“यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य और भारत में नई ऊर्जा के विश्वास का है”
“‘अमृत काल’ की पहली रोशनी में, यह सफलता की ‘अमृत वर्षा’ है"
“हमारे वैज्ञानिकों के समर्पण और प्रतिभा से भारत चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच गया है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है”
“वह समय दूर नहीं जब बच्चे कहेंगे ‘चंदा मामा एक टूर के’ यानी चांद बस एक यात्रा की दूरी पर है”
“हमारा चंद्र मिशन मानव-केन्द्रित दृष्टिकोण पर आधारित है। इसलिए, यह सफलता पूरी मानवता की है”’
“हम अपने सौर मंडल की सीमाओं का परीक्षण करेंगे और मानवता के लिए ब्रह्मांड की अनंत संभावनाओं को साकार करने के लिए काम करेंगे”
“भारत बार-बार यह साबित कर रहा है कि आकाश की सीमा नहीं है”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान 3 की लैंडिंग देखने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसरो की टीम से जुड़े। सफल लैंडिंग के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री ने इसरो की टीम को संबोधित किया और उन्हें इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी।

इसरो की टीम को परिवार के सदस्यों के रूप में संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं किसी राष्ट्र के जीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती हैं। प्रधानमंत्री ने उल्लास से भरे राष्ट्र से कहा, “यह क्षण अविस्मरणीय, अभूतपूर्व है। यह ‘विकसित भारत’ के आह्वान का क्षण है, यह भारत के लिए विजय के आह्वान का क्षण है, यह कठिनाइयों के सागर को पार करने और जीत के ‘चंद्रपथ’ पर चलने का क्षण है। यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य और भारत में नई ऊर्जा के विश्वास का क्षण है। यह क्षण भारत के उदयीमान भाग्य के आह्वान का है।” स्पष्ट रूप से उत्साहित प्रधानमंत्री ने कहा, “‘अमृत काल’ की पहली रोशनी में यह सफलता की ‘अमृत वर्षा’ है।” प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों को उद्धृत करते हुए कहा, ‘भारत अब चांद पर है!’ उन्होंने कहा कि हम अभी नए भारत की पहली उड़ान के साक्षी बने हैं।

प्रधानमंत्री ने बताया कि वह इस समय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जोहान्सबर्ग में हैं, लेकिन हर नागरिक की तरह उनका मन भी चंद्रयान 3 पर लगा हुआ था। उन्होंने कहा कि हर भारतीय जश्न में डूब गया है और यह हर परिवार के लिए उत्सव का दिन है। इस खास मौके पर वह भी हर नागरिक के साथ पूरे उत्साह से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने टीम चंद्रयान, इसरो और वर्षों तक अथक परिश्रम करने वाले देश के सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी और उत्साह, आनंद और भावना से भरे इस अद्भुत पल के लिए 140 करोड़ देशवासियों को भी बधाई दी!

प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे वैज्ञानिकों के समर्पण और प्रतिभा से भारत चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच गया है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है।” उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि आज के बाद से चंद्रमा से जुड़े सभी मिथक और कथानक बदल जायेंगे और नई पीढ़ी के लिए कहावतों के नए अर्थ हो जायेंगे। भारतीय लोककथाओं का उल्लेख करते हुए जहां पृथ्वी को ‘मां’ और चंद्रमा को ‘मामा’ माना जाता है, प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्रमा को बहुत दूर भी माना जाता है और इसे ‘चंदा मामा दूर के’ कहा जाता है, लेकिन वह समय दूर नहीं है जब बच्चे कहेंगे ‘चंदा मामा एक टूर के’ यानी चांद बस एक यात्रा की दूरी पर है।

प्रधानमंत्री ने दुनिया के हर देश और क्षेत्र के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “भारत का सफल चंद्र मिशन अकेले भारत का नहीं है। यह एक ऐसा वर्ष है जिसमें दुनिया जी-20 की भारत की अध्यक्षता का साक्षी बन रही है। ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' का हमारा दृष्टिकोण दुनिया भर में गूंज रहा है। हम जिस मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करते हैं उसका सार्वभौमिक रूप से स्वागत किया गया है। हमारा चंद्र मिशन भी इसी मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर आधारित है। इसलिए, यह सफलता पूरी मानवता की है। और यह भविष्य में अन्य देशों के चंद्र मिशनों में मददगार होगा।” श्री मोदी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि ग्लोबल साउथ सहित दुनिया के सभी देश ऐसी उपलब्धियां हासिल करने में सक्षम हैं। हम सभी चंद्रमा और उससे आगे की आकांक्षा कर सकते हैं।”

प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि चंद्रयान महाअभियान की उपलब्धियां भारत की उड़ान को चंद्रमा की कक्षाओं से आगे ले जायेंगी। श्री मोदी ने कहा, “हम अपने सौर मंडल की सीमाओं का परीक्षण करेंगे, और मानवता के लिए ब्रह्मांड की अनंत संभावनाओं को साकार करने के लिए काम करेंगे।” प्रधानमंत्री ने भविष्य के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने के बारे में प्रकाश डाला और बताया कि इसरो जल्द ही सूर्य के विस्तृत अध्ययन के लिए ‘आदित्य एल-1’ मिशन लॉन्च करने जा रहा है। उन्होंने शुक्र ग्रह को भी इसरो के विभिन्न लक्ष्यों में से एक बताया। प्रधानमंत्री ने मिशन गगनयान, जहां भारत अपने पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए पूरी तरह से तैयार है, पर प्रकाश डालते हुए कहा, “भारत बार-बार यह साबित कर रहा है कि आकाश की सीमा नहीं है।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी देश के उज्ज्वल भविष्य का आधार हैं। उन्होंने कहा कि यह दिन हम सभी को उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा और संकल्पों को साकार करने का रास्ता दिखाएगा। अंत में, वैज्ञानिकों को उनके भविष्य के सभी प्रयासों में सफलता की शुभकामनाएं देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “यह दिन इस बात का प्रतीक है कि हार से सबक लेकर जीत कैसे हासिल की जाती है।”

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
India’s organic food products export reaches $448 Mn, set to surpass last year’s figures

Media Coverage

India’s organic food products export reaches $448 Mn, set to surpass last year’s figures
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री ने तेल क्षेत्र (विनियमन एवं विकास) अधिनियम 1948 में प्रस्तावित संशोधनों के पारित होने की सराहना की
December 03, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राज्यसभा में तेल क्षेत्र (विनियमन एवं विकास) अधिनियम 1948 में प्रस्तावित संशोधनों के पारित होने की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कानून है, जो ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देगा और समृद्ध भारत में भी योगदान देगा।

एक्स पर किए गए केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी के एक पोस्ट का जवाब देते हुए श्री मोदी ने लिखा:

“यह एक महत्वपूर्ण कानून है, जो ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देगा और समृद्ध भारत में भी योगदान देगा।”