"जी-20 के लोगो के माध्यम से विश्व बंधुत्व की भावना परिलक्षित हो रही है"
"जी-20 के लोगो में कमल इस कठिन समय में आशा का प्रतीक है"
"जी-20 की अध्यक्षता भारत के लिए सिर्फ एक राजनयिक बैठक नहीं है, यह एक नई जिम्मेदारी है और भारत में दुनिया के भरोसे का एक पैमाना है"
"जब हम अपनी प्रगति के लिए प्रयास करते हैं, तो हम वैश्विक प्रगति की भी परिकल्पना करते हैं"
"पर्यावरण हमारे लिए एक वैश्विक हित के साथ-साथ व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है"
"हमारा प्रयास रहेगा कि विश्व में कोई भी फर्स्ट वर्ल्ड या थर्ड वर्ल्ड न हो, बल्कि केवल वन वर्ल्ड हो"
"जी-20 में हमारा मंत्र है- एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य"
“जी-20 दिल्ली या कुछ स्थानों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। प्रत्येक नागरिक, राज्य सरकार और राजनीतिक दल को इसमें भाग लेना चाहिए”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारत की जी-20 की अध्यक्षता के लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण किया।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 1 दिसंबर, 2022 से, भारत जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 ऐसे देशों का समूह है जिनका आर्थिक सामर्थ्य विश्व की 85 प्रतिशत जीडीपी का प्रतिनिधित्व करता है, जो विश्व के 75 प्रतिशत व्यापार का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें विश्व की दो-तिहाई जनसंख्या समाहित है। इसे एक बड़ा अवसर बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के वर्ष के दौरान जी-20 की अध्यक्षता करना हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है, उसका गौरव बढ़ाने वाली बात है। प्रधानमंत्री ने जी-20 और संबंधित आयोजनों को लेकर बढ़ती रुचि और गतिविधियों पर प्रसन्नता व्यक्त की।

जी-20 लोगो के शुभारंभ में नागरिकों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को लोगो के लिए हजारों रचनात्मक विचार प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री ने सभी को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि ये सुझाव वैश्विक आयोजन का चेहरा बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 का यह लोगो केवल एक प्रतीक चिन्ह नहीं है। यह एक संदेश है। यह एक भावना है, जो हमारी रगों में है। यह एक संकल्प है, जो हमारी सोच में शामिल रहा है। उन्होंने कहा कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के माध्यम से यह एक संकल्प है, जो हमारी सोच में शामिल रहा है। उन्होंने कहा कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के मंत्र के जरिए विश्व बंधुत्व की जिस भावना को हम जीते आए हैं, वह विचार इस लोगो और थीम में प्रतिबिंबित हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, इस लोगो में कमल का फूल, भारत की पौराणिक धरोहर, हमारी आस्था, हमारी बौद्धिकता, को चित्रित कर रहा है। अद्वैत का दर्शन, सभी प्राणियों की एकता पर जोर देता है और यह दर्शन आज के संघर्षों के समाधान का माध्यम होगा। यह लोगो और थीम भारत के कई प्रमुख संदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा, "युद्ध से मुक्ति के लिए बुद्ध का संदेश, हिंसा के संदर्भ में महात्मा गांधी के समाधान, जी-20 के माध्यम से, भारत उन्हें एक नई ऊंचाई दे रहा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जी-20 की अध्यक्षता संकट और अराजकता के समय में कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया एक सदी में एक बार आने वाली भयंकर वैश्विक महामारी, संघर्षों और बहुत सारी आर्थिक अनिश्चितता के विनाशकारी प्रभावों से निपट रही है। उन्होंने कहा, "जी-20 के लोगो में कमल ऐसे कठिन समय में आशा का प्रतीक है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही दुनिया एक बड़े संकट में है, फिर भी हम इसे एक बेहतर जगह बनाने की दिशा में प्रगति कर सकते हैं। भारत की संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्ञान और समृद्धि दोनों की देवी कमल पर विराजमान हैं। प्रधानमंत्री ने जी-20 के लोगो में कमल पर रखी धरती की ओर इशारा किया और कहा कि साझा ज्ञान हमें कठिन परिस्थितियों से उबरने में मदद करता है, जबकि साझा समृद्धि हमें अंतिम छोर तक पहुंचने में सक्षम बनाती है। उन्होंने कमल की सात पंखुड़ियों के महत्व को समझाया जो सात महाद्वीपों और सात सार्वभौमिक संगीत के स्वर का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने कहा, "जब सात संगीत स्वर एक साथ आते हैं, तो वे पूर्ण सामंजस्य बनाते हैं।" श्री मोदी ने कहा कि जी-20 का उद्देश्य विविधता का सम्मान करते हुए दुनिया को एक साथ लाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन केवल राजनयिक बैठक नहीं है। भारत इसे एक नई जिम्मेदारी और दुनिया के भरोसे के तौर पर लेता है। उन्होंने कहा, “आज विश्व में भारत को जानने की, भारत को समझने की एक अभूतपूर्व जिज्ञासा है। आज भारत का नए आलोक में अध्ययन किया जा रहा है। हमारी वर्तमान की सफलताओं का आकलन किया जा रहा है। हमारे भविष्य को लेकर अभूतपूर्व आशाएं प्रकट की जा रही हैं।” उन्होंने कहा, "ऐसे माहौल में यह नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे इन अपेक्षाओं से आगे बढ़कर दुनिया को भारत की क्षमताओं, दर्शन, सामाजिक और बौद्धिक ताकत से परिचित कराएं।" उन्होंने कहा, "हमें सभी को एकजुट करना है और दुनिया के प्रति उनकी जिम्मेदारी के लिए उन्हें सक्रिय करना है।"

श्री मोदी ने कहा कि भारत को आज इस मुकाम तक पहुंचने में हजारों साल का सफर तय करना पड़ा है। “हमने समृद्धि के उच्च स्तर और वैश्विक इतिहास में सबसे काला दौर भी देखा है। भारत कई आक्रमणकारियों और उनके अत्याचारों के इतिहास के साथ यहां पहुंचा है। वे अनुभव आज भारत की विकास यात्रा की सबसे बड़ी ताकत हैं। आजादी के बाद हमने जीरो से शुरू करते हुए एक बड़े सफर की शुरुआत की, जिसका लक्ष्य शिखर पर पहुंचना था। इसमें पिछले 75 वर्षों में सभी सरकारों के प्रयास शामिल हैं। सभी सरकारों और नागरिकों ने मिलकर अपने-अपने तरीके से भारत को आगे ले जाने का प्रयास किया। इसी भावना के साथ आज हमें एक नई ऊर्जा के साथ पूरी दुनिया को साथ लेकर आगे बढ़ना है।"

प्रधानमंत्री ने भारत की संस्कृति के एक महत्वपूर्ण सबक को रेखांकित करते हुए कहा, "जब हम अपनी प्रगति के लिए प्रयास करते हैं, तो हम वैश्विक प्रगति की भी परिकल्पना करते हैं।” उन्होंने भारतीय सभ्यता की लोकतांत्रिक विरासत पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा, "भारत विश्व का इतना समृद्ध और सजीव लोकतंत्र है। हमारे पास लोकतंत्र के संस्कार भी हैं, और मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में गौरवशाली परंपरा भी है। भारत के पास जितनी विशिष्टता है, उतनी ही विविधता भी है। यह डेमोक्रेसी, यह डायवर्सिटी, यह इंडीजीनस अप्रोच, यह इंक्लूसिव सोच, यह लोकल लाइफस्टाइल, यह ग्लोबल थॉट, आज वर्ल्ड इन्हीं आइडियाज में अपनी सभी चुनौतियों के समाधान देख रहा है।”

लोकतंत्र के अलावा, प्रधानमंत्री ने सतत विकास के क्षेत्र में भारत के प्रयासों के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "हमें सतत विकास को केवल सरकारों की एक प्रणाली के बजाय व्यक्तिगत जीवन का एक हिस्सा बनाना है। पर्यावरण हमारे लिए एक वैश्विक हित के साथ-साथ व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है।” उन्होंने आयुर्वेद के योगदान पर भी प्रकाश डाला और योग तथा मोटे अनाज के लिए वैश्विक उत्साह के बारे में भी चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की कई उपलब्धियों का इस्तेमाल दुनिया के दूसरे देश कर सकते हैं। विकास, समावेशन, भ्रष्टाचार को दूर करने, व्यापार करने में आसानी और जीवनयापन की सुगमता में डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग कई देशों के लिए टेम्पलेट हो सकता है। प्रधानमंत्री ने जन धन खाते के माध्यम से भारत के महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और वित्तीय समावेशन पर भी प्रकाश डाला, जो जी-20 की अध्यक्षता के अवसर के माध्यम से दुनिया तक पहुंचेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया सामूहिक नेतृत्व की ओर आशा से देख रही है चाहे वह जी 7, जी 77 या यूएनजीए हो। ऐसे में भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता का एक महत्व है। उन्होंने विस्तार से बताया कि भारत एक ओर विकसित देशों से घनिष्ठ रिश्ते रखता है, और साथ ही विकासशील देशों के दृष्टिकोण को भी अच्छी तरह से समझता है, उनकी अभिव्यक्ति करता है। उन्होंने कहा, "इसी आधार पर हम 'ग्लोबल साउथ' के सभी दोस्तों के साथ मिलकर अपने जी-20 की अध्यक्षता का खाका तैयार करेंगे, जो दशकों से विकास के पथ पर भारत के सह-यात्री रहे हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि विश्व में कोई भी फर्स्ट वर्ल्ड या थर्ड वर्ल्ड न हो, बल्कि केवल वन वर्ल्ड हो। भारत के दृष्टिकोण और बेहतर भविष्य के लिए पूरी दुनिया को एक साथ लाने के साझे उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत ने वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड के मंत्र के साथ विश्व में रिन्यूएबल एनर्जी में रिवोल्यूशन का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने वन अर्थ, वन हेल्थ के मंत्र के साथ ग्लोबल हेल्थ को मजबूत करने का अभियान शुरू किया है। अपनी बात को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जी-20 में भी हमारा मंत्र है- एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह भारत के विचार और मूल्य हैं जो दुनिया के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं।" उन्होंने यह भी कहा, "मुझे यकीन है, यह आयोजन न केवल भारत के लिए एक यादगार होगा, बल्कि भविष्य इसका विश्व के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में भी आकलन करेगा।"

यह बताते हुए कि जी-20 केवल केंद्र सरकार का आयोजन नहीं है, प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों के साथ-साथ सभी राजनीतिक दलों से इस प्रयास में सक्रिय रूप से भाग लेने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम भारत के लोगों द्वारा आयोजित किया जाता है और जी-20 हमारे लिए 'गेस्ट इज गॉड' की अपनी परंपरा की एक झलक दिखाने का एक बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा कि जी-20 से जुड़े कार्यक्रम सिर्फ दिल्ली या कुछ जगहों तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि देश के कोने-कोने में कार्यक्रम होंगे। श्री मोदी ने कहा, "हमारे प्रत्येक राज्य की अपनी विशेषताएं, विरासत, संस्कृति, सुंदरता, आभा और आतिथ्य है।" प्रधानमंत्री ने राजस्थान, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के आतिथ्य का उदाहरण देते हुए कहा कि यह आतिथ्य और विविधता है जो दुनिया को चकित करती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वे भारत की जी-20 की अध्यक्षता की औपचारिक घोषणा के लिए अगले सप्ताह इंडोनेशिया जाएंगे और भारत के सभी राज्यों व राज्य सरकारों से इस संबंध में अपनी भूमिका को यथासंभव आगे बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "देश के सभी नागरिकों और बुद्धिजीवियों को भी इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिए आगे आना चाहिए।" उन्होंने सभी से अपने सुझाव भेजने और जी-20 की नई वेबसाइट पर अपने विचार व्यक्त करने का आग्रह किया कि कैसे भारत दुनिया के कल्याण में अपनी भूमिका को सर्वाधिक कर सकता है। अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा, "यह जी-20 जैसे आयोजन की सफलता को नई ऊंचाइयां देगा।" उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है, यह आयोजन न केवल भारत के लिए एक यादगार होगा, बल्कि भविष्य इसका विश्व के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में भी आकलन करेगा।”

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, वैश्विक मंच पर नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए भारत की विदेश नीति विकसित हो रही है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारत 1 दिसंबर, 2022 को जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। जी-20 की अध्यक्षता भारत को अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मुद्दों पर वैश्विक एजेंडे में योगदान करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। हमारी जी-20 की अध्यक्षता का लोगो, थीम और वेबसाइट भारत के संदेश और दुनिया की व्यापक प्राथमिकताओं को दर्शाएंगे।

जी-20 ऐसे देशों का समूह है जिनका आर्थिक सामर्थ्य विश्व की 85 प्रतिशत जीडीपी का प्रतिनिधित्व करता है, जो विश्व के 75 प्रतिशत व्यापार का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें विश्व की दो-तिहाई जनसंख्या समाहित है। जी-20 की अध्यक्षता के दौरान, पूरे भारत में कई स्थानों पर 32 विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 200 बैठकें आयोजित की जाएंगी। अगले साल होने वाला जी-20 शिखर सम्मेलन भारत द्वारा आयोजित किए जाने वाले शीर्ष स्तर के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में से एक होगा।

जी-20 इंडिया की वेबसाइट https://www.g20.in/en/ पर देखी जा सकती है।

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Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella meets Prime Minister, Shri Narendra Modi
January 06, 2025

Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella met with Prime Minister, Shri Narendra Modi in New Delhi.

Shri Modi expressed his happiness to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. Both have discussed various aspects of tech, innovation and AI in the meeting.

Responding to the X post of Satya Nadella about the meeting, Shri Modi said;

“It was indeed a delight to meet you, @satyanadella! Glad to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. It was also wonderful discussing various aspects of tech, innovation and AI in our meeting.”