प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 मार्च को वाराणसी का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री सुबह करीब 10:30 बजे रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ को संबोधित करेंगे। दोपहर करीब 12 बजे, प्रधानमंत्री संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय मैदान में 1780 करोड़ रुपये से अधिक लागत की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
वन वर्ल्ड टीबी समिट
विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ को संबोधित करेंगे। यह शिखर सम्मेलन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) और स्टॉप टीबी पार्टनरशिप द्वारा आयोजित किया जा रहा है। वर्ष 2001 में स्थापित, स्टॉप टीबी पार्टनरशिप संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित एक संगठन है जो टीबी से पीड़ित लोगों, समुदायों और देशों की आवाज को मुखर करता है।
इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री टीबी-मुक्त पंचायत पहल; एक संक्षिप्त टीबी निवारक उपचार (टीपीटी)का आधिकारिक रूप से अखिल भारतीय स्तर पर शुभारंभ करने; टीबी के लिए परिवार केन्द्रित देखभाल मॉडल और भारत की वार्षिक टीबी रिपोर्ट 2023 जारी करने सहित विभिन्न पहलों का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री टीबी के उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति के लिए चुनिंदा राज्यों/केन्द्र- शासित प्रदेशों और जिलों को पुरस्कृत भी करेंगे।
मार्च 2018 में, नई दिल्ली में आयोजित ‘एंड टीबी समिट’ के दौरान, प्रधानमंत्री ने निर्धारित समय से पांच साल पहले, 2025 तक टीबी से संबंधित एसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भारत का आह्वान किया था। ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’इन लक्ष्यों पर और आगे विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगा क्योंकि यह देश अपने टीबी उन्मूलन संबंधी उद्देश्यों को पूरा करने कीदिशा में आगे बढ़ रहा है। यह सम्मेलन राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों से मिली सीख को प्रदर्शित करने का एक अवसर भी होगा। इस शिखर सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिउपस्थित रहेंगे।
वाराणसी में विकास संबंधी पहल
पिछले नौ वर्षों के दौरान, प्रधानमंत्री ने वाराणसी के परिदृश्य को बदलने और इस शहर एवं इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन को आसान बनाने पर विशेष ध्यान दिया है। इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए,इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय मैदान में 1780 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक पैसेंजर रोपवे का शिलान्यास करेंगे। इस परियोजना की लागत लगभग 645 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। पांच स्टेशनों वाली यह रोपवे प्रणाली 3.75 किलोमीटर लंबी होगी। इससे पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और वाराणसी के निवासियों का आवागमन सुविधाजनक होगा।
प्रधानमंत्री नमामि गंगे योजना के तहत भगवानपुर में 55 एमएलडी क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास करेंगे। इसप्लांट का निर्माण 300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। प्रधानमंत्री खेलो इंडिया योजना के तहत सिगरा स्टेडियम के पुनर्विकास कार्य के दूसरे एवं तीसरे चरण का शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री सेवापुरी के इस रवर गांव में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्मित किए जाने वाले एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की आधारशिला भी रखेंगे। प्रधानमंत्री भरथरा गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,चेंजिंग रूम से लैस फ्लोटिंग जेट्टी सहित विभिन्न अन्य परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे।
प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के तहत 19 पेयजल योजनाओं का लोकार्पण करेंगे। पेयजल की इन योजनाओं से 63 ग्राम पंचायतों के तीन लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। ग्रामीण पेयजल व्यवस्था को और मजबूत करने से उद्देश्य से,प्रधानमंत्री इस मिशन के तहत 59 पेयजल योजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे।
वाराणसी और उसके आसपास के इलाकों के किसानों, निर्यातकों और व्यापारियों के लिए, फलों एवं सब्जियों की ग्रेडिंग करना, उनकी छंटाई करना और उनका प्रसंस्करण करना कर खियांव में निर्मित एक एकीकृत पैक हाउस में संभव होगा। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री इस परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह परियोजना वाराणसी और आसपास के इलाकों के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगी।
प्रधानमंत्री वाराणसी स्मार्ट सिटी मिशन के तहत राजघाट एवं महमूरगंज सरकारी स्कूलों के पुनर्विकास कार्य, शहर की आंतरिक सड़कों के सौंदर्यीकरण; शहर के छह पार्कों एवं तालाबों के पुनर्विकास सहित विभिन्न परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एटीसी टॉवर; भेलूपुर स्थित वाटर वर्क्स परिसरमें 2 मेगावाट क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्र; कोनिया पम्पिंग स्टेशन में 800 किलोवाट क्षमता वालेसौर ऊर्जा संयंत्र; सारनाथ में नया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र; चांदपुर स्थित इंडस्ट्रियल एस्टेट के बुनियादी ढांचे में सुधार; केदारेश्वर, विश्वेश्वर और ओंकारेश्वर खंड परिक्रमा के मंदिरों के जीर्णोद्धार सहित बुनियादी ढांचा के विभिन्न अन्य परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।