प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 20 और 21 जून, 2022 को कर्नाटक का दौरा करेंगे। 20 जून को दोपहर लगभग 12 बजकर 30 मिनट पर प्रधानमंत्री भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु का दौरा करेंगे, जहां वह सेंटर फॉर ब्रेन रिसर्च (सीबीआर) का उद्घाटन करेंगे और बागची-पार्थसारथी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला रखेंगे। दोपहर लगभग एक बजकर 45 मिनट पर वह डॉ. बी आर अंबेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (बेस) बेंगलुरु का दौरा करेंगे, जहां वह बेस यूनिवर्सिटी के नए परिसर का उद्घाटन करेंगे और डॉ. बी आर अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। वह राष्ट्र को 150 'प्रौद्योगिकी केन्द्र' भी समर्पित करेंगे जिन्हें कर्नाटक में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में बदलाव लाते हुए विकसित किया गया है। इसके बाद, लगभग दो बजकर 45 मिनट पर प्रधानमंत्री बेंगलुरु के कोम्मघट्टा पहुंचेंगे, जहां वह 27000 करोड़ रुपये से अधिक की कई रेल और सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे, फिर लगभग पांच बजकर 30 मिनट पर प्रधानमंत्री मैसूर के महाराजा कॉलेज ग्राउंड में एक सार्वजनिक समारोह में शामिल होंगे, जहां वह नागनहल्ली रेलवे स्टेशन पर कोचिंग टर्मिनल की आधारशिला रखेंगे और अखिल भारतीय भाषण और श्रवण संस्थान (एआईआईएसएच) में 'संचार विकार से युक्त दिव्यांगों के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र' राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके बाद, लगभग सायं 7 बजे प्रधानमंत्री मैसूर के श्री सुत्तूर मठ जाएंगे और लगभग सात बजकर 45 मिनट पर वह मैसूर के श्री चामुंडेश्वरी मंदिर जाएंगे।
प्रधानमंत्री 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून को प्रातः लगभग छह बजकर 30 मिनट पर मैसूर पैलेस मैदान में सामूहिक योग प्रदर्शन में शामिल होंगे।
बेंगलुरु में प्रधानमंत्री
बेंगलुरू में गतिशीलता और संपर्क बढ़ाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री बेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना (बीएसआरपी) की आधारशिला रखेंगे, जो बेंगलुरु शहर को उसके उपनगरों और उनसे जुड़ी टाउनशिप से जोड़ेगी। इस परियोजना को 15,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया जाएगा और इसमें 4 गलियारों की परिकल्पना की गई है जिनकी कुल लंबाई 148 किलोमीटर से अधिक है। प्रधानमंत्री बेंगलुरू कैंट और यशवंतपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की भी आधारशिला रखेंगे, जिन्हें क्रमशः 500 करोड़ रुपये और 375 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री बैयप्पनहल्ली में भारत के पहले वातानुकूलित रेलवे स्टेशन- सर एम विश्वेश्वरैया रेलवे स्टेशन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिसे लगभग 315 करोड़ रुपये की कुल लागत से आधुनिक हवाई अड्डे की तर्ज पर विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री उडुपी, मडगांव और रत्नागिरी से इलेक्ट्रिक ट्रेनों को झंडी दिखाकर रोहा (महाराष्ट्र) से ठोकुर (कर्नाटक) तक कोंकण रेलवे लाइन (लगभग 740 किलोमीटर) के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। कोंकण रेलवे लाइन का विद्युतीकरण 1280 करोड़ से अधिक की लागत से किया गया है। प्रधानमंत्री दो रेलवे लाइनों के दोहरीकरण की परियोजनाओं-अर्सीकेरे से तुमकुरु (लगभग 96 किमी) और येलहंका से पेनुकोंडा (लगभग 120 किमी) के लिए यात्री ट्रेनों और एमईएमयू सेवा को हरी झंडी दिखाकर राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इन दो रेलवे लाइन दोहरीकरण परियोजनाओं को क्रमशः 750 करोड़ रुपये और 1100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री बेंगलुरू रिंग रोड परियोजना के दो खंडों की आधारशिला भी रखेंगे। 2280 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित होने वाली इस परियोजना से शहर में यातायात की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री कई अन्य सड़क परियोजनाओं जैसे एनएच-48 के नेलामंगला-तुमकुर खंड को छह लेन का बनाना; एनएच-73 के पुंजालकट्टे-चारमाड़ी खंड का चौड़ीकरण; एनएच-69 के एक खंड का पुनर्वास और उन्नयन का भी शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं में होने वाली संचयी लागत लगभग 3150 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री लगभग 1800 करोड़ रुपये की लागत से बेंगलुरु से लगभग 40 किलोमीटर दूर मुद्दलिंगनहल्ली में विकसित किए जा रहे मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की आधारशिला भी रखेंगे। यह परिवहन, हैंडलिंग और द्वितीयक माल ढुलाई लागत को कम करने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री डॉ. बी आर अंबेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (बीएएसई) विश्वविद्यालय, बेंगलुरु के नए परिसर का उद्घाटन करेंगे। आवासीय विश्वविद्यालय की स्थापना 2017 में स्वतंत्र भारत के विकास में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर द्वारा किए गए अनुकरणीय योगदान और उनकी 125वीं जयंती के अवसर पर उनकी स्मृति को श्रद्धांजलि के रूप में की गई थी।
बेस विश्वविद्यालय में कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री राष्ट्र को 150 'प्रौद्योगिकी केन्द्र' भी समर्पित करेंगे जिन्हें पूरे कर्नाटक में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में परिवर्तित करते हुए विकसित किया गया है। 4600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित इस अनूठी पहल को कई उद्योग भागीदारों का समर्थन प्राप्त है। इसका उद्देश्य उद्योग 4.0 जनशक्ति की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक कुशल कार्यबल का निर्माण करना है। यह टेक्नोलॉजी हब अपने विभिन्न नवोन्मेषी पाठ्यक्रमों के माध्यम से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में उच्च कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेंगे और रोजगार और उद्यमिता में आईटीआई स्नातकों के लिए अवसरों में सुधार करेंगे।
आईआईएससी बेंगलुरु में, प्रधानमंत्री मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र (सीबीआर) का उद्घाटन करेंगे, जिसकी आधारशिला स्वयं प्रधानमंत्री ने रखी थी। केंद्र को अपनी तरह की एक शोध सुविधा के रूप में विकसित किया गया है और उम्र से संबंधित मस्तिष्क विकारों के प्रबंधन के लिए साक्ष्य आधारित सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप प्रदान करने के लिए इसमें महत्वपूर्ण शोध कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री 832 बिस्तरों वाले बागची पार्थसारथी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल की भी आधारशिला रखेंगे। इस अस्पताल को आईआईएससी बेंगलुरु के परिसर में विकसित किया जाएगा और यह प्रतिष्ठित संस्थान में विज्ञान, इंजीनियरिंग और चिकित्सा को एकीकृत करने में मदद करेगा। यह देश में नैदानिक अनुसंधान को प्रमुख प्रोत्साहन प्रदान करेगा और देश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार में मदद करने वाले अभिनव समाधान खोजने की दिशा में काम करेगा।
मैसूर में प्रधानमंत्री
मैसूर के महाराजा कॉलेज ग्राउंड में एक सार्वजनिक समारोह में, प्रधानमंत्री नागनहल्ली रेलवे स्टेशन पर उप-शहरी यातायात के लिए कोचिंग टर्मिनल की आधारशिला रखेंगे, जिसे 480 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाएगा। कोचिंग टर्मिनल में एक मेमू शेड भी होगा और मौजूदा मैसूर यार्ड से भीड़भाड़ कम होगी, जिससे मैसूर से अधिक मेमू ट्रेन सेवाओं और लंबी दूरी की ट्रेनों को चलाने में सुविधा होगी, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी और पर्यटन क्षमता दोनों में सुधार होगा। इससे दैनिक यात्रियों के साथ-साथ लंबी दूरी के गंतव्यों की यात्रा करने वालों को भी लाभ होगा।
कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री अखिल भारतीय भाषण और श्रवण संस्थान (एआईआईएसएच) में संचार विकार से युक्त दिव्यांगों के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और संचार विकारों युक्त दिव्यांगों के लिए निदान, मूल्यांकन और पुनर्वास सुविधाओं से सुसज्जित है।
21 जून को प्रधानमंत्री का कार्यक्रम
21 जून 2022 को 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) के अवसर पर प्रधानमंत्री मैसूर पैलेस ग्राउंड, मैसूर में एक सामूहिक योग प्रदर्शन में हजारों प्रतिभागियों के साथ शामिल होंगे। आजादी के अमृत महोत्सव को 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के समारोह के साथ एकीकृत करते हुए, मैसूर में प्रधानमंत्री द्वारा योग प्रदर्शन के साथ-साथ 75 केंद्रीय मंत्रियों के नेतृत्व में देश भर में 75 प्रतिष्ठित स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन भी आयोजित किए जाएंगे। योग प्रदर्शन विभिन्न शैक्षिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, कॉरपोरेट और अन्य नागरिक समाज संगठनों द्वारा भी आयोजित किए जाएंगे और इसमें देश भर के करोड़ों लोग शामिल होंगे।
मैसूर में प्रधानमंत्री का योग कार्यक्रम इससे जुड़े 'गार्जियन योग रिंग' कार्यक्रम का भी हिस्सा है, जो 79 देशों और संयुक्त राष्ट्र संगठनों के साथ-साथ विदेशों में भारतीय मिशनों के बीच एक सहयोगी अभ्यास है और यह योग की एकीकरण शक्ति को राष्ट्रीय सीमाओं से परे ले जाता है जैसा कि सूर्य स्पष्ट रूप से दुनिया भर में पूर्व से पश्चिम की ओर अपने मार्ग पर अग्रसर होता है उसी प्रकार से सामूहिक योग प्रदर्शन में भाग लेने वाले देशों को यदि पृथ्वी पर किसी एक बिंदु से देखे जाता है तो वे लगभग अग्रानुक्रम में एक के बाद एक होते हुए ऐसे ही प्रतीत होंगे और इस प्रकार यह 'एक सूर्य, एक पृथ्वी' की अवधारणा को रेखांकित करते हैं। इस नवोन्मेषी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण डीडी इंडिया पर 21 जून, 2022 को प्रातः 3 बजे से भारतीय समयानुसार (फिजी से प्रसारण) से रात्रि 10 बजे तक (सैन फ्रांसिस्को, यूएसए से प्रसारण) तक किया जाएगा। कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, मैसूर में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम होगा और डीडी इंडिया पर भारतीय समयानुसार प्रातः छह बजकर 30 मिनट से इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा।
2015 से, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) हर वर्ष 21 जून को दुनिया भर में मनाया जाता है। इस वर्ष के योग दिवस का विषय "मानवता के लिए योग" है। यह विषय दर्शाता है कि कैसे योग ने कोविड महामारी के दौरान पीड़ा को कम करने में मानवता की सेवा की।