"प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, आज दी गई पहली किस्त ने त्रिपुरा के सपनों को नया हौसला दिया है"
"डबल इंजन की सरकार पूरी ताकत और ईमानदारी से त्रिपुरा के विकास में जुटी है"
"नागरिकों के कल्याण के लिए अनावश्यक नियमों को बाधा नहीं बनने दिया गया है"
"पहले देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों से हमारी नदियां तो पूरब की ओर आती थीं, लेकिन विकास की गंगा यहाँ पहुँचने से पहले ही सिमट जाती थी"
'लेकिन आज देश के विकास को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना से देखा जाता है; विकास को अब देश की एकता-अखंडता का पर्याय माना जाता है”
“देश अब हर साल 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाएगा; यह दिवस न केवल जनजातीय समाज के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन होगा, बल्कि यह सौहार्दपूर्ण समाज के प्रतीक के रूप में भी उभरेगा”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिपुरा के 1.47 लाख से अधिक लाभार्थियों को पीएमएवाई-जी की पहली किस्त हस्तांतरित की। इस अवसर पर लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 700 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए। प्रधानमंत्री की पहल के बाद, त्रिपुरा की अनूठी भू-जलवायु स्थिति को ध्यान में रखते हुए, विशेष रूप से राज्य के लिए 'कच्चा' घर की परिभाषा बदल दी गई है। परिणामस्वरूप, इतनी बड़ी संख्या में 'कच्चे' घरों में रहने वाले लाभार्थी 'पक्का' घर बनाने के लिए सहायता प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों से बातचीत भी की।

प्रधानमंत्री ने धलाई, त्रिपुरा की अनिता कुकी देबबर्मा के साथ संवाद करते हुए उनसे उनके जीवन एवं आजीविका के बारे में पूछा और उनसे एक मजबूत एवं उत्कृष्ट घर बनाने को कहा, क्‍योंकि शीघ्र ही उनके पास एक पक्का घर होगा। प्रधानमंत्री ने उन्हें बताया कि जब से यह सरकार सत्ता में आई है, तभी से गरीबों और जनजातीय वर्ग का कल्याण उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। एकलव्य विद्यालय, वन उपज संबंधी योजनाएं तैयार करके उन्‍हें जमीनी स्‍तर पर कार्या‍न्वित किया जाता है। उन्‍होंने लाभार्थी से अपने बच्चों को शिक्षा देने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने सेपाहिजाला की श्रीमती सोमा मजूमदार से इस योजना से लाभान्वित होने के उनके अनुभव के बारे में पूछा। प्रधानमंत्री ने यह भी पूछा कि नया पक्का घर मिलने के बाद उनका जीवन किस तरह से बेहतर होगा। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस योजना की बदौलत उनका अपना पक्का घर होने का सपना साकार हो रहा है और इससे मानसून के दौरान काफी सहूलियत होगी। प्रधानमंत्री ने उनसे आग्रह किया कि इन किस्‍तों को केवल अपने घर के निर्माण पर ही खर्च करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य लाभार्थियों को बिना किसी परेशानी या बिचौलिए के योजना का लाभ दिलाना है।

प्रधानमंत्री ने उत्तरी त्रिपुरा के श्री समीरन नाथ से पूछा कि क्या उन्हें अपने घर के निर्माण के लिए ‘पीएमएवाई-जी’के तहत किस्‍तों से जुड़े लाभों के बारे में पता है। प्रधानमंत्री ने उनसे योजना-पूर्व विभिन्‍न गतिविधियों जैसे कि सर्वेक्षण से जुड़े उनके अनुभव के बारे में भी पूछा जो उनके घर के निर्माण के लिए किया गया था। प्रधानमंत्री ने उनसे यह भी पूछा कि क्या उन्हें इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने में किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा या क्या उन्होंने लाभ प्राप्त करने के लिए रिश्वत का सहारा लिया। प्रधानमंत्री ने इससे पहले की व्‍यवस्‍था की कड़ी आलोचना की जिसमें लाभार्थियों को बिना रिश्वत दिए कोई भी लाभ नहीं मिल पाता था।

दक्षिण त्रिपुरा की श्रीमती कादर बिया से बातचीत करते हुए, प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या वह जानती हैं कि इस स्कीम के तहत उन्हें किस्तों के रूप में कितनी राशि प्राप्त होगी। प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने कभी यह सपना देखा था कि उनकी इच्छा के अनुरूप और जिस प्रकार के घर की उन्होंने उम्मीद की थी, सरकार ऐसे घर के निर्माण में वित्तीय रूप से उनकी सहायता करेगी। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि पक्का घर उनके जीवन में खुशियां लाएगा। उन्होंने कहा कि श्रीमती बिया जैसे लाभार्थी इसके प्रमाण हैं कि सरकार बिना किसी भेदभाव और बिचौलियों के, उनके लिए लाभ सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार नागरिकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री और उनकी टीम की त्वरित गति से कार्य करने के लिए सराहना की और कहा कि चाहे बिप्लब कुमार देब जी की सरकार हो या मोदी सरकार हो, नागरिकों के कल्याण में अनावश्यक नियमों को बाधा नहीं बनने दिया गया है। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि जहां तक संभव है, पीएमएवाई के तहत घर महिलाओं के नाम पर हैं।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम त्रिपुरा के लिए आने वाले अच्छे दिनों तथा उम्मीद का संकेत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में बिप्लब देब जी की सरकार और केन्द्र की सरकार राज्य की प्रगति को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री मोदी ने कहा, “आज प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दी गई पहली किस्त ने त्रिपुरा के सपनों को भी नया हौसला दिया है। मैं पहली किस्त का लाभ पाने वाले करीब-करीब डेढ़ लाख परिवारों को, सभी त्रिपुरा-वासियों को हृदय से बधाई देता हूँ।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब त्रिपुरा को गरीब बनाए रखने वाली, त्रिपुरा के लोगों को सुख-सुविधाओं से दूर रखने वाली सोच की त्रिपुरा में कोई जगह नहीं है। अब यहां डबल इंजन की सरकार पूरी ताकत और ईमानदारी से राज्य के विकास में जुटी है।

क्षेत्र के प्रति लंबे समय से व्याप्त उपेक्षा की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों से हमारी नदियां तो पूरब की ओर आती थीं, लेकिन विकास की गंगा यहाँ पहुँचने से पहले ही सिमट जाती थीं। उन्होंने जोर देकर कहा, “देश के समग्र विकास को टुकड़ों में देखा जाता था, सियासी चश्मे से देखा जाता था। इसलिए, हमारा पूर्वोत्तर खुद को उपेक्षित महसूस करता था।”उन्होंने यह भी कहा, “लेकिन आज देश के विकास को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’की भावना से देखा जाता है। विकास को अब देश की एकता-अखंडता का पर्याय माना जाता है।”

प्रधानमंत्री ने देश के विकास में उनके अमूल्य योगदान के लिए भारत की आत्मविश्वास से भरपूर महिला शक्ति की विशेष रूप से चर्चा की। श्री मोदी ने कहा कि इस महिला शक्ति का बहुत बड़ा प्रतीक, हमारे महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप भी हैं। इन एसएचजी को जन-धन खातों के साथ जोड़ा गया है। ऐसे समूहों के लिए उपलब्ध बिना गिरवी के ऋण को दोगुना कर बीस लाख रुपये कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने जीवन जीने को और अधिक आसान बनाने की चर्चा करते हुए कहा कि पहले अपने एक-एक काम के लिए आम आदमी को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब सभी सेवा और सुविधाएं देने के लिए सरकार खुद आपके पास आती है। उन्होंने कहा, “पहले सरकारी कर्मचारी समय पर सैलरी मिल जाए इसके लिए परेशान रहते थे, अब उन्हें सातवें वेतन आयोग का लाभ मिल रहा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज़ादी के इतिहास में हमारे पूर्वोत्तर और देश के आदिवासी सेनानियों ने देश के लिए अपना बलिदान दिया है। इस परंपरा को सम्मान देने के लिए, इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए देश लगातार काम कर रहा है। इसी कड़ी में, अमृत महोत्सव के दौरान देश ने एक और बड़ा फैसला किया है। देश अब हर साल 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाएगा। 2 अक्टूबर-अहिंसा दिवस, 31 अक्टूबर-एकता दिवस, 26 जनवरी-गणतंत्र दिवस, राम नवमी, कृष्ण अष्टमी आदि के रूप में इस दिन को राष्ट्रीय आइकनोग्राफी में समान महत्व मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह दिवस न केवल जनजातीय समाज के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन होगा, बल्कि यह सौहार्दपूर्ण समाज के प्रतीक के रूप में भी उभरेगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक अवसंरचना के निर्माण तथा कनेक्टिविटी में सुधार लाने के द्वारा क्षेत्र की असीम क्षमता को प्रकट किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि क्षेत्र में किए जा रहे कार्य देश को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.