प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सीवीसी और सीबीआई के संयुक्त सम्मेलन में एक वीडियो संदेश दिया। सम्मेलन गुजरात स्थित केवड़िया में हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन में होने वाले विचार-विमर्श केवड़िया में किए जा रहे हैं। केवड़िया एक ऐसा स्थान जो सरदार पटेल की उपस्थिति को दर्शाता है। सरदार पटेल ने प्रशासन को भारत की प्रगति, जन सरोकार और लोक कल्याण का आधार बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। प्रधानमंत्री ने सम्मेलन के संबोधन में कहा “आज, भारत अमृत काल के दौरान अपने महान लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। आज जब हम प्रशासन को सक्रिय और जनहित के अनुरूप बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो आपका कार्य आधारित परिश्रम सरदार साहब के आदर्शों को शक्ति प्रदान करेगा"।
प्रधानमंत्री ने सीबीआई और सीवीसी के अधिकारियों से राष्ट्रीय जीवन के सभी क्षेत्रों से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए खुद को फिर से समर्पित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार लोगों के अधिकारों को छीन लेता है और सभी के लिए न्याय का लक्ष्य हासिल करने के लक्ष्य तथा राष्ट्र की प्रगति को बाधित करता है और राष्ट्र की सामूहिक शक्ति को प्रभावित करता है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि बीते छह-सात वर्षों के निरंतर प्रयासों से सरकार देश में एक विश्वास कायम करने में सफल हुई है कि बढ़ते हुए भ्रष्टाचार को रोकना संभव है। उन्होंने कहा कि आज देश को यह विश्वास हुआ है कि बिना कुछ लेन-देन के, बिना बिचौलियों के भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है और आज देश को यह भी विश्वास हुआ है कि देश को धोखा देने वाले, गरीब को लूटने वाले, कितने भी ताकतवर क्यों न हों, देश और दुनिया में कहीं भी हों, अब उन पर रहम नहीं किया जाता, सरकार उनको छोड़ती नहीं है। उन्होंने कहा, “पहले सरकार और व्यवस्था जिस तरह से चलाई जाती थी, उसमें राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति का अभाव होता था। आज भ्रष्टाचार पर प्रहार करने की राजनीतिक इच्छा-शक्ति मौजूद है और प्रशासनिक स्तर पर भी लगातार सुधार किए जा रहे हैं।” भारत की बदलती तस्वीर की चर्चा करते हुये श्री मोदी ने इंगित किया, “आज 21वीं सदी का भारत आधुनिक सोच के साथ मानवता के लाभ के लिये प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर देता है। न्यू इंडिया नवाचार करता है, इसकी शुरुआत करता है और इसे लागू करता है। न्यू इंडिया अब यह मानने को तैयार नहीं है कि भ्रष्टाचार व्यवस्था का हिस्सा है। वह चाहता है कि व्यवस्था की प्रणाली पारदर्शी हो, प्रक्रिया कुशल हो और प्रशासन सहज हो।”
अधिकतम नियंत्रण और अधिकतम नुकसान से न्यूनतम सरकारी दखल और अधिकतम शासन तक सरकार की यात्रा का विवरण देते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे उनकी सरकार ने सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाकर आम लोगों के जीवन में सरकारी दखल को कम करने का बीड़ा उठाया और इस काम को अभियान के तौर पर किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि नागरिकों को शक्तिसम्पन्न बनाने के लिये उनकी सरकार ने विश्वास और प्रौद्योगिकी पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि आज देश में जो सरकार है, वह देश के नागरिकों पर विश्वास करती है, उन्हें शंका की नजर से नहीं देखती और यही कारण है कि दस्तावेजों के प्रमाणीकरण के तमाम स्तरों को समाप्त कर दिया गया है तथा जन्म प्रमाणपत्रों, पेंशन के लिये पेंशनधारी के जीवित होने के प्रमाणपत्र को बिना बिचौलियों के प्रौद्योगिकी के जरिये उपलब्ध कराया जा रहा है। ग्रुप ‘सी’ और ग्रुप ‘डी’ बहाली में साक्षात्कार को समाप्त करने जैसे कदम उठाये गये हैं। गैस सिलेंडर बुकिंग से लेकर टैक्स की फाइलिंग तक की सभी सेवाओं में ऑनलाइन तथा बिना किसी के दखल वाली प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इससे भी भ्रष्टाचार के अवसर कम हो गये हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भरोसा और प्रौद्योगिकी की बदौलत कुशल प्रशासन तथा व्यवसाय करने में आसानी हुई है। उन्होंने कहा कि कारोबार के लिये अनुमति और अनुपालन सम्बन्धी पुराने कानूनों को रद्द कर दिया गया है। साथ ही आज की चुनौतियों को मद्देनजर रखते हुए कई सख्त कानून बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि अनुपालन सम्बन्धी कई और शर्तों को दूर करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर अनुमति और अनुपालन प्रक्रियाओं को मानवीय हस्तक्षेप रहित बना दिया गया है, जैसे स्व-मूल्यांकन और स्व-घोषणा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। जी-ई-एम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) के कारण ई-निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है। डिजिटल फुटप्रिंट से जांच करने में आसानी हो गई है। इसी तरह प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टरप्लान से निर्णय लेने सम्बन्धी तमाम दिक्कतें दूर कर दी जायेंगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जब हम विश्वास और प्रौद्योगिकी के दौर में आगे बढ़ रहे हैं, तो केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो जैसे संस्थानों और उनके अफसरों पर देश द्वारा भरोसा करना अहमियत रखता है। उन्होंने कहा, “हमें राष्ट्र प्रथम की बात हमेशा याद रखनी चाहिये और हमेशा जनहित तथा जन सरोकार की कसौटी पर अपने काम को परखना चाहिये।”उन्होंने कहा कि इस मापदंड पर खरा उतरने वाले ‘कर्मयोगी’का वे हमेशा साथ देंगे।
प्रधानमंत्री ने ‘निवारक-सतर्कता’ पर अपने विचारों को साझा किया। उन्होंने कहा कि निवारक सतर्कता को सजगता द्वारा हासिल किया जा सकता है तथा उसे प्रौद्योगिकी और अनुभव के जरिये मजबूत बनाया जा सकता है। प्रौद्योगिकी और सजगता के साथ-साथ प्रक्रियाओं में सरलता, स्पष्टता और पारदर्शिता, निवारक-सतर्कता में दूरगामी योगदान करेगी। उन्होंने कहा कि इससे हमारा काम सरल होगा और राष्ट्र के संसाधनों की बचत होगी।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों का आह्वान किया कि वे भ्रष्ट व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने में बिलकुल न हिचकें और यह सुनिश्चित करें कि देश तथा देशवासियों को धोखा देने वालों को कहीं पनाह न मिले। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि निर्धनो में जो सबसे निर्धन हो, उसके मन में व्यवस्था के प्रति व्याप्त भय को दूर करें। उन्होंने यह भी आह्वान किया कि प्रौद्योगिकीय चुनौतियों और साइबर जालसाजी से निपटने के लिये विमर्श करें।
कानूनों और प्रक्रियाओं के सरलीकरण के लिए स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में अपने आह्वान का उल्लेख करते हुये प्रधानमंत्री ने केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और अन्य भ्रष्टाचार निरोधी संस्थानों से कहा कि वे ऐसी सभी प्रक्रियाओं को हटा दें, जो नये भारत की राह में रोड़ा हैं। प्रधानमंत्री ने यह कहकर अपनी बात पूरी कीः “आपको भ्रष्टाचार के खिलाफ नये भारत की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’की नीति को मजबूत करना है। आपको कानूनों को इस तरह लागू करना है कि गरीब व्यवस्था के करीब आ सकें और भ्रष्टाचार व्यवस्था से बाहर निकल जाये।”
आज हम भारत की आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।
— PMO India (@PMOIndia) October 20, 2021
आने वाले 25 वर्ष, यानि इस अमृतकाल में आत्मनिर्भर भारत के विराट संकल्पों की सिद्धि की तरफ देश बढ़ रहा है।
आज हम गुड गवर्नेंस- प्रो पीपल, प्रोएक्टिव गवर्नेंस को सशक्त करने में जुटे हैं: PM @narendramodi
भ्रष्टाचार-करप्शन, छोटा हो या बड़ा, वो किसी ना किसी का हक छीनता है।
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ये देश के सामान्य नागरिक को उसके अधिकारों से वंचित करता है, राष्ट्र की प्रगति में बाधक होता है और एक राष्ट्र के रूप में हमारी सामूहिक शक्ति को भी प्रभावित करता है: PM @narendramodi
और आज देश को ये भी विश्वास हुआ है कि देश को धोखा देने वाले, गरीब को लूटने वाले, कितने भी ताकतवर क्यों ना हो, देश और दुनिया में कहीं भी हों, अब उन पर रहम नहीं किया जाता, सरकार उनको छोड़ती नहीं है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 20, 2021
बीते 6-7 सालों के निरंतर प्रयासों से हम देश में एक विश्वास कायम करने में सफल हुए हैं, कि बढ़ते हुए करप्शन को रोकना संभव है।
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आज देश को ये विश्वास हुआ है कि बिना कुछ लेन-देन के, बिना बिचौलियों के भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है: PM @narendramodi
न्यू इंडिया अब ये भी मानने को तैयार नहीं कि भ्रष्टाचार सिस्टम का हिस्सा है।
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उसे System Transparent चाहिए, Process Efficient चाहिए और Governance Smooth चाहिए: PM @narendramodi
हमने देशवासियों के जीवन से सरकार के दखल को कम करने को एक मिशन के रूप में लिया।
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हमने सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए।
मैक्सिमम गवर्नमेंट कंट्रोल के बजाय मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस पर फोकस किया: PM @narendramodi
आज देश में जो सरकार है, वो देश के नागरिकों पर ट्रस्ट करती है, उन्हें शंका की नजर से नहीं देखती।
— PMO India (@PMOIndia) October 20, 2021
इस भरोसे ने भी भ्रष्टाचार के अनेकों रास्तों को बंद किया है।
इसलिए दस्तावेज़ों की वैरीफिकेशन के लेयर्स को हटाकर, करप्शन और अनावश्यक परेशानी से बचाने का रास्ता बनाया है: PM
जब हम ट्रस्ट और टेक्नॉलॉजी के दौर में आगे बढ़ रहे हैं, तो आप सभी साथियों, आप जैसे कर्मयोगियों पर देश का ट्रस्ट भी उतना ही अहम है।
— PMO India (@PMOIndia) October 20, 2021
हम सभी को एक बात हमेशा याद रखनी है-
राष्ट्र प्रथम !
हमारे काम की एक ही कसौटी है-
जनहित, जन-सरोकार: PM @narendramodi