प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल 2 अक्टूबर, 2021 को 11 बजे पूर्वाह्न वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
के माध्यम से जल जीवन मिशन के बारे में ग्राम पंचायतों तथा पानी समितियों/ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) से बात करेंगे।
प्रधानमंत्री हितधारकों के बीच जागरूकता बढ़ाने तथा मिशन के तहत योजनाओं में अधिकाधिक पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व कायम करने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन ऐप का शुभारंभ करेंगे।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय जल जीवन कोष की भी शुरुआत करेंगे, जहां कोई व्यक्ति, संस्था, कंपनी अथवा समाजसेवी, चाहे भारत अथवा विदेश में हों, वे प्रत्येक ग्रामीण परिवार, स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, आश्रमशाला तथा अन्य सार्वजनिक संस्थाओं में नल-जल कनेक्शन प्रदान करने में मदद करने हेतु योगदान कर सकते हैं।
दिन में जल जीवन मिशन पर राष्ट्रव्यापी ग्राम सभाएं भी आयोजित की जाएंगी। ग्राम सभाओं में ग्रामीण जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना एवं प्रबंधन के बारे में चर्चा की जाएगी और दीर्घकालिक जल सुरक्षा की दिशा में कार्य भी किया जाएगा।
पानी समितियों/वीडब्ल्यूएससी के बारे में
पानी समितियां ग्रामीण जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना, कार्यान्वयन, प्रबन्धन, संचालन तथा रखरखाव में प्रमुख भूमिका निभाती हैं, जिससे प्रत्येक परिवार को नियमित एवं दीर्घकालिक तौर पर स्वच्छ नल-जल उपलब्ध कराया जाता है। कुल 6 लाख से अधिक गांवों में से लगभग 3.5 लाख गांवों में पानी समितियां/वीडब्ल्यूएससी गठित की गई हैं। फील्ड टेस्ट किट्स के इस्तेमाल से जल की गुणवत्ता की जांच करने के लिए 7.1 लाख से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है।
जल जीवन मिशन के बारे में
प्रधानमंत्री ने प्रत्येक परिवार को स्वच्छ नल-जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। मिशन की शुरुआत के समय, केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों के पास नल-जल आपूर्ति की सुविधा थी।
कोविड-19 महामारी के बावजूद, पिछले दो वर्षों में 5 करोड़ से अधिक परिवारों को नल-जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। अब तक लगभग 8.26 करोड़ (43 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों के लिए उनके घरों में नल-जल की आपूर्ति की जा रही है। देश के 78 जिलों, 58 हजार ग्राम पंचायतों और 1.16 लाख गांवों में प्रत्येक परिवार को नल-जल आपूर्ति की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अब तक 7.72 लाख (76 प्रतिशत) स्कूलों तथा 7.48 लाख (67.5 प्रतिशत) आंगनवाड़ी केंद्रों में नल-जल आपूर्ति की सुविधा प्रदान की गई है।
प्रधानमंत्री के ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास, सबका-प्रयास’ के दृष्टिकोण को साकार करने तथा ‘बॉटम अप’ अप्रोच का अनुसरण करते हुए, राज्यों की साझेदारी से 3.60 लाख करोड़ रुपए के बजट से जल जीवन मिशन को कार्यान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा, 2021-22 से लेकर 2025-26 की अवधि के लिए गांवों में स्वच्छ जल एवं स्वच्छता के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत विशेष अनुदान के रूप में पंचायती राज संस्थाओं के लिए 1.42 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।