प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 1-2 मार्च, 2024 को झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार का दौरा करेंगे।
एक मार्च को सुबह लगभग 11 बजे प्रधानमंत्री झारखंड के धनबाद के सिन्द्री पहुंचेंगे और एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगे, जहां वे झारखंड में 35,700 करोड़ रुपये की अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। लगभग तीन बजे, प्रधानमंत्री एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगे, जहां वे पश्चिम बंगाल के हुगली के आरामबाग में 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
दो मार्च को सुबह करीब 10:30 बजे प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के कृष्णानगर पहुंचेंगे, जहां वे 15,000 करोड़ रुपये की अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। दोपहर 2:30 बजे प्रधानमंत्री बिहार के औरंगाबाद में 21,400 करोड़ रुपये की अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। शाम 5:15 बजे प्रधानमंत्री बिहार के बेगुसराय पहुंचेंगे, जहां वे एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगे और देश भर में लगभग 1.48 लाख करोड़ रुपये की अनेक तेल और गैस क्षेत्र की परियोजनाओं तथा बिहार में 13,400 रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री सिन्द्री, झारखंड में
धनबाद के सिन्द्री में आयोजित होने वाले एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री उर्वरक, रेल, बिजली और कोयला क्षेत्र से संबंधित अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) सिन्द्री उर्वरक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 8900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित यह उर्वरक संयंत्र यूरिया क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है। इससे देश में प्रति वर्ष लगभग 12.7 एलएमटी स्वदेशी यूरिया उत्पादन बढ़ेगा, जिससे देश के किसानों को लाभ होगा। गोरखपुर और रामागुंडम में उर्वरक संयंत्रों के कायाकल्प के बाद यह देश में दोबारा चालू होने वाला तीसरा उर्वरक संयंत्र है। गोरखपुर और रामागुंडम में उर्वरक संयंत्रों को क्रमशः दिसंबर 2021 और नवंबर 2022 में प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को समर्पित किया था।
प्रधानमंत्री झारखंड में 17,600 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक रेल परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। परियोजनाओं में सोन नगर-अंडाल को जोड़ने वाली तीसरी और चौथी लाइन; टोरी-शिवपुर पहली और दूसरी और बिराटोली-शिवपुर तीसरी रेलवे लाइन (टोरी-शिवपुर परियोजना का हिस्सा); मोहनपुर-हंसडीहा नई रेल लाइन; धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन शामिल है। इन परियोजनाओं से राज्य में रेल सेवाओं का विस्तार होगा और क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास होगा। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री तीन ट्रेनों को हरी झंडी भी दिखाएंगे। इसमें देवघर-डिब्रूगढ़ ट्रेन सेवा, टाटानगर और बादामपहाड़ के बीच एमईएमयू ट्रेन सेवा (दैनिक) और शिवपुर स्टेशन से लंबी दूरी की मालगाड़ी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री झारखंड में उत्तरी करणपुरा सुपर थर्मल पावर परियोजना (एसटीपीपी), चतरा की यूनिट-1 (660 मेगावाट) सहित महत्वपूर्ण बिजली परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 7500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित इस परियोजना से क्षेत्र में बिजली आपूर्ति में सुधार होगा। इससे रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा और राज्य में सामाजिक आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा। साथ ही प्रधानमंत्री झारखंड में कोयला क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
पश्चिम बंगाल के आरामबाग में प्रधानमंत्री
हुगली के आरामबाग में प्रधानमंत्री रेल, बंदरगाह, तेल पाइपलाइन, एलपीजी आपूर्ति और अपशिष्ट जल उपचार जैसे क्षेत्रों से संबंधित अनेक विकासात्मक परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
प्रधानमंत्री लगभग 2,790 करोड़ रुपये की लागत से विकसित इंडियन ऑयल की 518 किलोमीटर लंबी हल्दिया-बरौनी कच्चे तेल पाइपलाइन का उद्घाटन करेंगे। यह पाइपलाइन बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरती है। पाइपलाइन बरौनी रिफाइनरी, बोंगईगांव रिफाइनरी और गुवाहाटी रिफाइनरी को सुरक्षित, लागत प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से कच्चे तेल की आपूर्ति करेगी।
प्रधानमंत्री कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट पर अवसंरचना को मजबूत करने के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये की अनेक परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे और उनकी आधारशिला भी रखेंगे। जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी, उनमें बर्थ नंबर 8 एनएसडी का पुनर्निर्माण और कोलकाता डॉक सिस्टम के बर्थ नंबर 7 और 8 एनएसडी का मशीनीकरण शामिल है। प्रधानमंत्री हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स, श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट के ऑयल-जेट्टी पर अग्निशमन प्रणाली को बढ़ाने की परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। नव स्थापित अग्निशमन सुविधा एक अत्याधुनिक पूरी तरह से स्वचालित सेट-अप है, जो अत्याधुनिक गैस और अग्नि संवेदी उपकरण से सुसज्जित है, जो खतरे का तत्काल पता लगाना सुनिश्चित करता है। प्रधानमंत्री 40 टन वजन उठाने की क्षमता वाली हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स की तीसरी रेल माउंटेड क्वे क्रेन (आरएमक्यूसी) को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता में ये नई परियोजनाएं तेजी से और सुरक्षित कार्गो हैंडलिंग और निकासी में मदद करके बंदरगाह की उत्पादकता को काफी हद तक बढ़ाएंगी।
प्रधानमंत्री करीब 2680 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। परियोजनाओं में झारग्राम-सलगाझारी (90 किलोमीटर) को जोड़ने वाली तीसरी रेल लाइन; सोंडालिया-चंपापुकुर रेल लाइन (24 किलोमीटर) का दोहरीकरण; और दनकुनी-भट्टनगर-बाल्टिकुरी रेल लाइन (9 किलोमीटर) का दोहरीकरण शामिल है। इन परियोजनाओं से क्षेत्र में रेल परिवहन सुविधाओं का विस्तार होगा, गतिशीलता में सुधार होगा और माल ढुलाई की निर्बाध सेवा की सुविधा मिलेगी, जिससे क्षेत्र में आर्थिक और औद्योगिक विकास होगा।
प्रधानमंत्री खड़गपुर के विद्यासागर औद्योगिक पार्क में 120 टीएमटीपीए की क्षमता वाले इंडियन ऑयल के एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का भी उद्घाटन करेंगे। 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित एलपीजी बॉटलिंग प्लांट इस क्षेत्र का पहला एलपीजी बॉटलिंग प्लांट होगा। यह पश्चिम बंगाल में लगभग 14.5 लाख ग्राहकों को एलपीजी की आपूर्ति करेगी।
प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल में अपशिष्ट जल उपचार और सीवरेज से संबंधित तीन परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। लगभग 600 करोड़ रुपये की लागत से विकसित इन परियोजनाओं को विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित किया गया है। परियोजनाओं में हावड़ा में 65 एमएलडी की क्षमता और 3.3 किमी के सीवेज नेटवर्क के साथ इंटरसेप्शन और डायवर्जन (आईएंडडी) कार्य और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी); बाली में 62 एमएलडी की क्षमता और 11.3 किमी के सीवेज नेटवर्क के साथ आई एंड डी कार्य और एसटीपी, और कमरहाटी और बारानगर में 60 एमएलडी की क्षमता और 8.15 किमी के सीवेज नेटवर्क के साथ आई एंड डी कार्य और एसटीपी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर में
कृष्णानगर में, प्रधानमंत्री बिजली, रेल और सड़क जैसे क्षेत्रों से संबंधित अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
देश में बिजली क्षेत्र को मजबूत करने के मद्देनजर प्रधानमंत्री पुरुलिया जिले के रघुनाथपुर में स्थित रघुनाथपुर थर्मल पावर स्टेशन चरण-II (2x660 मेगावाट) की आधारशिला रखेंगे। दामोदर घाटी निगम की यह कोयला आधारित थर्मल पावर परियोजना में अत्यधिक कुशल सुपर क्रिटिकल तकनीक का उपयोग किया जाता है। नया प्लांट देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक कदम होगा।
प्रधानमंत्री मेजिया थर्मल पावर स्टेशन की यूनिट 7 और 8 की फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन (एफजीडी) प्रणाली का उद्घाटन करेंगे। लगभग 650 करोड़ रुपये की लागत से विकसित, एफजीडी प्रणाली ग्रिप गैसों से सल्फर डाइऑक्साइड को हटा देगी और स्वच्छ ग्रिप गैस का उत्पादन करेगी तथा जिप्सम बनाएगी, जिसका उपयोग सीमेंट उद्योग में किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री एनएच-12 (100 किलोमीटर) के फरक्का-रायगंज खंड की चार लेन सड़क परियोजना का भी उद्घाटन करेंगे। लगभग 1986 करोड़ रुपये की लागत से विकसित यह परियोजना यातायात की भीड़ को कम करेगी, कनेक्टिविटी में सुधार करेगी और उत्तर बंगाल व पूर्वोत्तर क्षेत्र के सामाजिक आर्थिक विकास में योगदान देगी।
प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल में 940 करोड़ रुपये से अधिक की चार रेल परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिनमें दामोदर-मोहीशिला रेल लाइन के दोहरीकरण की परियोजना; रामपुरहाट और मुरारई के बीच तीसरी लाइन; बाजारसौ-अजीमगंज रेल लाइन का दोहरीकरण और अजीमगंज-मुर्शिदाबाद को जोड़ने वाली नई लाइन शामिल है। ये सभी परियोजनाएं रेल कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी, माल ढुलाई की सुविधा प्रदान करेंगी और क्षेत्र में आर्थिक और औद्योगिक विकास में योगदान देंगी।
प्रधानमंत्री बिहार के औरंगाबाद में
औरंगाबाद में प्रधानमंत्री 21,400 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को मजबूत करने के मद्देनजर प्रधानमंत्री 18,100 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, उनमें एनएच-227 का 63.4 किमी लंबा दो-लेन का पक्की सड़क वाला जयनगर-नरहिया खंड; एनएच-131जी पर कन्हौली से रामनगर तक छह लेन की पटना रिंग रोड का खंड; किशनगंज शहर में मौजूदा फ्लाईओवर के समानांतर 3.2 किमी लंबा दूसरा फ्लाईओवर; 47 किलोमीटर लंबी बख्तियारपुर-रजौली को चार लेन का बनाना; और एनएच -319 के 55 किमी लंबे अर्रा-पररिया खंड को चार लेन का निर्माण शामिल है।
प्रधानमंत्री छह राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जिसमें आमस से ग्राम शिवरामपुर तक 55 किमी लंबे चार लेन वाला नियंत्रित सुगमता का ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण; शिवरामपुर से रामनगर तक 54 किमी लंबा चार लेन वाला नियंत्रित सुगमता का ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग; ग्राम कल्याणपुर से ग्राम बलभदरपुर तक 47 किमी लंबा चार लेन वाला नियंत्रित सुगमता का ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग; बलभदरपुर से बेला नवादा तक 42 किमी लंबा चार लेन वाला नियंत्रित सुगमता का ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग; दानापुर-बिहटा खंड से 25 किमी लंबा चार लेन वाला एलिवेटेड कॉरिडोर; और बिहटा-कोइलवर खंड के मौजूदा दो लेन से चार लेन कैरिजवे का उन्नयन शामिल है। सड़क परियोजनाओं से कनेक्टिविटी में सुधार होगा, यात्रा का समय कम होगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।
प्रधानमंत्री गंगा नदी पर छह लेन वाले पुल की आधारशिला भी रखेंगे, जिसे पटना रिंग रोड के एक हिस्से के रूप में विकसित किया जाएगा। यह पुल देश के सबसे लंबे नदी पुलों में से एक होगा। यह परियोजना पटना शहर में यातायात की भीड़ को कम करेगी और बिहार के उत्तरी व दक्षिणी हिस्सों के बीच तेज और बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे पूरे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री बिहार में नमामि गंगे के तहत लगभग 2,190 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की गई बारह परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। परियोजनाओं में सैदपुर और पहाड़ी में सीवेज उपचार संयंत्र; सैदपुर, बेउर, पहाड़ी जोन आईवीए के लिए सीवरेज नेटवर्क; करमालीचक में सीवर नेटवर्क के साथ सीवरेज प्रणाली; पहाड़ी जोन-वी में सीवरेज योजना; और बाढ़, छपरा, नौगछिया, सुल्तानगंज तथा सोनपुर शहर में अवरोधन, डायवर्जन और सीवेज उपचार संयंत्र शामिल हैं। ये परियोजनाएं अनेक स्थानों पर गंगा नदी में छोड़े जाने से पहले अपशिष्ट जल का उपचार सुनिश्चित करेंगी, जिससे नदी की स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र के लोगों को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री पटना में यूनिटी मॉल का शिलान्यास करेंगे। 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित होने वाली इस परियोजना की परिकल्पना एक अत्याधुनिक सुविधा के रूप में की गई है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय डिजाइन व्यवहारों, प्रौद्योगिकी, सुविधा और सौंदर्यीकरण शामिल हैं। मॉल राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और जिलों को समर्पित स्थान प्रदान करेगा, जिससे वे अपने विशिष्ट उत्पादों और शिल्प कौशल का प्रदर्शन कर सकेंगे। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 36 बड़े स्टॉल और बिहार के प्रत्येक जिले के लिए 38 छोटे स्टॉल होंगे। यूनिटी मॉल स्थानीय विनिर्माण और एक जिला एक उत्पाद, भौगोलिक संकेतक (जीआई) उत्पादों और बिहार व भारत के हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देगा। इस परियोजना से रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास और राज्य से निर्यात के मामले में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ होगा।
प्रधानमंत्री बिहार में तीन रेलवे परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिनमें पाटलिपुत्र से पहलेजा रेलवे लाइन के दोहरीकरण की परियोजना; बंधुआ-पैमार के बीच 26 किमी लंबी नई रेल लाइन; और गया में एक एमईएमयू शेड भी शामिल है। प्रधानमंत्री आरा बाई-पास रेल लाइन का भी शिलान्यास करेंगे। रेल परियोजनाओं से बेहतर रेल कनेक्टिविटी होगी, लाइन क्षमता और ट्रेनों की गतिशीलता में सुधार होगा तथा क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री बिहार के बेगुसराय में
बेगुसराय में सार्वजनिक समारोह देश में ऊर्जा क्षेत्र को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन का गवाह बनेगा। इस दिन प्रधानमंत्री लगभग 1.48 लाख करोड़ रुपये की अनेक तेल और गैस परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। ये परियोजनाएं केजी बेसिन के साथ-साथ देश भर के विभिन्न राज्यों जैसे बिहार, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक में फैली हुई हैं।
प्रधानमंत्री केजी बेसिन से 'फर्स्ट ऑयल' राष्ट्र को समर्पित करेंगे और ओएनजीसी कृष्णा गोदावरी गहरे पानी परियोजना से पहले कच्चे तेल टैंकर को हरी झंडी दिखाएंगे। केजी बेसिन से 'फर्स्ट ऑयल' निकालना भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो ऊर्जा आयात पर हमारी निर्भरता को काफी कम कर देगी। यह परियोजना भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात भी करेगी, जिससे ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती और आर्थिक लचीलेपन को बढ़ावा मिलेगा।
बिहार में लगभग 14,000 करोड़ रुपये की तेल एवं गैस क्षेत्र की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इसमें 11,400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना लागत के साथ बरौनी रिफाइनरी के विस्तार की आधारशिला रखना और बरौनी रिफाइनरी में ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी परियोजनाओं का उद्घाटन; पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर एलपीजी पाइपलाइन का पटना और मुजफ्फरपुर सहित अन्य तक विस्तार शामिल है।
देश भर में शुरू की जा रही अन्य महत्वपूर्ण तेल और गैस परियोजनाओं में हरियाणा में पानीपत रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का विस्तार; पानीपत रिफाइनरी में 3-जी इथेनॉल संयंत्र और उत्प्रेरक संयंत्र; आंध्र प्रदेश में विशाख रिफाइनरी आधुनिकीकरण परियोजना (वीआरएमपी); सिटी गैस वितरण नेटवर्क परियोजना के दायरे में पंजाब के फाजिल्का, गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों को रखा गया है। इसी तरह, गुलबर्गा कर्नाटक में नया पीओएल डिपो, महाराष्ट्र में मुंबई हाई नॉर्थ पुनर्विकास चरण -IV, आदि भी इसमें शामिल हैं। प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भारतीय पेट्रोलियम और ऊर्जा संस्थान (आईआईपीई) की आधारशिला भी रखेंगे।
प्रधानमंत्री बरौनी में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। 9500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित यह संयंत्र किसानों को किफायती दर पर यूरिया उपलब्ध कराएगा और उनकी उत्पादकता तथा वित्तीय स्थिरता में वृद्धि करेगा। यह देश में फिर से चालू होने वाला चौथा उर्वरक संयंत्र होगा।
प्रधानमंत्री लगभग 3917 करोड़ रुपये की अनेक रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। इनमें राघोपुर-फारबिसगंज गेज परिवर्तन की परियोजना; मुकुरिया-कटिहार-कुमेदपुर रेल लाइन का दोहरीकरण; बरौनी-बछवारा तीसरी और चौथी लाइन के लिए परियोजना, कटिहार-जोगबनी रेल खंड का विद्युतीकरण, सहित अन्य परियोजनायें शामिल हैं। ये परियोजनाएं यात्रा को और अधिक सुलभ बनाएंगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी। प्रधानमंत्री चार ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे जिनमें दानापुर-जोगबनी एक्सप्रेस (दरभंगा-सकरी के रास्ते); जोगबनी-सहरसा एक्सप्रेस; सोनपुर-वैशाली एक्सप्रेस; और जोगबनी-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस हैं।
प्रधानमंत्री देश में पशुधन के लिए एक डिजिटल डेटाबेस - 'भारत पशुधन' राष्ट्र को समर्पित करेंगे। राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन (एनडीएलएम) के तहत विकसित, 'भारत पशुधन' प्रत्येक पशुधन को आवंटित एक अद्वितीय 12-अंकीय टैग आईडी का उपयोग करेगा। परियोजना के तहत अनुमानित 30.5 करोड़ गोवंश में से लगभग 29.6 करोड़ को पहले ही टैग किया जा चुका है और उनका विवरण डेटाबेस में उपलब्ध है। 'भारत पशुधन' गोवंश के लिए ट्रैसेबिलिटी प्रणाली प्रदान करके किसानों को सशक्त बनाएगा और बीमारी की निगरानी व नियंत्रण में भी मदद करेगा।
प्रधान मंत्री '1962 फार्मर्स ऐप' भी लॉन्च करेंगे। यह एक ऐसा ऐप है, जो 'भारत पशुधन' डेटाबेस के तहत मौजूद सभी डेटा और सूचनाओं को रिकॉर्ड करता है, जिसका उपयोग किसान कर सकते हैं।