प्रधानमंत्री विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी), तिरुवनंतपुरम का दौरा करेंगे और लगभग 1800 करोड़ रुपये लागत की तीन महत्वपूर्ण अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे
इन परियोजनाओं में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में 'पीएसएलवी एकीकरण सुविधा'; महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में 'सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट सुविधा' और वीएसएससी में 'ट्राइसोनिक विंड टनल' परियोजनाएं शामिल हैं
प्रधानमंत्री गंगायान की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे
प्रधानमंत्री तमिलनाडु में 17,300 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्‍यास करेंगे
प्रधानमंत्री देश के पूर्वी तट के लिए ट्रांसशिपमेंट केन्‍द्र स्‍थापित करने के लिए उठाए गए एक कदम में वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह पर आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल की आधारशिला रखेंगे
प्रधानमंत्री भारत के पहले स्वदेशी हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग पोत लॉन्‍च करेंगे
प्रधानमंत्री मदुरै में ऑटोमोटिव क्षेत्र में काम करने वाले हजारों एमएसएमई उद्यमियों को संबोधित करेंगे
प्रधानमंत्री महाराष्ट्र में 4900 करोड़ रुपये से अधिक लागत की रेल, सड़क और सिंचाई से संबंधित कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं का लोकार्पण और उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री पीएम-किसान के तहत लगभग 21,000 करोड़ रुपये की 16वीं किस्त जारी करेंगे और 'नमो शेतकारी महासम्‍मान निधि' के तहत लगभग 3800 करोड़ रुपये की दूसरी और तीसरी किस्त भी जारी करेंगे
प्रधानमंत्री महाराष्ट्र में 5.5 लाख महिला एसएचजी को रिवॉल्विंग फंड के 825 करोड़ रुपये की राशि वितरित करेंगे
प्रधानमंत्री महाराष्ट्र में एक करोड़ आयुष्मान कार्ड के वितरण की शुरुआत करेंगे
प्रधानमंत्री मोदी आवास घरकुल योजना का शुभारंभ करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 27-28 फरवरी, 2024 को केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र का दौरा करेंगे।

प्रधानमंत्री 27 फरवरी को प्रात: लगभग 10:45 बजे केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) का दौरा करेंगे। शाम करीब 5:15 बजे प्रधानमंत्री तमिलनाडु के मदुरै में 'क्रिएटिंग द फ्यूचर - डिजिटल मोबिलिटी फॉर ऑटोमोटिव एमएसएमई एंटरप्रेन्योर्स' कार्यक्रम में शामिल होंगे।

28 फरवरी को प्रात: लगभग 9:45 बजे प्रधानमंत्री तमिलनाडु के थूथुकुडी में लगभग 17,300 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। लगभग 4:30 बजे, प्रधानमंत्री महाराष्ट्र के यवतमाल में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होंगे और यवतमाल (महाराष्ट्र) में 4900 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यक्रम के दौरान पीएम किसान और अन्य योजनाओं के तहत लाभ भी जारी करेंगे।

केरल में प्रधानमंत्री

देश के अंतरिक्ष क्षेत्र की पूर्ण क्षमता हासिल करने के लिए इसमें सुधार लाने के प्रधानमंत्री के विज़न और इस क्षेत्र में तकनीकी और अनुसंधान विकास क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम की उनकी यात्रा के दौरान तीन महत्वपूर्ण अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा। इन परियोजनाओं में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा में पीएसएलवी एकीकरण सुविधा (पीआईएफ); महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में नई 'सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट फेसिलिटी' और वीएसएससी, तिरुवनंतपुरम में 'ट्राइसोनिक विंड टनल' शामिल हैं। ये तीन परियोजनाएं अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए विश्व स्तरीय तकनीकी सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के लिए लगभग 1800 करोड़ रुपये की संचयी लागत पर विकसित की गई हैं।

श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में पीएसएलवी एकीकरण सुविधा (पीआईएफ) पीएसएलवी प्रक्षेपण की आवृत्ति को प्रति वर्ष 6 से 15 तक बढ़ाने में सहायता प्रदान करेगी। यह अत्याधुनिक सुविधा एसएसएलवी और निजी अंतरिक्ष कंपनियों द्वारा डिजाइन किए गए अन्य छोटे प्रक्षेपण वाहनों के प्रक्षेपण में भी मदद कर सकती है।

आईपीआरसी महेंद्रगिरि में नई 'सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट फेसिलिटी' सेमी क्रायोजेनिक इंजन और चरणों के विकास को सक्षम बनाएगी तथा वर्तमान लॉन्च वाहनों की पेलोड क्षमता को बढ़ाएगी। यह सुविधा 200 टन तक के क्षमता वाले इंजनों का परीक्षण करने के लिए तरल ऑक्सीजन और केरोसिन आपूर्ति प्रणालियों से सुसज्जित है।

वायुमंडलीय व्‍यवस्‍था में उड़ान के दौरान रॉकेटों और विमानों के लक्षण वर्णन के लिए एरोडाएनेमिक परीक्षण के लिए पवन सुरंगें आवश्यक हैं। वीएसएससी में जिस "ट्राइसोनिक विंड टनल" का उद्घाटन किया जा रहा है वह एक जटिल तकनीकी प्रणाली है जो हमारी भविष्य की प्रौद्योगिकी विकास जरूरतों को पूरा करेगी।

अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री गगनयान मिशन की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे और नामित अंतरिक्ष यात्री को 'अंतरिक्ष यात्री पंख' प्रदान करेंगे। गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है जिसके लिए विभिन्न इसरो केंद्रों पर व्यापक तैयारी चल रही है।

तमिलनाडु में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी तमिलनाडु के मदुरै में 'भविष्य का निर्माण-ऑटोमोटिव एमएसएमई उद्यमियों के लिए डिजिटल गतिशीलता' कार्यक्रम में भाग लेंगे और ऑटोमोटिव क्षेत्र में काम करने वाले हजारों सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) उद्यमियों को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग से जुड़े एमएसएमई को मदद और उत्थान के लिए डिज़ाइन की गई दो प्रमुख पहलों की भी शुरुआत करेंगे। इन पहलों में टीवीएस ओपन मोबिलिटी प्लेटफॉर्म और टीवीएस मोबिलिटी-सीआईआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शामिल हैं। ये पहल देश में एमएसएमई के विकास का समर्थन करने और उन्‍हें संचालन को औपचारिक बनाने, वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत करने और आत्मनिर्भर बनने में मदद करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में अगला कदम होगी।

प्रधानमंत्री थूथुकुडी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में वी. ओ. चिदंबरनार बंदरगाह पर आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल की आधारशिला रखेंगे। यह कंटेनर टर्मिनल वी. ओ. चिदंबरनार बंदरगाह को पूर्वी तट के लिए एक ट्रांसशिपमेंट हब में बदलने की दिशा में एक कदम है। इस परियोजना का उद्देश्य भारत की लंबी तटीय रेखा और अनुकूल भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाना और वैश्विक व्यापार क्षेत्र में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करना है। इस प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना से क्षेत्र में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री वी. ओ. चिदंबरनार बंदरगाह को देश का पहला हरित हाइड्रोजन हब बंदरगाह बनाने के उद्देश्य से कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं में अलवणीकरण संयंत्र, हाइड्रोजन उत्पादन और बंकरिंग सुविधा आदि शामिल हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी हरित नौका पहल के तहत भारत के पहले स्वदेशी हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग जहाज का भी शुभारंभ करेंगे। इस जहाज का निर्माण कोचीन शिपयार्ड में हुआ है। यह स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को अपनाने और शून्‍य कार्बन उत्‍सर्जन के प्रति देश की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में एक अग्रणी कदम है। साथ ही, प्रधानमंत्री कार्यक्रम के दौरान दस राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 75 प्रकाशस्तंभों में पर्यटक सुविधाएं भी राष्‍ट्र को समर्पित करेंगे।

प्रधानमंत्री श्री मोदी कार्यक्रम के दौरान वांची मनियाच्ची-नागरकोइल रेल लाइन के दोहरीकरण की रेल परियोजनाओं का उद्धाटन करेंगे। इस रेल लाइन में वांची मनियाच्ची-तिरुनेलवेली खंड और मेलाप्पलायम-अरलवायमोली खंड शामिल हैं। लगभग 1,477 करोड़ रुपये की लागत से विकसित यह दोहरीकरण परियोजना कन्याकुमारी, नागरकोइल और तिरुनेलवेली से चेन्नई की ओर जाने वाली ट्रेनों के लिए यात्रा के समय को कम करने में मदद करेगी।

प्रधानमंत्री श्री मोदी तमिलनाडु में लगभग 4,586 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित चार सड़क परियोजनाओं को भी समर्पित करेंगे। इन परियोजनाओं में एनएच-844 पर जित्तंदहल्ली-धर्मपुरी खंड को चार लेन का बनाना, एनएच-81 के मीनसुरुट्टी-चिदंबरम खंड को दो लेन का बनाना, एनएच-83 के ओड्डनचत्रम-मदाथुकुलम खंड को चार लेन का बनाना और एनएच -83 के नागपट्टिनम-तंजावुर खंड को दो लेन का बनाना शामिल है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य कनेक्टिविटी में सुधार करना, यात्रा के समय को कम करना, सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाना और क्षेत्र में तीर्थ यात्राओं को सुविधाजनक बनाना है।

महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री

किसानों के कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण प्रदर्शित करने वाले कदम में, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 21,000 करोड़ रुपये से अधिक की 16वीं किस्त लाभार्थियों को यवतमाल में सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से जारी की जाएगी। इसके साथ ही, 11 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों को 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की जा चुकी है।

प्रधानमंत्री 'नमो शेतकारी महासम्‍मान निधि' की लगभग 3800 करोड़ रुपये की दूसरी और तीसरी किस्त भी वितरित करेंगे। इससे पूरे महाराष्ट्र में लगभग 88 लाख लाभार्थी किसान लाभान्वित होंगे। इस योजना से महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की अतिरिक्त राशि मिलती है।

प्रधानमंत्री पूरे महाराष्ट्र में 5.5 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को 825 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड वितरित करेंगे। यह राशि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली रिवॉल्विंग फंड के अतिरिक्त है। एसएचजी के भीतर बारी-बारी के आधार पर धन उधार देने को बढ़ावा देने और ग्रामीण स्तर पर महिलाओं के नेतृत्व वाले सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देकर गरीब परिवारों की वार्षिक आय बढ़ाने के लिए एसएचजी को रिवॉल्विंग फंड (आरएफ) दिया जाता है।

प्रधानमंत्री पूरे महाराष्ट्र में एक करोड़ आयुष्मान कार्डों के वितरण की शुरुआत करेंगे। यह कल्याणकारी योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाने का एक और कदम है। इसका उद्देश्‍य सभी सरकारी योजनाओं के शत-प्रतिशत कार्यान्‍वयन के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करना है।

प्रधानमंत्री महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी के लाभार्थियों के लिए मोदी आवास घरकुल योजना का शुभारंभ करेंगे। इस योजना में वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2025-26 तक कुल 10 लाख घरों का निर्माण किया जाएगा। प्रधानमंत्री इस योजना के 2.5 लाख लाभार्थियों को 375 करोड़ रुपये की पहली किस्त हस्तांतरित करेंगे।

प्रधानमंत्री महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्र को लाभ पहुंचाने वाली कई सिंचाई परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) और बलिराजा जल संजीवनी योजना (बीजेएसवाई) के तहत कुल 2750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत पर विकसित की गई हैं।

प्रधानमंत्री महाराष्ट्र में 1300 करोड़ रुपये से अधिक की कई रेल परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं में वर्धा-कालंब ब्रॉड गेज लाइन (वर्धा-यवतमाल-नांदेड़ नई ब्रॉड गेज लाइन परियोजना का हिस्सा) और न्यू अष्टी-अमलनेर ब्रॉड गेज लाइन (अहमदनगर-बीड-परली नई ब्रॉड गेज लाइन परियोजना का हिस्सा) शामिल हैं। नई ब्रॉड गेज लाइनें विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री दो ट्रेन सेवा को वर्चुअल तरीके से हरी झंडी भी दिखाएंगे। इसमें कलंब और वर्धा को जोड़ने वाली ट्रेन सेवाएं तथा अमलनेर और न्यू अष्टी को जोड़ने वाली ट्रेन सेवाएं शामिल हैं। इस नई ट्रेन सेवा से रेल कनेक्टिविटी में सुधार होगा और क्षेत्र के छात्रों, व्यापारियों और दैनिक यात्रियों को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री महाराष्ट्र में सड़क सुविधाओं को मजबूत करने के लिए कई परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इन परियोजनाओं में एनएच-930 के वरोरा-वानी खंड को चार लेन का बनाना; साकोली-भंडारा और सलाईखुर्द-तिरोरा को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़कों के लिए सड़क उन्नयन परियोजनाएं शामिल है। इन परियोजनाओं से कनेक्टिविटी में सुधार होगा, यात्रा का समय कम होगा और क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री यवतमाल शहर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का भी उद्घाटन करेंगे।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।