राष्ट्रपति मैक्रों,
महानुभाव,
नमस्कार!
मैं महासागरों के लिए इस महत्वपूर्ण वैश्विक पहल पर राष्ट्रपति मैक्रों को बधाई देता हूं।
भारत हमेशा से एक समुद्री सभ्यता रही है।
हमारे प्राचीन ग्रंथ और साहित्य समुद्री जीवन समेत महासागरों के उपहारों का वर्णन करते हैं।
आज हमारी सुरक्षा और समृद्धि महासागरों से जुड़ी हुई है।
भारत की ''भारत-प्रशांत महासागर पहल'' (इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव) में समुद्री संसाधनों को एक प्रमुख स्तंभ के रूप में शामिल किया गया है।
भारत, फ्रांसीसी पहल' राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे जैव-विविधता पर उच्च महत्वाकांक्षा गठबंधन' (हाई एम्बिशन कोएलिशन ऑन बायो-डाइवर्सिटी बियॉन्ड नेशनल जूरिसडिक्सन) का समर्थन करता है।
हम इस साल अंतरराष्ट्रीय संधि की उम्मीद करते हैं, जो कानूनी रूप से बाध्यकारी हो।
भारत एकल उपयोग प्लास्टिक (सिंगल यूज प्लास्टिक) को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत ने हाल ही में तटीय क्षेत्रों से प्लास्टिक और अन्य कचरे को साफ करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान चलाया है।
तीन लाख युवाओं ने लगभग 13 टन प्लास्टिक कचरा एकत्र किया।
मैंने अपनी नौसेना को इस साल समुद्र से प्लास्टिक कचरे को साफ करने के लिए 100 जहाज-दिवस का योगदान करने का भी निर्देश दिया है।
भारत को एकल उपयोग प्लास्टिक पर एक वैश्विक पहल शुरू करने के लिए फ्रांस के साथ जुड़ने में खुशी होगी।
धन्यवाद, राष्ट्रपति मैक्रों।