बांग्लादेश के ‘जतिर पिता’ ने उस समय के युवाओं को देश को आजाद कराने की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित किया था: प्रधानमंत्री मोदी
बांग्‍लादेश के लोग बड़ी प्रतिबद्धता के साथ अपने देश को सोनार बांग्‍ला बनाने के लिए रात-दिन मेहनत कर रहे हैं जैसा कि शेख मुजीबुर रहमान ने सपना देखा था: पीएम मोदी
पिछले कुछ वर्षों में भारत और बांग्‍लादेश ने द्विपक्षीय संबंधों के स्‍वर्णिम अध्‍याय लिखे हैं और हमारी साझेदारी को एक नया आयाम और एक नई दिशा दी है: प्रधानमंत्री

नॉमोस्कार !!

जातीर पिता,बॉन्गोबॉन्धु शेख मुजीबुर रहमान एर, इक शो बरश तोमो जौनमो जोयोंतिर,ई मोहान ओपोलोक्खे,सोमोग्रो बांग्लादेश के,अपनादेर इक शो त्रिश कोटि भारोतिय,भाई बंधु एर पोक्खो थेके,ओनेक - ओनेक ओभिनंदन,ईबोंग शुभोकामोना!!!

साथियों,

शेख हसीना जी ने मुझे इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बनाने  के लिए व्यक्तिगत तौर पर निमंत्रण दिया था।

लेकिन कोरोना वायरस की वजह से ये संभव नहीं हो पाया।फिर शेख हसीना जी ने ही विकल्प दिया, और इसलिए मैं वीडियो के माध्यम से मुझे आपके बीच आनेका मुझे अवसर मिला हैं ।

साथियों,

बंगबंधु शेख मुजीबुर-रहमानपिछली सदी के महान व्यक्तित्वों में से एक थे। उनका पूरा जीवन, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।

बंगबंधु यानि

A leader of courage,

A man of conviction,

A sage of peace,

A champion of justice, equality and dignity,

A hand of defiance against brutality

And,

A shield against coercion!!

उनके व्यक्तित्व की इन खूबियों ने उस दौर में लाखों युवाओं को बांग्लादेश की मुक्ति के लिए, हर चुनौती का मुकाबला करने के लिए एक नई ऊर्जा दी थी।

आज मुझे बहुत खुशी होती है, जब देखता हूं कि बांग्लादेश के लोग, किस तरह दिन-रात अपने प्यारे देश को शेख मुजीबुर-रहमान के सपनों का ‘शोनार-बांग्ला’ बनाने में जुटे हुए हैं।

साथियों,

बंगबंधु का जीवन, आज के वैश्विक माहौल में, 21वीं सदी की दुनिया के लिए भी, एक बहुत बड़ा संदेश देता है।

याद कीजिये एक दमनकारी, अत्याचारी शासन ने, लोकतांत्रिक मूल्यों को नकारने वाली व्यवस्था ने, किस तरह बांग्ला भूमि के साथ अन्याय किया, उसके लोगों को तबाह किया, ये हम सभी भली-भांति जानते हैं।उसकी पीड़ा उसकी दर्द महसूस करते हैं। 

उस दौर में जो तबाही मचाई गई थी, जो Genocide हुआ, उससे बांग्लादेश को बाहर निकालने के लिए, एक Positive और Progressive Society के निर्माण के लिए उन्होंने अपना पल-पल समर्पित कर दिया था।

उनका स्पष्ट मत था कि किसी भी देश की प्रगति का आधार नफरत और Negativity नहीं हो सकती। लेकिन उनके यही विचार, यही प्रयास कुछ लोगों को पसंद नहीं आए और उनको हमसे छीन लिया गया।

ये बांग्लादेश और हम सभी का सौभाग्य ही था कि प्रधानमंत्री शेख हसीना जी और शेख रेहाना जी पर ऊपर वाले का रहम रहा, वरना हिंसा और घृणा के समर्थकों ने कोई कसर छोड़ी नहीं थी।

आतंक और हिंसा को राजनीति और कूटनीति का हथियार बनाना, कैसे पूरे समाज को, पूरे देश को तबाह कर देता है, ये हम भली-भांति देख रहे हैं।

आतंक और हिंसा के वो समर्थक आज कहां हैं, किस हाल में हैं औरदूसरी तरफ ये हमारे बांग्लादेश किस ऊँचाई पर पहुंच रहा है, ये भी दुनिया देख रही है।

साथियों,

बंगबंधु की प्रेरणा से, और प्रधानमंत्री शेख हसीना जी के नेतृत्व में बांग्लादेश आज जिस प्रकार Inclusive और Development Oriented Policies के साथ आगे बढ़ रहा है, वो बहुत प्रशंसनीय है।

Economy हो, औरSocial Indices हों या फिरस्पोर्ट्स, आज बांग्लादेशनए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।Skill, Education,Health, Women empowerment, MicroFinance, ऐसे अनेक क्षेत्रों में बांग्लादेश ने अभूतपूर्व प्रगति की है।

मुझे इस बात की भी खुशी है कि बीते 5-6 वर्षों में भारत और बांग्लादेश ने आपसी रिश्तों का भी शोनाली अध्याय गढ़ा है, अपनी पार्टनरशिप को नई दिशा, नए आयाम दिए हैं।

ये हम दोनों देशों में बढ़ता हुआ विश्वास है, जिसके कारण हम दशकों से चले आ रहे Land Boundary,Maritime Boundary से जुड़े Complex मुद्दों को, शांति से पूरी तरह शांति सेसुलझाने में सफल रहे हैं।

साथियों,

बांग्लादेश आज साउथ एशिया में भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर भी है और सबसे बड़ा डेवलपमेंट पार्टनर भी है।

भारत में बनी बिजली से बांग्लादेश के लाखों घर और फैक्ट्रियां रोशन हो रही है। Friendship Pipeline के माध्यम से एक नया Dimension हमारे रिश्तों में जुड़ा है।

रोड हो, रेल हो, एयर हो, वॉटर-वे हो, या इंटरनेट, ऐसे अनेक सेक्टर्स में हमारा सहयोग हम दोनों देशों के नागरिकों को और भी ज्यादा कनेक्ट कर रहा है।

साथियों,

हमारी विरासत टैगोर की है, काज़ी नज़रुल इस्लाम, उस्ताद अलाउद्दीन खान, लालॉन शाह, जीबानंदा दास और ईश्वर चंद्र विद्यासागर जैसे मनीषियों की है।

इस विरासत को बंगबंधु की प्रेरणा, उनकीLegacy ने और व्यापकता दी है।उनके आदर्श, उनके मूल्यों से भारत भूमि, हमेशा से जुड़ी रही है।

भारत और बांग्लादेश के आत्मीय संबंध,इस साझा विरासत की मज़बूत नींव पर ही गढ़े गए हैं।

हमारी यही विरासत, हमारे आत्मीय संबंध, बंगबंधु का दिखाया मार्ग, इस दशक में भी दोनों देशों की Partnership, Progress और Prosperity का मजबूत आधार हैं।

अगले वर्ष बांग्लादेश की ‘मुक्ति’ के 50 वर्ष होंगे और उससे अगले वर्ष यानि 2022 में भारत की आज़ादी के 75 वर्ष होने वाले हैं।

मुझे विश्वास है कि ये दोनों पड़ाव, भारत-बांग्लादेश के विकास को नई ऊँचाई पर पहुंचाने के साथ ही, दोनों देशों की मित्रता को भी नई बुलंदी देंगे।

एक बार फिर पूरे बांग्लादेश को बंगबंधु शताब्दी वर्ष की शुभकामनाओं के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।

धोनोबाद !!

जय बोंग्ला, जय हिंद !!!

 

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Prime Minister condoles passing away of former Prime Minister Dr. Manmohan Singh
December 26, 2024
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji: PM
He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years: PM
As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives: PM

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the passing away of former Prime Minister, Dr. Manmohan Singh. "India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji," Shri Modi stated. Prime Minister, Shri Narendra Modi remarked that Dr. Manmohan Singh rose from humble origins to become a respected economist. As our Prime Minister, Dr. Manmohan Singh made extensive efforts to improve people’s lives.

The Prime Minister posted on X:

India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years. His interventions in Parliament were also insightful. As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives.

“Dr. Manmohan Singh Ji and I interacted regularly when he was PM and I was the CM of Gujarat. We would have extensive deliberations on various subjects relating to governance. His wisdom and humility were always visible.

In this hour of grief, my thoughts are with the family of Dr. Manmohan Singh Ji, his friends and countless admirers. Om Shanti."