प्रधानमंत्री 11 अक्टूबर को उज्जैन जाएंगे और श्री महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे
प्रधानमंत्री गुजरात में 14,500 करोड़ रुपये से अधिक लागत की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे
प्रधानमंत्री मोढेरा को भारत का पहला चौबीसों घंटे सौर ऊर्जा से संचालित होने वाला गांव घोषित करेंगे और मेहसाणा में 3,900 करोड़ रुपये से अधिक लागत की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करेंगे
प्रधानमंत्री मोधेश्वरी माता मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे तथा मेहसाणा के सूर्य मंदिर भी जाएंगे
प्रधानमंत्री भरूच में रसायन और फार्मास्युटिकल क्षेत्र पर केन्द्रित 8,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे
प्रधानमंत्री अहमदाबाद में 1300 करोड़ रुपये लागत की स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी सुविधाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे तथा मोदी शैक्षणिक संकुल के पहले चरण का भी उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री जामनगर में 1460 करोड़ रुपये लागत वाली सिंचाई, बिजली, जलापूर्ति और शहरी बुनियादी ढांचे से संबंधित परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 9 से 11 अक्टूबर तक गुजरात का दौरा करेंगे और वे इसके बाद 11 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के दौरे पर जाएंगे।

प्रधानमंत्री 9 अक्टूबर को मेहसाणा के मोढेरा में शाम लगभग साढ़े पांच बजे विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसके बाद वे शाम लगभग 6:45 बजे मोधेश्वरी माता मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे, इसके बाद वे शाम लगभग 7:30 बजे सूर्य मंदिर जाएंगे।

प्रधानमंत्री भरूच के आमोद में 10 अक्टूबर को लगभग 11 बजे विभिन्न परियोजनाओं का राष्ट्र को समर्पित एवं उद्घाटन करेंगे और दोपहर करीब 3:15 बजे अहमदाबाद में मोदी शैक्षणिक संकुल का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद श्री मोदी शाम साढ़े पांच बजे जामनगर में विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

प्रधानमंत्री 11 अक्टूबर को दोपहर 2:15 बजे सिविल अस्पताल असरवा, अहमदाबाद में विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे, जिसके बाद वे उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर जाएंगे, जहां वे शाम लगभग 5 बजे दर्शन और पूजा करेंगे। इसके बाद वे शाम करीब साढ़े छह बजे श्री महाकाल लोक को राष्ट्र को समर्पित करेंगे और शाम 7 बजकर 15 मिनट पर उज्जैन में सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री मेहसाणा में

प्रधानमंत्री एक जनसभा की अध्यक्षता करेंगे और मोढेरा, मेहसाणा में 3900 करोड़ रुपये से अधिक लागत की परियोजनाओं का लोकार्पण और आधारशिला रखेंगे।

प्रधानमंत्री मोढेरा गांव को भारत का पहला चौबीसों घंटे सौर ऊर्जा से संचालित गांव घोषित करेंगे। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जो मोढेरा शहर के सूर्य-मंदिर का सौर ऊर्जा से संचालन करने के प्रधानमंत्री के विजन को साकार करती है। इसमें ग्राउंड माउंटेड सौर ऊर्जा संयंत्र तथा आवासीय और सरकारी भवनों पर 1300 से अधिक रूफटॉप सोलर सिस्टम विकसित करना शामिल है। ये सभी बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) के साथ एकीकृत हैं। यह परियोजना इस बात का प्रदर्शन करेगी कि भारत का नवीकरणीय ऊर्जा कौशल किस प्रकार लोगों को जमीनी स्तर पर सशक्त बना सकता है।

प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की जा रही इन परियोजनाओं में अहमदाबाद-मेहसाणा गेज परिवर्तन परियोजना साबरमती-जगुदान खंड का गेज परिवर्तन; तेल और प्राकृतिक गैस निगम की नंदसन भूवैज्ञानिक तेल उत्पादन परियोजना; खेरावा से शिंगोडा झील तक सुजलम सुफलम नहर परियोजना; धरोई बांध आधारित वडनगर खेरालू और धरोई समूह सुधार योजना; बेचाराजी मोढेरा-चनास्मा राज्य राजमार्ग के एक खंड को चार लेन का बनाने की परियोजना; उंजा-दसज उपेरा लाडोल (भांखर एप्रोच रोड) के एक खंड का विस्तार करने की परियोजना; सरदार पटेल लोक प्रशासन संस्थान (एसपीआईपीए) मेहसाणा के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र का नया भवन और मोढेरा में सूर्य मंदिर की प्रोजेक्शन मैपिंग और अन्य योजनाएं शामिल हैं।

प्रधानमंत्री विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे जिनमें पाटन से गोजरिया तक राष्ट्रीय राजमार्ग-68 के एक खंड को चार लेन का बनाना; मेहसाणा जिले के जोताना तालुका के चलसन गांव में जल शोधन संयंत्र का निर्माण; दूधसागर डेयरी में नया स्वचालित मिल्क पाउडर प्लांट और यूएचटी मिल्क कार्टन प्लांट की स्थापना; जनरल अस्पताल मेहसाणा का पुनर्विकास और पुनर्निर्माण; तथा मेहसाणा और उत्तरी गुजरात के अन्य जिलों के लिए पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) सहित अन्य योजनाएं शामिल हैं।

सार्वजनिक कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री मोधेश्वरी माता मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना भी करेंगे। प्रधानमंत्री सूर्य मंदिर भी जाएंगे जहां वे सुंदर प्रोजेक्शन मैपिंग शो देखेंगे।

प्रधानमंत्री भरूच में

प्रधानमंत्री भरूच के आमोद में 8000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

भारत को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री जंबूसर में बल्क ड्रग पार्क की आधारशिला रखेंगे। वर्ष 2021-22 में इन ड्रग्स का दवाइयों के कुल आयात में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान था। यह परियोजना आयात प्रतिस्थापन सुनिश्चित करने और बल्क ड्रग्स के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री दहेज में ‘डीप सी पाइपलाइन परियोजना’ की आधारशिला भी रखेंगे, इससे औद्योगिक संपदाओं से शोधित अपशिष्ट जल के निपटान में सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री जिन अन्य परियोजनाएं की आधारशिला रखेंगे उनमें अंकलेश्वर हवाई अड्डे का पहला चरण और अंकलेश्वर एवं पनोली में बहुस्तरीय औद्योगिक शेड का विकास शामिल है, जिससे एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री विभिन्न औद्योगिक पार्कों के विकास का शिलान्यास भी करेंगे। इनमें चार जनजातीय औद्योगिक पार्क शामिल हैं जो वालिया (भरूच), अमीरगढ़ (बनासकांठा), चकालिया (दाहोद) और वानर (छोटा उदयपुर) में स्थापित होंगे; मुडेथा (बनासकांठा) में एग्रो फूड पार्क; काकवाड़ी दांती (वलसाड) में सी फूड पार्क; और खांडिवाव (महिसागर) में एमएसएमई पार्क का निर्माण शामिल है।

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री कई परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे जिनसे रसायन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। वह दहेज में 130 मेगावाट के सह उत्पादन विद्युत संयंत्र के साथ एकीकृत 800 टीपीडी कास्टिक सोडा संयंत्र का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ-साथ वे दहेज में मौजूदा कास्टिक सोडा संयंत्र के विस्तार का भी लोकार्पण करेंगे, जिसकी क्षमता 785 एमटी/दिन से बढ़ाकर 1310 एमटी/दिन की दी गई है। प्रधानमंत्री दहेज में एक लाख एमटी प्रति वर्ष से अधिक क्लोरोमेथेन के निर्माण के लिए एक परियोजना का भी लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की जाने वाली अन्य परियोजनाओं में दहेज स्थित हाइड्राज़ीन हाइड्रेट संयंत्र शामिल है जो उत्पाद के आयात प्रतिस्थापन में मदद करेगा। इसके अलावा आईओसीएल दहेज-कोयली पाइपलाइन परियोजना, भरूच भूमिगत जल निकासी और एसटीपी कार्य तथा उमला आसा पनेथा सड़क का चौड़ीकरण एवं मजबूत बनाना शामिल है।

प्रधानमंत्री अहमदाबाद में

प्रधानमंत्री 10 अक्टूबर को मोदी शैक्षणिक संकुल के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे, जो जरूरतमंद छात्रों के लिए एक शैक्षिक परिसर है। यह परियोजना छात्रों के समग्र विकास के लिए सुविधाएं प्रदान करने में सहायता प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री 11 अक्टूबर को सिविल अस्पताल असरवा, अहमदाबाद में लगभग 1300 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी सुविधाओं का लोकार्पण करेंगे और आधारशिला रखेंगे। इन परियोजनाओं में निर्माण और यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में हृदय देखभाल के लिए नई एवं बेहतर सुविधाओं तथा एक नये छात्रावास भवन का लोकार्पण; गुर्दा रोग और अनुसंधान केंद्र संस्थान का नया अस्पताल भवन; गुजरात कैंसर और अनुसंधान संस्थान के नये भवन का लोकार्पण शामिल है। प्रधानमंत्री गरीब मरीजों के परिवारों को आवास सुविधा प्रदान करने वाले आश्रय गृह की आधारशिला भी रखेंगे।

प्रधानमंत्री जामनगर में

प्रधानमंत्री जामनगर में 1460 करोड़ रुपये से अधिक लागत की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। ये परियोजनाएं सिंचाई, विद्युत, जलापूर्ति और शहरी बुनियादी ढांचे से संबंधित हैं।

प्रधानमंत्री सौराष्ट्र अवतारण सिंचाई (एसएयूएनआई) योजना लिंक 3 (उंड बांध से सोनमती बांध तक), के पैकेज 7, एसएयूएनआई योजना लिंक 1 (उंड-1 बांध से एसएएनआई बांध तक) के पैकेज 5 और हरिपार 40 मेगावाट सौर पीवी परियोजना का लोकार्पण करेंगे।

जिन परियोजनाओं की प्रधानमंत्री द्वारा आधारशिला रखी जाएगी उनमें कलावड़/जामनगर तालुका मोरबी-मालिया-जोडिया समूह की कलावद ग्रुप ऑगमेंटेशन जल आपूर्ति योजना, लालपुर बाईपास जंक्शन फ्लाईओवर ब्रिज, हापा मार्केट यार्ड रेलवे क्रॉसिंग और सीवर संग्रह पाइपलाइन तथा पंपिंग स्टेशन का नवीनीकरण शामिल हैं।

प्रधानमंत्री उज्जैन में

प्रधानमंत्री श्री महाकाल लोक राष्ट्र को समर्पित करेंगे। श्री महाकाल लोक परियोजना का पहला चरण तीर्थयात्रियों को विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों के अनुभव को स्मरणीय बनाने में सहायता प्रदान करेगा। इस परियोजना का उद्देश्य पूरे क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करना और विरासत संरचनाओं के संरक्षण एवं बहाली पर विशेष बल देना है। परियोजना के तहत मंदिर परिसर का करीब सात गुना विस्तार किया जाएगा। पूरी परियोजना की कुल लागत लगभग 850 करोड़ रुपये है। मंदिर के मौजूदा तीर्थयात्रियों की संख्या, जो लगभग 1.5 करोड़ प्रति वर्ष है, दोगुना होने की उम्मीद है। इस परियोजना के विकास की योजना दो चरणों में बनाई गई है।

महाकाल पथ में 108 स्तंभ (खंभे) हैं जो भगवान शिव के आनंद तांडव स्वरूप (नृत्य रूप) को दर्शाते हैं। महाकाल पथ के किनारे भगवान शिव के जीवन को दर्शाने वाली कई धार्मिक मूर्तियां स्थापित की गई हैं। पथ के साथ भित्ति दीवार चित्र शिव पुराण की कहानियों पर आधारित हैं जिनमें सृजन कार्य, गणेश का जन्म, सती और दक्ष कहानियां आदि शामिल हैं। 2.5 हेक्टेयर में फैला प्लाजा क्षेत्र कमल के तालाब से घिरा हुआ है और इसमें फव्वारे के साथ शिव की मूर्ति भी स्थापित है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सर्विलांस कैमरों की मदद से इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा इस पूरे परिसर की चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी।

 

 

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