प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल शाम बैंकों और एनबीएफसी के हितधारकों के साथ भविष्य के लिए विजन एवं रूपरेखा (रोडमैप) पर चर्चाएं और विचार-विमर्श करेंगे।
इस विचार-मंथन सत्र के एजेंडे में शामिल विषयों में ऋण उत्पाद एवं वितरण (डिलीवरी) के लिए प्रभावकारी मॉडल, प्रौद्योगिकी के जरिए वित्तीय सशक्तिकरण और वित्तीय सेक्टर के स्थायित्व एवं निरंतरता के लिए विवेकपूर्ण तौर-तरीके शामिल हैं।
बैंकिंग सेक्टर दरअसल अवसंरचना, कृषि, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) सहित स्थानीय विनिर्माण के वित्तपोषण के जरिए भारत के आर्थिक विकास में योगदान देने में अहम भूमिका निभाता है। जहां तक वित्तीय समावेश की बात है, यह प्रौद्योगिकी के जरिए वित्तीय सशक्तिकरण में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी इस विचार-विमर्श के दौरान उपस्थित रहेंगे।