बजट में कृषि से लेकर बुनियादी सुविधाओं तक के सभी क्षेत्रों का ध्यान रखा गया है: #NewIndiaBudget पर प्रधानमंत्री मोदी
बजट किसान, सामान्य जन, व्यवसाय और विकास के लिए अनुकूल: #NewIndiaBudget पर पीएम मोदी
बजट से ‘ईज ऑफ लिविंग’ होगी और बेहतर: #NewIndiaBudget पर प्रधानमंत्री
बजट से ग्रामीण भारत में आएंगे नए अवसर; इससे किसानों को काफी लाभ मिलेगा: #NewIndiaBudget पर प्रधानमंत्री मोदी
उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन देने के लक्ष्य को 5 करोड़ से बढ़ाकर 8 करोड़ किया गया: #NewIndiaBudget पर पीएम मोदी
आयुष्मान भारत विश्व का सबसे बड़ा हेल्थ केयर प्रोग्राम, गरीबों को इसका काफी लाभ मिलेगा: #NewIndiaBudget पर प्रधानमंत्री
बजट में वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर विशेष ध्यान: #NewIndiaBudget पर प्रधानमंत्री मोदी

मैं वित्त मंत्री माननीय अरुण जेटली जी को इस बजट के लिए बधाई देता हूँ। ये बजट न्यू इंडिया की नींव को सशक्त करने वाला बजट है। 

इस बजट में देश के एग्रीकल्चर से लेकर देश के इंफ्रास्ट्रक्चर तक पर पूरा ध्यान दिया गया है। अगर बजट में गरीब और मध्यम वर्ग की चिंताओं को दूर करने वाली हेल्थ की योजनाएं हैं तो देश के छोटे उद्यमियों की वेल्थ बढ़ाने वाली योजनाएं भी हैं। फूड प्रोसेसिंग से लेकर फाइबर ऑप्टिक्स तक, सड़क से लेकर शिपिंग तक, युवा से लेकर सीनियर सिटिजन तक, ग्रामीण भारत से लेकर आयुष्मान भारत तक, डिजिटल इंडिया से लेकर स्टार्ट अप इंडिया तक, ये बजट देश के सवा सौ करोड़ लोगों की आशा-अपेक्षाओं को मजबूत करने वाला बजट है। ये देश के विकास को गति देने वाला बजट है। ये बजट farmer friendly, common man friendly, business environment friendly और साथ ही साथ Development friendly भी है। इसमें Ease of doing business के साथ ही Ease of Living पर फोकस किया गया है। मध्यम वर्ग के लिए ज़्यादा savings, 21वीं सदी के भारत के लिए New Generation Infrastructure और बेहतर health assurance - यह सभी Ease of Living की दिशा में ठोस क़दम हैं। 

हमारे देश के किसानों ने खाद्यान्न और फल-सब्जियों का रिकॉर्ड उत्पादन करके देश के विकास में ऐतिहासिक योगदान दिया है। किसानों की स्थिति को और मजबूत करने और उनकी आय बढ़ाने की दिशा में इस बजट में कई कदम प्रस्तावित हैं। गांव और कृषि के क्षेत्र में लगभग साढ़े 14 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड आबंटन किया गया है। 51 लाख नए घर, 3 लाख किलोमीटर से ज्यादा की सड़कें, लगभग 2 करोड़ शौचालय, पौने दो करोड़ घरों में बिजली का कनेक्शन, इसका सीधा लाभ दलितो, पीड़ितों, शोषितों, वंचितों को मिलेगा। ये ऐसे कार्य हैं जो विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में अपने साथ रोजगार के नए मौके भी लेकर आएंगे। किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना मूल्य दिलवाने की घोषणा की मैं सराहना करता हूं। किसानों को इस फैसले का पूरा लाभ मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार, राज्यों के साथ चर्चा करके एक पुख्ता व्यवस्था विकसित करेगी। सब्जी और फल पैदा करने वाले किसानों के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ एक कारगर कदम साबित होगा। हमने देखा है, किस तरह दूध के क्षेत्र में अमूल ने दूध उत्पादक किसानों को उचित दाम दिलवाया। हमारे देश में उद्योग के विकास के लिए क्लस्टर बेस्ड अप्रोच से हम परिचित हैं। अब देश के अलग-अलग जिलों में कृषि से संबंधित वहां के उत्पादों को ध्यान में रखते हुए कृषि क्लस्टर अप्रोच के साथ काम किया जाएगा। देश के अलग-अलग जिलों में पैदा होने वाले कृषि उत्पादों को ध्यान में रखते हुए, उन जिलों की एक पहचान बनाकर, उस विशेष कृषि उत्पाद के लिए स्टोरेज, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था विकसित करने की योजना का मैं स्वागत करता हूं। हमारे देश में कॉपरेटिव सोसायटी को इनकम टेक्स में छूट है। लेकिन ‘फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन’ -FPO जो इन्ही की तरह काम करते हैं, उन्हे यह लाभ नहीं मिलता है। इसलिए किसानों की मदद के लिए बने इन ‘फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन’ -FPO को इनकम टैक्स में सहकारी समितियों की तरह ही छूट का निर्णय प्रशंसनीय है। महिला सेल्फ हेल्प ग्रुपों को इन ‘फॉर्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन’ की मदद के साथ ऑर्गैनिक, एरोमैटिक और हर्बल खेती के साथ जोड़ने की योजना भी किसानों की आय बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इसी तरह, गोबर-धन योजना, गांव को स्वच्छ रखने के साथ-साथ किसानों एवं पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगी। हमारे यहां किसान खेती के साथ-साथ उससे जुड़े और भी अलग-अलग व्यवसाय करते हैं। कोई मछली पालन, कोई पशुपालन, कोई पोल्ट्री, कोई मधुमक्खी पालन से जुड़ा है। ऐसे अतिरिक्त कामों के लिए बैंकों से कर्ज लेने में किसानों को कठिनाई होती रही है। किसान क्रेडिट कार्ड के द्वारा अब मछली पालन और पशुपालन के लिए भी लोन की व्यवस्था किया जाना, बहुत प्रभावी कदम है। भारत के 700 से अधिक जिलों में करीब-करीब 7 हजार ब्लॉक या प्रखंड हैं। इन ब्लॉक में लगभग 22 हजार ग्रामीण व्यापार केंद्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण, नवनिर्माण और गांवों से उनकी कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर दिया गया है। आने वाले दिनों में ये केंद्र, किसानों की आय बढ़ाने, रोजगार और कृषि आधारित ग्रामीण एवं कृषि अर्थव्यवस्था के नए ऊर्जा केंद्र बनेंगे। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत अब गांवों को ग्रामीण हाट, उच्च शिक्षा केंद्र और अस्पतालों से जोड़ने का काम भी किया जाएगा। इस वजह से गांव के लोगों का जीवन और आसान होगा। 

हमने Ease Of Living की भावना का विस्तार उज्जवला योजना में भी देखा है। ये योजना देश की गरीब महिलाओं को न सिर्फ धुंए से मुक्ति दिला रही है बल्कि उनके सशक्तिकरण का भी बड़ा माध्यम बनी है। मुझे खुशी है कि इस योजना का विस्तार करते हुए अब इसके लक्ष्य को 5 करोड़ परिवार से बढ़ाकर 8 करोड़ कर दिया गया है। इस योजना का लाभ बड़े स्तर पर देश के दलित, आदिवासी एवं पिछड़ों को मिल रहा है। अनुसूचित जाति और जनजाति के विकास के लिए इस बजट में करीब-करीब एक लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 

हमेशा से निम्न मध्यम वर्ग और गरीब के जीवन की एक बड़ी चिंता रही है बीमारी का इलाज। बजट में प्रस्तुत की गई नई योजना ‘आयुष्मान भारत’ इन सभी वर्गों को इस बड़ी चिंता से मुक्त करेगी। इस योजना का लाभ देश के लगभग 10 करोड़ गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों को मिलेगा। यानि करीब-करीब 45 से 50 करोड़ लोग इसके दायरे में आएंगे। इन परिवारों को चिन्हित अस्पतालों में प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। सरकारी खर्चे पर शुरू की गई यह दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी हेल्थ एश्योरेंस योजना है। देश की सभी बड़ी पंचायतों में, लगभग डेढ़ लाख हेल्थ वेलनेस सेंटर की स्थापना करने का कदम प्रशंसनीय है। इससे गांव में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं और सुलभ होंगी। देशभर में 24 नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना से लोगों को इलाज में सुविधा तो बढ़ेगी ही युवाओं को मेडिकल की पढ़ाई में भी आसानी होगी। हमारा प्रयास है कि देश के हर तीन संसदीय क्षेत्रों के बीच में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज अवश्य हो। 

इस बजट में सीनियर सिटिजन्स की अनेक चिंताओं को ध्यान में रखते हुए कई फैसले लिए गए हैं। प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत अब सीनियर सीटिजन 15 लाख रुपए तक की राशि पर कम से कम 8 प्रतिशत का ब्याज प्राप्त करेंगे। बैंकों और पोस्ट ऑफिस में जमा किए गए उनके धन पर 50 हजार तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। स्वास्थ्य बीमा के 50 हजार रुपए तक के प्रीमियम पर इनकम टैक्स से छूट मिलेगी। वैसे ही गंभीर बीमारियों के इलाज पर एक लाख रुपए तक के खर्च पर इनकम टैक्स से राहत दी गई है। 

लंबे अरसे से हमारे देश में सूक्ष्म – लघु और मध्यम उद्योग यानि MSME को बड़े-बड़े उद्योगों से भी ज्यादा दर पर टैक्स देना पड़ता रहा है। इस बजट में सरकार ने एक साहसपूर्ण कदम उठाते हुए सभी सूक्ष्म–लघु और मध्यम उद्योग यानि MSME के टैक्स रेट में 5 प्रतिशत की कटौती कर दी है। अब इन्हें

30 प्रतिशत की जगह 25 प्रतिशत टैक्स देना पड़ेगा। MSME उद्योगों को आवश्यक पूंजी मिले, आवश्यक वर्किंग कैपिटल मिले, इसके लिए बैंक एवं NBFC के द्वारा ऋण की व्यवस्था को और आसान कर दिया गया है। इस प्रकार Make in India के मिशन को भी ताकत मिलेगी। बड़े उद्योगों में NPA के कारण सूक्ष्म-लघु और मध्यम उद्योग तनाव महसूस कर रहे हैं। किसी और के गुनाह की सजा छोटे उद्यमियों को नहीं मिलनी चाहिए। इसलिए सरकार बहुत जल्द MSME सेक्टर में NPA और Stressed Account की मुश्किल को सुलझाने के लिए ठोस कदम की घोषणा करेगी। 

रोजगार को प्रोत्साहन देने के लिए और employee को सोशल सेक्योरिटी देने की दिशा में सरकार ने एक दूरगामी सकारात्मक निर्णय लिया है। इससे informal से formal की ओर बढ़ने का अवसर मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। अब सरकार नए श्रमिकों के EPF अकाउंट में तीन साल तक 12 प्रतिशत का योगदान खुद करेगी। इसके अलावा महिलाओं को रोजगार के ज्यादा अवसर मिलें, और उनकी Take Home Salary बढ़े, इसके लिए नई महिला कर्मचारियों का तीन वर्षों के लिए EPF में योगदान अब 12 प्रतिशत से कम करके 8 प्रतिशत किया जा रहा है। हालांकि इस अवधि में employer का योगदान 12 प्रतिशत ही रहेगा। कामकाजी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण कदम है। 

आधुनिक भारत के सपने को साकार करने के लिए, सामान्य लोगों की Ease of living को बढ़ाने के लिए और विकास को स्थायित्व देने के लिए भारत में Next Generation Infrastructure अत्यंत आवश्यक है। रेल - मेट्रो, हाईवे - आईवे, पोर्ट- एयर पोर्ट, पावर ग्रिड- गैस ग्रिड, सागरमाला-भारतमाला, डिजिटल इंडिया से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर बजट में काफी बल दिया गया है। इनके लिए लगभग 6 लाख करोड़ रुपए की राशि का आबंटन किया गया है। ये पिछले वर्ष की तुलना में लगभग एक लाख करोड़ रुपए ज्यादा है। इन योजनाओं से देश में रोजगार की अपार संभावनाएं बनेंगी। वेतनभोगी, मध्यम वर्ग को दी गई टैक्स राहत के लिए भी मैं वित्त मंत्री जी का आभार व्यक्त करता हूं। ये बजट हर भारतीय की आशाओं-आकांक्षाओ परखरा उतरने वाला बजट है। इस बजट ने सुनिश्चित किया है- किसान को फ़सल की अच्छी क़ीमत कल्याणकारी योजनाओं से ग़रीब के उत्थान को संबल Tax paying citizen की ईमानदारी का सम्मान Right tax structure से उद्यमियों की मेहनत को समर्थन देश के लिए Senior Citizen के योगदान की वंदना, मैं एक बार फिर वित्त मंत्री और उनकी टीम को Ease Of Living बढ़ाने वाले औऱ न्यू इंडिया की नींव को मजबूत करने वाले, इस बजट के लिए हृदय से बधाई देता हूं।

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।