न केवल कंक्रीट की संरचना, बल्कि एक निश्चित उद्देश्य के साथ अवसंरचना निर्माण आज हमारा लक्ष्य है: प्रधानमंत्री
भारत की 21वीं सदी की जरूरतें 20वीं सदी के तरीकों से पूरी नहीं की जा सकतीं: प्रधानमंत्री
साइंस सिटी में मनोरंजक गतिविधियाँ हैं, जो बच्चों में रचनात्मकता को प्रोत्साहित करेंगी: प्रधानमंत्री
हमने रेलवे को न केवल सेवा प्रदाता के रूप में बल्कि, एक परिसंपत्ति के रूप में भी विकसित किया है: प्रधानमंत्री
यहां तक कि टियर 2 और टियर 3 शहरों के रेलवे स्टेशन भी आधुनिक सुविधाओं से लैस हो गए हैं: प्रधानमंत्री

नमस्‍कार,

मंत्री परिषद के मेरे साथी और गांधीनगर के सांसद श्रीमान अमित शाह जी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव जी, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी जी, उप मुख्यमंत्री नितिन भाई, केंद्रीय रेल राज्यमंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश जी, गुजरात सरकार के अन्य मंत्रिगण, संसद में मेरे साथी और गुजरात प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्‍यक्ष श्रीमान सीआर पाटिल जी, अन्‍य सांसदगण, विधायक गण, और मेरे प्रिय भाइयों और बहनों, आप सबने नमस्‍कार।

आज का दिन, 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाओं का, युवा भारत की भावनाओं और संभावनाओं का बहुत बड़ा प्रतीक है। साइंस और टेक्नॉलॉजी हो, बेहतरUrban Landscapeहो या फिरconnectivityका आधुनिकInfrastructure, नए भारत की नई पहचान में आज एक और कड़ी जुड़ रही है। मैंने यहां दिल्ली से तमामprojectsका लोकार्पण तो किया है, लेकिन इनको रूबरू देखने की उत्सुकता मैं बयान नहीं कर सकता। मैं मौका देखते ही खुद भी इसे देखने के लिए आऊंगा।

भाइयों और बहनों,

आज देश का लक्ष्य सिर्फConcreteकेStructureखड़ा करना नहीं है, बल्कि आज देश में ऐसेInfraका निर्माण हो रहा है जिनका अपनाएकCharacterहो। बेहतर पब्लिक स्पेस हमारी ज़रूरी आवश्यकता है, इस प्रकार से कभीपहले सोचा नहीं जाता था।हमारी अतीत कीUrban planning में इसको भीएक प्रकार सेलग्जरीके साथजोड़ दिया गया था। आपने भी गौर किया होगा कि रियल एस्टेट और हाउसिंग कंपनियों के प्रचार का फोकसक्‍या होता है-पार्क फेसिंग घर या फिर सोसायटी के विशेष पब्लिक स्पेस के इर्दगिर्द होता है। ये इसलिए होता है क्योंकि हमारे शहरों की एक बड़ी आबादी क्वालिटी पब्लिक स्पेस और क्वालिटी पब्लिक लाइफ से वंचित रही है। अबUrban Developmentकी पुरानी सोच को पीछे छोड़कर देशआधुनिकता की तरफआगे बढ़ रहा है।

साथियों,

अहमदाबाद में साबरमती का क्या हाल था, ये कौन भूल सकता है? आज वहां पानी की धारा के साथ-साथ रिवरफ्रंट, पार्क, ओपन जिम, सी प्लेनये सब हमारी सेवा में उपलब्‍ध हैं।यानि एक प्रकार से पूराecosystemबदल चुका है। यही बदलाव कांकरिया में किया गया है। पुराने अहमदाबाद की एक झील इतनी चहल-पहल का केंद्र बन जाएगी, ये पहले कभी सोचा ही नहीं गया।

साथियों,

बच्चों के स्वाभाविक विकास के लिए मनोरंजन के साथ-साथ उनके सीखने और उनकीcreativity को भी स्पेस मिलना चाहिए। साइंस सिटी एक ऐसा प्रोजेक्ट है जो री-क्रिएशन औरcreativity को आपस में जोड़ता है। इसमें ऐसीRe-creational activitiesहैं जो बच्चों मेंcreativity को बढ़ावा देती हैं। इसमें खेल-कूद है, मौज मस्ती है और इसके साथ-साथ ये बच्चों को कुछ नया सिखाने का प्लेटफॉर्म भी है। हमने देखा है, बच्चे अक्सर मां बाप से रोबोट्स और जानवरों के बड़े खिलौनों की डिमांड करते हैं। कुछ बच्चे कहते हैं घर में डायनासोर ले आओ, कोई शेर पालने की जिद करने लगता है। अब माता-पिता ये सब कहां से लाएंगे? बच्चों को ये विकल्प मिलता है साइंस सिटी में। जो ये नया नेचर पार्क बना है, ये विशेष रूप से मेरे नन्हे साथियों को बहुत पसंद आने वाला है। इतना ही नहीं, साइंस सिटी में बनीAquatics Gallery, वो तो और भी आनंदित करने वाली है। ये देश के ही नहीं बल्कि एशिया के टॉपAquariumमें से एक है। एक ही जगह पर दुनियाभर की समुद्री जैव विविधता के दर्शन अपने आप में अद्भुत अनुभव देनेवाले हैं।

वहींRobotics Galleryमें रोबोट्स के साथ बातचीत आकर्षण का केंद्र तो है ही, साथ ही येRoboticsके क्षेत्र में काम करने के लिए हमारे युवाओं को प्रेरित भी करेगा, बाल मन में जिज्ञासा जगाएगा। मेडिसिन, खेती, स्पेस, डिफेंस, ऐसे अनेक क्षेत्रों में रोबोट्स कैसे काम आ सकते हैं, इसका अनुभव यहां हमारे युवा साथी ले पाएंगे। और हां, रोबो कैफे में रोबोटिक शैफ का बनाया और रोबोट वेटर्स का परोसा खाना खाने का आनंदशायद ही वहां गया हुआ कोई व्‍यक्ति वहां जाए बिना रहेगा।कल जब सोशल मीडिया पर मैंने इनकी तस्वीरें पोस्ट कीं, तो ऐसी टिप्पणियां भी पढ़ने को मिलीं की- ऐसी तस्वीरें तो हम विदेशों में ही देखते थे। लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा कि ये तस्वीरें भारत की हैं, गुजरात की हैं। आज इस कार्यक्रम में, मेरा आग्रह है कि साइंस सिटी में ज्यादा से ज्यादा बच्चे आएं, विद्यार्थी आएं, स्कूलों के रेग्यूलर टूर्स हों, साइंस सिटी बच्चों से चह्कता रहे, दमकता रहे, तो इसकी सार्थकता और भव्यता और बढ़ेगी।

साथियों,

मेरे लिए ये बहुत खुशी की बात है कि गुजरात और गुजरात के लोगों का गौरव और बढ़ाने वाले ऐसे अनेक कार्यों का आज शुभारंभ हुआ है। आज अहमदाबाद शहर के साथ-साथ गुजरात की रेल कनेक्टिविटी भी, और आधुनिक, और ज्यादा सशक्त हुई है। गांधीनगर और वडनगर स्टेशन का नवीनीकरण हो, मेहसाणा-वरेठा लाइन का चौड़ीकरण और बिजलीकरण हो, सुरेंद्रनगर-पीपावाव सेक्शन का बिजलीकरण हो, गांधीनगर कैपिटल-वरेठा मेमू सेवा की शुरुआत हो, या फिर गांधीनगर कैपिटल-वाराणसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस का शुभारंभ हो, इन सभी सुविधाओं के लिए गुजरात वासियों को बहुत-बहुत बधाई। गांधीनगर से बनारस के बीच ट्रेन, एक तरह से सोमनाथकी धरतीको विश्वनाथकी धरती से जोड़ने का बड़ा काम है।

भाइयों और बहनों,

21वीं सदी के भारत की ज़रूरत 20वीं सदी के तौर-तरीकों से पूरी नहीं हो सकती थी। इसलिए रेलवे में नए सिरे सेReformकी जरूरत थी। हमने रेलवे को सिर्फ एक सर्विस के तौर पर नहीं बल्कि एकAssetके तौर पर विकसित करने के लिए काम शुरु किया। आज इसके परिणाम दिखने लगे हैं, आज भारतीय रेलवे की पहचान, उसकी साख बदलने लगी है। आज भारतीय रेल में सुविधा भी बढ़ी है, स्वच्छता भी बढ़ी है, सुरक्षा भी बढ़ी है और स्पीड भी बढ़ी है। चाहे वोInfrastructure काmodernizationया नई आधुनिक ट्रेने हों, इस तरह के कितने ही प्रयास ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने के लिए किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में जैसे ही dedicatedफ्रेट corridor शुरू हो जाएंगे, ट्रेनों की स्पीड और बढ़ेगी। तेजस और वंदेभारत जैसी आधुनिक ट्रेनें तो हमारे ट्रैक पर चलने भी लगी हैं। आज ये ट्रेनें यात्रियों को एक नया और अद्भुत अनुभव दे रही हैं। विस्टाडोम कोचेस का वीडियो भी आपने सोशल मीडिया पर जरूर देखा होगा।

जो लोग Statue of Unity गए होंगे उन्‍होंने इसका लाभ भीलियाहोगा। येCoaches ease and feel of journeyको एक नए आयाम पर पहुंचाते हैं। ट्रेन में चलने वाले सभी लोग अब ये भी अनुभव कर रहे हैं कि हमारी ट्रेनें, हमारेplatformsऔरहमारेtracksपहले से कितनी साफ रहने लगे हैं। इसमें बहुत बड़ा योगदान उन 2 लाख से ज्यादा bio-toilets का भी है जो कोचेस मेंinstall की गए हैं।

इसी तरह, आज देशभर में प्रमुख रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। टीयर 2 और टीयर 3 शहरों के रेलवे स्टेशन भी अबWi-Fiसुविधा से लैस हो रहे हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखें तो ब्रॉड गेज परunmanned railway crossingsको पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।कभी भीषण हादसों और अव्यवस्था की शिकायतों के लिए मीडिया में छाई रहने वाली भारतीय रेल आज positivity लेकर आती है। आज भारतीय रेल को दुनिया के आधुनिकतम नेटवर्क और मेगा प्रोजेक्ट्स के लिए चर्चा में स्थान मिलता है। आज भारतीय रेल को देखने का अनुभव और नज़रियादोनों बदल रहे हैं। और मैं गर्व से कहूंगा कि आज के ये प्रोजेक्ट- भारतीय रेल के इसी नए अवतार की झांकी हैं।

साथियों,

मेरा ये स्पष्ट मत रहा है कि रेलवे देश के कोने-कोने तक पहुंचे, इसके लिए रेलवे काHorizontal Expansionज़रूरी है। इसके साथ-साथ रेलवे में कैपेसिटी बिल्डिंग, रिसोर्स बिल्डिंग, नई टेक्नॉलॉजी और बेहतर सेवाओं के लिएVertical Expansionभी उतना ही ज़रूरी है। बेहतरीन ट्रैक, आधुनिक रेलवे स्टेशन और रेल ट्रैक के ऊपर आलीशान होटल, गांधीनगर रेलवे स्टेशन का ये प्रयोग भारतीय रेलवे में एक सार्थक बदलाव की शुरुआत है। रेल से सफर करने वाले सामान्य नागरिक को भी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलें, महिलाओं और छोटे बच्चों की विशेष ज़रूरतों को देखते हुए उनके लिए अच्छी व्यवस्था हो, ऐसा आधुनिक और सुविधाजनक स्टेशन आज देश को, गांधीनगर को मिल रहा है।

साथियों,

गांधीनगर का नया रेलवे स्टेशन देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर माइंडसेट में आ रहे बदलाव को भी दर्शाता है। लंबे समय तक भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी एक वर्गभेद को प्रोत्साहित किया गया।और मैं आपको बताना चाहूंगा, आप सब तो भलीभांति गुजरात के लोग जानते हैं , हम लोगों ने एक प्रयोग किया था जब मैं गुजरात मुझे वहां सेवा करने का मौका मिला था। हमारे जोbus stationsहैं उनbus stationsको आधुनिक बनाने की दिशा में काम किया।Public-Private Partnership Modelपर काम किया। और जो कभीbus stationsकैसी हालत रहती थी, आज हमारे गुजरात में कईbus stationsआधुनिक बन चुके हैं। एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं bus stations पर नजर आ रही हैं।

और जब मैं दिल्‍ली आया तो मैंने अपने अफसरों को गुजरात के bus stations देखने के लिए भेजा था, रेलवे के अधिकारियों को। और मैंने उनको समझाया था कि हमारे रेलवे स्‍टेशन ऐसे क्‍यों नहीं होने चाहिए।Land useकाOptimum Utilizationहो, रेलवे स्‍टेशन पर बहुत बड़ीeconomy activityहो, और रेलवे अपने-आप में सिर्फ ट्रेन का आवागमन नहीं एक प्रकार से इकॉनामी का ऊर्जा सेंटर बन सकता है। जैसे एयरपोर्ट का विकास होता है, जैसे गुजरात में बस स्‍टेशनों के विकास का काम हुआ है, वैसे ही रेलवे के स्‍टेशनों का भीPublic-Private Partnership Modelपर विकास करने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। आज गांधीनगर उसकी शुरूआत है।जनसुविधाओं में ऐसा वर्गीकरण, ये जो इसके लिए, उसके लिए, अमीरों के लिए हो रहा है ये सब बेकार बातें हैं। समाज के हर वर्ग को व्‍यवस्‍थाएं मिलनी चाहिए।

साथियों,

गांधीनगर का आधुनिक रेलवे स्टेशन इस बात का भी बहुत बड़ा प्रमाण है कि रेलवे के संसाधनों का सदुपयोग करते हुए, इसको आर्थिक गतिविधियों का सेंटर भी बनाया जा सकता है। आधुनिक टेक्नॉलॉजी का उपयोग करते हुए, ट्रैक के ऊपर ऐसा होटल बना दिया है, जहां से रेल चलती हुई तो दिख सकती है, लेकिन महसूस नहीं होती। ज़मीन उतनी ही है, लेकिन उसका उपयोग दोगुना हो गया है। सुविधा भी बेहतरीन, पर्यटन और व्यापार-कारोबार भी उत्तम। जहां से रेल गुज़रती है उससे प्राइम लोकेशन भला क्या हो सकती है?

इस रेलवे स्टेशन से महात्मा मंदिर का जो भव्य दृष्य दिखता है, दांडी कुटीर दिखती है, वो भी अद्भुत हैं। दांडी कुटीर म्यूजियम आने वाले लोग या वाइब्रेंट गुजरात समिट में आने वाले लोग जब इसे देखेंगे तो उनके लिए ये भी एक टूरिस्ट स्पॉट बन जाएगा।और आज रेलवे का ये जो कायाकल्‍प हुआ है, महात्‍मा मंदिर से सट करके हुआ है, इसके कारण महात्‍मा मंदिर का महात्‍मय भी अनेक गुना बढ़ गया है। अब लोग छोटी-मोटी कॉन्‍फ्रेंस करने के लिए इस होटल का भी उपयोग करेंगे, महात्‍मा मंदिर का भी उपयोग करेंगे। यानी एक प्रकार से सालभर अनेक इवेंट्स के लिए यहां एक सार्वजनिक रूप से व्‍यवस्‍था मिल गई है। और एयरपोर्ट से इधर 20 मिनट के रास्‍ते पर, आप कल्‍पना कर सकते हैं कि देश-विदेश के लोग इसका कितना उपयोग कर सकते हैं।

भाइयों और बहनों,

कल्पना कीजिए, पूरे देश में रेलवे का इतना बड़ा नेटवर्क है, इतने अधिक संसाधन हैं, इस तरह की कितनी संभावनाएं उसमें छिपी हुई हैं। साथियों, भारत जैसे विशाल देश में रेलवे की भूमिका हमेशा से बहुत बड़ी रही है। रेलवे अपने साथ-साथ विकास के नए आयाम, सुविधाओं के नए आयाम लेकर भी पहुंचती है। ये बीते कुछ वर्षों का प्रयास है कि आज नॉर्थ ईस्ट की राजधानियों तक पहली बार रेल पहुंच रही है, तो बहुत जल्द श्रीनगर भी कन्याकुमारी से रेल के माध्यम से जुड़ने वाला है। आज वडनगर भी इसExpansionका हिस्सा बन चुका है। मेरी तो वडनगर स्टेशन से कितनी ही यादें जुड़ी हैं। नया स्टेशन वाकई बहुत आकर्षक लग रहा है। इस नई ब्रॉडगेज लाइन के बनने सेवडनगर-मोढेरा-पाटन हेरिटेज सर्किट अब बेहतर रेल सेवा से कनेक्ट हो गया है। इससे अमदाबाद-जयपुर-दिल्ली मेन लाइन से सीधी कनेक्टिविटी हो गई है। इस लाइन के शुरु होने से इस पूरे क्षेत्र में सुविधा के साथ-साथ रोज़गार और स्वरोज़गार के नए अवसर भी खुल गए हैं।

साथियों,

महसाणा-वरेठा लाइन जहां हमारी धरोहर से हमें कनेक्ट करती है, तो सुरेंद्रनगर-पीपावाव लाइन का विद्युतीकरण हमें भारतीय रेल के भविष्य से जोड़ता है। ये भारतीय रेल के इतिहास में बसे कम समय में पूरा होने वाले प्रोजेक्ट में से एक है। ये रेल लाइन एक महत्वपूर्ण पोर्ट कनेक्टिविटी रूट होने के साथ-साथ वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए फीडर रूट भी है। ये रेल मार्ग पीपावाव बंदरगाह से देश के उत्तरी भागों के लिए डबल स्टैक कंटेनरों वाली मालगाड़ी की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने वाला है।

साथियों,

देश में यात्रा हो या फिरGoods Transport, कम समय, कम खर्च और बेहतर सुविधा आज 21वीं सदी के भारत की प्राथमिकता है। इसलिए आज देश मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी की तरफ कदम बढ़ा रहा है। इसके लिए एक विस्तृत रोडमैप पर काम चल रहा है। मुझे विश्वास है, ट्रांसपोर्ट के अलग-अलग मोड को जोड़कर, लास्ट माइल कनेक्टिविटी, आत्मनिर्भर भारत के अभियान को और गति देगी।

साथियों,

नए भारत के विकास की गाड़ी दो पटरियों पर एक साथ चलते हुए ही आगे बढ़ेगी। एक पटरी आधुनिकता की, दूसरी पटरी गरीब, किसान और मध्यम वर्ग के कल्याण की। इसलिए आज भारत में एक तरफNext Generation Infrastructureके निर्माण पर इतना काम हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ इनका लाभ गरीब को, किसान को, मध्यम वर्ग को मिले, ये भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

भाइयों और बहनों,

गुजरात और देश के विकास के इन कार्यों के बीच, हमें कोरोना जैसी महामारी का भी ध्यान रखना है। बीते डेढ़ साल में 100 वर्ष की सबसे बड़ी महामारी ने हम सभी के जीवन को बहुत प्रभावित किया है। कोरोना संक्रमण ने अनेक साथियों को असमय हमसे छीना है। लेकिन एक राष्ट्र के रूप में हम पूरे सामर्थ्य से इसका मुकाबला कर रहे हैं।गुजरात ने भी बहुत परिश्रम के साथ संक्रमण की गति को बढ़ने से रोका है।

अब हमें अपने आचरण से और टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंटऔर टीकाके मंत्र से कोरोना संक्रमण की दर को नीचे ही रखना है। इसलिए बहुत सावधान और सतर्क रहने की ज़रूरत है। इसके साथ ही हमें, वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को निरंतर तेज़ करना आवश्यक है। मुझे खुशी है कि गुजरात 3 करोड़ टीकों के पड़ाव पर पहुंचने वाला है। केंद्र सरकार ने टीकों की उपलब्धता से जुड़ी जो जानकारी पहले ही साझा करनी शुरु की है, उससे गुजरात को वैक्सीनेशन सेंटर स्तर की रणनीति बनाने में मदद मिली है। सभी के प्रयासों से टीकाकरण से जुड़े अपने लक्ष्यों को हम तेज़ी से हासिल कर पाएंगे, इसी विश्वास के साथ एक बार फिर से नई परियोजनाओं के लिएआप सबकोबहुत-बहुत बधाई।

धन्यवाद !

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PM Modi addresses the Parliament of Guyana
November 21, 2024


Prime Minister Shri Narendra Modi addressed the National Assembly of the Parliament of Guyana today. He is the first Indian Prime Minister to do so. A special session of the Parliament was convened by Hon’ble Speaker Mr. Manzoor Nadir for the address.

In his address, Prime Minister recalled the longstanding historical ties between India and Guyana. He thanked the Guyanese people for the highest Honor of the country bestowed on him. He noted that in spite of the geographical distance between India and Guyana, shared heritage and democracy brought the two nations close together. Underlining the shared democratic ethos and common human-centric approach of the two countries, he noted that these values helped them to progress on an inclusive path.

Prime Minister noted that India’s mantra of ‘Humanity First’ inspires it to amplify the voice of the Global South, including at the recent G-20 Summit in Brazil. India, he further noted, wants to serve humanity as VIshwabandhu, a friend to the world, and this seminal thought has shaped its approach towards the global community where it gives equal importance to all nations-big or small.

Prime Minister called for giving primacy to women-led development to bring greater global progress and prosperity. He urged for greater exchanges between the two countries in the field of education and innovation so that the potential of the youth could be fully realized. Conveying India’s steadfast support to the Caribbean region, he thanked President Ali for hosting the 2nd India-CARICOM Summit. Underscoring India’s deep commitment to further strengthening India-Guyana historical ties, he stated that Guyana could become the bridge of opportunities between India and the Latin American continent. He concluded his address by quoting the great son of Guyana Mr. Chhedi Jagan who had said, "We have to learn from the past and improve our present and prepare a strong foundation for the future.” He invited Guyanese Parliamentarians to visit India.

Full address of Prime Minister may be seen here.