“"लता जी ने अपने दैवीय कंठ से पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया था"”
“"अयोध्या के भव्य मंदिर में आने वाले हैं भगवान श्री राम"”
“"भगवान राम के आशीर्वाद से मंदिर निर्माण की तीव्र गति को देख पूरा देश उत्साहित है"”
“"ये 'विरासत में गौरव' की पुनरावृत्ति है और राष्ट्र के विकास का एक नया अध्याय है"”
“"भगवान राम हमारी सभ्यता के प्रतीक हैं और हमारी नैतिकता, मूल्यों, गरिमा और कर्तव्य के जीवंत आदर्श हैं" ”
“"लता दीदी के भजनों ने हमारी अंतरात्मा को भगवान राम में डुबोए रखा है"”
“"लता जी द्वारा गाए गए मंत्रों ने न केवल उनके स्वरों को बल्कि उनकी आस्था, आध्यात्मिकता और पवित्रता को भी प्रतिध्वनित किया"”
“"लता दीदी के स्वर आने वाले युगों-युगों तक इस देश के कण-कण को ​​​​जोड़े रखेंगे"”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से अयोध्या में लता मंगेशकर चौक के उद्घाटन के अवसर पर सभा को संबोधित किया।

इस आयोजन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रत्येक भारतीय की पूजनीय और स्नेह मूर्ति लता दीदी को उनके जन्मदिन पर याद किया। उन्होंने नवरात्रि उत्सव के तीसरे दिन का भी स्मरण किया जब मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई साधक, साधिका कठोर साधना से गुजरते हैं, तो वे मां चंद्रघंटा की कृपा से दिव्य आवाजों को अनुभव करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "लता जी मां सरस्वती की एक ऐसी साधिका थीं, जिन्होंने अपनी दिव्य आवाज से पूरी दुनिया को दंग कर दिया। लता जी ने साधना की और वरदान हम सभी को मिला!" श्री मोदी ने रेखांकित किया कि अयोध्या में लता मंगेशकर चौक पर स्थापित मां सरस्वती की विशाल वीणा, संगीत साधना का प्रतीक बनेगी। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इस चौक परिसर में झील के बहते पानी में संगमरमर से बने 92 सफेद कमल लता जी के जीवन काल का प्रतिनिधित्व करते हैं।

प्रधानमंत्री ने इस अभिनव प्रयास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और अयोध्या विकास प्राधिकरण को बधाई दी और सभी देशवासियों की ओर से लता जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं भगवान श्री राम से प्रार्थना करता हूं कि लता जी के जीवन से हमें जो आशीर्वाद मिला है, वो उनके मधुर गीतों के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों पर अपनी छाप छोड़ता रहे।"

लता दीदी के जन्मदिन से जुड़ी कई भावनात्मक और स्नेही यादों का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब-जब उन्होंने बात की तो उनकी आवाज की चिर-परिचित मिठास ने सदा मंत्रमुग्ध किया। प्रधानमंत्री ने याद किया, "दीदी अक्सर मुझसे कहा करती थीं: 'मनुष्य को उम्र से नहीं बल्कि कर्मों से जाना जाता है, और वो जितना अधिक देश के लिए करता है, उतना ही बड़ा होता जाता है!" श्री मोदी ने आगे कहा, "मेरा मानना ​​है कि अयोध्या का लता मंगेशकर चौक और उनसे जुड़ी ऐसी सभी यादें हमें राष्ट्र के प्रति कर्तव्य की भावना महसूस कराएंगी।"

जब अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ था तो उसके बाद प्रधानमंत्री को लता दीदी का फोन आया था, उसे याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लता दीदी ने बहुत खुशी व्यक्त की कि आखिरकार ये विकास कार्य चालू हो गया। प्रधानमंत्री ने लता दीदी द्वारा गाए एक भजन 'मन की अयोध्या तब तक सूनी, जब तक राम न आए' को याद किया और अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान श्री राम के आसन्न आगमन पर टिप्पणी की। प्रधानमंत्री ने कहा कि करोड़ों लोगों के बीच राम की स्थापना करने वाली लता दीदी का नाम अब पवित्र नगरी अयोध्या से स्थायी रूप से जुड़ गया है। राम चरित मानस को उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्री ने "राम ते अधिक, राम कर दास" का पाठ किया, जिसका अर्थ है कि भगवान राम के भक्त भगवान के आगमन से पहले पहुंच जाते हैं। इसलिए उनकी याद में बना लता मंगेशकर चौक, भव्य मंदिर के पूरा होने से पहले ही बन गया है।

अयोध्या की गौरवशाली विरासत की पुन: स्थापना और शहर में विकास की नई सुबह पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि भगवान राम हमारी सभ्यता के प्रतीक हैं और हमारी नैतिकता, मूल्यों, गरिमा और कर्तव्य के जीवंत आदर्श हैं। श्री मोदी ने कहा, "अयोध्या से रामेश्वरम तक, भगवान राम भारत के कण-कण में समाए हुए हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान राम के आशीर्वाद से मंदिर के निर्माण की गति को देखकर पूरा देश उत्साहित है।

प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि लता मंगेशकर चौक का विकास स्थल दरअसल अयोध्या में सांस्कृतिक महत्व के विभिन्न स्थानों को जोड़ने वाले प्रमुख स्थलों में से एक है। ये चौक राम की पैड़ी के पास स्थित है और सरयू की पवित्र धारा के करीब है। प्रधानमंत्री ने कहा, "लता दीदी के नाम पर चौक बनाने के लिए इससे बेहतर जगह और क्या हो सकती है?" इतने कल्पों के बाद भी जिस तरह से अयोध्या ने भगवान राम को धारण किया हुआ है, उसका उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लता दीदी के भजनों ने हमारी अंतरात्मा को भगवान राम में डुबोए रखा है।

चाहे मानस मंत्र 'श्री रामचंद्र कृपालु भज मन, हरण भव भय दारुणम' हो, या मीराबाई का 'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो' जैसा भजन हो; बापू का पसंदीदा 'वैष्णव जन' हो, या 'तुम आशा विश्वास हमारे राम' जैसी मधुर धुन हो, इन सबने लोगों के मन में अपनी जगह बनाई हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई देश वासियों ने लता जी के गीतों के माध्यम से भगवान राम का अनुभव किया है। श्री मोदी ने कहा, "हमने लता दीदी के दिव्य कंठ के माध्यम से भगवान राम के अलौकिक राग का अनुभव किया है।"

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लता दीदी की आवाज में 'वंदे मातरम' की पुकार सुनते ही हमारी आंखों के सामने भारत माता का विशाल रूप उमड़ने लगता है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "जिस तरह लता दीदी हमेशा नागरिक कर्तव्यों के प्रति बहुत जागरूक थीं, उसी तरह ये चौक अयोध्या में रहने वाले लोगों और अयोध्या आने वाले लोगों को भी कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए प्रेरित करेगा।" उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि "ये चौक, ये वीणा अयोध्या के विकास और अयोध्या की प्रेरणा को और प्रतिध्वनित करेंगे।" श्री मोदी ने रेखांकित किया कि लता दीदी के नाम पर बना ये चौक कला जगत से जुड़े लोगों के लिए प्रेरणा स्थल का काम करेगा। ये सभी को याद दिलाएगा कि आधुनिकता की ओर बढ़ते हुए और अपनी जड़ों से जुड़े रहते हुए हमें भारत की कला और संस्कृति को दुनिया के कोने-कोने तक ले जाना है। श्री मोदी ने कहा, "भारत की कला और संस्कृति को दुनिया के कोने-कोने तक ले जाना हमारा कर्तव्य है।"

अपने संबोधन के समापन में प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि हमें जिम्मेदारी लेने की जरूरत है ताकि हम भारत की हजार साल पुरानी विरासत पर गर्व करते हुए आने वाली पीढ़ियों के हाथों में भारत की संस्कृति को सौंप सकें। उन्होंने कहा, "लता दीदी के स्वर आने वाले युगों-युगों तक इस देश के कण-कण को ​​​​जोड़े रखेंगे।"

लता जी, मां सरस्वती की एक ऐसी ही साधिका थीं, जिन्होंने पूरे विश्व को अपने दिव्य स्वरों से अभिभूत कर दिया: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) September 28, 2022

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PM Modi remembers the unparalleled bravery and sacrifice of the Sahibzades on Veer Baal Diwas
December 26, 2024

The Prime Minister, Shri Narendra Modi remembers the unparalleled bravery and sacrifice of the Sahibzades on Veer Baal Diwas, today. Prime Minister Shri Modi remarked that their sacrifice is a shining example of valour and a commitment to one’s values. Prime Minister, Shri Narendra Modi also remembers the bravery of Mata Gujri Ji and Sri Guru Gobind Singh Ji.

The Prime Minister posted on X:

"Today, on Veer Baal Diwas, we remember the unparalleled bravery and sacrifice of the Sahibzades. At a young age, they stood firm in their faith and principles, inspiring generations with their courage. Their sacrifice is a shining example of valour and a commitment to one’s values. We also remember the bravery of Mata Gujri Ji and Sri Guru Gobind Singh Ji. May they always guide us towards building a more just and compassionate society."