरू हुआ | बीते 80 वर्षों में यह पहला अवसर है, जब फ़िजी में तमिल के Trained Teachers इस भाषा को सिखा रहे हैं | मुझे ये जानकार अच्छा लगा कि आज फ़िजी के students तमिल भाषा और संस्कृति को सीखने में काफी दिलचस्पी ले रहे हैं |

साथियो,

ये बातें, ये घटनाएं, सिर्फ सफलता की कहानियाँ नहीं है | ये हमारी सांस्कृतिक विरासत की भी गाथाएं हैं | ये उदाहरण हमें गर्व से भर देते हैं | Art से आयुर्वेद तक और Language से लेकर Music तक, भारत में इतना कुछ है, जो दुनिया में छा रहा है |

साथियो,

सर्दी के इस मौसम में देश-भर से खेल और fitness को लेकर कई activities हो रही हैं | मुझे खुशी है कि लोग fitness को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं | कश्मीर में Skiing से लेकर गुजरात में पतंगबाजी तक, हर तरफ, खेल का उत्साह देखने को मिल रहा है | #SundayOnCycle और #CyclingTuesday जैसे अभियानों से Cycling को बढ़ावा मिल रहा है |

साथियो,

अब मैं आपको एक ऐसी अनोखी बात बताना चाहता हूँ जो हमारे देश में आ रहे बदलाव और युवा साथियों के जोश और जज्बे का प्रतीक है | क्या आप जानते हैं कि हमारे बस्तर में एक अनूठा Olympic शुरू हुआ है! जी हाँ, पहली बार हुए बस्तर Olympic से बस्तर में एक नई क्रांति जन्म ले रही है | मेरे लिए ये बहुत ही खुशी की बात है कि बस्तर Olympic का सपना साकार हुआ है | आपको भी ये जानकार अच्छा लगेगा कि यह उस क्षेत्र में हो रहा है, जो कभी माओवादी हिंसा का गवाह रहा है | बस्तर Olympic का शुभंकर है – ‘वन भैंसा’ और ‘पहाड़ी मैना’ | इसमें बस्तर की समृद्ध संस्कृति की झलक दिखती है | इस बस्तर खेल महाकुंभ का मूल मंत्र है –

‘करसाय ता बस्तर बरसाए ता बस्तर’

यानि ‘खेलेगा बस्तर – जीतेगा बस्तर’ |

पहली ही बार में बस्तर Olympic में 7 जिलों के एक लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया है | यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है – यह हमारे युवाओं के संकल्प की गौरव-गाथा है | Athletics, तीरंदाजी, Badminton, Football, Hockey, Weightlifting, Karate, कबड्डी, खो-खो और Volleyball – हर खेल में हमारे युवाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है | कारी कश्यप जी की कहानी मुझे बहुत प्रेरित करती है | एक छोटे से गांव से आने वाली कारी जी ने तीरंदाजी में रजत पदक जीता है | वे कहती हैं – “बस्तर Olympic ने हमें सिर्फ खेल का मैदान ही नहीं, जीवन में आगे बढ़ने का अवसर दिया है” | सुकमा की पायल कवासी जी की बात भी कम प्रेरणादायक नहीं है | Javelin Throw में स्वर्ण पदक जीतने वाली पायल जी कहती हैं – “अनुशासन और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है” | सुकमा के दोरनापाल के पुनेम सन्ना जी की कहानी तो नए भारत की प्रेरक कथा है | एक समय नक्सली प्रभाव में आए पुनेम जी आज wheelchair पर दौड़कर मेडल जीत रहे हैं | उनका साहस और हौसला हर किसी के लिए प्रेरणा है | कोडागांव के तीरंदाज रंजू सोरी जी को ‘बस्तर youth icon’ चुना गया है | उनका मानना है – बस्तर Olympic दूरदराज के युवाओं को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का अवसर दे रहा है |

साथियो,

बस्तर Olympic केवल एक खेल आयोजन नहीं है I यह एक ऐसा मंच है जहां विकास और खेल का संगम हो रहा है I जहां हमारे युवा अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं और एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं I मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ :

अपने क्षेत्र में ऐसे खेल आयोजनों को प्रोत्साहित करें

#खेलेगा भारत – जीतेगा भारत के साथ अपने क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं की कहानियां साझा करें

स्थानीय खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर दें

याद रखिए, खेल से, न केवल शारीरिक विकास होता है, बल्कि ये Sportsman spirit से समाज को जोड़ने का भी एक सशक्त माध्यम है I तो खूब खेलिए-खूब खिलिए |

मेरे प्यारे देशवासियो,

भारत की दो बड़ी उपलब्धियां आज विश्व का ध्यान आकर्षित कर रही हैं I इन्हें सुनकर आपको भी गर्व महसूस होगा I ये दोनों सफलताएं स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिली हैं I पहली उपलब्धि मिली है – मलेरिया से लड़ाई में | मलेरिया की बीमारी चार हजार वर्षों से मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती रही है I आजादी के समय भी यह हमारी सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक थी I एक महीने से लेकर पांच साल तक के बच्चों की जान लेने वाली सभी संक्रामक बीमारियों में मलेरिया का तीसरा स्थान है I आज, मैं संतोष से कह सकता हूँ कि देशवासियों ने मिलकर इस चुनौती का दृढ़ता से मुकाबला किया है I विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO की रिपोर्ट कहती है – “भारत में 2015 से 2023 के बीच मलेरिया के मामलों और इससे होने वाली मौतों में 80 प्रतिशत की कमी आई है” I यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है I सबसे सुखद बात यह है, यह सफलता जन-जन की भागीदारी से मिली है I भारत के कोने-कोने से, हर जिले से हर कोई इस अभियान का हिस्सा बना है I असम में जोरहाट के चाय बागानों में मलेरिया चार साल पहले तक लोगों की चिंता की एक बड़ी वजह बना हुआ था I लेकिन जब इसके उन्मूलन के लिए चाय बागान में रहने वाले एकजुट हुए, तो इसमें काफी हद तक सफलता मिलने लगी I अपने इस प्रयास में उन्होनें Technology के साथ-साथ Social media का भी भरपूर इस्तेमाल किया है I इसी तरह हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले ने मलेरिया पर नियंत्रण के लिए बड़ा अच्छा model पेश किया I यहां मलेरिया की monitoring के लिए जनभागीदारी काफी सफल रही है I नुक्कड़ नाटक और रेडियो के जरिए ऐसे संदेशों पर जोर दिया गया, जिससे मच्छरों की breeding कम करने में काफी मदद मिली है I देश-भर में ऐसे प्रयासों से ही हम मलेरिया के खिलाफ जंग को और तेजी से आगे बढ़ा पाए है I

साथियो,

अपनी जागरूकता और संकल्प शक्ति से हम क्या कुछ हासिल कर सकते हैं, इसका दूसरा उदाहरण है cancer से लड़ाई I दुनिया के मशहूर Medical Journal Lancet की study वाकई बहुत उम्मीद बढ़ाने वाली है I इस Journal के मुताबिक अब भारत में समय पर cancer का इलाज शुरू होने की संभावना काफी बढ़ गई है I समय पर इलाज का मतलब है – cancer मरीज का treatment 30 दिनों के भीतर ही शुरू हो जाना और इसमें बड़ी भूमिका निभाई है – ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने | इस योजना की वजह से cancer के 90 प्रतिशत मरीज, समय पर अपना इलाज शुरू करा पाए हैं | ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि पहले पैसे के अभाव में गरीब मरीज cancer की जांच में, उसके इलाज से कतराते थे I अब ‘आयुष्मान भारत योजना’ उनके लिए बड़ा संबल बनी है I अब वो आगे बढ़कर अपना इलाज कराने के लिए आ रहे हैं I ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने cancer के इलाज में आने वाली पैसों की परेशानी को काफी हद तक कम किया है I अच्छा ये भी है, कि आज समय पर, cancer के इलाज को लेकर, लोग, पहले से कहीं अधिक जागरूक हुए हैं I यह उपलब्धि जितनी हमारे Healthcare system की है, डॉक्टरों, नर्सों और Technical staff की है, उतनी ही, आप, सभी मेरे नागरिक भाई-बहनों की भी है I सबके प्रयास से cancer को हारने का संकल्प और मजबूत हुआ है I इस सफलता का credit उन सभी को जाता है, जिन्होनें जागरूकता फैलाने में अपना अहम योगदान दिया है I

Cancer से मुकाबले के लिए एक ही मंत्र है - Awareness, Action और Assurance. Awareness यानि cancer और इसके लक्षणों के प्रति जागरूकता, Action यानि समय पर जांच और इलाज, Assurance यानि मरीजों के लिए हर मदद उपलब्ध होने का विश्वास I आईए, हम सब मिलकर cancer के खिलाफ इस लड़ाई को तेजी से आगे ले जाएं और ज्यादा-से-ज्यादा मरीजों की मदद करें I

मेरे प्यारे देशवासियो,

आज मैं आपको ओडिशा के कालाहांडी के एक ऐसे प्रयास की बात बताना चाहता हूँ, जो कम पानी और कम संसाधनों के बावजूद सफलता की नई गाथा लिख रहा है | ये है कालाहांडी की ‘सब्जी क्रांति’ | जहां, कभी किसान, पलायन करने को मजबूर थे, वहीं आज, कालाहांडी का गोलामुंडा ब्लॉक एक vegetable hub बन गया है | यह परिवर्तन कैसे आया? इसकी शुरुआत सिर्फ 10 किसानों के एक छोटे से समूह से हुई | इस समूह ने मिलकर एक FPO - ‘किसान उत्पाद संघ’ की स्थापना की, खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया, और आज उनका ये FPO करोड़ों का कारोबार कर रहा है | आज 200 से अधिक किसान इस FPO से जुड़े हैं, जिनमें 45 महिला किसान भी हैं | ये लोग मिलकर 200 एकड़ में टमाटर की खेती कर रहे हैं, 150 एकड़ में करेले का उत्पादन कर रहे हैं | अब इस FPO का सालाना turnover भी बढ़कर डेढ़ करोड़ से ज्यादा हो गया है | आज कालाहांडी की सब्जियां, न केवल ओडिशा के विभिन्न जिलों में, बल्कि, दूसरे राज्यों में भी पहुँच रही हैं, और वहाँ का किसान, अब, आलू और प्याज की खेती की नई तकनीकें सीख रहा है |

साथियो,

कालाहांडी की यह सफलता हमें सिखाती है कि संकल्प शक्ति और सामूहिक प्रयास से क्या नहीं किया जा सकता | मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ :-

अपने क्षेत्र में FPO को प्रोत्साहित करें

किसान उत्पादक संगठनों से जुड़ें और उन्हें मजबूत बनाएं |

याद रखिए – छोटी शुरुआत से भी बड़े परिवर्तन संभव हैं | हमें, बस, दृढ़ संकल्प और टीम भावना की जरूरत है |

साथियो,

आज की ‘मन की बात’ में हमने सुना, कि कैसे हमारा भारत, विविधता में एकता के साथ आगे बढ़ रहा है | चाहे वो खेल का मैदान हो या विज्ञान का क्षेत्र, स्वास्थ हो या शिक्षा – हर क्षेत्र में भारत नई ऊंचाइयों को छू रहा है | हमने एक परिवार की तरह मिलकर हर चुनौती का सामना किया और नई सफलताएं हासिल की | 2014 से शुरू हुए ‘मन की बात’ के 116 episodes में मैंने देखा है कि ‘मन की बात’ देश की सामूहिक शक्ति का एक जीवंत दस्तावेज़ बन गया है | आप सभी ने इस कार्यक्रम को अपनाया, अपना बनाया | हर महीने आपने अपने विचारों और प्रयासों को साझा किया | कभी किसी young innovator के idea ने प्रभावित किया, तो कभी किसी बेटी की achievement ने गौरवान्वित किया | ये आप सभी की भागीदारी है जो देश के कोने-कोने से positive energy को एक साथ लाती है | ‘मन की बात’ इसी positive energy के amplification का मंच बन गया है, और अब, 2025 दस्तक दे रहा है | आने वाले साल में ‘मन की बात’ के माध्यम से हम और भी inspiring प्रयासों को साझा करेगें | मुझे विश्वास है कि देशवासियों की positive सोच और innovation की भावना से भारत नई ऊंचाइयों को छूएगा | आप अपने आस-पास के unique प्रयासों को #Mannkibaat के साथ share करते रहिए | मैं जानता हूँ कि अगले साल की हर ‘मन की बात’ में हमारे पास एक दूसरे से साझा करने के लिए बहुत कुछ होगा | आप सभी को 2025 की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं | स्वस्थ रहें, खुश रहें, Fit India Movement में आप भी जुड़ जाइए, खुद को भी fit रखिए | जीवन में प्रगति करते रहें |

बहुत-बहुत धन्यवाद |