प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 19 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर मैसूर विश्वविद्यालय के शताब्दी दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे। कर्नाटक के राज्यपाल, विश्वविद्यालय के अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। शिक्षा जगत और अकादमिक परिषद के सदस्य, सांसद, विधायक, एमएलसी, सांविधिक अधिकारी, जिला अधिकारी, विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और छात्र व अभिभावक ऑनलाइन माध्यम से दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे।
विश्वविद्यालय के बारे में
मैसूर विश्वविद्यालय की स्थापना 27 जुलाई, 1916 को हुई थी। यह देश का छठा विश्वविद्यालय और कर्नाटक राज्य में पहला विश्वविद्यालय था। विश्वविद्यालय का आदर्श वाक्य 'ना हाय ज्ञान सेना सदृशम' है जिसका अर्थ है 'ज्ञान के बराबर कुछ नहीं'। विश्वविद्यालय की स्थापना तत्कालीन मैसूर रियासत के दूरदर्शी महाराजा, महामहिम श्री नलवाड़ी कृष्णराज वाडियार और तत्कालीन दीवान सर एम.वी. विश्वेश्वरैया ने की थी।