प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष महोदय, मैडम ब्राउनी बिशप, सीनेट के अध्यक्ष स्टीफन पैरी, प्रधानमंत्री एवं मेरे दोस्त टोनी एबाट, आपका धन्यवाद।
सफल जी-20 के लिए आपको एवं ऑस्ट्रेलिया के लोगों को बधाइयां।
मैं तीसरा शासनाध्यक्ष हूँ जिसे आप सभी इस सप्ताह सुन रहे हैं।
मुझे पता नहीं कि आप यह कैसे कर पा रहे हैं। हो सकता है कि यह प्रधानमंत्री एबाट का आपको शर्ट फ्रंट करने का तरीका हो। परंतु, आपके साथ बात करने के इस अवसर से मैं सही मायने में सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। मैं यहां आप में से एक रूप में खड़ा हूँ – लोगों के प्रतिनिधि के रूप में; मैं ऐसे राष्ट्र के 1.25 बिलियन लोगों की शुभकामनाओं के साथ आपके पास आया हूँ जो महान हिंद महासागर के जरिए आस्ट्रेलिया से जुड़ा है; हमारे इतिहास एवं हमारी अनेक साझी विरासतों के जरिए जुड़ा है तथा हमारी आपस में गहन रूप से नियतियों के माध्यम से भी जुड़ा है।
और, आज मैं भावनात्मक रूप से एकता स्थापित करने के लिए आया हूँ, जैसा कि कभी हम भूगोल के माध्यम से एकजुट थे – वह भावना जो मानव सफलता एवं बलिदान की अनेक प्रेरक कहानियों से भरी पड़ी है। आज सवेरे, प्रधानमंत्री एबाट और मैंने हमारे सैनिकों को सम्मानित किया जिन्होंने 100 साल पहले गल्लिपोली के संग्राम में साथ मिलकर अपने जीवन की आहुति दी थी। कैनबरा की इस सुंदर राजधानी को डिजाइन करने वाला व्यक्ति अर्थात वाल्टर बु्रले ग्रिफिन को भारत के लखनऊ के पुराने शहर में दफनाया गया है।
150 साल से भी पहले, आस्ट्रेलिया के एक उपन्यासकार एवं वकील जॉन लैंग ने एक बहादुर भारतीय स्वतंत्रता सेनानी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के लिए भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी थी। उनको भी भारत के मसूरी शहर के पहाड़ी इलाके में दफनाया गया है।
कैनबरा में महात्मा गांधी जी प्रतिमा हमारे साझे मूल्यों का प्रतीक है। हम ब्रेडमैन के लीजेंड तथा तेंदुलकर के क्लास का जश्न एक साथ मनाते हैं। हम आस्ट्रेलिया की स्पीड से प्रभावित हैं और आप भारत की स्पिन से अचंभित हैं। निश्चित रूप से जब तक शेन वार्न नहीं आए थे। परंतु, इन बातों के अलावा, हम लोकतंत्र के आदर्शों से भी एकजुट हैं।
आज, जब मैं लोकतंत्र के इस मंदिर में खड़ा हूँ, मेरा यह मानना है कि हमारे जैसे राष्ट्रों के लिए यह वरदान है क्योंकि लोकतंत्र मानव भावना को पनपने के लिए सर्वोत्तम अवसर प्रदान करता है क्योंकि हमें चयन करने की आजादी होती है, बोलने का अधिकार होता है तथा हटाने की शक्ति होती है – और हम राजनीतिज्ञों के लिए सम्मान के साथ छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है।
जन प्रतिनिधियों की पीढि़यों ने आस्ट्रेलिया को आज विश्व के महान राष्ट्रों में से एक के रूप में बनाया है। भूभाग के विस्तृत फैलाव से लेकर संसाधनों की प्रचुरता तक प्रकृति आप सभी पर बहुत मेहरबान है।
परंतु, भारत आस्ट्रेलिया के लोगों ने ही आस्ट्रेलिया को वह बनाया है जो आज यह है : लोकतंत्र एवं कानून के शासन का बीकन; ऐसा राष्ट्र जो स्वेच्छा से किसी गुमशुदा एयरक्राफ्ट की तलाशी की अगुवाई करता है; दुनिया के सबसे समृद्ध राष्ट्रों में से एक; शहरी विकास सूचकांक की दृष्टि से सर्वोत्तम में से एक; ऐसा राष्ट्र जहां दुनिया के सबसे उत्तम शहरों में से कुछ हैं; सबसे उत्पादक फार्मों एवं खानों में से कुछ; इसके कुछ सर्वोत्तम विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र; एक उन्नत प्रौद्योगिकी आधार; और एक ऐसा राष्ट्र जहां खेल के महान कौशल हैं।
आस्ट्रेलिया न केवल प्रचुर सुंदरता की छवि उत्पन्न करता है अपितु जीवन की महान गुणवत्ता का भी। आज, इसके शहर इस विश्व की विविधता की प्रचुरता के साथ जीवंत हैं तथा यहां 4,50,000 भारतीय रहते हैं जिन्हें आस्ट्रेलिया का हिस्सा होने पर गर्व है क्योंकि वे अपनी भारतीय विरासत के हैं।
माननीय सदस्यगण,
हम में से अनेक के लिए, एक समय ऐसा था, जब आस्ट्रेलिया विश्व के दक्षिणी छोर पर काफी दूर स्थित देश था। आज, विश्व आस्ट्रेलिया को एशिया प्रशांत और हिंद महासागर के मर्म के रूप में देखता है। इस गतिशील क्षेत्र में इस विश्व के भविष्य की कुंजी है तथा आस्ट्रेलिया इसके क्रास करंट पर है। और, जैसा कि आस्ट्रेलिया विश्व के इस भाग में अधिक भागीदारी कर रहा है, हम इस क्षेत्र में समृद्धि लाने तथा इसकी सुरक्षा को आकार देने में इसकी बढ़ती भूमिका का स्वागत करते हैं। क्योंकि हम भारत के लोग, इस विश्व के लिए इसी भविष्य की तलाश कर रहे हैं।
हम आस्ट्रेलिया को प्रगति एवं समृद्धि के लिए भारत की ललक में एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में भी देखते हैं। विश्व में ऐसे देश बहुत कम हैं जहां हम इतनी सारी सिनर्जी देखते हैं जिसे हम आस्ट्रेलिया में देख रहे हैं।
एक बिलियन से अधिक आबादी वाला भारत विकास चाह रहा है, आस्ट्रेलिया कुछ मिलियन लोगों का एक विकसित देश है जहां संसाधनों की प्रचुरता है। इस शताब्दी के बदलने तक भारत विश्व में सबसे तेजी से विकास करने वाली दूसरी अर्थव्यवस्था है। लाखों लोगों ने अपने आप को गरीबी से बाहर निकाला है तथा संभावनाओं का एक नया जीवन जी रहे हैं।
आज, 30 साल बाद हमारे यहां ऐसी सरकार है जिसे स्पष्ट बहुमत प्राप्त है। दूर-दराज के गांवों से लेकर सबसे बड़े शहरों तक भारत में उम्मीदें आसमान की नई ऊँचाई छू रही हैं, एक नई ऊर्जा है।
यह हमारे युवाओं – 35 साल के कम आयु के 80 मिलियन लोगों की ऊर्जा है – जो परिवर्तन के इच्छुक हैं, इसके लिए काम करना चाहते हैं – क्योंकि अब उनको विश्वास हो गया है कि यह संभव है कि वे परिवर्तन ला सकते हैं। परिवर्तन की इस ताकत को हम बेलगाम करेंगे।
सरकार के रूप में हमने इन छह महीनों में काफी काम किया है, हम आगे बढ़े हैं, महत्वाकांक्षा की सोच के साथ, गति के साथ काम करते हुए; केवल विकास के लिए विकास की तलाश न करते हुए बल्कि हर भारतीय के जीवन की गुणवत्ता में बदलाव लाने के लिए – मैं हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता के हर क्षेत्र में आस्ट्रेलिया को एक प्रमुख साझेदार के रूप में देखता हूँ।
हमारे युवाओं को कौशल एवं शिक्षा प्रदान करने में; हर व्यक्ति के सिर पर छत प्रदान करने एवं हर परिवार को बिजली प्रदान करने में; सबसे कठिन बीमारियों के लिए सबसे सस्ती स्वास्थ्य देख-रेख; अगली पीढ़ी की अवसंरचना जो हमारे पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचाए; ऊर्जा जो हमारे हिमखंडों के लिए पिघलने का कारण न बने – स्वच्छ कोयला एवं गैस, नवीरकरणीय ऊर्जा या परमाणु बिजली के ईंधन; शहर जो स्मार्ट, संपोषणीय एवं रहने योग्य हों; गांव जो अवसर प्रदान करे; कृषि जो अधिक पैदावार दे तथा बाजार से अच्छी तरह से जुड़ी हो; प्रथाएं एवं प्रौद्योगिकी जो पानी की बचत करे। हमने ''मेड इन इंडिया’’ को एक वैश्विक नाम में परिवर्तित करने के लिए एक नया मिशन शुरू किया है, जिस तरह भारत में कंप्यूटर है। परंतु, हम समृद्धि के नए रास्तों को ढूंढ़ना चाहते हैं, न कि पिछली शताब्दी के रास्तों पर ही चलना चाहते हैं। भारत के भावी शहरों एवं अवसंरचना का अभी भी काफी हद तक निर्माण किया जाना है और इसलिए अब अपना चयन करने के लिए हमारे पास एक अनोखा अवसर है। तथा हर क्षेत्र में – कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, खनन, अवसंरचना, विनिर्माण, वित्त एवं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा; निधि एवं संसाधन प्रदान करने से लेकर प्रौद्योगिकी एवं विशेषज्ञता तक; साझेदार एवं निवेशक के रूप में काम करना – भारत की प्रगति में भागीदारी करने के लिए आस्ट्रेलिया के पास प्रचुर अवसर हैं।
बदले में, भारत नए आर्थिक अवसरों के लिए आपकी खोज तथा अपनी वैश्विक आर्थिक भागीदारी में विविधता लाने की आपकी इच्छा का उत्तर होगा; घर पर विश्वस्तरीय कौशलों के लिए या विदेश में विनिर्माण के स्थान के लिए आपका स्रोत।
भारत का विकास, आबादी एवं मांग आस्ट्रेलिया के लिए एक अनोखा एवं दीर्घावधिक अवसर प्रदान करता है – और यह सब लोकतंत्र की परिचित रूपरेखा में। विश्व में इस तरह का कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। भारतीय निवेशक भी अधिक संख्या में तथा अधिक प्रतिबद्धता के साथ यहां आ रहे हैं।
माननीय सदस्यगण,
यह एक ऐसा युग है जो वायदों की दृष्टि से समृद्ध है परंतु सभी चुनौतियों से भरे हैं। हम अपने सपनों को साकार तभी कर सकते हैं जब हम में यह आत्मविश्वास हो कि हमारे शहर सुरक्षित हैं, हमारे राष्ट्र सुरक्षित हैं, हमारा क्षेत्र स्थिर है तथा हमारा विश्व शांतिपूर्ण है। इस विशाल क्षेत्र के अनेक अनसुलझे प्रश्न हैं तथा नई चुनौतियां हैं। परस्पर निर्भरता में वृद्धि के बावजूद ऐतिहासिक भिन्नताएं बनी हुई हैं। महासागर हमारी जीवन रेखा हैं परंतु, हम पहले की तुलना में आज विश्व के अपने इस भाग में पहुंच एवं सुरक्षा के बारे में अधिक चिंतित हैं। हमारे क्षेत्र ने शांति एवं स्थिरता की नींव पर विशाल प्रगति देखी है। परंतु हम इसे तय मानकर नहीं चल सकते हैं। इस क्षेत्र में इसे बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण कार्य होगा।
भारत और आस्ट्रेलिया इसमें अपनी – अपनी भूमिका निभा सकते हैं – हमारे सुरक्षा सहयोग का विस्तार करके तथा इस क्षेत्र में हमारी अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को गहन करके। परंतु, हमें अतीत के उधार में लिए गए वास्तशिल्प पर निर्भर नहीं रहना होगा। और न ही हमारे पास यह चयन की आजादी है कि किसके साथ काम करना चाहिए और किसके साथ काम नहीं करना चाहिए।
परंतु, हमें साथ मिलकर तथा दूसरों के साथ काम करने की जरूरत है ताकि ऐसे परिवेश एवं संस्कृति का निर्माण हो सके जो सह-अस्तित्व एवं सहयोग की भावना को बढ़ावा दे, जिसमें सभी राष्ट्र, छोटे हों या बड़े, अंतर्राष्ट्रीय कानून एवं मानदंडों का ऐसी स्थिति में भी पालन करें जब उनके बीच गंभीर विवाद हों।
हमें समुद्री सुरक्षा बनाए रखने पर अधिक सहयोग स्थापित करना चाहिए। हमें समुद्रों पर साथ मिलकर काम करना चाहिए तथा अंतर्राष्ट्रीय मंचों में सहयोग स्थापित करना चाहिए। और हमें अंतर्राष्ट्रीय कानून एवं वैश्विक मानदंडों के प्रति सार्वभौमिक सम्मान के लिए काम करना चाहिए।
हमें पूरे क्षेत्र में आर्थिक एकीकरण की प्रक्रिया तथा एक खुली वैश्विक व्यापार व्यवस्था का भी समर्थन करना चाहिए जो एकीकृत बनी रहे। हमें क्षेत्रीय व्यापार पहलों के विरूद्ध अपनी रक्षा करनी चाहिए जो राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का साधन बन रही हैं।
तथापि, आर्थिक एकीकरण अपने आप में शांति एवं स्थिरता के लिए मजबूत क्षेत्रीय संस्थाओं के बगैर मजबूत आधार नहीं हो सकता है। भारत और आस्ट्रेलिया अनेक संस्थाओं के सदस्य हैं जो इस क्षेत्र के लिए एवं पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं। हमें पूर्वी एशिया शिखर बैठक, जी-20 तथा हिंद महासागर क्षेत्र संघ में अधिक निकटता से आपस में समन्वय करना चाहिए।
माननीय सदस्यगण,
आपस में जुड़े हमारे विश्व में, हमारी साझी चुनौतियां हमारे क्षेत्र तक ही सीमित नहीं हैं। आतंकवाद हम सभी के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। भारत में, हम तीन दशकों से इसके चेहरे को बहुत करीब से देख रहे हैं। और, हमने इसे पूरी स्पष्टता के साथ देखा है। आतंकवाद अपना चरित्र बदल रहा है तथा अपनी पहुंच बढ़ा रहा है। इंटरनेट ने हिंसा के लिए भर्ती एवं आह्वान को स्वजनित बना दिया है। इसका वित्त पोषण धन शोधन, दवाओं की तस्करी तथा हथियारों के अवैध व्यापार से भी हो रहा है।
हमें अपने द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को गहन करना होगा। परंतु, हमें किसी वैश्विक समस्या के लिए एक व्यापक वैश्विक रणनीति की जरूतर होती है। इसके लिए घनिष्ठ सुरक्षा सहयोग की जरूरत होगी परंतु इससे भी ज्यादा जरूरी ऐसी नीति अपनाने की है जो आतंकी गुटों के बीच कोई भेद न करे या राष्ट्रों के बीच कोई भेदभाव न करे, उनको अलग करने का संकल्प करे जो आतंकियों को आश्रय देते हैं, ऐसे राज्यों को सामर्थ्यवान बनाने की तत्परता हो जो इनके खिलाफ लड़ेंगे, ऐसे देशों में अतिवाद के खिलाफ एक सामाजिक आंदोलन जहां यह सबसे ज्यादा प्रचलित है और धर्म एवं आतंकवाद को आपस में न जोड़ने के लिए हर प्रयास।
जब मैं भविष्य की ओर देखता हूँ, तो हमें यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि बाहरी अंतरिक्ष एवं साइबर स्पेस संयोजकता एवं समृद्धि का माध्यम बने रहें, न कि संघर्ष के नए मैदान बनें। क्षेत्रीय आपदाओं पर कार्रवाई करना, हथियारों के प्रसार से लड़ना, जलदस्युता के खिलाफ कार्रवाई करना, हम सुरक्षा चुनौतियों की पूरी रेंज में साथ मिलकर काम कर सकते हैं।
माननीय सदस्यगण,
जब से मेरी सरकार ने सत्ता संभाली है, एशिया प्रशांत क्षेत्र की तुलना में भारत की ओर से किसी अन्य क्षेत्र ने इतनी तीव्र भागीदारी नहीं देखी है – क्योंकि हम अच्छी तरह समझते हैं कि हमारा भविष्य कितना गहन रूप से इस क्षेत्र से जुड़ा है। भारत और आस्ट्रेलिया एक – दूसरे के साथ क्रिकेट के मैदान में कड़ा संघर्ष कर सकते हैं – तथा मुझे संदेह है कि अगले माह हम ऐसा ही देखेंगे। परंतु, हम इस क्षेत्र में आस्ट्रेलिया को अपने सर्वश्रेष्ठ साथियों में से एक रूप में देखते हैं।
सितंबर में अपने पहले राजकीय अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री टोनी एबाट की मेजबानी करके मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई थी। भारत के किसी प्रधानमंत्री को आस्ट्रेलिया आने में 28 साल लग गए हैं। किसी भी स्थिति में ऐसा नहीं होना चाहिए था। और, यह बदलेगा। आस्ट्रेलिया हमारे विजन की परिधि में नहीं होगा परंतु हमारी सोच के केंद्र में होगा।
इसलिए, हम प्रचुर अवसर एवं महान जिम्मेदारी के समय एक साथ खड़े हैं। मैं भारत और आस्ट्रेलिया के बीच साझेदारी का एक महान भविष्य तथा इसे साकार करने के लिए एक साझी प्रतिबद्धता देखता हूँ।
प्रधानमंत्री एबाट ने सितंबर में इस नई यात्रा की शुरूआत की है। मैं हमारे दो देशों को इस पथ पर अधिक मजबूती से लाने के लिए यहां आया हूँ। आपकी मदद से तथा भारत और आस्ट्रेलिया के महान लोगों की मदद से।
अगले साल के शुरू में महान एवं सफल क्रिकेट वर्ल्ड कप के आयोजन के लिए मैं आपको शुभकामनाएं देता हूँ।
आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।
Login or Register to add your comment
Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.
The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.