भारत के कोने-कोने के लोग आसनसोल में दिखाई पड़ते हैं। लेकिन, बंगाल सरकार के कुशासन ने आसनसोल को नुकसान पहुंचाया है: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, 2 मई को विधानसभा चुनावों के परिणाम आएंगे। इस दिन बंगाल के लोग दीदी को ‘भूतपूर्व मुख्यमंत्री’ का प्रमाण पत्र देंगे।
पीएम मोदी ने आसनसोल में कहा कि कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई केंद्र की बैठकों में ममता बनर्जी उपस्थित नहीं हुईं।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सरकार बनने पर राज्य में केंद्र की सभी कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया जाएगा: पीएम मोदी

नमोष्कार !

मां कल्याणेश्वरी और घाघर बूढ़ी चंडी...आज मेरे लिए अवसर है इस पवित्र धरती को श्रद्धापूर्वक प्रणाम करने का। बांग्ला नव वर्ष शुरू होने के बाद आज बंगाल में मेरी ये पहली सभा है। नव वर्ष में बंगाल में बीजेपी की डबल इंजन की सरकार बनने जा रही है।

चार दोफार मोतोदान, टीएमसी होलो खान-खान !

(चार दौर का मतदान, टीएमसी खंड-खंड हो गई)। 

बाकी चार दोफार मोतोदान, दीदी-भाइपो टिकिट कटान ! 

(बाकी चार बार का मतदान, दीदी भाइपो का पत्ता साफ)।

पांचवें चरण के मतदान में भी कमल के फूल पर बटन दबा करके भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने के लिए आज सुबह से बहुत बड़ी तादाद में लोग निकले हैं। बहुत भारी मतदान हो रहा है। मैं अब तक मतदान करने वाले सभी मतदाताओं का हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं और उनका धन्यवाद करता हूं।  

साथियो

आसनसोल होदुर्गापुर होइस पूरे क्षेत्र में बंगाल ही नहीं, बल्कि देश के औद्योगिक विकास का प्रमुख केंद्र बनने की क्षमता बहुत पहले से है हमेशा से है। द्वारकानाथ टैगोर जीराजेन मुखर्जीबीरेंद्रनाथ मुखर्जी जैसे अनेक व्यक्तित्वों ने इस क्षेत्र की संपदा को देश की आत्मनिर्भरता के संकल्प के रूप में आगे बढ़ाया।

साइकिल से लेकर रेल तकपेपर से लेकर स्टील तकएल्यूमिनियम से लेकर ग्लास तकऐसे अनेक कारखानों मेंयहां की फैक्ट्रियों में काम करने के लिए पूरे देश से लोग यहां आते हैं। आसनसोल एक प्रकार से लघु भारत है, हिन्दुस्तान का हर व्यक्ति यहां मिल जाएगा। लेकिन बंगाल में जो सरकारें रहींउनके कुशासन ने आसनसोल को कहां से कहां पहुंचा दिया। जहां लोग चाकरी के लिए आते थे, आज यहां से पलायन कर रहे हैं। मां-माटी-मानुष की बात करने वाली दीदी नेयहां हर तरफ माफिया राज फैला दिया है। आसनसोल की प्राकृतिक संपदा को लूटने के लिए कोयला माफिया, नदियों की बालू को लूटने के लिए अवैध खनन माफिया, सरकारी जमीन पर कब्जे के लिए भू-माफिया।

साथियो

यहां सालनपुरबाराबनीजमुरिया रानीगंजउखड़ाबल्लालपुर से लेकर बांकुड़ा बॉर्डर तक अवैध कोयला खनन का साम्राज्य फैला हुआ है। यहां के कोयलारेत और दूसरे खनिजों का काला माल कहां तक पहुंचता हैकिस-किस तक पहुंचता हैये हर कोई जानता है। बंगाल के ट्रक वालों कोट्रांसपोर्ट से जुड़े साथियों कोयहां के उद्यमियों को जो भाइपो टैक्स देना पड़ता हैवो भी बंगाल के लोग भली-भांति जानते हैं। 

साथियो

इस चुनाव में आपका एक वोट सिर्फ टीएमसी को साफ करेगा, इतना ही नहीं है बल्कि आपका एक वोट यहां से माफिया राज को भी साफ करेगा। आपको पता है आपके वोट की ताकत क्या है? आपका एक वोट पूरे माफिया राज को यहां साफ कर देगा। ये ताकत है आपके वोट की।  

भाइयो-बहनो 

आज आपसे शिकायत करना चाहता हूं...करूं ?...आपके खिलाफ है शिकायत...करूं ?...बुरा तो नहीं मानोंगे न...लेकिन मेरी शिकायत जरा देखिए…मैं यहां दोबार आया हूं.... लोकसभा के चुनाव में....जब मुझे प्रधानमंत्री बनना था और आप से वोट मांगने आया था। बाबुल जी के लिए वोट मांगने आया था। लेकिन पहले जब आया, तब तो मेरे लिए वोट मांगा था, फिर भी एक चौथाई भी लोग नहीं थे सभा में। लेकिन आज चारों तरफ...मैंने ऐसी सभा पहली बार देखी है। अब बताइए, मेरी शिकायत मिठी है कि कड़वी है। आज आपने ऐसा दम दिखा दिया है। ऐसी ताकत दिखा दिए...मैं जहां देख सकता हूं...मुझे लोग ही लोग दिखते हैं...बाकी कुछ दिखता ही नहीं है। क्या कमाल कर दिया है आप लोगों ने। लेकिन आगे का काम बहुत महत्वपूर्ण है। और वो है वोट देने के लिए जाना, वोट देने के लिए औरों को ले जाना। करोंगे...पक्का करोंगे...सब लोग करोंगे...देखिए तभी यहां से ये माफिया राज समाप्त होगा। ये माफियाशाही तभी समाप्त होगी।

और भाइयो-बहनो

मैं बंगाल जहां भी गया हूं यही माहौल है। और उधर क्या है?

दीदी, ओ दीदी, 

देखिए दीदी...ओ दीदी...2 मई में अब सिर्फ आधा महीना बचा है। आधा चुनाव हो चुका है। सिर्फ कुछ दिन और। कोयला धुले, मोयला जाय ना !

भाइयो और बहनो, 

सोनार बांग्ला के संकल्प के साथ बीजेपी सरकार यहां आपकी हर मुश्किल कम करने के लिए काम करेगी। बंगाल में कानून व्यवस्था का राज स्थापित किया जाएगा। कानून के राज में यहां नए उद्योग लगेंगेबंगाल में निवेश बढ़ेगा। बीजेपी सरकार में हर कोई अपना काम करेगा। आपके जीवन में टीएमसी के तोलाबाजों की जो घुसपैठ हुई हैउसे जीरो किया जाएगा, उसे दूर किया जाएगा। पुलिस अपनी जिम्मेवारी निभाएगी, अपना काम करेगीराज्य सरकार के अलग-अलग विभाग अपने जनसेवा का दायित्व निभाएंगे, अपना काम पूरा करेंगे। प्रशासन अपनी जिम्मेवारियों को निभाते हुए जनता जनार्दन की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए दिन-रात काम करेगा। और सरकार अपनी जिम्मेवारियों को पूरा करने के लिए काम करेगी। और बीजेपी कार्यकर्ता...मैं आपको विश्वास दिलाता हूं आपकी सेवा में हरदम खड़ा रहेगा। और इसमें जो भी खेला करने की कोशिश करेगाउस पर कानून के तहत उतनी ही सख्त कार्रवाई भी होगी।

भाइयो और बहनो,

दीदी ने बीते दस सालों में विकास के नाम पर आपके साथ विश्वासघात किया है। विकास के हर काम में, हर काम के आगे दीदी दीवार बनकर खड़ी हो गई हैं। केंद्र सरकार ने 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज की सुविधा दीतो दीदी दीवार बन गईं। केंद्र सरकार ने शरणार्थियों की मदद के लिए कानून बनायातो दीदी इसका भी विरोध करने लगीं। केंद्र सरकार ने मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति के लिए कानून बनायातो दीदी फिर आगबबूला हो गईं। केंद्र सरकार ने किसानों को बिचौलियों से मुक्त करने वाले कानून बनाएतो दीदी विरोध में उतर आईं। केंद्र सरकार ने किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर करने शुरू किएतो दीदी ने इससे भी किसानों को वंचित रख दिया। 

साथियो

बंगाल को विकास रोकने वाली नहींडबल इंजन की सरकार चाहिए। बंगाल की बीजेपी सरकारआपका लाभ कराने वाली हर उस योजना को लागू करेगीजिन्हें दीदी की सरकार ने रोका हुआ है। पहली ही कैबिनेट में पीएम किसान सम्मान निधि पर बड़ा फैसला लिया जाएगा। बंगाल के हर किसान के खाते में 18 हजार रुपए सीधे ट्रांसफर हो, जिसको दीदी ने रोकने की कोशिश की। 2 मई के बाद नई सरकार बनने के बाद दीदी नहीं रोक पाएंगी। क्योंकि सरकार आपने बनाई है...आपके लिए बनाई है...और वो आपके लिए काम करेगी।

भाइयो और बहनो

आप मुझे बताइए... दीदी को अगर आप लोगों के दु:ख-दर्द की परवाह होतीतो क्या वो आपकी भलाई के...आपके हित वाले कामों को रोकने का काम कभी करती क्या ? ये रुकावटे डालती क्या ? दीवार बनती क्या ? दीदी को अगर आपकी तकलीफ की चिंता होतीतो क्या वो तोलाबाजी होने देतीं क्या ? जरा इधर से जवाब दीजिए तोलाबाजी होने देतीं क्या ?  सिंडिकेट को आगे बढ़ाती क्या कटमनी वसूलने देतीं क्या ?

साथियो

दीदी, अपने अहंकार में दीदी इतनी बड़ी हो गई हैं कि हर कोई उन्हें अपने आगे छोटा दिखता है। केंद्र सरकार ने अनेक बार अनेक विषयों पर बात करने के लिए बैठकें बुलाई हैंलेकिन दीदी कोई न कोई कारण बताकर इन बैठकों में नहीं आतीं। जैसे कोरोना पर पिछली दो बैठकों में बाकी मुख्यमंत्री आएलेकिन दीदी नहीं आईं। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में बाकी मुख्यमंत्री आएलेकिन दीदी नहीं आईं। मां गंगा की सफाई के लिए देश में इतना बड़ा अभियान शुरू हुआलेकिन दीदी उससे जुड़ी जो बैठक होती है, उसमें भी नहीं आईं। एक-दो बार न आने का तो समझ में आता है साथियोंलेकिन दीदी ने यही तरीका बना लिया है। दीदी बंगाल के लोगों के लिए कुछ देर का समय नहीं निकाल पातीं। ये उन्हें समय की बर्बादी लगता है। और जब दीदी के तोलाबाजकोरोना के दौरान भेजे गए राशन को लूटते हैंतो वो उन्हें खुली छूट देती हैं। 

केंद्रीय टीमें चाहे सहयोग के लिए आएं या फिर करप्शन की जांच के लिएदीदी उनको रोकने के लिए पूरे संसाधन लगा देती हैं। दीदी केंद्रीय वाहिनी ही नहींसेना तक को बदनाम करती हैंराजनीति के लिए झूठे आरोप लगाती हैं। दीदीखुद को देश के संविधान से ऊपर समझती हैं। दीदी चोखे ओहोन्कारेर पोरदा। (दीदी की आंखों पर अहंकार का पर्दा चढ़ा हुआ है।)

भाइयो और बहनो,

दीदी की राजनीति सिर्फ विरोध और गतिरोध तक सीमित नहीं है। बल्कि दीदी की राजनीतिप्रतिशोध की खतरनाक सीमा को भी पार कर गई है। बीते 10 साल में बीजेपी के अनेकों कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है। अभी मेरी... यहां ऊपर आने से पहले... कई पीड़ित परिवारों से बात हुई है। दीदी की वजह से न जाने कितनी माताओं ने अपने बेटों को खोया हैन जाने कितनी बहनें आज भी अपने भाई का इंतजार कर रही हैं। दीदी की निर्ममताउनकी असंवेदनशीलता हमें कुछ दिन पहले ही फिर एकबार दिखाई दी हैसुनाई दी है।

साथियो

कूचबिहार में जो हुआउस पर कल एक ऑडियो टेप आपने सुना होगा। ऑडियो टेप सुना क्या आपने 5 लोगों की दुखद मृत्यु के बाद दीदी किस तरह राजनीति कर रही हैंये इस ऑडियो टेप के अंदर साफ-साफ खुल गया है, सामने आता है। इस ऑडियो टेप में कूचबिहार के टीएमसी नेता को कहा जा रहा है कि मारे गए लोगों के शवों के साथ रैली निकालो। दीदीवोटबैंक के लिए कहां तक जाएंगी आप सच्चाई ये है कि दीदी ने कूचबिहार में मारे गए लोगों की मृत्यु से भी अपना सियासी फायदा करने की सोची। शवों पर राजनीति करने की दीदी को बहुत पुरानी आदत है।

साथियो

दीदी ने बंगाल में ये हाल बना दिया है। जनता ने भी जब उनके विरोध की कोशिश कीतो उसको कुचल दिया गया है। बंगाल की जनता के अधिकारदीदी के लिए कोई मायने नहीं रखते। 2018 के पंचायत चुनाव पश्चिम बंगाल कभी नहीं भूल सकता। बर्धमान से लेकर बांकुराबीरभूमिमुर्शीदाबाद के लोगों को आज भी याद है कैसे उनके अधिकारों को छीना गया।

आप सोचिए

बंगाल में 20 हजार से ज्यादा पंचायतों में सीधे दीदी के तोलाबाजों को निर्वाचित कर दिया गया। दीदी ने इतना आतंक फैलाया कि एक तिहाई से भी ज्यादा पंचायतों में कैंडिडेट पर्चा तक नहीं भर पाए। हमले के डर से WhatsApp तक पर नॉमिनेशन फाइल करने पड़े। जीत के बाद भी जनप्रतिनिधियों को पड़ोसी राज्यों में शरण लेनी पड़ी। लोकतंत्र के इस अपमान से, लोकतंत्र को इस तरह कमजोर किए जाने से सुप्रीम कोर्ट तक ने नाराजगी जताई। लेकिन दीदी ने लोकतंत्र का सम्मान नहीं किया, लोकतंत्र की परवाह नहीं की।

साथियो

बंगाल और भारत के लिए रोबी ठाकुर का आदर्श है - चित्तो जेथाभॉय- शुन्नो। हृदय जहां भय मुक्त रहे। लेकिन दीदी का प्रयास रहता है- चित्तो जेथा भॉया-क्रांतो। हृदय जहां भयाक्रांत रहे। दीदी को इस बार के चुनाव में छप्पा वोट नहीं करने दिया जा रहातो वो और बौखला गई हैं। दीदी को गुंडागिरी-मस्तानगिरी का खैला नहीं करने दिया जा रहा हैतो दीदी बौखला गई हैं। दीदी द्वारा हर पैंतरा आजमाया जा रहा है ताकि बंगाल के लोगों को वोट देने से रोका जाए। टीएमसी द्वारा अभियान चलाए जा रहे हैंचुनाव आयोग पर दबाव बनाया जा रहा है। दिल्ली से लेकर बंगाल तक दीदी ने मोदी के खिलाफ मोर्चा खुलवा दिया है।

दीदीओ दीदीओ आदरणीय दीदी

आप जितनी चाहे साजिशें कर लीजिएजितनी चाहे कोशिशें कर लीजिए। इस बार आपकी साजिश बंगाल के लोग खुद ही नाकाम कर रहे हैं। इस बार बंगाल के लोगों ने ही आपके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बंगाल के लोगों ने आप पर अभूतपूर्व विश्वास किया था। अब वो आपको हमेशा-हमेशा के लिए एक ऐसा सॉर्टिफिकेट देने वाली है बंगाल की जनता इस चुनाव में, जो आप जीवन भर घर में लटका कर रख सकती हो। कौन सा सॉर्टिफेकट जनता देने वाली है, जो 2 मई को आने वाला है ? वो सॉर्टिफिकेट आने वाला है भूतपूर्व मुख्यमंत्री। यानि दीदी, ये बंगाल की जनता आपको आजीवन एक सॉर्टिफिकेट देने वाली है भूतपूर्व मुख्यमंत्री...लेकर घुमते रहना। 

भाइयो-बहनो

बंगाल के लोगबंगाल के लोगों से आपकी नफरत भी महसूस कर रहे हैं। दीदी के करीबीशिड्यूल्ड कास्ट के मेरे भाइयों और बहनों को भिखारी कहते हैंदीदी चुप रहती हैं। दीदी के करीबी बीजेपी को वोट देने वालों को बंगाल से बाहर फेंकने की धमकी देते हैंदीदी चुप रहती हैं। किसी की दुखद मृत्यु पर दीदी की संवेदना भी वोटबैंक का फिल्टर लगाकर ही प्रकट होती है।

दीदी

पश्चिम बंगाल आपकी दुर्नीति से परेशान है, इतना ही नहीं हैबल्कि बंगाल को आपकी नीयत पर भी शक है। इसलिए पश्चिम बंगाल के कोने-कोने से एक ही आवाज़ सुनाई दे रही है-   

कीच्छू नेइ तृनोमूलएबार भोट पॉद्दोफूले। (कुछ नहीं अब तृणमूल मेंइस बार वोट कमल-फूल में।)

भाइयो और बहनो,

10 साल तक दीदी ने बंगाल को भेदभाव और पक्षपात वाली सरकार दी है। हालात तो ये है कि स्पोर्ट्स क्लबोंखिलाड़ियों तक की मदद में भी दीदी ने भेदभाव किया। जो स्पोर्ट्स क्लब दीदी का गुणगान करे, उनके गीत गाएउन्हें पैसा। जो खेल पर अपना ध्यान दे, बंगाल का नाम रोशन करे, वो स्पोर्ट्स क्लब यहां पैसे के लिए तरसते हैं। दीदी की इसी दुर्नीति की वजह से बुज़ुर्गों को मिलने वाला ‘भाता’ तक सभी लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। गांव की सड़क को भी दीदी की सरकार ने राजनीति का शिकार बना दिया। मनरेगा की मज़दूरी हो या फिर आपदा की राहत होदीदी की सरकार ने सबमें भेदभाव कियापक्षपात किया। आपको तीन साल पहले की रामनवमी याद हैआसनसोल-रानीगंज के दंगे कौन भूल सकता है! इन दंगों में सैकड़ों लोगों की जीवन भर की मेहनत राख हो गई। सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों का हुआपटरी पर दुकान लगाने वाले और छोटे व्यापारियों का हुआ। 

दंगाइयों का साथ किसने दिया? - दीदी ने।

तुष्टिकरण की नीति किसने पनपाई? – दीदी ने।

किसके कारण पुलिस दंगाइयों के पक्ष में खड़ी रही? –  दीदी के।

एक ही जवाब है न...एक ही जवाब है न...हर कोई कह रहा है दीदी के कारण...दीदी के कारण...।

भाइयो और बहनो,

जो विकास पर विरोध कोविश्वास पर प्रतिशोध कोसुशासन पर राजनीति कोप्राथमिकता देती हैऐसी सरकार पश्चिम बंगाल का भला नहीं कर सकती। इसलिए बंगाल को आशोल पोरिबोरतोन चाहिए। आशोल पोरिबोरतोन बंगाल में सबका साथ – सबका विकास – सबका विश्वास के लिए, आशोल पोरिबोरतोन बंगाल के युवाओं को रोजगार के लिए, आशोल पोरिबोरतोन बंगाल में कानून के राज के लिए, आशोल पोरिबोरतोन बंगाल की भलाई के लिए।

साथियो

दीदी के राज में महिलाओं के साथ जो अत्याचार हुआ हैउसकी चर्चा तक दीदी ने नहीं होने दी है। राज्य सरकार के आंकड़े छिपाकरमहिलाओं पर अत्याचार की खबरों को दबाकर दीदी ने सबसे बड़ा खेलाबंगाल की महिलाओं के साथ ही किया है। मैं आज विशेष रूप से बंगाल की बहन-बेटियों को एक बात के लिए आश्वस्त करता हूं। बीजेपी की सरकार हर वर्गहर मत-मज़हब को उसकी बेटी की सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करेगी। दीदी की सरकार ने यहां रेप जैसे संगीन अपराध के दोषियों को जल्द से जल्द सजा सुनाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट पर अड़ंगा डाला, उसको रोक दिया। देश भर में ऐसी एक हजार अदालतें खोली जा रही हैं लेकिन दीदी ने बेटियों को न्याय दिलाने वाली ऐसी एक भी अदालत खोलने नहीं दी। बीजेपी सरकार में फास्ट ट्रैक कोर्ट का भी तेजी से निर्माण किया जाएगा। गरीबदलितआदिवासी बेटियों को यहां से दूसरे राज्यों में भेजने का जो अवैध काम किया जाता हैउस पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

साथियो,

सोनार बांग्ला का यही संकल्प बंगाल बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में रखा है। बंगाल में Ease of Living, Ease of Doing Business का माहौल बनाया जाएगा। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर पररोडरेलएयरइंटरनेटहर प्रकार की कनेक्टिविटी को डबल इंजन सरकारडबल स्पीड के साथ आधुनिक बनाएगी। इस क्षेत्र को आर्सेनिक युक्त ज़हरीले पानी से मुक्ति मिलेइसके लिए पाइप से हर घर जल के प्रकल्प को तेज़ी से यहां लागू किया जाएगा। दीदी ने जो कुछ भी लाभ आप तक पहुंचने से रोका हैवो तेज़ी से मिलेगा। डबल इंजन की सरकार में डबल बेनिफिट और डायरेक्ट बेनिफिट मिलेगा। 

एबार शोंघात नॉयशॉहोजोगिता होबे!

एबार बिरोध नॉयबिकाश होबे!

एबार मोने भय नॉयपेटे भात होबे!

एबार शिक्खा होबेशिल्पो होबेकोर्मो-शोंस्थान होबे! 

आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने के लिए आए...मैं आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। दोनों हाथ ऊपर करके मेरे साथ बोलिए 

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद !

 

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।