रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाते हुए, पीएम वडोदरा में सी-295 विमान निर्माण केंद्र की आधारशिला रखेंगे
यह देश में निजी क्षेत्र में पहली सैन्य विमान विनिर्माण सुविधा होग
क्षेत्र में जलापूर्ति बढ़ाने के लिए थराद, बनासकांठा में 8000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं शुरू होंगी
पीएम जंबुघोड़ा, पंचमहल में विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे
असारवा, अहमदाबाद में पीएम 2900 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे
प्रधानमंत्री केवड़िया में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में भाग लेंगे
आरंभ 4.0 के समापन पर पीएम 97वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करेंग
केवड़िया में पीएम दो नए पर्यटक स्थलों- मेज गार्डन और मियावाकी वन को समर्पित करेंगे
राजस्थान में पीएम सार्वजनिक कार्यक्रम 'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा' में शामिल होकर स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम आदिवासी नायकों और शहीदों के बलिदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि देंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 30 अक्टूबर से 1 नवंबर 2022 तक गुजरात और राजस्थान के दौरे पर रहेंगे।

30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री वडोदरा में सी-295 विमान विनिर्माण केंद्र की आधारशिला रखेंगे।

31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री केवड़िया जाएंगे। वह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद वह राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे। आरंभ 4.0 के समापन अवसर पर, प्रधानमंत्री 97वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करेंगे। यहां से प्रधानमंत्री बनासकांठा जिले में पहुंचेंगे, जहां वह थराद में कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। अहमदाबाद में वह देश की प्रमुख रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

1 नवंबर को प्रधानमंत्री राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में पहुंचेंगे, जहां वह सार्वजनिक कार्यक्रम 'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा' में शामिल होंगे। इसके बाद वह गुजरात के पंचमहल जिले के जंबुघोड़ा में कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

वडोदरा में पीएम

प्रधानमंत्री सी-295 विमान विनिर्माण केंद्र की आधारशिला रखेंगे, यह देश में निजी क्षेत्र में पहला विमान विनिर्माण केंद्र होगा। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस डिफेंस एंड स्पेस, स्पेन के सहयोग से इस फसिलटी का उपयोग भारतीय वायुसेना के लिए 40 सी-295 विमानों के निर्माण के लिए किया जाएगा। यह केंद्र रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और इस क्षेत्र में निजी कंपनियों की क्षमता सामने लाने में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के तहत एयरोस्पेस उद्योग में तकनीकी और विनिर्माण प्रगति को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी देखेंगे।

केवड़िया में पीएम

प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरित होकर 2014 में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती यानी 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसका उद्देश्य राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने और मजबूत बनाने के लिए समर्पण की भावना को सुदृढ़ करना है। प्रधानमंत्री स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे। इस दौरान राष्ट्रीय एकता दिवस परेड भी होगी, जिसमें बीएसएफ और पांच राज्यों के पुलिस बल - उत्तरी क्षेत्र (हरियाणा), पश्चिमी क्षेत्र (मध्य प्रदेश), दक्षिणी क्षेत्र (तेलंगाना), पूर्वी क्षेत्र (ओडिशा) और पूर्वोत्तर क्षेत्र (त्रिपुरा) से एक-एक दल शामिल होंगे। इन टुकड़ियों के अलावा, राष्ट्रमंडल खेल 2022 के छह पुलिस खेल पदक विजेता भी परेड में भाग लेंगे।

कार्यक्रम का एक विशेष आकर्षण अंबाजी के आदिवासी बच्चों के म्यूजिकल बैंड की प्रस्तुति होगी। इस बैंड के सदस्य कभी अंबाजी मंदिर में भीख मांगते थे। पिछले महीने अपनी अंबाजी यात्रा के दौरान इन बच्चों की प्रस्तुति देख पीएम ने उन्हें प्रोत्साहित किया था। अन्य प्रमुख आकर्षण में एनसीसी द्वारा 'हम एक हैं, हम श्रेष्ठ हैं' थीम पर एक विशेष शो और एक भारत श्रेष्ठ भारत पर एक सांस्कृतिक प्रस्तुति शामिल है, जिसमें एक साथ कई राज्यों के माध्यम से हमारी संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा।

आरंभ 4.0 के समापन पर प्रधानमंत्री 97वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करेंगे। आरंभ का चौथा संस्करण 'डिजिटल गवर्नेंस; फाउंडेशन एंड फ्रंटियर्स' की थीम पर आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य प्रशिक्षु अधिकारियों को यह सीखने में मदद करना है कि जन सेवा वितरण को मजबूत बनाने और आखिरी छोर तक पारदर्शी, प्रभावी और कुशल तरीके से पहुंचने में तकनीकी समाधान का लाभ कैसे उठाया जाए। इस बैच में 29 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 13 सेवाओं के 455 प्रशिक्षु अधिकारी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री केवड़िया में पर्यटकों के लिए दो नए आकर्षण- मेज गार्डन और मियावाकी वन को समर्पित करेंगे। मेज गार्डन 3 एकड़ में फैला हुआ है, जो इसे देश का सबसे बड़ा मेज गार्डन बनाता है। यहां करीब 2.1 किमी का रास्ता है। इसे एक 'श्रीयंत्र' के आकार में डिजाइन किया गया है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। गार्डन में कुल करीब 1.8 लाख पौधे लगाए गए हैं जिससे सुंदरता देखते ही बनती है। मियावाकी वन करीब 2 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया गया है। इसमें देसी फूलों का बागीचा, टिंबर गार्डन, फलों का बागीचा, औषधीय उद्यान, मिश्रित प्रजाति का अलग खंड, डिजिटल ओरिएंटेशन सेंटर शामिल हैं। इसे जापानी वनस्पतिशास्त्री अकीरा मियावाकी की तकनीक का इस्तेमाल करके विकसित किया गया है, जिससे कम समय में घने और देसी जंगल खड़े करने में मदद मिलती है।

बनासकांठा में पीएम

प्रधानमंत्री बनासकांठा में थराद जाएंगे। एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान जलापूर्ति से संबंधित 8000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की शुरुआत की जाएगी। प्रधानमंत्री मुख्य नर्मदा नहर से कसारा-दंतीवाड़ा पाइपलाइन सहित कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जिस पर 1560 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस परियोजना से पानी की आपूर्ति बढ़ेगी और क्षेत्र के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। कार्यक्रम के दौरान कई परियोजनाओं की घोषणा की जाएगी, जिसमें सुजलाम सुफलाम नहर को मजबूत करना, मोढेरा-मोती दाऊ पाइपलाइन का मुक्तेश्वर बांध-कर्मावत झील तक विस्तार, संतालपुर तालुका के 11 गांवों के लिए लिफ्ट सिंचाई योजना आदि शामिल हैं।

अहमदाबाद में पीएम

प्रधानमंत्री असारवा, अहमदाबाद में 2900 करोड़ रुपये से अधिक की दो रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इन परियोजनाओं में अहमदाबाद (असारवा)- हिम्मतनर-उदयपुर गेज परिवर्तित लाइन और लूनिधर-जेतलसर गेज परिवर्तित लाइन शामिल हैं। प्रधानमंत्री भावनगर-जेतलसर और असारवा-उदयपुर के बीच नई ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे।

देशभर में यूनी-गेज रेल प्रणाली के लिए, रेलवे मौजूदा नॉन-ब्रॉड गेज रेल लाइनों को ब्रॉड गेज में बदल रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित की जा रहीं परियोजनाएं इस दिशा में एक और कदम हैं। अहमदाबाद (असारवा)-हिम्मतनगर-उदयपुर गेज परिवर्तित लाइन करीब 300 किमी लंबी है। इससे कनेक्टिविटी में सुधार होगा और क्षेत्र में पर्यटकों, व्यापारियों, विनिर्माण इकाइयों और उद्योगों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और यह क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद करेगा। 58 किमी लंबी लूनिधर-जेतलसर गेज परिवर्तित लाइन वेरावल और पोरबंदर से पीपावाव पोर्ट और भावनगर के लिए छोटा रास्ता उपलब्ध कराएगी। परियोजना से इस खंड पर माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि होगी, साथ ही व्यस्त कनालुस-राजकोट-विरमगाम मार्ग पर भीड़ कम होगी। इससे गिर अभयारण्य, सोमनाथ मंदिर, दीव और गिरनार पहाड़ियों के लिए कनेक्टिविटी बेहतर होगी और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

पंचमहल में पीएम

प्रधानमंत्री पंचमहल के जंबुघोड़ा में करीब 860 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। वह श्री गोविंद गुरु विश्वविद्यालय, गोधरा के नए परिसर को समर्पित करेंगे। वह वाडेक गांव में संत जोरिया परमेश्वर प्राथमिक विद्यालय एवं स्मारक और डांडियापुरा गांव में राजा रूप सिंह नायक प्राथमिक विद्यालय एवं स्मारक को समर्पित करेंगे।

प्रधानमंत्री केंद्रीय विद्यालय, गोधरा के भवन का शिलान्यास करेंगे। वह गोधरा मेडिकल कॉलेज के विकास और कौशल्या- कौशल विश्वविद्यालय के विस्तार की भी आधारशिला रखेंगे, जिस पर 680 करोड़ की लागत आएगी।

बांसवाड़ा में पीएम

आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में, सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम आदिवासी नायकों को याद करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके तहत 15 नवंबर (आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती) को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया गया, समाज में आदिवासी लोगों के योगदान को मान्यता देने और स्वतंत्रता संग्राम में उनके बलिदान के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए देशभर में आदिवासी संग्रहालयों की स्थापना की गई। इस दिशा में एक और कदम उठाते हुए, स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम आदिवासी नायकों और शहीदों के बलिदान को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री राजस्थान के मानगढ़ पहाड़ी (बांसवाड़ा) पर आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम - 'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा' में शामिल होंगे। कार्यक्रम के दौरान, प्राधानमंत्री भील स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु को श्रद्धांजलि देंगे और क्षेत्र के भील और अन्य आदिवासियों की एक सभा को संबोधित करेंगे।

मानगढ़ की पहाड़ी भील समुदाय और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की अन्य जनजातियों के लिए विशेष महत्व रखती है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यहां भील और अन्य जनजातियों ने लंबे समय तक अंग्रेजों से लोहा लिया था। 17 नवंबर 1913 को श्री गोविंद गुरु के नेतृत्व में 1.5 लाख से अधिक भीलों ने मानगढ़ पहाड़ी पर सभा की थी। इस सभा पर अंग्रेजों ने गोलियां चलाईं, जिससे मानगढ़ नरसंहार हुआ और लगभग 1500 आदिवासी शहीद हो गए थे।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।