Quote"वर्षों से, आप मेरे परिवार का एक हिस्सा रहे हैं"
Quote"दिवाली आतंक के अंत का त्योहार है"
Quote"जिस भारत का हम सम्मान करते हैं वह सिर्फ एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं है बल्कि एक जीवंत भाव है, एक निरंतर चेतना है, एक अमर अस्तित्व है"
Quote“आप सरहद पर ढाल बनकर खड़े हैं जबकि देश के भीतर भी दुश्मनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है”
Quote"मैं अपने सशस्त्र बलों की प्रशंसा करता हूं, जिन्होंने तय किया है कि 400 से अधिक रक्षा उपकरण अब विदेशों से नहीं खरीदे जाएंगे, और अब भारत में ही बनाए जाएंगे"
Quote"हम देश की सैन्य शक्ति को नई चुनौतियों, नए तरीकों और राष्ट्रीय रक्षा की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार तैयार कर रहे हैं"
Quoteसशस्त्र बलों के साथ दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को कायम रखते हुए, प्रधानमंत्री ने यह दिवाली कारगिल में सशस्त्र बलों के साथ मनाई।

वीर जवानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कारगिल की धरती के प्रति श्रद्धा उन्हें हमेशा सशस्त्र बलों के वीर पुत्र-पुत्रियों की ओर खींचती है। प्रधानमंत्री ने कहा, "वर्षों से, आप मेरे परिवार का एक हिस्सा रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जवानों की उपस्थिति में दिवाली की मिठास बढ़ जाती है और उनके बीच मौजूद दिवाली की रोशनी उनके हौसले को बुलंद करती है। उन्होंने कहा, “एक तरफ देश की संप्रभु सीमा हैं, और दूसरी ओर समर्पित सिपाही, एक ओर मातृभूमि की ममतामयी मिट्टी है तो दूसरी ओर वीर जवान। मैं कहीं और इस तरह की दिवाली की उम्मीद नहीं कर सकता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वीरता और बहादुरी की इन गाथाओं का जश्न मनाता है जो हमारी परंपराओं और संस्कृतियों का हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "आज, कारगिल की विजयी भूमि से, मैं सभी देशवासियों और दुनिया में सभी लोगों को दिवाली की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।"

प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा कोई युद्ध नहीं हुआ है जब कारगिल ने विजयी होकर तिरंगा नहीं फहराया। आज की दुनिया में भारत की अभिलाषा के बारे में, प्रधानमंत्री ने कामना करते हुए कहा कि रोशनी का त्योहार आज के वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में शांति और समृद्धि का मार्ग रोशन करे। दिवाली के महत्व के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, "यह आतंक के अंत का उत्सव है।" दिवाली की उपमा देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कारगिल ने ठीक वैसा ही किया था और जीत के जश्न को आज भी याद किया जाता है।

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प्रधानमंत्री ने याद किया कि वह कारगिल युद्ध के साक्षी थे और उन्होंने इसे करीब से देखा था। उन्होंने प्रधानमंत्री की 23 साल पुरानी तस्वीरों को संरक्षित करने और दिखाने के लिए अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया, जब वे युद्ध के दौरान दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले जवानों के साथ समय बिताने आए थे। प्रधानमंत्री ने कहा, "एक सामान्य नागरिक के रूप में, मेरा कर्तव्य पथ मुझे रणभूमि तक ले आया।” प्रधानमंत्री ने याद करते हुए कहा कि वे देशवासियों द्वारा इकट्ठा की गई राहत सामग्रियों को यहां सौंपने आए थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनके लिए पूजा करने जैसा क्षण था। उस समय के वातावरण के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रत्येक व्यक्ति का आह्वान था कि वह अपने मन, शरीर और आत्मा को इस उद्देश्य के लिए समर्पित करे, और जीत के जयकारों ने हमारे चारों ओर जोश भर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा, "हम जिस राष्ट्र की आराधना करते हैं, हमारा वह भारत केवल एक भौगोलिक भूखंड मात्र नहीं है, हमारा भारत एक जीवंत भाव है, एक निरंतर चेतना है, एक अमर अस्तित्व है।” श्री मोदी ने यह भी कहा, "जब हम भारत कहते हैं, तो सामने शाश्वत संस्कृति का चित्र उभर आता है, जब हम भारत कहते हैं तो सामने वीरता की विरासत उठ खड़ी होती है, जब हम भारत कहते हैं तो सामने पराक्रम की परिपाटी प्रखर हो उठती है।” उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी अजस्र धारा है, जो एक और गगनचुंबी हिमालय से प्रस्फुटित होती है और दूसरी ओर हिंद महासागर में समाहित होती है। प्रधानमंत्री ने याद किया कि अतीत में विश्व की कई समृद्ध सभ्यताएं रेगिस्तान सी वीरान हो गई, लेकिन भारत के अस्तित्व की यह सांस्कृतिक धारा आज भी अविरल है। उन्होंने समझाया कि एक राष्ट्र अमर हो जाता है जब देश के बहादुर बेटे और बेटियां अपने सामर्थ्य पर और संसाधनों में पूर्ण विश्वास दिखाते हैं।

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कारगिल का युद्धक्षेत्र भारतीय सेना के पराक्रम का बुलंद गवाह बन चुका है। श्री मोदी ने कहा, "द्रास, बटालिक और टाइगर हिल इस बात के प्रमाण हैं कि पहाड़ की चोटी पर बैठे दुश्मन भारतीय सशस्त्र बलों के साहस और वीरता के आगे बौने हैं।" उन्होंने कहा कि भारत की सीमाओं की रक्षा करने वाले भारत की सुरक्षा के सशक्त स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि एक देश तभी सुरक्षित होता है जब उसकी सीमाएं सुरक्षित हों, उसकी अर्थव्यवस्था मजबूत हो और समाज आत्मविश्वास से भरा हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम देश की ताकत के बारे में समाचार सुनते हैं तो पूरे देश का मनोबल बढ़ जाता है। देशवासियों के बीच एकजुटता की भावना को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन और बिजली व पानी के साथ पक्के घरों की समय पर डिलीवरी का उदाहरण दिया और कहा कि हर जवान इस पर गर्व महसूस करता है। उन्होंने कहा कि दूर-दूर तक जब ये सेवाएं जवानों के घरों तक पहुंचती हैं, तो उन्हें संतुष्टि मिलती है। उन्होंने कहा कि जब जवान को कनेक्टिविटी में वृद्धि का पता चलता है, तो उनके लिए घर पर कॉल करना आसान हो जाता है और छुट्टियों के दौरान घर जाना और भी आसान हो जाता है। उन्होंने 7-8 साल पहले की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की भारत की हालिया उपलब्धि पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने 80,000 से अधिक स्टार्टअप्स के बारे में भी बताया जो इनोवेशन के कार्य को चालू रखते हैं। उन्होंने यह भी याद किया कि दो दिन पहले, इसरो ने ब्रॉडबैंड इंटरनेट का विस्तार करने के लिए 36 उपग्रहों को एक साथ लॉन्च करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन युद्ध पर भी प्रकाश डाला जहां तिरंगे ने भारतीयों के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में काम किया।

प्रधानमंत्री ने समझाया कि यह बाहरी और आंतरिक दोनों दुश्मनों के खिलाफ संघर्ष में भारत की सफलता का परिणाम है। आप सरहद पर कवच बनकर खड़े हैं जबकि देश के भीतर दुश्मनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। श्री मोदी ने कहा कि देश ने आतंकवाद, नक्सलवाद और उग्रवाद को जड़ से उखाड़ने का सफल प्रयास किया है। कभी देश के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में लेने वाले नक्सलवाद पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका दायरा लगातार सिमट रहा है। भ्रष्टाचार पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक निर्णायक युद्ध लड़ रहा है। "भ्रष्ट व्यक्ति कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, वह कानून से नहीं बच सकता।" उन्होंने यह भी कहा कि कुशासन ने हमारे विकास के रास्ते में बाधाएं पैदा करके देश की क्षमता को सीमित कर दिया है। उन्होंने कहा, "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ हम उन सभी पुरानी कमियों को तेजी से दूर कर रहे हैं।"

आधुनिक युद्ध में प्रौद्योगिकियों में हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य के युद्धों का स्वरूप बदलने वाला है और इस नए युग में राष्ट्रीय रक्षा की आवश्यकताओं के अनुसार हम देश की सैन्य शक्ति को नई चुनौतियों, नए तरीकों और बदलते परिवेश के अनुरूप तैयार कर रहे हैं। सेना में बड़े सुधारों की आवश्यकता पर बोलते हुए, जिनकी आवश्यकता दशकों से महसूस की जा रही थी, प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं ताकि हर चुनौती के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने के लिए हमारे बलों का बेहतर तालमेल हो। उन्होंने कहा, “इसके लिए सीडीएस जैसा संस्थान बनाया गया है। सीमा पर आधुनिक बुनियादी ढांचे का एक नेटवर्क बनाया जा रहा है ताकि हमारे जवान अपनी ड्यूटी करने में अधिक सहज हों।” उन्होंने कहा कि देश में कई सैनिक स्कूल खोले जा रहे हैं।

आत्मनिर्भर भारत पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू भारतीय सेनाओं में आधुनिक स्वदेशी हथियारों का होना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा के तीनों वर्गों ने विदेशी हथियारों और प्रणालियों पर हमारी निर्भरता को कम करने का फैसला किया है और आत्मनिर्भर होने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, "मैं अपनी सभी तीन सेनाओं की सराहना करता हूं, जिन्होंने तय किया है कि 400 से अधिक रक्षा उपकरण अब विदेशों से नहीं खरीदे जाएंगे, और अब भारत में ही बनाए जाएंगे।” स्वदेशी हथियारों के इस्तेमाल से होने वाले फायदों की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत के जवान देश में बने हथियारों से लड़ेंगे तो उनका विश्वास चरम पर होगा और उनके हमले में दुश्मन के मनोबल को कुचलने के लिए एक सरप्राइज एलिमेंट होगा। प्रधानमंत्री ने प्रचंड-हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, तेजस लड़ाकू जेट और विशाल विमान वाहक विक्रांत का उदाहरण दिया, और अरिहंत, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल, पिनाक और अर्जुन के रूप में भारत की मिसाइल ताकत पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज भारत अपनी मिसाइल रक्षा प्रणाली को मजबूत करते हुए रक्षा उपकरणों का निर्यातक बन गया है, और ड्रोन जैसी आधुनिक और प्रभावी तकनीक पर भी तेजी से काम कर रहा है।

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श्री मोदी ने कहा, "हम उन परंपराओं का पालन करते हैं जहां युद्ध को अंतिम विकल्प माना जाता है।” उन्होंने कहा कि भारत हमेशा विश्व शांति के पक्ष में है। श्री मोदी ने कहा, "हम युद्ध के विरोधी हैं, लेकिन सामर्थ्य के बिना शांति संभव नहीं है।" उन्होंने कहा कि हमारी सेनाओं में क्षमता और रणनीति है, और अगर कोई हमारी ओर नजर उठा कर देखता है, तो हमारी सेनाएं भी दुश्मन को अपनी भाषा में मुंहतोड़ जवाब देना जानती हैं। गुलामी की मानसिकता को खत्म करने के लिए किए गए प्रयासों पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने नए उद्घाटन किए गए कर्तव्य पथ का उदाहरण दिया और कहा कि यह नए भारत के नए विश्वास को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय युद्ध स्मारक हो या राष्ट्रीय पुलिस स्मारक, ये नए भारत के लिए एक नई पहचान बनाते हैं।” प्रधानमंत्री ने नए भारतीय नौसेना के ध्वज को भी याद किया और कहा, "अब शिवाजी की बहादुरी की प्रेरणा नौसेना ध्वज में जुड़ गई है।"

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प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि आज पूरे विश्व की नजर भारत पर है, भारत और इसकी विकास क्षमता पर है। श्री मोदी ने कहा कि आजादी का अमृत काल भारत की इस सामर्थ्य का, ताकत का साक्षात साक्षी बनने वाला है। प्रधानमंत्री ने कहा, "इसमें आपकी भूमिका बहुत बड़ी है क्योंकि आप भारत के गौरव हैं।” उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों को समर्पित एक कविता पढ़कर अपने संबोधन का समापन किया।

 

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पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

  • Reena chaurasia August 30, 2024

    भाजपा
  • Reena chaurasia August 30, 2024

    बीजेपी
  • punamsinh November 01, 2022

    Bharat mata ki jay
  • ram November 01, 2022

    आरक्षण जनसंख्या के आधार पर करो मोदी सरकार
  • Vijay Choudary November 01, 2022

    Jay hind jay shree ram
  • Logeshan November 01, 2022

    நாட்டின் பாதுகாப்பு மட்டுமே தலைவர்க்கு முக்கியம் என்பதர்கு இதுவே உதாரணம்
  • mahesh singh October 31, 2022

    PMOPG/E/2022/0288793. this is my complaint number. without any enquiries your office close my case. where should I go for justice. I am 80 years old .how can I survive
  • Jignesh Sevak Bjp October 31, 2022

    namo
  • Jignesh Sevak Bjp October 31, 2022

    Namo
  • Suresh Nayi October 31, 2022

    #એકતા_દિવસ ભારતની એકતા તેમજ અખંડતાના પ્રતીક, આધુનિક ભારતના નિર્માતા તથા મહાન સ્વતંત્રતા સેનાની,ભારત રત્ન લોખંડી પુરુષ શ્રી સરદાર વલ્લભભાઈ પટેલ ની જન્મજયંતી પર શત શત નમન. #સરદાર_વલ્લભભાઈ_પટેલ
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