प्रधानमंत्री मणिपुर में 4800 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 22 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे
प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप देश के सभी हिस्सों में कनेक्टिविटी में सुधार के लिए 1700 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले राष्ट्रीय राजमार्गों का शिलान्यास किया जाएगा
मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के उद्देश्य से लगभग 1100 करोड़ रुपए की लागत से 2350 से अधिक मोबाइल टावर स्थापित किए जाएंगे
स्वास्थ्य क्षेत्र पर प्रमुखता से जोर देते हुए अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखेंगे, नवनिर्मित 200 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल का उद्घाटन करेंगे
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मणिपुर की सबसे बड़ी पीपीपी पहल, 'सेंटर फॉर इन्वेंशन, इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग’ की आधारशिला रखेंगे
‘मणिपुर इंस्टिट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स’ का शिलान्यास करेंगे, इसका विचार पहली बार 1990 में आया था, लेकिन कई सालों तक यह अमल में नहीं आ सका
प्रधानमंत्री के मंत्र 'सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास' के अनुरूप अल्पसंख्यक समुदायों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत 130 करोड़ रुपए की लागत वाली परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा
प्रधानमंत्री के पूर्वोत्तर क्षेत्र के समग्र विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप पेयजल आपूर्ति, शहरी विकास, आवास, हथकरघा एवं कौशल विकास जैसे कई क्षेत्र भी लाभान्वित होंगे
देश भर के सभी हवाई अड्डों में आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के प्रधानमंत्री के प्रयास के अनुरूप प्रधानमंत्री त्रिपुरा में महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री त्रिपुरा में मुख्यमंत्री त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना और विद्याज्योति स्कूलों के परियोजना मिशन 100 का भी शुभारंभ करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 4 जनवरी, 2022 को मणिपुर और त्रिपुरा राज्यों का दौरा करेंगे। लगभग 11 बजे, प्रधानमंत्री इंफाल में 4800 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 22 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब 2 बजे अगरतला में वे महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डे पर नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे और दो प्रमुख विकास पहलों का भी शुभारंभ करेंगे।

मणिपुर में प्रधानमंत्री

मणिपुर में, प्रधानमंत्री लगभग 1850 करोड़ रुपये लागत वाली 13 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और लगभग 2950 करोड़ रुपये लागत वाली 9 परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। ये परियोजनाएं सड़क निर्माण, पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य, शहरी विकास, आवास, सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, कला और संस्कृति जैसे विविध क्षेत्रों से संबंधित हैं।

कनेक्टिविटी में सुधार के लिए देशव्यापी परियोजनाओं के अनुरूप, प्रधानमंत्री 1700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाली पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण की आधारशिला रखेंगे। कुल 110 किलोमीटर से अधिक लंबाई वाले इन राजमार्गों का निर्माण, इस क्षेत्र में सड़क संपर्क में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इंफाल से सिलचर के लिए साल भर की निर्बाध कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए बराक नदी पर एनएच-37 पर 75 करोड़ रुपए से अधिक लागत से निर्मित स्टील ब्रिज का निर्माण होने से यातायात की भीड़ कम होगी, जो एक महत्वपूर्ण बुनियादी सुविधा होगी। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री इस स्टील ब्रिज का उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री करीब 1100 करोड़ रुपये की लागत से बने 2,387 मोबाइल टावर भी मणिपुर के लोगों को समर्पित करेंगे। यह राज्य की मोबाइल कनेक्टिविटी को और भी अधिक बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

राज्य में पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं के उद्घाटन से हर घर को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के प्रयास को बल मिलेगा। प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की जाने वाली परियोजनाओं में 280 करोड़ रुपए की लागत वाली 'थौबल बहुउद्देश्यीय जल संचरण प्रणाली परियोजना', जो इंफाल शहर को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगी, तामेंगलोंग जिले की दस बस्तियों के निवासियों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 65 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित तामेंगलोंग मुख्यालय के लिए जल संरक्षण द्वारा जलापूर्ति योजना और क्षेत्र के निवासियों को नियमित जलापूर्ति प्रदान करने के लिए 51 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 'सेनापति जिला मुख्यालय जलापूर्ति योजना का विस्तार' शामिल हैं।

राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र को सशक्त करने की पहल के तहत, प्रधानमंत्री इंफाल में पीपीपी आधार पर लगभग 160 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाले अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखेंगे। इस कैंसर अस्पताल से राज्य के लोगों के खर्च में कमी आएगी और वे बहुत लाभान्वित होंगे, जिन्हें कैंसर से संबंधित निदान और उपचार के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता है। इसके अलावा, राज्य में कोविड से संबंधित बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री कियामगेई में '200 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल' का उद्घाटन करेंगे, जिसे डीआरडीओ के सहयोग से लगभग 37 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया है।

'इंफाल स्मार्ट सिटी मिशन' के तहत कई परियोजनाओं का पूरा होना, भारतीय शहरों के कायाकल्प और परिवर्तन के लिए प्रधानमंत्री के अथक प्रयासों को साकार करने की दिशा में एक कदम होगा। प्रधानमंत्री 170 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार, मिशन की तीन परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिनमें ‘एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी)', 'इंफाल नदी पर पश्चिमी नदी के किनारे का विकास (चरण-I)' और 'थंगल बाजार में माल रोड (चरण-I) का विकास' शामिल हैं। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) शहर में यातायात प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और शहर की निगरानी सहित विभिन्न प्रकार की प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं प्रदान करेगा। मिशन के तहत अन्य विकास परियोजनाएं पर्यटन तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगी और रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी।

प्रधानमंत्री करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से राज्य में बनने वाले 'सेंटर फॉर इन्वेंशन, इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (सीआईआईआईटी)' की आधारशिला रखेंगे। यह परियोजना राज्य में सबसे बड़ी पीपीपी पहल है, जो राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करने के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र को बढ़ावा देगी।

प्रधानमंत्री हरियाणा के गुरुग्राम में मणिपुर इंस्टिट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स के निर्माण की आधारशिला भी रखेंगे। हरियाणा में मणिपुर के ऐसे सांस्कृतिक संस्थान का विचार पहली बार 1990 में किया गया था, लेकिन यह पिछले कई वर्षों तक अमल में नहीं आया। यह संस्थान 240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाएगा, जो राज्य की समृद्ध कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देगा। राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को और मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री इंफाल में नवीकृत और पुनर्निर्मित गोविंदजी मंदिर का उद्घाटन करेंगे। श्री मोदी मोइरंग में आईएनए परिसर का भी उद्घाटन करेंगे, जो भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित करेगा।

‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास’ के मंत्र के अनुरूप प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री 130 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 72 परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। ये परियोजनाएं अल्पसंख्यक समुदायों के समग्र विकास के लिए स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्रों में मूलभूत सहायता प्रदान करेंगी।

राज्य में हथकरघा उद्योग को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री 36 करोड़ रुपये की लागत वाली दो परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। पहली परियोजना इंफाल पूर्वी जिले के नोंगपोक काकचिंग में ‘मेगा हैंडलूम क्लस्टर' है, जिससे इंफाल पूर्वी जिले में लगभग 17,000 बुनकर लाभान्वित होंगे और दूसरी परियोजना मोइरंग में 'क्राफ्ट एंड हैंडलूम विलेज', जो बुनकर परिवारों की मदद करेगा, मोइरंग की पर्यटन संभावना का लाभ प्राप्त करेगा तथा लोकतक झील से सटे और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा।

प्रधानमंत्री न्यू चेकऑन में लगभग 390 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सरकारी आवासीय क्वार्टरों के निर्माण की आधारशिला भी रखेंगे। यह आधुनिक सुविधाओं से युक्त इंटीग्रेटेड हाउसिंग कॉलोनी होगी। वे इम्फाल पूर्व के इबुधौमारजिंग में रोपवे परियोजना की आधारशिला भी रखेंगे।

प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की की जाने वाली अन्य परियोजनाओं में कौशल विकास सुविधा (ईएसडीआई) बढ़ाने के तहत नया औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), कांगपोकपी और सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय का एक नया कार्यालय भवन शामिल है।

त्रिपुरा में प्रधानमंत्री

राज्य की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री महाराजा बीर बिक्रम (एमबीबी) हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे और मुख्यमंत्री त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना और विद्याज्योति स्कूल परियोजना मिशन 100 प्रमुख पहलों का शुभारंभ करेंगे।

लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डे का नया एकीकृत टर्मिनल भवन, आधुनिक सुविधाओं से युक्त और नवीनतम आईटी नेटवर्क एकीकृत प्रणाली द्वारा समर्थित 30,000 वर्गमीटर में फैला एक अत्याधुनिक भवन है। नए टर्मिनल भवन का विकास देश भर के सभी हवाई अड्डों में आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के प्रधानमंत्री की पहल के अनुरूप एक प्रयास है।

विद्याज्योति स्कूल परियोजना मिशन 100 का उद्देश्य राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है और 100 मौजूदा उच्च/उच्च माध्यमिक विद्यालयों को अत्याधुनिक सुविधाओं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ विद्याज्योति विद्यालयों में परिवर्तित करना है। यह परियोजना नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक के लगभग 1.2 लाख छात्रों को कवर करेगी और अगले तीन वर्षों में लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर मुख्य विकास क्षेत्रों में सेवा वितरण के लिए बेंचमार्क मानकों तक पहुंचना है। इस योजना के लिए चुने गए प्रमुख क्षेत्रों में घरेलू नल कनेक्शन, घरेलू बिजली कनेक्शन, सभी मौसम के अनुकूल सड़कें, हर घर के लिए शौचालय, प्रत्येक बच्चे के लिए अनुशंसित टीकाकरण, स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की भागीदारी आदि शामिल हैं। यह योजना गांवों को विभिन्न क्षेत्रों में सेवा वितरण के लिए बेंचमार्क तक पहुंचने में मदद करके लाभान्वित करेगी और जमीनी स्तर पर सेवा वितरण में सुधार के लिए गांवों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करेगी।

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।