प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ 2024 के दौरान छात्रों को संबोधित किया और उनसे बातचीत की। छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, उन्होंने तनावपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद सकारात्मक बने रहने के बारे में अपना रहस्य भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को चुनौतियों और प्रतिकूल परिस्थितियों के दौरान मजबूती से खड़े रहने की मानसिकता रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को हमेशा समाधान-उन्मुख और समाधानकर्ता होना चाहिए, क्योंकि ये गुण तनावपूर्ण स्थितियों से उबरने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन विशेषताओं ने ही उन्हें विभिन्न योजनाओं का सभी पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने (लास्ट-माइल सैचुरेशन) में सफलता दिलाई है।
उन्होंने कहा कि चूंकि उन्हें 140 करोड़ भारतीयों की क्षमता और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को चुनौती देने की उनकी ताकत का एहसास है, इसलिए वह अपनी सभी समस्याओं को दूर करने और देश के साथ मजबूती से खड़े होने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि जब देश ने गरीबी उन्मूलन के लिए दृढ़ संकल्प किया तभी गरीबी समाप्त हुई, जिससे पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले। आत्मविश्वास के साथ चुनौतियों का सामना करने से जटिल समस्याओं का समाधान भी मिल सकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि अपनी क्षमता और 140 करोड़ भारतीयों की क्षमताओं पर भरोसा उन्हें सभी चुनौतियों से निपटने का आत्मविश्वास देता है। उन्होंने कहा कि स्थितियों का विश्लेषण और प्राथमिकता देने से भी समस्याओं से उबरने में मदद मिलती है। व्यक्ति को अपनी गलतियों से लगातार सीखना चाहिए, क्योंकि इससे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से निपटने का अनुभव मिलता है।
इसके अलावा, हमें समझना चाहिए कि अगर हम हर किसी की असली क्षमता को पहचानें, उन्हें अच्छा करने के लिए प्रेरित करें, उनकी हर कोशिश की सराहना करें और हर उपलब्धि का उत्सव मनाएं, तो हम मिलकर सभी चुनौतियों और मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं।