रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाते हुए, पीएम वडोदरा में सी-295 विमान निर्माण केंद्र की आधारशिला रखेंगे
यह देश में निजी क्षेत्र में पहली सैन्य विमान विनिर्माण सुविधा होग
क्षेत्र में जलापूर्ति बढ़ाने के लिए थराद, बनासकांठा में 8000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं शुरू होंगी
पीएम जंबुघोड़ा, पंचमहल में विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे
असारवा, अहमदाबाद में पीएम 2900 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे
प्रधानमंत्री केवड़िया में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में भाग लेंगे
आरंभ 4.0 के समापन पर पीएम 97वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करेंग
केवड़िया में पीएम दो नए पर्यटक स्थलों- मेज गार्डन और मियावाकी वन को समर्पित करेंगे
राजस्थान में पीएम सार्वजनिक कार्यक्रम 'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा' में शामिल होकर स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम आदिवासी नायकों और शहीदों के बलिदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि देंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 30 अक्टूबर से 1 नवंबर 2022 तक गुजरात और राजस्थान के दौरे पर रहेंगे।

30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री वडोदरा में सी-295 विमान विनिर्माण केंद्र की आधारशिला रखेंगे।

31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री केवड़िया जाएंगे। वह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद वह राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे। आरंभ 4.0 के समापन अवसर पर, प्रधानमंत्री 97वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करेंगे। यहां से प्रधानमंत्री बनासकांठा जिले में पहुंचेंगे, जहां वह थराद में कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। अहमदाबाद में वह देश की प्रमुख रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

1 नवंबर को प्रधानमंत्री राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में पहुंचेंगे, जहां वह सार्वजनिक कार्यक्रम 'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा' में शामिल होंगे। इसके बाद वह गुजरात के पंचमहल जिले के जंबुघोड़ा में कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

वडोदरा में पीएम

प्रधानमंत्री सी-295 विमान विनिर्माण केंद्र की आधारशिला रखेंगे, यह देश में निजी क्षेत्र में पहला विमान विनिर्माण केंद्र होगा। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस डिफेंस एंड स्पेस, स्पेन के सहयोग से इस फसिलटी का उपयोग भारतीय वायुसेना के लिए 40 सी-295 विमानों के निर्माण के लिए किया जाएगा। यह केंद्र रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और इस क्षेत्र में निजी कंपनियों की क्षमता सामने लाने में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के तहत एयरोस्पेस उद्योग में तकनीकी और विनिर्माण प्रगति को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी देखेंगे।

केवड़िया में पीएम

प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरित होकर 2014 में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती यानी 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसका उद्देश्य राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने और मजबूत बनाने के लिए समर्पण की भावना को सुदृढ़ करना है। प्रधानमंत्री स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे। इस दौरान राष्ट्रीय एकता दिवस परेड भी होगी, जिसमें बीएसएफ और पांच राज्यों के पुलिस बल - उत्तरी क्षेत्र (हरियाणा), पश्चिमी क्षेत्र (मध्य प्रदेश), दक्षिणी क्षेत्र (तेलंगाना), पूर्वी क्षेत्र (ओडिशा) और पूर्वोत्तर क्षेत्र (त्रिपुरा) से एक-एक दल शामिल होंगे। इन टुकड़ियों के अलावा, राष्ट्रमंडल खेल 2022 के छह पुलिस खेल पदक विजेता भी परेड में भाग लेंगे।

कार्यक्रम का एक विशेष आकर्षण अंबाजी के आदिवासी बच्चों के म्यूजिकल बैंड की प्रस्तुति होगी। इस बैंड के सदस्य कभी अंबाजी मंदिर में भीख मांगते थे। पिछले महीने अपनी अंबाजी यात्रा के दौरान इन बच्चों की प्रस्तुति देख पीएम ने उन्हें प्रोत्साहित किया था। अन्य प्रमुख आकर्षण में एनसीसी द्वारा 'हम एक हैं, हम श्रेष्ठ हैं' थीम पर एक विशेष शो और एक भारत श्रेष्ठ भारत पर एक सांस्कृतिक प्रस्तुति शामिल है, जिसमें एक साथ कई राज्यों के माध्यम से हमारी संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा।

आरंभ 4.0 के समापन पर प्रधानमंत्री 97वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करेंगे। आरंभ का चौथा संस्करण 'डिजिटल गवर्नेंस; फाउंडेशन एंड फ्रंटियर्स' की थीम पर आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य प्रशिक्षु अधिकारियों को यह सीखने में मदद करना है कि जन सेवा वितरण को मजबूत बनाने और आखिरी छोर तक पारदर्शी, प्रभावी और कुशल तरीके से पहुंचने में तकनीकी समाधान का लाभ कैसे उठाया जाए। इस बैच में 29 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 13 सेवाओं के 455 प्रशिक्षु अधिकारी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री केवड़िया में पर्यटकों के लिए दो नए आकर्षण- मेज गार्डन और मियावाकी वन को समर्पित करेंगे। मेज गार्डन 3 एकड़ में फैला हुआ है, जो इसे देश का सबसे बड़ा मेज गार्डन बनाता है। यहां करीब 2.1 किमी का रास्ता है। इसे एक 'श्रीयंत्र' के आकार में डिजाइन किया गया है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। गार्डन में कुल करीब 1.8 लाख पौधे लगाए गए हैं जिससे सुंदरता देखते ही बनती है। मियावाकी वन करीब 2 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया गया है। इसमें देसी फूलों का बागीचा, टिंबर गार्डन, फलों का बागीचा, औषधीय उद्यान, मिश्रित प्रजाति का अलग खंड, डिजिटल ओरिएंटेशन सेंटर शामिल हैं। इसे जापानी वनस्पतिशास्त्री अकीरा मियावाकी की तकनीक का इस्तेमाल करके विकसित किया गया है, जिससे कम समय में घने और देसी जंगल खड़े करने में मदद मिलती है।

बनासकांठा में पीएम

प्रधानमंत्री बनासकांठा में थराद जाएंगे। एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान जलापूर्ति से संबंधित 8000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की शुरुआत की जाएगी। प्रधानमंत्री मुख्य नर्मदा नहर से कसारा-दंतीवाड़ा पाइपलाइन सहित कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जिस पर 1560 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस परियोजना से पानी की आपूर्ति बढ़ेगी और क्षेत्र के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। कार्यक्रम के दौरान कई परियोजनाओं की घोषणा की जाएगी, जिसमें सुजलाम सुफलाम नहर को मजबूत करना, मोढेरा-मोती दाऊ पाइपलाइन का मुक्तेश्वर बांध-कर्मावत झील तक विस्तार, संतालपुर तालुका के 11 गांवों के लिए लिफ्ट सिंचाई योजना आदि शामिल हैं।

अहमदाबाद में पीएम

प्रधानमंत्री असारवा, अहमदाबाद में 2900 करोड़ रुपये से अधिक की दो रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इन परियोजनाओं में अहमदाबाद (असारवा)- हिम्मतनर-उदयपुर गेज परिवर्तित लाइन और लूनिधर-जेतलसर गेज परिवर्तित लाइन शामिल हैं। प्रधानमंत्री भावनगर-जेतलसर और असारवा-उदयपुर के बीच नई ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे।

देशभर में यूनी-गेज रेल प्रणाली के लिए, रेलवे मौजूदा नॉन-ब्रॉड गेज रेल लाइनों को ब्रॉड गेज में बदल रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित की जा रहीं परियोजनाएं इस दिशा में एक और कदम हैं। अहमदाबाद (असारवा)-हिम्मतनगर-उदयपुर गेज परिवर्तित लाइन करीब 300 किमी लंबी है। इससे कनेक्टिविटी में सुधार होगा और क्षेत्र में पर्यटकों, व्यापारियों, विनिर्माण इकाइयों और उद्योगों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और यह क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद करेगा। 58 किमी लंबी लूनिधर-जेतलसर गेज परिवर्तित लाइन वेरावल और पोरबंदर से पीपावाव पोर्ट और भावनगर के लिए छोटा रास्ता उपलब्ध कराएगी। परियोजना से इस खंड पर माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि होगी, साथ ही व्यस्त कनालुस-राजकोट-विरमगाम मार्ग पर भीड़ कम होगी। इससे गिर अभयारण्य, सोमनाथ मंदिर, दीव और गिरनार पहाड़ियों के लिए कनेक्टिविटी बेहतर होगी और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

पंचमहल में पीएम

प्रधानमंत्री पंचमहल के जंबुघोड़ा में करीब 860 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। वह श्री गोविंद गुरु विश्वविद्यालय, गोधरा के नए परिसर को समर्पित करेंगे। वह वाडेक गांव में संत जोरिया परमेश्वर प्राथमिक विद्यालय एवं स्मारक और डांडियापुरा गांव में राजा रूप सिंह नायक प्राथमिक विद्यालय एवं स्मारक को समर्पित करेंगे।

प्रधानमंत्री केंद्रीय विद्यालय, गोधरा के भवन का शिलान्यास करेंगे। वह गोधरा मेडिकल कॉलेज के विकास और कौशल्या- कौशल विश्वविद्यालय के विस्तार की भी आधारशिला रखेंगे, जिस पर 680 करोड़ की लागत आएगी।

बांसवाड़ा में पीएम

आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में, सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम आदिवासी नायकों को याद करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके तहत 15 नवंबर (आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती) को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया गया, समाज में आदिवासी लोगों के योगदान को मान्यता देने और स्वतंत्रता संग्राम में उनके बलिदान के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए देशभर में आदिवासी संग्रहालयों की स्थापना की गई। इस दिशा में एक और कदम उठाते हुए, स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम आदिवासी नायकों और शहीदों के बलिदान को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री राजस्थान के मानगढ़ पहाड़ी (बांसवाड़ा) पर आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम - 'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा' में शामिल होंगे। कार्यक्रम के दौरान, प्राधानमंत्री भील स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु को श्रद्धांजलि देंगे और क्षेत्र के भील और अन्य आदिवासियों की एक सभा को संबोधित करेंगे।

मानगढ़ की पहाड़ी भील समुदाय और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की अन्य जनजातियों के लिए विशेष महत्व रखती है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यहां भील और अन्य जनजातियों ने लंबे समय तक अंग्रेजों से लोहा लिया था। 17 नवंबर 1913 को श्री गोविंद गुरु के नेतृत्व में 1.5 लाख से अधिक भीलों ने मानगढ़ पहाड़ी पर सभा की थी। इस सभा पर अंग्रेजों ने गोलियां चलाईं, जिससे मानगढ़ नरसंहार हुआ और लगभग 1500 आदिवासी शहीद हो गए थे।

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