प्रधानमंत्री राजस्थान के पोखरण में ‘ भारत शक्ति ‘ अभ्यास का अवलोकन करेंगे
‘ भारत शक्ति ‘ तीनों सेनाओं का एक फायरिंग और कौशल अभ्यास है जो रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में राष्ट्र के मजबूत कदमों का उदाहरण है
प्रधानमंत्री अहमदाबाद में 85,000 करोड़ रुपये से अधिक की रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और राष्ट्र को समर्पित करेंगे
प्रधानमंत्री समर्पित माल वाहक गलियारा परियोजना के कई प्रमुख खंडों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे
प्रधानमंत्री 10 नई वंदे भारत रेलगाड़ियों को झंडी दिखाएंगे
प्रधानमंत्री कोचरब आश्रम का उद्घाटन करेंगे, साबरमती में गांधी आश्रम स्मारक का मास्टर प्लान भी लांच करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 12 मार्य, 2024 को गुजरात और राजस्थान का दौरा करेंगे। सुबह लगभग 9.15 बजे, प्रधानमंत्री अहमदाबाद में 85,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास संबंधी परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके बाद, लगभग 10 बजे सुबह प्रधानमंत्री साबरमती आश्रम का दौरा करेंगे जहां वह कोचरब आश्रम का उद्घाटन करेंगे, और गांधी आश्रम स्मारक का मास्टर प्लान भी लांच करेंगे। इसके बाद लगभग 1.45 बजे, प्रधानमंत्री ‘ भारत शक्ति ‘ का अवलोकन करेंगे जो राजस्थान के पोखरण में तीनों सेनाओं के लाइव फायर और कौशल अभ्यास के रूप में स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का एक संयोजित प्रदर्शन है।

प्रधानमंत्री पोखरण में

प्रधानमंत्री राजस्थान के पोखरण में तीनों सेनाओं के लाइव फायर और कौशल अभ्यास के रूप में स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के एक संयोजित प्रदर्शन का अवलोकन करेंगे।

‘ भारत शक्ति ‘ अभ्यास में देश की शक्ति के प्रदर्शन के रूप में स्वदेशी अस्त्र प्रणालियों और प्लेटफॉर्मों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की जाएगी जो देश की आत्मनिर्भरता पहल पर आधारित है। यह भूमि, वायु, समुद्र, साइबर तथा अंतरिक्ष कार्यक्षेत्रों में खतरों का मुकाबला करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की समेकित प्रचालनगत क्षमताओं को प्रदर्शित करने वाले यथार्थवादी, समन्वित, मल्टी-डोमेन प्रचालनों का अनुकरण करेगी।

अभ्यास में भाग लेने वाले प्रमुख उपकरण और अस्त्र प्रणालियों में भारतीय सेना के कई हथियारों के साथ साथ टी - 90 ( आईएम ) टैंक, धनुष और सारंग गन सिस्टम, आकाश अस्त्र प्रणाली, लॉजिस्ट्क्सि ड्रोन, रोबोटिक म्यूल्स, एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर ( एएलएच ) तथा मानवरहित हवाई वाहनों की एक श्रृंखला शामिल है जो उन्नत जमीनी युद्धकला और हवाई सर्वक्षण क्षमताओं को प्रदर्शित करेगी।

भारतीय नौसेना समुद्री शक्ति और प्रौद्योगिकीय अत्याधुनिकता को रेखांकित करते हुए नौसेना एंटी शिप मिसाइलों, स्वायत्त कार्गों ले जाने वाले हवाई वाहन तथा एक्सपेंडेबल एरियल टार्गेट को प्रदर्शित करेगी। भारतीय वायु सेना हवाई श्रेष्ठता तथा हवाई प्रचालनों में बहुमुखी प्रतिभा को प्रदर्शित करने वाले स्वदेशी रूप से निर्मित्त लाइट कौम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस, लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर तथा एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टरों को तैनात करेगी।

स्वदेशी रूप से विकसित समाधानों के साथ समसामयिक और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और उन पर सफलता पाने के लिए भारत की तत्परता के स्पष्ट संकेत के साथ, भारत शक्ति वैश्विक मंच पर भारत की घरेलू रक्षा क्षमताओं के लचीलेपन, नवोन्मेषण और शक्ति को रेखांकित करती है। यह कार्यक्रम भारतीय सशस्त्र बलों की शक्ति तथा प्रचालनगत क्षमता और स्वदेशी रक्षा उद्योग की सरलता तथा प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा देश के मजबूत कदमों का उदाहरण प्रस्तुत करता है।

प्रधानमंत्री अहमदाबाद में

रेलवे के बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री 85,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखने और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करने के लिए अहमदाबाद में डीएफसी के प्रचालन नियंत्रण केंद्र का दौरा करेंगे।

प्रधानमंत्री रेलवे कार्यशालाओं, लोको शेडों, पिट लाइनों/कोचिंग डिपो, फलटण - बारामती नई लाइन; इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम उन्नयन कार्य की आधारशिला रखेंगे; और पूर्वी डीएफसी के न्यू खुर्जा से साहनेवाल ( 401 मार्ग किमी ) खंड और पश्चिमी डीएफसी, वेस्टर्न डीएफसी के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी), अहमदाबाद के न्यू मकरपुरा से न्यू घोलवड खंड ( 244 मार्ग किमी ) के बीच समर्पित माल गलियारे के दो नए खंड राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

प्रधानमंत्री अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल, सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम, मैसूरु-डॉ एमजीआर सेंट्रल ( चेन्नई ), पटना-लखनऊ, न्यू जलपाईगुड़ी-पटना, पुरी-विशाखापत्तनम, लखनऊ-देहरादून, कलबुर्गी - सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल बेंगलुरु, रांची-वाराणसी, खजुराहो- दिल्ली (निज़ामुद्दीन) के बीच दस नई वंदे भारत ट्रेनों को भी झंडी दिखाएंगे।

प्रधानमंत्री चार वंदे भारत ट्रेनों के विस्तार को भी झंडी दिखाएंगे। अहमदाबाद-जामनगर वंदे भारत को द्वारका तक बढ़ाया जा रहा है, अजमेर- दिल्ली सराय रोहिल्ला वंदे भारत को चंडीगढ़ तक बढ़ाया जा रहा है, गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत को प्रयागराज तक बढ़ाया जा रहा है और तिरुवनंतपुरम- कासरगोड वंदे भारत को मंगलुरु तक बढ़ाया जा रहा है; प्रधानमंत्री आसनसोल और हटिया तथा तिरूपति और कोल्लम स्टेशनों के बीच दो नई यात्री ट्रेनों को भी झंडी दिखाएंगे।

प्रधानमंत्री विभिन्न स्थानों - न्यू खुर्जा जंक्शन, साहनेवाल, न्यू रेवाड़ी, न्यू किशनगढ़, न्यू घोलवड और न्यू मकरपुरा से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर मालगाड़ियों को भी झंडी दिखाएंगे।

प्रधानमंत्री रेलवे स्टेशनों पर 50 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे। ये जन औषधि केंद्र लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं प्रदान करेंगे।

प्रधानमंत्री 51 गति शक्ति मल्टी - मॉडल कार्गो टर्मिनल भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। ये टर्मिनल परिवहन के विभिन्न तरीकों के बीच सामान की निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देंगे।

प्रधानमंत्री 80 खंडों में 1045 किमी स्वचालित सिग्नलिंग राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस उन्नयन से ट्रेन संचालन की सुरक्षा और दक्षता में वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री 2646 स्टेशनों पर रेलवे स्टेशनों की डिजिटल कंट्रोलिंग भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इससे ट्रेनों की परिचालन दक्षता और सुरक्षा में सुधार होगा।

प्रधानमंत्री 35 रेल कोच रेस्तरां राष्ट्र को समर्पित करेंगे। रेल कोच रेस्तरां का लक्ष्य रेलवे के लिए गैर-किराया राजस्व उत्पन्न करने के अलावा यात्रियों और जनता की आवश्यकताओं को पूरा करना है।

प्रधानमंत्री देश भर में फैले 1500 से अधिक वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्टॉल राष्ट्र को समर्पित करेंगे। ये स्टॉल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देंगे और स्थानीय कारीगरों और व्यवसायों के लिए आय उत्पन्न करेंगे।

प्रधानमंत्री 975 स्थानों पर सौर ऊर्जा संचालित स्टेशन/भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह पहल भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान देगी और रेलवे के कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगी। कार्यक्रम के दौरान नए विद्युतीकृत खंडों का समर्पण, पटरियों का दोहरीकरण/मल्टी-ट्रैकिंग, रेलवे गुड्स शेड, वर्कशॉप, लोको शेड, पिट लाइन/कोचिंग डिपो का विकास जैसी कई अन्य परियोजनाएं भी प्रधानमंत्री द्वारा की जाएंगी। ये परियोजनाएं आधुनिक और मजबूत रेलवे नेटवर्क बनाने के प्रति सरकार के समर्पण का प्रमाण हैं। इस निवेश से न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

 

प्रधानमंत्री साबरमती में

प्रधानमंत्री पुनर्विकसित कोचरब आश्रम का उद्घाटन करेंगे। यह 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत आने के बाद महात्मा गांधी द्वारा स्थापित पहला आश्रम था। इसे अभी भी गुजरात विद्यापीठ द्वारा एक स्मारक और पर्यटन स्थल के रूप में संरक्षित किया गया है। प्रधानमंत्री गांधी आश्रम स्मारक के मास्टर प्लान का भी शुभारंभ करेंगे।

प्रधानमंत्री का यह निरंतर प्रयास रहा है कि महात्मा गांधी जिन आदर्शों के लिए खड़े थे, उन्हें बनाए रखा जाए और उन्हें संजोया जाए और ऐसे रास्ते भी विकसित किए जाएं जो उनके आदर्शों को प्रदर्शित करें और उन्हें लोगों के करीब लाएं। इस प्रयत्न के लिए एक और प्रयास में, गांधी आश्रम स्मारक परियोजना वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए महात्मा गांधी की शिक्षाओं और दर्शन को पुनर्जीवित करने में मदद करेगी। इस मास्टरप्लान के तहत, आश्रम के वर्तमान पांच एकड़ क्षेत्र को 55 एकड़ तक विस्तारित किया जाएगा। 36 वर्तमान भवन का जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिनमें से 'हृदय कुंज' सहित 20 भवनों, जो गांधीजी का निवास स्थान था, को संरक्षित किया जाएगा, 13 का जीर्णोद्धार किया जाएगा और 3 का पुनरुद्धार किया जाएगा।

मास्टरप्लान में गृह प्रशासन सुविधाओं के लिए नए भवनों, ओरिएंटेशन सेंटर जैसी आगंतुक सुविधाएं, चरखा कताई, हस्तनिर्मित कागज, कपास बुनाई और चमड़े के काम और सार्वजनिक उपयोगिताओं पर संवादमूलक कार्यशालाएं शामिल हैं। भवनों में गांधीजी के जीवन के पहलुओं के साथ-साथ आश्रम की विरासत को प्रदर्शित करने के लिए संवादमूलक प्रदर्शनियां और गतिविधियां आयोजित होंगी।

मास्टरप्लान में गांधीजी के विचारों को संरक्षित, सुरक्षित और प्रसारित करने के लिए एक पुस्तकालय और अभिलेखागार भवन के निर्माण की भी परिकल्पना की गई है। यह आश्रम के पुस्तकालय और अभिलेखागार का उपयोग करने के लिए अतिथि विद्वानों के लिए सुविधाएं भी बनाएगा। यह परियोजना एक व्याख्या केंद्र के निर्माण को भी सक्षम बनाएगी जो विभिन्न अपेक्षाओं वाले और कई भाषाओं में आगंतुकों का मार्गदर्शन कर सकता है, जिससे उनका अनुभव सांस्कृतिक और बौद्धिक रूप से अधिक प्रेरक और समृद्ध हो जाएगा।

यह स्मारक भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करेगा, गांधीवादी विचारों को बढ़ावा देगा और ट्रस्टीशिप के सिद्धांतों द्वारा सूचित प्रक्रिया के माध्यम से गांधीवादी मूल्यों के सार तत्व को जीवंत करेगा।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।