1000 करोड़ रुपये के स्टार्टअप इंडिया सीड फंड की घोषणा की
स्टार्टअप्स आज कारोबार की जनसंख्या संबंधी विशिष्टताओं को बदल रहे हैं : पीएम
भारत ‘युवाओं का, युवाओं द्वारा, युवाओं के लिए’ पर आधारित स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने के लिए काम रहा है: पीएम
8 हजार स्टार्टअप्स जीईएम पोर्टल पर रजिस्टर हैं, 2300 करोड़ रुपए का व्यापार किया है: पीएम

युवा ऊर्जा, युवा सपने, कितने अथाह हैं, कितने विशाल हैं, आप सभी उसके बेहतरीन उदाहरण हैं। अभी मैं आप सभी को बहुत ध्यान से सुन रहा था, देख रहा था। ये कॉन्फिडेंस ऐसे ही बने रहना चाहिए। आप सोचिए, कितनी रेंज है स्टार्ट अप्स की। एक start-up कार्बन फाइबर 3D प्रिंटर पर तो दूसरा satellite launch vehicle पर बात कर रहा था। e-toilets से biodegradable PPE किट्स तक और Diabetes की दवाई बनाने से लेकर Brick laying machine और दिव्यांगों के लिए AR technology तक, आपने जो भी अपने start-ups के बारे में बताया, वो इस बात का अनुभव कराते हैं कि आपमें भविष्य को बदलने की कितनी बड़ी शक्ति है।

एक और बदलाव जो अब दिख रहा है कि, पहले अगर कोई युवा start-up शुरू करता था, तो लोग कहते थे ‘Why don’t you do a job? Why a start-up? लेकिन अब लोग कहते हैं- Job is alright, but why not create your own start-up ! और जो युवा पहले से स्टार्ट अप में हैं, उन्हें देखते ही पहला रिएक्शन होता है- ‘वाह, आपका start-up है’! ये बदलाव BIMSTEC देशों, यानि बंगाल की खाड़ी से विकास की प्रेरणा लेने वाले बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड की बहुत बड़ी ताकत है। भारत के startups हों, या BIMSTEC देशों के start-ups, एक जैसी ही ऊर्जा दिख रही है। कार्यक्रम में मेरे साथ जुड़ रहे BIMSTEC देशों के माननीय मंत्रीगण, बांग्लादेश से श्री जुनैद अहमद पलक जी, भूटान से लिनपो श्री लोकनाथ शर्मा जी, म्यांमार से ऊ थाऊँग तुन जी, नेपाल से श्री लेखराज भट्ट जी, श्रीलंका से श्री नमल राजपक्षा जी, और बिमस्टेक के सेक्रेटरी जनरल श्री तेनज़िन लेकफेल जी, कैबिनेट में मेरे सहयोगी श्री पीयूष गोयल जी, श्री प्रकाश जावडेकर जी, श्री हरदीप पुरी जी, श्री सोमप्रकाश जी, उद्योग जगत से यहाँ उपस्थित, FICCI के प्रेसिडेंट श्री उदय शंकर जी, श्री उदय कोटक जी, श्री संजीव मेहता जी, डॉ संगीता रेड्डी जी, श्री सुब्रकांत पांडा जी, श्री संदीप सोमानी जी, श्री हर्ष मरीवाला जी, श्री सिंघानिया जी, अन्य सभी महानुभाव और start-up world के मेरे युवा साथियों!

आज का दिन हम सबके लिए एक साथ कई ‘प्रारम्भ’ का दिन है। आज BIMSTEC नेशन्स की पहली start-up conclave आयोजित हो रही है, आज ‘Start-up India’ movement अपने सफल पाँच साल पूरे कर रहा है, और आज ही भारत ने कोरोना के खिलाफ सबसे ऐतिहासिक, Largest Vaccine Drive प्रारम्भ की है। ये दिन हमारे वैज्ञानिकों, हमारे युवाओं और हमारे उद्यमियों की क्षमताओं और हमारे डॉक्टर्स, नर्सेस, हेल्थ सेक्टर के लोगों के परिश्रम और सेवाभाव का साक्षी है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई से लेकर Vaccine बनाने तक, हम सबके जो अनुभव रहे हैं, अपने उन अनुभवों के साथ आज BIMSTEC देशों के हमारे युवा और उद्यमी इस प्रारम्भ summit में शामिल हो रहे हैं। इसलिए, ये summit और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। मुझे बताया गया है कि, इन दो दिनों में आपने कई महत्वपूर्ण चर्चायें कीं, अपनी start-up success stories को साझा किया और आपसी सहयोग के नए अवसर खड़े किए हैं। जिन 12 sectors में start-up awards देश ने शुरू किए थे, उनके विजेताओं की घोषणा भी गई है। आप सभी को इन अवार्ड्स की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियों,

ये सदी डिजिटल revolution और new age innovations की सदी है। और इस सदी को एशिया की सदी भी कहा जाता है। और इसलिए, ये समय की मांग है कि भविष्य की technology एशिया की labs से निकले, भविष्य के entrepreneurs हमारे यहाँ से तैयार हों। इसके लिए एशिया के उन देशों को आगे आकर ज़िम्मेदारी लेनी होगी, जो एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं, एक दूसरे के लिए काम कर सकते हैं। जिनके पास संसाधन भी हों, और सहयोग की भावना भी हो। इसलिए ये ज़िम्मेदारी स्वाभाविक रूप से हम सब BIMSTEC देशों के पास ही आती है। हमारे सदियों पुराने रिश्तों, हमारी संस्कृति, सभ्यता और सम्बन्धों की सांझी विरासत ने हम सबको आपस में जोड़कर के रखा है। हम अपने विचारों को साझा करते हैं, इसलिए हम अपने ideas भी और ज्यादा साझा कर सकते हैं। हम एक दूसरे के सुख दुख साझा करते हैं, इसलिए हमारी सफलता भी साझी होगी। इसके साथ ही, हम एक साथ दुनिया की one fifth population के लिए काम कर रहे हैं। हमारे पास collectively 3.8 trillion dollar GDP की ताकत भी है। हमारे युवाओं में जो ऊर्जा है, अपना भविष्य खुद लिखने की जो अधीरता है, मैं इसमें पूरी दुनिया के लिए नई संभावनाएं देखता हूँ।

साथियों,

इसीलिए, मैंने 2018 में BIMSTEC summit में कहा था कि हम सभी देश technology और innovation के क्षेत्र में एक साथ आएंगे। मैंने BIMSTEC Start Up Conclave की भी बात की थी। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए आज हम सभी देश Startup India International conclave के इस platform पर इकट्ठा हुये हैं। सभी BIMSTEC देश आपसी connectivity बढ़ाने और व्यापारिक रिश्तों को गति देने के लिए पहले से ही लगातार काम कर रहे हैं। 2018 में BIMSTEC ministers ने डिजिटल connectivity बढ़ाने के लिए India mobile congress में हिस्सा लिया था। इसी तरह, हम रक्षा के क्षेत्र में, आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में, स्पेस के क्षेत्र में, पर्यावरण के क्षेत्र में और कृषि, व्यापार के क्षेत्र में भी मिलकर काम कर रहे हैं। हमारे ये सभी क्षेत्र जितने मजबूत होंगे, जितने आधुनिक बनेंगे, उतना ही फायदा हमारे startups को होगा। ये एक value creation cycle है। यानी, हम इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चर और बिज़नेस जैसे क्षेत्रों में अपने सम्बन्धों को मजबूत कर रहे हैं, इससे हमारे startups के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं। और जितना हमारे startups मजबूत होंगे, हमारे सभी sectors में विकास उतनी ही रफ्तार पकड़ेगा।

साथियों,

व्यक्तिगत रूप से यहाँ सभी startups अपने अनुभवों को एक दूसरे से share कर ही रहे हैं। लेकिन बदलाव की इतनी बड़ी यात्रा में हर देश के भी अपने अनुभव होते हैं। भारत ने अपने 5 साल के अनुभवों को साझा करने के लिए ‘Evolution of Startup India’ नाम से एक booklet भी आज जारी की है। मैं चाहता हूँ, ऐसे ही हर BIMSTEC देश भी समय-समय पर अपने अनुभवों को एक दूसरे से साझा करे। आपके ये अनुभव हम सबको सीखने में मदद करेंगे। उदाहरण के तौर पर, भारत की 5 साल की स्टार्ट अप यात्रा को देखिए। जब Startup India mission की शुरुआत की गयी थी, तो हमारे सामने भी कई चुनौतियाँ थीं। लेकिन आज भारत दुनिया के सबसे बड़े startup ecosystem में से एक है। आज 41 हजार से ज्यादा startups हमारे देश में किसी न किसी अभियान में लगे हुए हैं। इनमें से 5700 से ज्यादा startups IT sector में हैं, 3600 से ज्यादा Startups health sector में बने हैं, तो करीब 1700 startups एग्रीकल्चर सेक्टर में आए हैं।

साथियों,

ये startups आज business की demographic characteristic भी बदल रहे हैं। आज भारत में 44 प्रतिशत recognized startups, उसमें महिलाएं डाइरेक्टर हैं, और बड़ी संख्या में महिलाएं इनमें काम भी कर रही हैं। आज सामान्य आर्थिक background से आने वाले युवा भी अपनी प्रतिभा, अपनी सोच को जमीन पर उतार पा रहे हैं। इसके परिणाम भी आज हमारे सामने हैं। 2014 में भारत के केवल 4 startup unicorn club में थे, लेकिन आज 30 से ज्यादा startups, 1 billion मार्क को पार कर चुके हैं। आपको हैरानी होगी, इसमें भी हमारे 11 startups साल 2020 में यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुये हैं। यानी, कोरोनाकाल के इस कठिन वर्ष में!

साथियों,

भारत ने महामारी के मुश्किल समय में ही ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान भी शुरू किया। इसमें भी हमारे startups आज बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। महामारी के दौरान जब दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियाँ अपने survival के लिए संघर्ष कर रही थीं, भारत में startups की एक नई फौज तैयार हो रही थी। देश में sanitizers से लेकर PPE किट्स की जरूरत थी, supply chains की जरूरत थी, उसमें हमारे startups ने बड़ी भूमिका निभाई। लोकल जरूरतों के लिए लोकल startups खड़े हुये। एक स्टार्ट अप ने ग्राहकों को रसोई का जरूरी सामान पहुंचाने का काम किया, तो किसी ने दवाओं की doorstep delivery शुरू करवाई। किसी startup ने frontline workers के लिए transportation के संसाधन उपलब्ध करवाए, तो दूसरे ने online study material तैयार किए। यानि, इन स्टार्टअप्स ने ‘आपदा में अवसर’ भी खोजा, और विपदा में विश्वास भी बांधा।

साथियों,

आज startups की सफलता की ये कहानियाँ केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं हैं। आप देखिए, आज 8 अवार्ड्स तो ऐसे startups को मिले हैं जो metro cities में नहीं, बल्कि छोटे-छोटे शहरों में खड़े हुये हैं। कोई लखनऊ से है, कोई भोपाल से है, कोई सोनीपत से है, तो कोई कोच्चि और तिरुवनन्तपुरम से है। क्योंकि आज भारत का हर राज्य Startup India mission में भागीदार है। हर राज्य अपनी लोकल संभावनाओं के हिसाब से startups को support और incubate कर रहा है। और इसी का परिणाम है कि, आज भारत के 80 प्रतिशत जिले startup movement से जुड़ चुके हैं। हमारे 45 प्रतिशत startups आज tier-2 और tier-3 शहरों में आते हैं, जोकि लोकल products के ब्रांड एंबेसडर की तरह काम कर रहे हैं।

साथियों,

आज लोगों में स्वास्थ्य और खानपान को लेकर जो जागरूकता बढ़ी है, जो healthy बदलाव हो रहे हैं, उसमें भी startups के लिए नए अवसर बन रहे हैं। एक तरह से आज अगर कोई evergreen sector है तो वो food and agriculture sector ही है। भारत में इन सेक्टर्स की ग्रोथ पर विशेष जोर दिया जा रहा है। Agriculture से जुड़े infrastructure को आधुनिक बनाने के लिए देश ने एक लाख करोड़ का Agri Infra fund भी बनाया है। इससे हमारे start-ups के लिए नए रास्ते खुले हैं। आज startups किसानों के साथ collaboration कर रहे हैं। Farm से Table तक खाद्य उत्पाद और आसानी से, बेहतर क्वालिटी के साथ पहुंचे, इसमें भी startups अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

साथियों,

हमारे Start-up world की सबसे बड़ी USP है- उनकी Disruption and Diversification capacity. Disruption इसलिए, क्योंकि ये Start-ups आज नई approach, नई technology, और नए तौर तरीकों को जन्म दे रहे हैं। एक ही पटरी पर चलते जाने की जो सोच थी, हमारे start-ups उसको बदल रहे हैं। और दूसरा है diversification. आप देखिए, आज कितने सारे start-ups आ रहे हैं, और सब अलग-अलग ideas के साथ। ये startups हर sector में हैं, हर sector में एक नई क्रांति कर रहे हैं। आज हमारे startups का जो scale है, जो substance है वो अभूतपूर्व है। और सबसे बड़ी बात, इन startups को pragmatism से भी ज्यादा passion गाइड कर रहा है। जब भी किसी क्षेत्र में नई चुनौती आती है, तो कोई न कोई startups सामने आता है और कहता है कि ये काम हम करेंगे। भारत भी आज इसी startup spirit से काम कर रहा है। पहले जब भी कोई नई परिस्थिति आती थी, जब भी कुछ नया करना होता था तो पूछा जाता था कि ‘Who will do it’? लेकिन आज देश खुद ये कहता है कि ‘We will do it’. डिजिटल पेमेंट्स हो, सोलर सैक्टर का निर्माण हो, या AI revolution हो, देश ने पूछा नहीं कि ‘Who will do it’? देश ने तय किया- ‘We will do it’. और रिजल्ट्स आज हम सबके सामने हैं। आज BHIM UPI ने पेमेंट सिस्टम को revolutionize कर दिया है। दिसंबर में ही भारत में 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का ट्रांजेक्शन, UPI के माध्यम से हुआ है। सोलर sectors में भारत दुनिया का नेतृत्व करने की ओर बढ़ रहा है। अभी हाल के ही एक अध्ययन के मुताबिक दुनिया के बड़े देशों के मुक़ाबले भारत में AI का इस्तेमाल भी काफी तेजी से बढ़ा है।

साथियों,

जैसे startups किसी भी क्षेत्र में barriers को तोड़कर समाधान देते हैं, वैसे ही भारत आज हर क्षेत्र में पुराने barriers तोड़ रहा है। आज देश में गरीबों को, किसानों को, छात्रों को आर्थिक सहायता DBT के जरिए, direct benefit transfer के जरिए सीधे उनके खातों में मिल रही है। इससे सामान्य मानवी को परेशानियों से भी छुटकारा मिला है, और देश के करीब पौने दो लाख करोड़ रुपए का लीकेज भी रुका है। इसी तरह आज सरकार से जुड़ी हुई, बैंकिंग सैक्टर से जुड़ी ज्यादा सेवाएँ डिजिटल इंडिया ने सीधे मोबाइल में ही दे दी हैं। देश में ये बदलाव हमारे startups खुद भी महसूस कर रहे हैं।

आज GeM पोर्टल के जरिए सरकारी टेंडर्स में एक startup को भी उतना ही मौका मिल रहा है जितना किसी बड़ी कंपनी को। अब तक करीब 8 हजार startups GeM पोर्टल पर रजिस्टर हो चुके हैं, और इन्होंने लगभग 2300 करोड़ रुपए का व्यापार भी किया है। GeM पोर्टल पर कुल व्यापार आज लगभग 80 हजार करोड़ रुपए तक पहुँच रहा है। आने वाले समय में इसमें startups की हिस्सेदारी और भी बढ़ेगी। ये पैसा हमारे startups के पास पहुंचेगा तो लोकल manufacturing भी बढ़ेगी, बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा, और startups research और innovation में भी और ज्यादा invest करेंगे।

साथियों,

हमारे Startups को पूंजी की कमी न हो, इसके लिए देश ने अनेक कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में एक और अहम घोषणा मैं आज इस कार्यक्रम में कर रहा हूं। Startups को शुरुआती पूंजी उपलब्ध कराने के लिए देश एक हजार करोड़ रुपए का Startup India seed fund launch कर रहा है। इससे नए startups शुरू करने, और grow करने में मदद मिलेगी। Fund of funds scheme के जरिए startups को equity capital raise करने में पहले से ही मदद की जा रही है। आगे, सरकार startups को गारंटीज़ के जरिए debt capital raise करने में भी मदद करेगी।

साथियों,

भारत एक ऐसा startup ecosystem बनाने का प्रयास कर रहा है जिसका आधार स्तंभ Of the Youth, by the Youth, for the Youth का मंत्र हो। Startup India अभियान के जरिए हमारे युवाओं ने इन 5 सालों में इसकी मजबूत नींव तैयार की है। अब हमें अगले 5 सालों का लक्ष्य तय करना है। और ये लक्ष्य होना चाहिए कि हमारे startups, हमारे unicorns अब global giants के तौर पर उभरें। Futuristic technologies में हमारे startups lead करें। ये संकल्प हम सभी BIMSTEC देशों का सामूहिक संकल्प हों तो बहुत बड़ी आबादी को इसका लाभ मिलेगा, सभी देशों के लोगों का जीवन और बेहतर होगा। मैं जब BIMSTEC से जुड़े साथी देशों के स्टार्ट अप्स की Success stories देखता हूं, सुनता हूं, तो मेरी खुशी और बढ़ जाती है। मेरी BIMSTEC देशों के सभी स्टार्ट-अप्स को बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। मुझे विश्वास है, इस नए दशक में हम सब साथ मिलकर इस पूरे क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स को नई पहचान दिलाएंगे, BIMSTEC देशों के स्टार्ट अप्स की ताकत का ऐहसास पूरे विश्व को कराएंगे। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ, आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद और आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।