प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 11 नवंबर, 2020 को शाम 4:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कटक में आयकर अपीलीय अधिकरण (आईटीएटी) के अत्याधुनिक कार्यालय-सह-आवासीय परिसर का लोकार्पण करेंगे। केंद्रीय विधि मंत्री, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री, ओडिशा के मुख्यमंत्री, ओडिशा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर, आईटीएटी पर एक ई-कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया जाएगा।
आयकर अपीलीय अधिकरण, जिसे आईटीएटी के नाम से भी जाना जाता है, प्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण संवैधानिक निकाय है और तथ्य के निष्कर्षों पर इसके आदेश अंतिम रूप से स्वीकार किए जाते हैं। वर्तमान समय में इसके अध्यक्ष, झारखंड उच्च न्यायालय और गुजरात उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री पी.पी. भट्ट हैं। 25 जनवरी, 1941 को गठित किया गया आईटीएटी पहला ट्रिब्यूनल था और इसे 'मदर ट्रिब्यूनल' के नाम से भी जाना जाता है। आईटीएटी की वर्ष 1941 में दिल्ली, बम्बई और कलकत्ता में केवल तीन पीठों के साथ शुरू हुई थी। वर्तमान समय में देश भर के तीस शहरों में में आईटीएटी की पीठों की संख्या 63 तक बढ़ गई है। देश में इसकी दो क्षेत्रीय पीठ भी हैं।
आईटीएटी की कटक पीठ की स्थापना 23 मई, 1970 को की गई थी और तभी से इसने कार्य करना शुरू कर दिया था। कटक पीठ का अधिकार क्षेत्र पूरे ओडिशा राज्य में फैला हुआ है। यह पीठ 50 से अधिक वर्षों से किराए के परिसर में काम कर रही थी। आईटीएटी, कटक पीठ का नव-निर्मित कार्यालय-सह-आवासीय परिसर 1.60 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके लिये भूमि का आवंटन ओडिशा राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में नि:शुल्क किया था। आवंटित कार्यालय परिसर का कुल निर्मित क्षेत्र 1938 वर्ग मीटर है। इसके तीन मंजिला परिसर में, विशाल अदालत कक्ष, अत्याधुनिक रिकॉर्ड रूम, पीठ के सदस्यों के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित कक्ष, पुस्तकालय कक्ष, अच्छी तरह से सुसज्जित विशाल आधुनिक सम्मेलन कक्ष, पक्षकारों के लिए पर्याप्त जगह, वकीलों के लिये अधिवक्ता कक्ष के अलावा चार्टर्ड एकाउंटेंट और अन्य लोगों के लिए भी पर्याप्त जगह उपलब्ध है।