प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 23 मई 2022 को टोक्यो में एनईसी कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. नोबुहिरो एंडो से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने भारत के दूरसंचार क्षेत्र में, विशेष रूप से चेन्नई-अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (सीएएनआई) और कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह (केएलआई) ओएफसी परियोजनाओं में एनईसी की भूमिका की सराहना की। उन्होंने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के तहत निवेश के अवसरों पर भी प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री श्री मोदी और डॉ. एंडो ने औद्योगिक विकास, कराधान और श्रम सहित भारत में व्यवसाय करना आसान बनाने के लिए किए जा रहे विभिन्न सुधारों पर चर्चा की। दोनों प्रतिष्ठित हस्तियों ने नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भारत में उपलब्ध अवसरों के बारे में भी विचार विमर्श किया।
PM @narendramodi highlighted India's reform trajectory. He talked about opportunities in areas such as digital learning, FinTech, infra and logistics networks. pic.twitter.com/iFNW3L6BLc
PM @narendramodi met Mr. Nobuhiro Endo, the Chairman of NEC Corporation. Mr. Endo spoke about opportunities in India in areas such as smart cities, emerging technologies and an innovative effort to encourage learning of Japanese in India. pic.twitter.com/UJ4H4R0OOM
भारत के लिए यह सप्ताह ग्लोबल पार्टनर्स के साथ गहन जुड़ाव तथा महत्वपूर्ण घरेलू क्षेत्रों में प्रगति से भरपूर रहा। यूरोपियन कमीशन के लीडर्स ने भारत का दौरा किया, लैटिन अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताएँ आगे बढ़ीं, और इंटरनेशनल बिजनेसेज ने देश में अपनी मौजूदगी बढ़ाई। इस बीच, भारत के लॉजिस्टिक्स, हेल्थकेयर और एविएशन सेक्टर ऐसे बदलावों से गुजर रहे हैं, जो दीर्घकालीन आर्थिक प्रभाव डाल सकते हैं।
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भारत और यूरोपियन यूनियन: ग्लोबल ट्रेड शिफ्ट के बीच मजबूत होते संबंध
यूरोपियन कमीशन की प्रेजिडेंट उर्सुला वॉन डेर लेयेन, कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स के 21 सदस्यों के साथ, इस सप्ताह भारत का दौरा कर रही हैं। खासकर संभावित वैश्विक व्यापार पुनर्गठन को देखते हुए, यह यात्रा EU की भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की मंशा को दर्शाती है। दोनों पक्ष वर्ष के अंत तक एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने के लिए उत्सुक हैं, जिसका उद्देश्य ट्रेड, टेक्नोलॉजी और डिफेंस में सहयोग को बेहतर बनाना है।
भारत के मजबूत टैलेंट पूल पर सलिल गुप्ते
बोइंग इंडिया के प्रेजिडेंट सलिल गुप्ते ने देश के मजबूत टैलेंट बेस की प्रशंसा की है और एयरोस्पेस दिग्गज के ग्रोथ में इसकी भूमिका पर जोर दिया है। हाल ही में एक इंटरव्यू में, गुप्ते ने कहा कि भारत के स्किल्ड वर्कफोर्स ने बोइंग के ऑपरेशन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे कंपनी की "मेक इन इंडिया" पहल के प्रति प्रतिबद्धता मजबूत हुई है।
लॉजिस्टिक्स में बदलाव: ओपन नेटवर्क की भूमिका
भारत का लॉजिस्टिक्स उद्योग फिजिकल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के इंटीग्रेशन से प्रेरित ट्रांसफॉर्मेशन के दौर से गुजर रहा है। ओपन नेटवर्क दक्षता बढ़ा रहे हैं, लागत कम कर रहे हैं और जीडीपी वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं। जैसे-जैसे व्यवसाय डिजिटलीकरण को अपना रहे हैं, माल की सुव्यवस्थित आवाजाही एक अधिक कनेक्टेड व प्रतिस्पर्धी बाज़ार बना रही है, जिससे उद्यमों और उपभोक्ताओं दोनों को समान रूप से लाभ हो रहा है।
Daikin का विस्तार: अफ्रीका में भारत की सफलता को दोहराव
जापानी एयर कंडीशनर मैन्युफैक्चरर Daikin इंडस्ट्रीज अफ्रीका में अपने सफल भारतीय बिजनेस मॉडल को दोहराने की योजना बना रही है। अफ्रीकी बाजार में अग्रणी खिलाड़ी बनने के उद्देश्य से, Daikin की रणनीति भारत में प्रमाणित बिजनेस मॉडल की स्केलेबिलिटी और अन्य उभरते बाजारों में उनकी एप्लिकेबिलिटी को दर्शाती है।
Merck की प्रतिबद्धता: भारत में वर्कफोर्स को दोगुना करना
ग्लोबल फार्मा कंपनी Merck ने भारत में अपने वर्कफोर्स को दोगुना करने की योजना की घोषणा की है, जिसमें हेल्थकेयर विशेषज्ञता को तकनीकी प्रगति के साथ इंटीग्रेट करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस विस्तार से पेशेंट केयर पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है और यह ग्लोबल हेल्थकेयर व टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
भारत: क्लिनिकल ट्रायल्स के लिए इमर्जिंग हब
भारत क्लिनिकल ट्रायल्स के लिए ग्लोबल हब बनने की कगार पर है, जिसका अनुमान है कि 2025 तक इसका बाजार 1.51 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। विविधतापूर्ण जनसंख्या और लागत-प्रभावी रिसर्च क्षमता जैसे फैक्टर वैश्विक दवा कंपनियों को भारत में ट्रायल करने के लिए आकर्षित कर रहे हैं, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में देश की स्थिति मजबूत हो रही है।
लैटिन अमेरिका के साथ संबंधों में मजबूती
अपनी "स्ट्रैटेजिक ऑटोनोमी" की पॉलिसी के तहत, भारत लैटिन अमेरिका में अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है। क्षेत्र के देशों ने इस पहल का स्वागत किया है, जिससे डायवर्सिफायड ट्रेड और मजबूत द्विपक्षीय संबंध बन रहे हैं। यह कदम भारत के अपने पारंपरिक सहयोगियों से परे आर्थिक साझेदारी बनाने के प्रयास का हिस्सा है।
बेंगलुरु का नया कार्गो टर्मिनल: घरेलू लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा
भारत का सबसे बड़ा घरेलू कार्गो टर्मिनल बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शुरू किया गया है। यह सुविधा घरेलू एयर कार्गो ऑपरेशंस की दक्षता में सुधार करने, बढ़ते लॉजिस्टिक्स क्षेत्र का समर्थन करने और आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए तैयार है। 7 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले, DCT में लगभग 360,000 मीट्रिक टन की अधिकतम हैंडलिंग क्षमता है, जिसे 400,000 मीट्रिक टन तक बढ़ाया जा सकता है।
इतिहास का संरक्षण: सौ साल पुराने सऊदी रॉयल लैटर का डोनेशन
एक भारतीय परिवार ने सऊदी अरब के फाउंडर किंग अब्दुलअजीज द्वारा लिखा गया सौ साल पुराना पत्र गुलाम रसूल मेहर नामक स्कॉलर को दान कर दिया है। यह प्रयास भारत और सऊदी अरब के मध्य लोगों के बीच गहरे संबंधों और साझा विरासत को संरक्षित करने में नागरिकों की भूमिका को दर्शाता है।
भारत की इकोनॉमिक, डिप्लोमैटिक और इंडस्ट्रियल भागीदारी मजबूत गति से आगे बढ़ रही है। ट्रेड, ग्लोबल फर्मों द्वारा विस्तार और लॉजिस्टिक्स व हेल्थकेयर में स्ट्रक्चरल डेवलपमेंट पर EU के साथ चर्चाएँ, सभी इस बात की ओर इशारा करती हैं कि देश दीर्घकालिक लाभ के लिए खुद को तैयार कर रहा है।