प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस महासम्मेलन में जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण पहलों का शुभारंभ किया। उन्होंने मध्य प्रदेश में 'राशन आपके ग्राम' योजना का भी शुभारंभ किया। उन्होंने मध्य प्रदेश सिकल सेल मिशन को भी लॉन्च किया। उन्होंने देश भर में 50 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला रखी। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार, श्री नरेंद्र सिंह तोमर, श्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया तथा केंद्रीय राज्य मंत्री श्री प्रहलाद एस पटेल, श्री फग्गन सिंह कुलस्ते और डॉ. एल. मुरुगन उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित गणमान्यजनों को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत अपना पहला ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मना रहा है। उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर पूरे देश के जनजातीय समाज की कला-संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को गौरव के साथ याद किया जा रहा है, उन्हें सम्मान दिया जा रहा है।’ जनजातीय समाज के साथ अपने लंबे जुड़ाव को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने उनके समृद्ध आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक जीवन की प्रशंसा की और कहा कि गीत एवं नृत्य सहित जनजातीय लोगों के हर सांस्कृतिक पहलू में जीवन का एक अद्भुत सबक है और उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ है।
प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा, ‘आजादी की लड़ाई में जनजातीय नायक-नायिकाओं की वीर गाथाओं को देश के सामने लाना, उसे नई पीढ़ी से परिचित कराना हमारा कर्तव्य है।’ गुलामी के कालखंड में विदेशी शासन के खिलाफ खासी-गारो आंदोलन, मिजो आंदोलन, कोल आंदोलन समेत कई संग्राम हुए। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘गोंड महारानी वीर दुर्गावती का शौर्य हो या फिर रानी कमलापति का बलिदान, देश इन्हें भूल नहीं सकता है। वीर महाराणा प्रताप के संघर्ष की कल्पना उन बहादुर भीलों के बिना नहीं की जा सकती जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी और बलिदान दिया।’
प्रधानमंत्री ने आने वाली पीढ़ियों को छत्रपति शिवाजी महाराज से जोड़ने में शिवशाहिर बाबासाहेब पुरंदरे के अमूल्य योगदान को याद किया। शिवशाहिर बाबासाहेब पुरंदरे का आज सुबह निधन हो गया। प्रधानमंत्री ने प्रख्यात इतिहासकार को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज के जिन आदर्शों को बाबासाहेब पुरंदरे जी ने देश के सामने रखा, वे आदर्श हमें निरंतर प्रेरणा देते रहेंगे। मैं बाबासाहेब पुरंदरे जी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देता हूं।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ’आज जब हम राष्ट्र निर्माण में आदिवासी समाज के योगदान की राष्ट्रीय मंचों से चर्चा करते हैं तो कुछ लोग हैरान होते हैं। ऐसे लोगों को समझ में नहीं आता कि भारत की संस्कृति को मजबूत करने में जनजातीय समाज ने कितना योगदान दिया है।‘ इसका कारण यह है कि जनजातीय समाज के योगदान को या तो देश को नहीं बताया जाता था और बताया भी जाता था तो बहुत सीमित दायरे में जानकारी दी जाती थी। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, "ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आजादी के बाद दशकों तक देश में सरकार चलाने वालों ने अपनी स्वार्थी राजनीति को प्राथमिकता दी।" प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आदिवासी क्षेत्रों में गरीबों के लिए घर, शौचालय, मुफ्त बिजली और गैस कनेक्शन, स्कूल, सड़क और मुफ्त इलाज जैसी सुविधाएं देश के बाकी हिस्सों की तरह ही मिल रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं में जनजातीय आबादी के उच्च अनुपात वाले आकांक्षी जिलों को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि देश का जनजातीय क्षेत्र हमेशा धन और संसाधनों के मामले में समृद्ध रहा है। लेकिन "जो पहले सरकार में थे, उन्होंने इन क्षेत्रों के शोषण की नीति को अपनाया। हम इन क्षेत्रों की क्षमता का उचित उपयोग करने की नीति का पालन कर रहे हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा कि कैसे वन कानूनों को बदलकर जनजातीय समाज को वन संसाधन उपलब्ध कराए गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में पद्म पुरस्कार दिए गए हैं। जनजातीय समाज से आने वाले पुरस्कार विजेता जब राष्ट्रपति भवन पहुंचे तो दुनिया हैरान रह गई। उन्होंने आदिवासी और ग्रामीण समाज में काम करने वालों को देश का असली हीरा बताया। आज आदिवासी समुदाय के कारीगरों के उत्पादों का राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार हो रहा है। आज 90 से अधिक वन उत्पादों को एमएसपी दिया जा रहा है, जबकि पहले केवल 8-10 फसलें ही इसके दायरे में शामिल थीं। ऐसे जिलों के लिए 150 से अधिक मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं। 2,500 से अधिक वन धन विकास केंद्रों को 37,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया है, जिससे 7 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। 20 लाख भूमि 'पट्टे' दिए गए हैं और जनजातीय युवाओं के कौशल एवं शिक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है। पिछले 7 वर्षों में 9 नए आदिवासी अनुसंधान संस्थान तैयार किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा पर जोर देने से आदिवासी लोगों को मदद मिलेगी।
Emphasis on mother tongue in the New Education Policy will help the tribal people, said the Prime Minister.
आज भारत, अपना पहला जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है।
— PMO India (@PMOIndia) November 15, 2021
आज़ादी के बाद देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर, पूरे देश के जनजातीय समाज की कला-संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्रनिर्माण में उनके योगदान को गौरव के साथ याद किया जा रहा है, उन्हें सम्मान दिया जा रहा है: PM @narendramodi
गोंड महारानी वीर दुर्गावती का शौर्य हो या फिर रानी कमलापति का बलिदान, देश इन्हें भूल नहीं सकता।
— PMO India (@PMOIndia) November 15, 2021
वीर महाराणा प्रताप के संघर्ष की कल्पना उन बहादुर भीलों के बिना नहीं की जा सकती जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी और बलिदान दिया: PM @narendramodi
आजादी की लड़ाई में जनजातीय नायक-नायिकाओं की वीर गाथाओं को देश के सामने लाना, उसे नई पीढ़ी से परिचित कराना, हमारा कर्तव्य है।
— PMO India (@PMOIndia) November 15, 2021
गुलामी के कालखंड में विदेशी शासन के खिलाफ खासी-गारो आंदोलन, मिजो आंदोलन, कोल आंदोलन समेत कई संग्राम हुए: PM @narendramodi
छत्रपति शिवाजी महाराज के जिन आदर्शों को बाबासाहेब पुरंदरे जी ने देश के सामने रखा, वो आदर्श हमें निरंतर प्रेरणा देते रहेंगे।
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मैं बाबासाहेब पुरंदरे जी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देता हूं: PM @narendramodi
‘पद्म विभूषण’ बाबासाहेब पुरंदरे जी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन को, उनके इतिहास को सामान्य जन तक पहुंचाने में जो योगदान दिया है, वो अमूल्य है।
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यहां की सरकार ने उन्हें कालिदास पुरस्कार भी दिया था: PM @narendramodi
इसकी वजह ये है कि जनजातीय समाज के योगदान के बारे में या तो देश को बताया ही नहीं गया और अगर बताया भी गया तो बहुत ही सीमित दायरे में जानकारी दी गई।
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ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आज़ादी के बाद दशकों तक जिन्होंने देश में सरकार चलाई, उन्होंने अपनी स्वार्थ भरी राजनीति को ही प्राथमिकता दी: PM
आज जब हम राष्ट्रीय मंचों से, राष्ट्र निर्माण में जनजातीय समाज के योगदान की चर्चा करते हैं, तो कुछ लोगों को हैरानी होती है।
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ऐसे लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि जनजातीय समाज का भारत की संस्कृति को मजबूत करने में कितना बड़ा योगदान रहा है: PM @narendramodi
आज चाहे गरीबों के घर हों, शौचालय हों,
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मुफ्त बिजली और गैस कनेक्शन हों,
स्कूल हो, सड़क हो, मुफ्त इलाज हो,
ये सबकुछ जिस गति से देश के बाकी हिस्से में हो रहा है, उसी गति से आदिवासी क्षेत्रों में भी हो रहा है: PM @narendramodi
देश का जनजातीय क्षेत्र, संसाधनों के रूप में, संपदा के मामले में हमेशा समृद्ध रहा है।
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लेकिन जो पहले सरकार में रहे, वो इन क्षेत्रों के दोहन की नीति पर चले।
हम इन क्षेत्रों के सामर्थ्य के सही इस्तेमाल की नीति पर चल रहे हैं: PM @narendramodi
अभी हाल में पद्म पुरस्कार दिए गए हैं।
— PMO India (@PMOIndia) November 15, 2021
जनजातीय समाज से आने वाले साथी जब राष्ट्रपति भवन पहुंचे तो दुनिया हैरान रह गई।
आदिवासी और ग्रामीण समाज में काम करने वाले ये देश के असली हीरे हैं: PM @narendramodi