नए वर्ष और नए दशक की अपनी पहली मन की बात में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ब्रू-रियांग समझौते ने दो दशकों पुराने शरणार्थी संकट को समाप्त कर दिया है, जिसके कारण मिजोरम में 34000 से अधिक शरणार्थियों को मदद और राहत मिली है।

समस्या को विस्तार में समझाते हुए श्री मोदी ने कहा, ‘यह समस्या 90 के दशक की है। वर्ष 1997 में नस्ली तनाव के कारण ब्रू-रियांग जनजाति को मिजोरम छोड़कर त्रिपुरा में शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा था। इन शरणार्थियों को उत्तरी त्रिपुरा के कंचनपुर में अस्थायी कैंपों में रखा गया था। यह पीड़ा का विषय है कि ब्रू-रियांग समुदाय ने अपने जीवन का एक अहम हिस्सा शरणार्थी के रूप में गुजारा। कैंपों के जीवन का अर्थ यह था कि उन्हें सभी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा। 23 वर्षों तक उनके पास न घर था, न जमीन, अपने परिवारों के लिए न चिकित्सा मिलती थी, न उपचार होता था और उनके बच्चों को कोई शैक्षिक सुविधा प्राप्त नहीं हुई।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बीच कई सरकारें आईं लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला और शरणार्थियों की पीड़ा समाप्त नहीं हुई। उन्होंने भारतीय संविधान में शरणार्थियों की आस्था की सराहना की।

उन्होंने कहा कि उनके विश्वास के बदौलत ही यह ऐतिहासिक समझौता वजूद में आया और इस महीने दिल्ली में उस पर हस्ताक्षर किए गए।

उन्होंने कहा, ‘यह इस विश्वास का परिणाम है कि उनका जीवन आज एक नई सुबह की दहलीज पर खड़ा है। समझौते के अनुसार सम्मानित जीवन का रास्ता उनके लिए खुल गया है। आखिरकार 2020 का नया दशक ब्रू-रियांग समुदाय के जीवन में आशा की नई किरण लाया है।’

समझौते के लाभों का विवरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लगभग 34000 ब्रू शरणार्थियों को त्रिपुरा में पुनर्स्थापित किया जाएगा। इतना ही नहीं, सरकार उनके पुनर्स्थापन और सर्वांगीण विकास के लिए 6000 करोड़ के लगभग सहायता भी प्रदान करेगी। हर विस्थापित परिवार को भूखंड दिया जाएगा। उन्हें मकान बनाने के लिए सहायता दी जाएगी। इसके अलावा राशन भी दिया जाएगा। वे अब राज्य और केंद्र सरकार की जनकल्याण योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम होंगे।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समझौता बहुत विशिष्ट है और यह सहकारी संघवाद की भावना का प्रतीक है।

उन्होंने कहा, ‘यह समझौता भारतीय संस्कृति की निहित संवेदनशीलता और उदारता का परिचायक है।’

हिंसा का परित्‍याग करें- मुख्‍य धारा में लौटें

प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंसा किसी समस्‍या का समाधान नहीं प्रदान कर सकती। उन्‍होंने असम में 8 समूहों के 644 उग्रवादियों द्वारा हथियार समर्पित करने और मुख्‍यधारा में लौटने के कदम की प्रशंसा की।

उन्‍होंने कहा ‘खेलो इंडिया स्‍पर्धा का शानदार आयोजन करने वाले असम ने एक और उपलब्धि हासिल की है। कुछ दिनों पहले, 8 विभिन्‍न समूहों के 644 उग्रवादियों ने हथियारों के साथ आत्‍म समर्पण किए। हिंसा के मार्ग पर चलने वालों ने शांति में विश्‍वास व्‍यक्‍त किया है और देश की प्रगति में साझेदार बनने और मुख्‍य धारा में लौटने का निर्णय किया है। ’

उन्‍होंने कहा कि इसी तरह त्रिपुरा में 80 से अधिक लोगों ने हिंसा के रास्‍ते को छोड़ दिया और मुख्‍यधारा में लौट आए। पूर्वोत्‍तर में उग्रवाद में काफी कमी आई है।

उन्‍होंने कहा ‘इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि संवाद के माध्‍यम से क्षेत्र की प्रत्‍येक समस्‍या का ईमानदारी के साथ और शांतिपूर्ण तरीके से समाधान किया जा रहा है।‘

उन्‍होंने अभी भी हिंसा की राह पर चल रहे लोगों से मुख्‍यधारा में लौटने का आग्रह किया है। उन्‍होंने कहा ‘गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर देश के सभी भागों में हिंसा तथा हथियारों के माध्‍यम से समस्‍या का समाधान चाहने वाले लोगों से अपील करूंगगा कि वे मुख्‍य धारा में लौटें। उन्‍हें अपनी क्षमता और शांतिपूर्ण तरीके से समस्‍याओं को सुलझाने में देश की क्षमता में विश्‍वास रखना चाहिए।’

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Annual malaria cases at 2 mn in 2023, down 97% since 1947: Health ministry

Media Coverage

Annual malaria cases at 2 mn in 2023, down 97% since 1947: Health ministry
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री ने 45वें प्रगति संवाद की अध्यक्षता की
December 26, 2024
प्रधानमंत्री ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की नौ प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की
परियोजनाओं में देरी से न केवल लागत बढ़ती है, बल्कि जनता भी परियोजना के अपेक्षित लाभों से वंचित हो जाती है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान प्रभावित परिवारों के समय पर पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया
प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की समीक्षा की और राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया
प्रधानमंत्री ने उन शहरों में अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां मेट्रो परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं या पाइपलाइन में हैं ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं महत्वपूर्ण सीखों को समझा जा सके
प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की समीक्षा की और शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर जोर दिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रगति, जो केन्द्र एवं राज्य सरकारों को शामिल करते हुए सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन से संबंधित आईसीटी-आधारित बहु-स्तरीय प्लेटफॉर्म है, के 45वें संस्करण की बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में, आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें शहरी परिवहन की छह मेट्रो परियोजनाएं और सड़क कनेक्टिविटी तथा थर्मल पावर से संबंधित एक-एक परियोजना शामिल है। विभिन्न राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में फैली इन परियोजनाओं की संयुक्त लागत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र और राज्य, दोनों स्तरों पर सभी सरकारी अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि परियोजना में देरी से न केवल लागत बढ़ती है बल्कि जनता को भी अपेक्षित लाभ प्राप्त करने में बाधा आती है।

संवाद के दौरान, प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने जहां निपटान में लगने वाले समय में कमी लाने का उल्लेख किया, वहीं उन्होंने शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर भी जोर दिया।

यह देखते हुए कि अधिक से अधिक शहरों में पसंदीदा सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में से एक के रूप में मेट्रो परियोजनाओं की शुरुआत की जा रही है, प्रधानमंत्री ने उन शहरों के लिए अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां ऐसी परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रहीं हैं या पाइपलाइन में हैं, ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं अनुभवों से सीख ली जा सके।

समीक्षा के दौरान, प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारों के समय पर पुनर्वास और पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नई जगह पर गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करके ऐसे परिवारों के लिए जीवनयापन में आसानी को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की भी समीक्षा की। उन्होंने एक गुणवत्तापूर्ण विक्रेता इकोसिस्टम विकसित करके राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में रूफटॉप की स्थापना की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने मांग के सृजन से लेकर रूफटॉप सोलर के संचालन तक की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया।

प्रगति बैठकों के 45वें संस्करण तक, लगभग 19.12 लाख करोड़ रुपये की कुल लागत की 363 परियोजनाओं की समीक्षा की गई है।