कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई, जीवन और मृत्य के बीच की लड़ाई है और इस लड़ाई में हमें जीतना है: मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी
लॉकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो कोरोना वायरस से बचना मुश्किल हो जायेगा, दुनिया भर में बहुत से लोगों को कुछ इसी तरह की खुशफ़हमी थी, आज ये सब पछता रहे हैं: मन की बात में पीएम मोदी
आज हर भारतीय, अपने जीवन की रक्षा के लिए घर मे बंद है, लेकिन, आने वाले समय में यही हिन्दुस्तानी अपने देश के विकास के लिए सारी दीवारों को तोड़कर आगे निकलेगा और देश को आगे ले जाएगा: मन की बात में प्रधानमंत्री
हमारी नर्सेज बहनें, नर्सेज का काम करने वाले भाई, डॉक्टर, Para-Medical Staff हमारे Front Line Soldiers हैं: प्रधानमंत्री मोदी
कोरोना वायरस से लड़ने का सबसे कारगर तरीका social distancing है: पीएम मोदी
कहीं पर भी कोई गरीब, दुखी- भूखा नजर आता है, तो, इस संकट की घड़ी में हम पहले उसका पेट भरेंगे, उसकी जरूरत की चिंता करेंगे और ये हिंदुस्तान कर सकता है, ये हमारे संस्कार हैं, ये हमारी संस्कृति है: प्रधानमंत्री

मेरे प्यारे देशवासियो, आमतौर पर ‘मन की बात’, उसमें मैं कई विषयों को ले करके आता हूँ | लेकिन आज, देश और दुनिया के मन में सिर्फ और सिर्फ एक ही बात है- ‘कोरोना वैश्विक महामारी’ से आया हुआ ये भयंकर संकट | ऐसे में , मैं और कुछ बातें करूं वो उचित नहीं होगा | लेकिन सबसे पहले मैं सभी देशवासियों से क्षमा माँगता हूँ | और मेरी आत्मा कहती है कि आप मुझे जरुर क्षमा करेंगें क्योंकि कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़े हैं जिसकी वजह से आपको कई तरह की कठिनाइयाँ उठानी पड़ रही हैं, खास करके मेरे गरीब भाई-बहनों को देखता हूँ तो जरुर लगता है कि उनको लगता होगा की ऐसा कैसा प्रधानमंत्री है, हमें इस मुसीबत में डाल दिया | उनसे भी मैं विशेष रूप से क्षमा मांगता हूँ | हो सकता है, बहुत से लोग मुझसे नाराज भी होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रखा है | मैं आपकी दिक्कतें समझता हूँ, आपकी परेशानी भी समझता हूँ लेकिन भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश को, कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई के लिए, ये कदम उठाये बिना कोई रास्ता नहीं था | कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई, जीवन और मृत्य के बीच की लड़ाई है और इस लड़ाई में हमें जीतना है और इसीलिए ये कठोर कदम उठाने बहुत आवश्यक थे | किसी का मन नहीं करता है ऐसे कदमों के लिए लेकिन दुनिया के हालात देखने के बाद लगता है कि यही एक रास्ता बचा है | आपको, आपके परिवार को सुरक्षित रखना है | मैं फिर एक बार, आपको जो भी असुविधा हुई है, कठिनाई हुई है, इसके लिए क्षमा मांगता हूँ | साथियों, हमारे यहाँ कहा गया है – ‘एवं एवं विकारः, अपी तरुन्हा साध्यते सुखं’ यानि बीमारी और उसके प्रकोप से शुरुआत में ही निबटना चाहिए | बाद में रोग असाध्य हो जाते हैं तब इलाज भी मुश्किल हो जाता है | और आज पूरा हिंदुस्तान, हर हिन्दुस्तानी यही कर रहा है. भाइयों,बहनों, माताओं, बुजर्गो कोरोना वायरस ने दुनिया को क़ैद कर दिया है | ये ज्ञान, विज्ञान, गरीब, संपन्न, कमज़ोर, ताक़तवर हर किसी को चुनौती दे रहा है | ये ना तो राष्ट्र की सीमाओं में बंधा है, न ही ये कोई क्षेत्र देखता है और न ही कोई मौसम | ये वायरस इंसान को मारने पर, उसे समाप्त करने की जिद उठाकर बैठा है और इसीलिए सभी लोगों को, पूरी मानवजाति को इस वायरस के ख़त्म करने के लिए, एकजुट होकर संकल्प लेना ही होगा | कुछ लोगों को लगता है कि वो लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं तो ऐसा करके वो मानो जैसे दूसरों की मदद कर रहे हैं | अरे भाई, ये भ्रम पालना सही नहीं है | ये लॉकडाउन आपके खुद के बचने के लिए है | आपको अपने को बचाना है, अपने परिवार को बचाना है | अभी आपको आने वाले कई दिनों तक इसी तरह धैर्य दिखाना ही है, लक्ष्मण-रेखा का पालन करना ही है | साथियों, मैं यह भी जानता हूँ कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता, नियम नहीं तोड़ना चाहता लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं क्योंकि अब भी वो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं | ऐसे लोगों को यही कहूँगा कि लॉकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो कोरोना वायरस से बचना मुश्किल हो जायेगा | दुनिया भर में बहुत से लोगों को कुछ इसी तरह की खुशफ़हमी थी | आज ये सब पछता रहे हैं | साथियों, हमारे यहाँ कहा गया है – ‘आर्योग्यम परं भागय्म स्वास्थ्यं सर्वार्थ साधनं’ यानि आरोग्य ही सबसे बड़ा भाग्य है | दुनिया में सभी सुख का साधन, स्वास्थ्य ही है| ऐसे में नियम तोड़ने वाले अपने जीवन के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं | साथियों, इस लड़ाई के अनेकों योद्धा ऐसे हैं जो घरों में नहीं, घरों के बाहर रहकर कोरोना वायरस का मुकाबला कर रहे हैं | जो हमारे FRONT LINE SOLDIERS हैं | ख़ासकर के हमारी नर्सेज बहनें हैं, नर्सेज का काम करने वाले भाई हैं, डॉक्टर हैं, PARA-MEDICAL STAFF हैं | ऐसे साथी, जो कोरोना को पराजित कर चुके हैं | आज हमें उनसे प्रेरणा लेनी है | बीते दिनों में मैंने ऐसे कुछ लोगों से फ़ोन पर बात की है, उनका उत्साह भी बढ़ाया है और उनसे बातें करके मेरा भी उत्साह बढ़ा है | मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है. मेरा बहुत मन था इसलिए इस बार ‘मन की बात’ में ऐसे साथियों के अनुभव, उनसे हुई बातचीत, उसमें से कुछ बातें आपसे साझा करूँ | सबसे पहले हमारे साथ जुड़ेंगे श्री रामगम्पा तेजा जी | वैसे तो वे IT PROFESSIONAL हैं, आइये उनके अनुभव सुनते हैं | यस राम

रामगम्पा तेजा : नमस्ते जी |

मोदी जी: हाँ राम, नमस्ते |

राम गम्पा तेजा: नमस्ते, नमस्ते | 
मोदी जी: मैंने सुना है कि आप CORONA Virus के इस गंभीर संकट से बाहर निकले हैं ?

राम गम्पा तेजा: हाँ, जी | 
मोदी जी: जरुर मैं, आपसे कुछ बात करना चाहता था | बताइये आप, ये सारे संकट से निकले हैं, तो, अपना अनुभव मैं सुनना चाहता था |

राम गम्पा तेजा: मैं IT sector का employee हूँ | काम की वजह से Dubai गया था मैं, meetings के लिए | वहां पर जाने-अनजाने ऐसे हो गया था | वापस आते ही, fever वो सब चालू हो गया था जी | तो पांच-छः दिन के बाद डॉक्टर्स ने CORONA Virus का test की और तब positive आ गया था | तब Gandhi Hospital, Government Hospital, Hyderabad में वहां पे admit किया था मुझे और उसके बाद 14 दिन के बाद ठीक हो गया था मैं, और discharge हो गया था | तो, थोड़ा डरावना था ये सब |

मोदी जी: यानी, जब आपको संक्रमण का पता चला

राम गम्पा तेजा: हाँ |

मोदी जी: और ये उसके पहले पता तो होगा ही कि ये virus 
बहुत भयंकर है, तकलीफ़ लग रहा है |

राम गम्पा तेजा: हाँ |

मोदी जी: तो, जब आपके साथ हुआ, तब आपको क्या, एकदम 
से immediate क्या response था आपका?

राम गम्पा तेजा: पहले तो बहुत डर गया था, पहले तो believe भी नहीं कर रहा था मैं कि हो गया ,ऐसा कैसा हुआ था | क्योंकि India में किसी को दो-तीन लोगों को आया था , तो कुछ नहीं पता था, उसके बारे में | Hospital में जब admit किया था तब मुझे quarantine में रखे थे | तब तो, पहले दो-तीन दिन, पूरा ऐसे ही चला गया था, लेकिन वहाँ के डॉक्टर्स और nurses, जो है न !

मोदी जी: हाँ

राम गम्पा तेजा: वो बहुत अच्छे थे, मेरे साथ | हर दिन मुझे call करके मुझसे बात कर रहे थे और confidence दे रहे थे कि कुछ नहीं होगा, आप ठीक हो जाओगे - ऐसे, बात करते रहते थे | दिन में, दो-तीन बार डॉक्टर बात करते थे, nurse भी बात करते थे | तो, पहले जब डर था, लेकिन, उसके बाद ऐसे लगा कि, हाँ, इतने अच्छे लोगों के साथ हूँ, वो कुछ, उनको पता है कि क्या करना है and I will get better, ऐसे लगा था |

मोदी जी: परिवार के लोगों की मनःस्थिति क्या थी ?
राम गम्पा तेजा: जब मैं hospital में admit हुआ था ! पहले तो,सब बहुत stress में थे | ज्यादा attention वो सब था | लेकिन हाँ, सबसे पहले तो उनका भी test किए थे | सबका negative आ गया था, वो, सबसे बड़ा blessing है हमारे लिये, हमारे family के लिये और सबके लिये, जो मेरे आस-पास थे | उसके बाद तो हर दिन improvement दिख रहे थे | डॉक्टर हमसे बात कर रहे थे | वो बता रहे थे परिवार को भी |

मोदी जी: आपने स्वयं ने, क्या-क्या सावधानियाँ रखी, आपने 
परिवार की क्या सावधानियां रखी ?

राम गम्पा तेजा: परिवार के लिये तो, पहले, उसके बारे में जब पता 
चला, तब तो मैं quarantine में था, लेकिन quarantine के बाद भी डॉक्टर्स ने बताया था, कि और 14 दिन, घर पे ही रहना है और अपने room में रहना और self को House quarantine रखने के लिए बोले थे | तो, आने के बाद भी मैं अपने घर में ही हूँ , मेरे ही room में रहता हूँ ज्यादातर, mask पहनकर ही रहता हूँ दिन-भर, जब भी बाहर खाने के लिये कुछ होगा ...hand washing वो सब important है |

मोदी जी: चलिये राम, आप स्वस्थ होकर के आये हैं | आपको और आपके परिवार को मेरी बहुत शुभकामनाएं हैं |

राम गम्पा तेजा: Thank you.

मोदी जी : लेकिन मैं चाहूंगा कि आपका ये अनुभव

राम गम्पा तेजा: हाँ

मोदी जी: आप तो IT Profession में हैं

राम गम्पा तेजा: हाँ

मोदी जी: तो audio बनाकर के

राम गम्पा तेजा: हाँ 

मोदी जी: लोगों को share कीजिये, बहुत social media में viral कीजिये | तो क्या होगा कि लोग डर भी नहीं जायेंगे, at the same time, care करने से, कैसे बच सकते हैं, वो भी, बड़े आराम से लोगों तक पहुँच जायेगा |

राम गम्पा तेजा: हाँ, जी, ये ऐसा है कि बाहर आके देख रहा हूँ सब quarantine मतलब एक jail में जाने के जैसा लोग सोच रहे हैं, वो ऐसा नहीं है | सबको पता होना चाहिये कि government quarantine उनके लिये है, उनके परिवार के लिये ही है | तो, उसके बारे में ज्यादातर लोगों को बोलना चाहता हूँ कि test करवाओ, quarantine, मतलब, डरना मत | on quarantine मतलब वो stigma नहीं होनी चाहिये उसके ऊपर |

मोदी जी: चलिए राम, बहुत-बहुत शुभकामनाएं आपको |

राम गम्पा तेजा: Thank you

मोदी जी: Thank you भैया, thanks a lot

राम गम्पा तेजा: Thank you

साथियो जैसा कि राम ने बताया कि उन्होंने हर उस निर्देश का पालन किया जो इनको कोरोना की आशंका होने के बाद डॉक्टरों ने दिए, इसी का परिणाम है कि आज वो स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं | हमारे साथ ऐसे ही एक और साथी जुड़े हैं जिन्होंने कोरोना को पराजित किया है और उनका तो पूरा परिवार इस संकट में फँस गया था | नौजवान बेटा भी फँस गया था | आइए आगरा के श्रीमान अशोक कपूर के साथ हम बात करते हैं.

मोदी जी : अशोक जी नमस्ते |

अशोक कपूर:नमस्कार जी | मेरा सौभाग्य है जी, आपसे बात हो रही है |

मोदी जी : चलिए, हमारा भी सौभाग्य है, मैंने फ़ोन इसलिये किया 
क्योंकि आपका पूरा परिवार इस समय संकट में फंसा था |

अशोक कपूर: जी, जी, जी |

मोदी जी : तो मैं जरुर जानना चाहूंगा कि आपको ये समस्या , इस संक्रमण का पता कैसे चला? क्या हुआ ? अस्पताल में, क्या हुआ? ताकि मैं आपकी बात सुनकर अगर कोई चीज़ें देश को बताने जैसी होगी तो मैं उसका उपयोग करूँगा | 

अशोक कपूर: बिलकुल साहब | ऐसा था कि मेरे दो बेटे हैं | ये Italy गए थे | वहां पर, fair था shoes का | हम यहाँ जूते का काम करते हैं जी, factory है, manufacturing का |

मोदी जी : हाँ 

अशोक कपूर: तो वहां गए थे Italy, fair पे | जब ये वापिस आये न !

मोदी जी : हाँ |

अशोक कपूर: तो हमारा दामाद भी गया था, वो दिल्ली रहते हैं | तो उनको थोड़ी problem हुई तो वो hospital चले गए राम मनोहर लोहिया 

मोदी जी : हाँ 

अशोक कपूर: तो उन्होंने उनको positive बताया | उसको, उन्होंने shift कर दिया सफदरजंग

मोदी जी : हाँ

अशोक कपूर: हमको वहां से फ़ोन आया कि आप भी उनके साथ गए थे, आप भी test करायें, तो दोनों बेटे चले गये test कराने | यहीं, Agra District Hospital में | Agra District Hospital वालों ने इनको बोला कि आप अपने परिवार को भी बुला लें | कहीं कोई ऐसी बात ना हो | ultimately क्या हुआ जी हम सब गए

मोदी जी : हाँ 

अशोक कपूर: तो next day उन्होंने बताया कि आपके जो छः जने जो हैं – मेरे दोनों बेटे, मैं, मेरी wife, मैंने वैसे seventy three year old हूँ, मेरी wife और मेरे बेटे की wife, और मेरा grandson वो सोलह साल का है | तो हम छः का उन्होंने positive बताया, तो आप उन्हें दिल्ली ले जाना है |

मोदी जी : Oh my god !

अशोक कपूर: हम Sir डरे नहीं | हमने कहा ठीक है, अच्छा है पता लग गया | हम लोग दिल्ली चले गए सफदरजंग हॉस्पिटल | ये आगरा वालों ने ही भेजा उन्होंने दो हमको ambulance दी | कोइ charge नहीं किया | उनकी बड़ी मेहरबानी है आगरा के डॉक्टर्स की, administration की | पूरा उन्होंने हमें सहयोग किया |

मोदी जी : Ambulance से आये आप ?

अशोक कपूर: हां जी, ambulance से | ठीक-ठाक थे, बैठ के जैसे उसमें बैठ के आते हैं | हमको उन्होंने दो ambulance दे दी | संग में डॉक्टर भी थे, और हमको उन्होंने सफदरजंग हॉस्पिटल छोड़ दिया | सफदरजंग हॉस्पिटल में DOCTORS ने ,already वो खड़े थे वहां पर गेट पे , तो उन्होंने हमको, जो वार्ड था वहां पर हमको उन्होंने shift कर दिया | हम छः को उन्होंने अलग-अलग room दिया | अच्छे room थे, सबकुछ था | तो sir फिर हम 14 दिन वहां हॉस्पिटल में अकेले रहते थे | और डॉक्टरों का जहां तक बात है ,बहुत सहयोग रहा जी, बड़ा अच्छा उन्होंने हमको treat किया चाहे वो staff हो | वो actually वो अपनी dress पहनकर आते थे न sir, पता नहीं चलता था कि ये डॉक्टर है या ward boy है या nurse है | और जो कहते थे, हम मान लेते थे | फिलहाल हमको किसी भी तरह की 1% भी problem नहीं आयी |

मोदी जी : आपका आत्मविश्वास भी बड़ा मजबूत दिखता है | 

अशोक कपूर: जी sir, I am perfect हां जी | मैंने तो बल्कि sir अपने घुटनों का भी operation कराया हुआ है | even then I am perfect


मोदी जी : नहीं, लेकिन जब इतना बड़ा संकट परिवार के सबको आ गया और 16 साल के बच्चे तक पहुँच गया 

अशोक कपूर: उसका पेपर था sir. ICSE के paper थे ना ! तो उसका paper था, तो हमने नहीं दिये paper. मैंने देखी जायेगी बाद में | ये तो ज़िंदगी रहेगी तो सब paper हो जायेंगे |कोई बात नहीं है|

मोदी जी : सही बात है | चलिये आपका अनुभव इसमें काम आया | पूरे परिवार को विश्वास भी दिलाया, हिम्मत भी दिलाई| 

अशोक कपूर: जी , हमने पूरे परिवार को गए, एक-दूसरे का वहां सहारा रहा, मिलते नहीं थे | फ़ोन पर बात कर लेते थे | मिलते-जुलते नहीं थे और डॉक्टरों ने पूरी हमारी care की - जितनी होनी चाहिए | हम उनके आभारी हैं उन्होंने बहुत अच्छा हमारे साथ किया | जो staff, nurses थी उन्होंने पूरा हमको सहयोग दिया है sir |

मोदी जी : चलिये मेरी आपको और आपके पूरे परिवार को बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं | 

अशोक कपूर: Thank you जी | धन्यवाद | हम बड़े खुश हैं कि आपसे मेरी बात हो गयी है |

मोदी जी : नहीं हम भी जो 

अशोक कपूर: उसके बाद भी Sir , हमारे लिए कोई, किसी तरह की मतलब awareness के लिए कहीं जाना हो, कुछ करना हो, हम हर वक़्त तैयार हैं |

मोदी जी : नहीं आप अपने तरीके से, आगरा में करिये | कोई भूखा है तो उसको खाना खिलाइए |

अशोक कपूर: बिलकुल बिलकुल

मोदी जी :गरीब की चिन्ता कीजिये, और नियमों का लोग पालन करें | लोगों को समझाइये कि आपका परिवार इस बीमारी में फंसा था, लेकिन आपने नियमों का पालन करके अपने परिवार को बचाया, सब लोग अगर नियमों का पालन करें तो देश बच जाएगा |

अशोक कपूर: हमने सर ,मोदी सर, कि हमने अपना video वगैरह बना करके ना channels में दिया है |

मोदी जी : अच्छा | 
अशोक कपूर: channels वालों ने दिखाया भी है इसलिए कि लोगों में awareness रहे और

मोदी जी : Social media में बहुत popular करना चाहिये | 

अशोक कपूर: जी जी, और हम अपनी कॉलोनी में जहाँ हम रहते हैं | साफ़-सुथरी कॉलोनी है सबको हमने कह दिया कि देखो जी, हम आ गए हैं तो डरे नहीं | किसी को कोई problem है , जा के test करायें | और जो लोग हमारे संग मिले होंगे जो टेस्ट करवाए , ईश्वर की दया से ठीक रहे | जी सर |

मोदी जी : चलिए बहुत शुभकामनाएं सबको |

साथियो हम अशोक जी और उनके परिवार के दीर्घायु की कामना करते हैं, जैसा कि इन्होंने कहा कि panic हुए बिना, डरे बिना समय पर सही कदम उठाना, समय पर डाक्टरों से संपर्क करना और उचित सावधानी रखते हुए इस महामारी को हम पराजित कर सकते हैं | साथियों, हम मेडिकल स्तर पर इस महामारी से कैसे निपट रहे हैं इसके अनुभव जानने के लिए मैंने कुछ डाक्टरों से बात की जो इस लड़ाई में पहली पंक्ति में मोर्चा संभाले हुए हैं | रोजमर्रा की उनकी गतिविधि इन्ही पेशोंटो (patients) के साथ पड़ती है | आइये हमारे साथ दिल्ली से डाक्टर नीतेश गुप्ता जुड़े हैं...

मोदी जी: नमस्ते डॉक्टर |

डॉ० नीतेश गुप्ता: नमस्ते सर

मोदी जी: नमस्ते नितीश जी, आप तो बिलकुल मोर्चे पर डटे हुए हो, तो, मैं जानना चाहता हूँ कि अस्पतालों में बाकी आपके साथियों का mood कैसा है ? क्या है ज़रा

डॉ० नीतेश गुप्ता: सबका mood upbeat है | आपका आशीर्वाद सबके साथ है | आपने दिया हुआ सारा हॉस्पिटल को जो भी आप support कर रहे हैं , जो भी चीज़ हम माँग रहे हैं , आप सब provide कर रहे हैं | तो हम लोग बिलकुल जैसे Army border पर लड़ी रहती है, हम लोग बिलकुल वैसे ही लगे हुए हैं | और, हमारा सिर्फ एक ही कर्त्तव्य है कि patient ठीक होकर घर जाए |

मोदी जी: आपकी बात सही है , ये युद्ध जैसा स्थिति है और आप ही सब मोर्चा संभाले बैठे हो |

डॉ० नीतेश गुप्ता: हाँ जी सर |

मोदी जी: आपको तो इलाज के साथ-साथ मरीज़ की counselling भी करनी पड़ती होगी ?

डॉ० नीतेश गुप्ता: हां जी सर, वो सबसे ज्यादा जरुरी चीज है | क्योंकि मरीज़, एकदम सुनके एकदम से डर जाता है कि ये क्या हो रहा है उसके साथ | उनको समझाना होता है, कुछ नहीं है, अगले 14 दिन आप ठीक होंगे, आप घर जायेंगे बिलकुल | तो हम अभी तक ऐसे 16 मरीजों को घर भेज चुके हैं |

मोदी जी: तो जब आप बात करते हैं तो over-all क्या आता है आपके सामने, जब, डरे हुए लोग हैं तो इनकी चिंता क्या सताती है?

डॉ० नीतेश गुप्ता: उनको यही लगता है कि आगे क्या होगा ? अब क्या होगा? ये तो बिलकुल एकदम जैसा वो बाहर की दुनिया में देखते हैं कि बाहर लोग इतने expire हो रहे हैं तो हमारे साथ भी ऐसा ही होगा | तो हम उनको समझाते हैं कि आपकी कौन सी दिक्कत, किस दिन ठीक होगी | आपका case बहुत mild वाला है | normal सर्दी-जुकाम वाला जो case होता है, वैसा ही है | तो जैसे वो ठीक हो जाता है पांच-सात दिन में आप भी ठीक हो जायेंगे | फिर हम आपके test करेंगे जब वो negative आयेंगे तो आपको घर भेज सकते हैं | हम तो इसीलिये बार-बार, दो-तीन-चार घंटे में उनके पास जाते हैं, मिलते हैं, उनसे पूछते हैं | उनको सहूलियत होती है पूरे दिन में तो ही उनको अच्छा लगता है |

मोदी जी: उनका आत्मविश्वास बन जाता है | शुरू में तो डर जाते हैं ?

डॉ० नीतेश गुप्ता: शुरू में तो डर जाते हैं, but जब हम समझाते हैं, तो दूसरे-तीसरे दिन तक जब वो खुद ठीक होने लगते हैं तो उन्हें भी लगता है कि हम ठीक हो सकते हैं |


मोदी जी: लेकिन सभी डाक्टरों को लगता है कि जीवन का सबसे बड़ा सेवा का काम उनके जिम्मे आया है, ये भाव बनता है सबको ?

डॉ० नीतेश गुप्ता: हाँ जी , बिलकुल बनता है | हम अपनी team को बिलकुल प्रोत्साहित करके रखते हैं कि डरने वाली कोई बात नहीं है, कोई ऐसी चीज नहीं है | अगर हम पूरी precaution लेंगे, मरीज़ को अच्छे से precaution समझायेंगे कि आपको ऐसे करना है तो सब चीज़ें ठीक रहेंगी |

मोदी जी: चलिए डॉक्टर, आपके यहाँ तो बहुत बड़ी मात्रा में patient भी आते हैं और आप बिलकुल जी-जान से लगे हैं | आपसे बात करके अच्छा लगा | मैं आपके साथ हूँ | लड़ाई लड़ते रहें |

डॉ० नीतेश गुप्ता: आपका आशीर्वाद रहे, यही हम चाहते हैं |


मोदी जी: बहुत-बहुत शुभकामनाएं, भैया |

डॉ० नीतेश गुप्ता: Sir Thank you.

मोदी जी: Thank You.नितीश जी आपको बहुत-बहुत साधुवाद | आप जैसे लोगों के प्रयासों से भारत कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई में अवश्य विजयी होगा | मेरा आपसे आग्रह है कि आप अपना ध्यान रखें | अपने साथियों का ध्यान रखें | अपने परिवार का ध्यान रखें | दुनिया का अनुभव बताता है कि इस बीमारी से संक्रमित होने वाले व्यक्तियों कि संख्या अचानक बढती है |अचानक होने वाली इस वृद्धि की वजह से विदेशों में हमने अच्छे से अच्छे स्वास्थ्य सेवा को जवाब देते हुए देखा है | भारत में ऐसी स्थिति न आये इसके लिए ही हमें निरंतर प्रयास करना है | एक और डाक्टर हमारे साथ पुणे से जुड़ रहे हैं... श्रीमान डाक्टर बोरसे

मोदी जी: नमस्ते डॉक्टर |

डॉक्टर: नमस्ते | नमस्ते |

मोदी जी: नमस्ते | आप तो बिल्कुल एक ‘जन-सेवा, प्रभु-सेवा’ के मिजाज़ से काम में लगे हैं | तो मैं आज आपसे कुछ बातें करना चाहता हूँ जो देशवासियो के लिए आपका संदेश चाहिए | एक तो अनेक लोगों के मन में ये प्रश्न है कि कब डॉक्टर्स से संपर्क करना है और कब उनको कोरोना का test कराना है ? एक डॉक्टर के नाते और आप तो पूरी तरह अपने आप को इस कोरोना के मरीजों के लिए समर्पित कर दिया है | तो आपकी बात में बहुत ताकत है तो मैं सुनना चाहता हूँ ?
डॉक्टर: सर जी ,यहाँ मैं यहाँ से बी.जे.मेडिकल कॉलेज पुणे है | वहाँ पे प्रोफ़ेसर हूँ | और हमारे पुणे municipal corporation hospital है, नायडू हॉस्पिटल करके | वहाँ पे जनवरी 2020 से एक screening center चालू हो गया है | वहाँ पे आज तक 16 (Sixteen) COVID-19 Positive cases निकले हैं | और वो जो 16 (Sixteen) COVID-19 Positive patients जो निकले हैं उसमे से हमने treatment देके, उनको Quarantine करके, isolation करके, treatment देके 7 लोगों को discharge कर दिया है Sir | और जो अभी बाकि नौ cases हैं they are also very stable and they are also doing well | Though वो virus body में होते हुए भी they are getting well, they are recovering out of the Corona Virus | और अभी यहाँ पे जो sample size तो वैसे छोटा है सर 16 cases ही है | लेकिन ऐसा मालूम हो रहा है कि young population भी affect हो रही है | और young population affect होते हुए भी जो disease है और वो ज्यादा serious disease नहीं है सर | वो mild disease है और वो patient लोग काफ़ी अच्छे हो रहे हैं सर | और अभी ये जो 9 लोग बाकी है वहाँ पे they are also going to be well, they are not going to deteriorate , we are keeping watch on them on daily basis लेकिन they are also going to be well in current 4-5 days | जो लोग हमारे यहाँ suspect करके आते हैं, international travellers हैं और जो contact में आये हैं , ऐसे लोगों का सर हम swab ले रहें हैं | ये जो oropharyngeal swab ले रहे हैं , nasal swab ले रहे हैं और nasal swab का रिपोर्ट आने के बाद अगर positive निकला है तो हम positive ward में admit कर रहें हैं | और negative अगर निकला तो उनको home Quarantine का संदेश देके , कैसे लेना है home Quarantine , क्या करना है home को जा के , ये advice करके हम उनको घर पे भेज रहें हैं |

मोदी जी: उसमे क्या समझाते हैं आप ? घर में रहने के लिए क्या-क्या समझाते हैं आप जरा बताइये ?

डॉक्टर: सर एक तो अगर home में ही रहे तो home में भी Quarantine आपको करना है | 6 फीट distance कम से कम तो आपको रखना है, ये पहली बात | दूसरी बात, उनको मास्क use करना है और बार-बार हाथ साफ़ करना है | अगर आपके पास sanitisation नहीं है फिर भी अपना सादा simple साबुन से और पानी से हाथ साफ़ करना है और वो भी बार-बार साफ़ करना है | और जब आपको खाँसी आयेंगी sneezing होगा तो रुमाल लगा के सादा रुमाल लगा के उसके ऊपर खाँसी करना है | so that वो जो droplets हैं, वो droplets ज्यादा दूर तक नहीं जाएँ और ज़मीन पे ना गिरे और ज़मीन पे न गिरने की वजह से ज्यादा हाथ लग जाता है तो किसी को फैलना possible नही होगा | ये समझा रहे हैं सर | दूसरी बात समझा रहे हैं कि they are supposed to be there as a home quarantine, they are not supposed to go out of the home | अभी तो lockdown हो गया है , in fact , during this particular situation they are supposed to be lockdown but they are supposed to be home quarantine also properly for minimum 14 days के लिए quarantine हम उनको सूचित कर रहे हैं , सन्देश दे रहे हैं सर|.........................
मोदी जी: चलिए डॉक्टर, आप तो बहुत अच्छी सेवा कर रहे हो और समर्पण भाव से कर रहे हो और आपकी पूरी टीम लगी है | मुझे विश्वास है कि हमारे जितने भी patients आये हैं, सब सुरक्षित होकर के अपने घर जायेंगे और देश में भी हम इस लड़ाई में जीतेंगे | आप सबके लोगों की मदद से |

डॉक्टर: सर, हमें विश्वास है हम जीतेंगे | ये लड़ाई जीत जायेगे |

मोदी जी: बहुत-बहुत शुभकामनाएं डॉक्टर आपको , धन्यवाद डॉक्टर|

डॉक्टर: Thank you ,Thank you Sir | 
साथियों हमारे ये तमाम साथी आपको, पूरे देश को इस संकट से बाहर निकालने में जुटे हैं.|ये जो बातें हमें बताते हैं उन्हें हमें सुनना ही नहीं है बल्कि अपने जीवन में उतारना भी है|आज जब मै डाक्टरों का त्याग़, तपस्या , समर्पण देख रहा हूँ तो मुझे आचार्य चरक की कही हुई बात याद आती है | आचार्य चरक ने डाक्टरों के लिए बहुत सटीक बात कही है और आज वो हम अपने डाक्टरों के जीवन में हम देख रहे हैं... आचार्य चरक ने कहा है ... 
न आत्मार्थम् न अपि कामार्थम् अतभूत दयां प्रति ||
वतर्ते यत् चिकित्सायां स सवर्म इति वर्तते ||
...यानी धन और किसी ख़ास कामना को लेकर नहीं, बल्कि मरीज की सेवा के लिए, दया भाव रखकर कार्य करता है, वो सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक होता है |

साथियों मानवता से भरी हुई हर Nurse को आज मैं
नमन करता हूँ... आप सभी जिस सेवा भाव के साथ कार्य करते है वो
अतुलनीय है...ये भी संयोग है कि इस वर्ष यानि 2020 को पूरा विश्व
International Year of the Nurse and Midwife के तौर पर मना रहा
है...इसका सबंध 200 वर्ष पूर्व 1820 में जन्म लेने वाली Florence Nightingale से जुड़ा हुआ है...जिन्होंने मानव सेवा को, नर्सिंग को एक नई पहचान दी...एक नई ऊंचाई पर पहुँचाया...दुनिया की हर Nurse के सेवा भाव को समर्पित ये वर्ष निश्चित तौर पर पूरे नर्सिंग समुदाय के लिए बहुत बड़ी परीक्षा की घड़ी बनकरके आया है...मुझे विश्वास है कि आप सभी इस इम्तिहान में ना सिर्फ सफल होंगी बल्कि अनेकों जीवन भी बचाएंगी...

आप जैसे तमाम साथियों के हौसले और जज़्बे के कारण ही इतनी बड़ी लड़ाई हम लड़ पा रहे हैं | आप जैसे साथी चाहे वो डाक्टर हों, नर्स हों, para-medical , आशा, ए एन एम कार्यकर्ता , सफाई कर्मचारी हों , आपके स्वास्थ्य की भी देश को बहुत चिंता है | इसी को देखते हुए, ऐसे करीब 20 लाख साथियों के लिए 50 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य-बीमा की घोषणा सरकार ने की है, ताकि आप इस लड़ाई में और अधिक आत्मविश्वास के साथ देश का नेतृत्व कर सकें |

मेरे प्यारे देशवासियों,CORONAVirus के खिलाफ़ इस जंग में हमारे आसपास ऐसे अनेक लोग हैं जो समाज के Real Hero हैं और इस परिस्थिति में भी सबसे आगे खड़े हैं | मुझे NarendraModi App पर, NAMO App पर बेंगलुरु के निरंजन सुधाकर हेब्बाले जी ने लिखा है कि ऐसे लोग Daily-Life Heroes हैं| यह बात सही भी है | ये वो लोग हैं जिनकी वज़ह से हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी आसानी से चलती रहती है | आप कल्पना करिए कि एक दिन आपके घरों में नल में आने वाला पानी बंद हो जाए या फिर आपके घर की बिजली अचानक कट जाए , तब ये Daily–Life Heroes ही होते हैं जो हमारी दिक्क़तों को दूर करते हैं | ज़रा आप अपने पडोस में मौजूद छोटी परचून की दूकान के बारे में सोचिये | आज के इस कठिन समय में, वो दुकानदार भी जोख़िम उठा रहा है | आख़िर किसलिए ? इसलिए न , कि आपको ज़रुरत का सामान मिलने में कोई परेशानी ना हो | ठीक इसी प्रकार, उन drivers, उन workers के बारे में सोचिये, जो बिना रुके अपने काम में डटे हैं ताकि देश भर में आवश्यक वस्तुओं की supply-chain में कोई रुकावट ना आये | आपने देखा होगा, बैंकिंग सेवाओं को सरकार ने चालू रखा है और बैंकिंग-क्षेत्र के हमारे लोग पूरे लगन से, पूरे मन से इस लड़ाई का नेतृत्व करते हुए बैंकों को सँभालते हैं, आपकी सेवा में मौजूद हैं | आज के समय, ये सेवा छोटी नहीं है | उन बैंक के लोगों का भी हम जितना धन्यवाद करें उतना कम है | बड़ी संख्या में हमारे साथी e-commerce से जुड़ी कम्पनियों में delivery person के रूप में कार्य कर रहे हैं | ये लोग इस कठिन दौर में भी Groceries की delivery देने में लगे हुए हैं | ज़रा सोचिये कि आप lockdown के समय भी जो TV देख पा रहे हैं, घर में रहते हुए जिस PHONE और INTERNET का इस्तेमाल कर रहे हैं – उन सब को सुचारू रखने के लिए कोई न कोई अपनी ज़िंदगी खपा रहा है | इस दौरान,आप में से अधिकांश लोग जो Digital Payment आसानी से कर पा रहे हैं, उसके पीछे भी बहुत से लोग काम कर रहे हैं | Lockdown के दौरान यही वो लोग हैं जो देश के काम-काज को संभाले हुए हैं | आज सभी देशवासियों की तरफ से, मैं उन सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट करता हूँ और उनसे अनुरोध करता हूँ कि वे अपने लिए भी, हर तरह के safety precautions लें, अपना भी ख्याल रखें, अपने परिवारजनों का भी ख्याल रखें |

मेरे प्यारे देशवासियों , मुझे कुछ ऐसी घटनाओं का पता चला है जिनमें CORONA virus के संदिग्ध या फिर जिन्हें home quarantine में रहने को कहा गया है , उनके साथ कुछ लोग बुरा बर्ताव कर रहे हैं | ऐसी बातें सुनकर मुझे अत्यंत पीड़ा हुई है | यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है | हमें ये समझना होगा कि मौजूदा हालात में, अभी एक दूसरे से सिर्फ़ social distance बना कर रखना है , न कि emotional या human distance | ऐसे लोग कोई अपराधी नहीं हैं बल्कि virus के संभावित पीड़ित–भर हैं | इन लोगों ने दूसरों को संक्रमण से बचाने के लिए ख़ुद को अलग किया है और quarantine में रहे हैं | कई जगह पर लोगों ने अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लिया है | यहाँ तक कि virus के कोई लक्षण नहीं दिखने पर भी उन्होंने ख़ुद को quarantine किया | ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि वे विदेश से लौट करके आये हैं और दोहरी सावधानी बरत रहे हैं | वे ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसी भी सूरत में कोई दूसरा व्यक्ति इस Virus से संक्रमित ना हो पाए | इसलिए जब लोग ख़ुद इतनी ज़िम्मेदारी दिखा रहे हैं तो उनके साथ ख़राब व्यवहार करना कहीं से भी जायज़ नहीं है बल्कि उनके साथ सहानूभूतिपूर्वक सहयोग करने की आवश्यकता है |

कोरोना वायरस से लड़ने का सबसे कारगर तरीका social distancing है, लेकिन, हमें ये समझना होगा कि social distancing का मतलब social interaction को खत्म करना नहीं है, वास्तव में, ये समय, अपने सभी पुराने सामाजिक रिश्तों में नई जान फूँकने का है, उन रिश्तों को तरो-ताज़ा करने का है - एक प्रकार से, ये समय, हमें ये भी बताता है कि social distancing बढ़ाओ और emotional distance घटाओ | मैं फिर कहता हूँ, social distancing बढ़ाओ और emotional distance घटाओ | कोटा से यश वर्धन ने NarendraModi App पर लिखा है कि, वे, lockdown में family bounding को मजबूत कर रहे है | बच्चों के साथ board games और क्रिकेट खेल रहे हैं | Kitchen में नयी-नयी dishes बना रहे हैं | जबलपुर की निरुपमा हर्षेय जी NarendraModi App पर लिखती है कि उन्हें पहली बार रजाई बनाने के अपने शौक को पूरा करने का मौका मिला है, यही नहीं, वो, इसके साथ ही बागवानी का शौक भी पूरा कर रही हैं | वहीँ रायपुर के परीक्षित , गुरुग्राम के आर्यमन और झारखण्ड के सूरज जी का पोस्ट पढ़ने को मिला जिसमें उन्होंने अपने स्कूल के दोस्तों के E-Reunion करने की चर्चा की है | उनका ये idea काफी रोचक है | हो सकता है कि, आपको भी दशकों से अपने स्कूल, कॉलेज के दोस्तों से बात करने का मौका ना मिला हो | आप भी इस idea को आज़मा के देखिए | भुवनेश्वर के प्रत्यूष और कोलकाता की वसुधा ने बताया कि, वे, आजकल उन किताबों को पढ़ रहे है जिन्हें अब तक पढ़ नहीं पाए थे | Social media में ही मैंने देखा, कि कुछ लोगो ने, वर्षों से घर में पड़े तबला, वीणा, जैसे musical Instrument को निकालकर रियाज़ करना शुरू कर दिया है | आप भी ऐसा कर सकते हैं | इससे, आपको संगीत का आनंद तो मिलेगा ही पुरानी यादें भी ताज़ा हो उठेंगी | यानि मुश्किल की इस घड़ी में आपको मुश्किल से एक ऐसा पल मिला है जिसमें, आपको ना केवल, अपने आप से जुड़ने का मौका मिलेगा, बल्कि, आप, अपने passion से भी जुड़ पाएंगे | आपको, अपने पुराने दोस्तों और परिवार के साथ भी जुड़ने का पूरा अवसर मिलेगा |

नमो एप पर मुझे रुड़की से शशि जी ने पूछा है कि lockdown के समय में, मैं अपनी fitness के लिए क्या करता हूँ ? इन परिस्थितियों में नवरात्रि का उपवास कैसे रखता हूँ ? मैं एक बार और आपको बता दूँ, मैंने, आपको बाहर निकलने के लिए मना किया है लेकिन, आपको अपने भीतर झाँकने के लिए अवसर भी दिया है | ये मौका है, बाहर मत निकलो, लेकिन, अपने अन्दर प्रवेश करो, अपने आप को जानने का प्रयास करो | जहाँ तक नवरात्रि के उपवास की बात है, ये, मेरी और शक्ति के, भक्ति के, बीच का विषय है | जहाँ तक fitness की बात है, मुझे लगता है कि बात लम्बी हो जाएगी, तो, मैं ऐसा करता हूँ कि मैं, social media में, मैं क्या करता हूँ, उसके विषय में कुछ videos, upload करूंगा | NarendraModi App पर आप जरूर उस video को देखेंगे | जो मैं करता हूँ संभवतः उसमें से कुछ बातें, आपके काम आ जाए, लेकिन, एक बात समझ लीजिए कि मैं fitness expert नहीं हूँ और ना ही मैं योगा टीचर हूँ - मैं सिर्फ Practitioner हूँ | हां, ये, जरूर मानता हूँ, योग के कुछ आसनों से मुझे बहुत लाभ हुआ है | Lockdown के दौरान आपको भी हो सकता है ये बातें कुछ काम आ जाए | 
साथियो, कोरोना के ख़िलाफ़ ये युद्ध अभूतपूर्व भी है और चुनौतीपूर्ण भी | इसलिए, इस दौरान लिए जा रहे फैसले भी ऐसे हैं, जो, दुनिया के इतिहास में कभी देखने और सुनने को नहीं मिले | कोरोना को रोकने के लिए जो तमाम कदम भारतवासियों ने उठाए हैं, जो प्रयास अभी हम कर रहे हैं – वही, भारत को कोरोना महामारी पर जीत दिलायेंगे | एक-एक भारतीय का संयम और संकल्प भी, हमें, मुश्किल स्थिति से बाहर निकालेगा | साथ-साथ ग़रीबों के प्रति हमारी संवेदनाएँ और अधिक तीव्र होनी चाहिये | हमारी मानवता का वास इस बात मे है कि कहीं पर भी कोई ग़रीब, दुखी- भूखा नज़र आता है, तो, इस संकट की घड़ी में हम पहले उसका पेट भरेंगे, उसका जरूरत की चिंता करेंगे और ये हिंदुस्तान कर सकता है | ये हमारे संस्कार हैं, ये हमारी संस्कृति है | 
मेरे प्यारे देशवासियो, आज हर भारतीय, अपने जीवन की रक्षा के लिए घर मे बंद है, लेकिन, आने वाले समय में यही हिन्दुस्तानी अपने देश के विकास के लिए सारी दीवारों को तोड़कर आगे निकलेगा, देश को आगे ले जाएगा | आप, अपने परिवार के साथ घर पर रहिए, सुरक्षित और सावधान रहिए- हमें, ये जंग जीतना है | जरूर जीतेगें | ‘मन की बात’ के लिए, फिर, अगले महीने मिलेगें और तब तक इस संकटों को मात करने में हम सफल हो भी जाएँ, इसी एक कल्पना के साथ, इसी एक शुभकामना के साथ, आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद |

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Text of PM Modi's address to the Indian Community in Guyana
November 22, 2024
The Indian diaspora in Guyana has made an impact across many sectors and contributed to Guyana’s development: PM
You can take an Indian out of India, but you cannot take India out of an Indian: PM
Three things, in particular, connect India and Guyana deeply,Culture, cuisine and cricket: PM
India's journey over the past decade has been one of scale, speed and sustainability: PM
India’s growth has not only been inspirational but also inclusive: PM
I always call our diaspora the Rashtradoots,They are Ambassadors of Indian culture and values: PM

Your Excellency President Irfan Ali,
Prime Minister Mark Philips,
Vice President Bharrat Jagdeo,
Former President Donald Ramotar,
Members of the Guyanese Cabinet,
Members of the Indo-Guyanese Community,

Ladies and Gentlemen,

Namaskar!

Seetaram !

I am delighted to be with all of you today.First of all, I want to thank President Irfan Ali for joining us.I am deeply touched by the love and affection given to me since my arrival.I thank President Ali for opening the doors of his home to me.

I thank his family for their warmth and kindness. The spirit of hospitality is at the heart of our culture. I could feel that, over the last two days. With President Ali and his grandmother, we also planted a tree. It is part of our initiative, "Ek Ped Maa Ke Naam", that is, "a tree for mother”. It was an emotional moment that I will always remember.

Friends,

I was deeply honoured to receive the ‘Order of Excellence’, the highest national award of Guyana. I thank the people of Guyana for this gesture. This is an honour of 1.4 billion Indians. It is the recognition of the 3 lakh strong Indo-Guyanese community and their contributions to the development of Guyana.

Friends,

I have great memories of visiting your wonderful country over two decades ago. At that time, I held no official position. I came to Guyana as a traveller, full of curiosity. Now, I have returned to this land of many rivers as the Prime Minister of India. A lot of things have changed between then and now. But the love and affection of my Guyanese brothers and sisters remains the same! My experience has reaffirmed - you can take an Indian out of India, but you cannot take India out of an Indian.

Friends,

Today, I visited the India Arrival Monument. It brings to life, the long and difficult journey of your ancestors nearly two centuries ago. They came from different parts of India. They brought with them different cultures, languages and traditions. Over time, they made this new land their home. Today, these languages, stories and traditions are part of the rich culture of Guyana.

I salute the spirit of the Indo-Guyanese community. You fought for freedom and democracy. You have worked to make Guyana one of the fastest growing economies. From humble beginnings you have risen to the top. Shri Cheddi Jagan used to say: "It matters not what a person is born, but who they choose to be.”He also lived these words. The son of a family of labourers, he went on to become a leader of global stature.

President Irfan Ali, Vice President Bharrat Jagdeo, former President Donald Ramotar, they are all Ambassadors of the Indo Guyanese community. Joseph Ruhomon, one of the earliest Indo-Guyanese intellectuals, Ramcharitar Lalla, one of the first Indo-Guyanese poets, Shana Yardan, the renowned woman poet, Many such Indo-Guyanese made an impact on academics and arts, music and medicine.

Friends,

Our commonalities provide a strong foundation to our friendship. Three things, in particular, connect India and Guyana deeply. Culture, cuisine and cricket! Just a couple of weeks ago, I am sure you all celebrated Diwali. And in a few months, when India celebrates Holi, Guyana will celebrate Phagwa.

This year, the Diwali was special as Ram Lalla returned to Ayodhya after 500 years. People in India remember that the holy water and shilas from Guyana were also sent to build the Ram Mandir in Ayodhya. Despite being oceans apart, your cultural connection with Mother India is strong.

I could feel this when I visited the Arya Samaj Monument and Saraswati Vidya Niketan School earlier today. Both India and Guyana are proud of our rich and diverse culture. We see diversity as something to be celebrated, not just accommodated. Our countries are showing how cultural diversity is our strength.

Friends,

Wherever people of India go, they take one important thing along with them. The food! The Indo-Guyanese community also has a unique food tradition which has both Indian and Guyanese elements. I am aware that Dhal Puri is popular here! The seven-curry meal that I had at President Ali’s home was delicious. It will remain a fond memory for me.

Friends,

The love for cricket also binds our nations strongly. It is not just a sport. It is a way of life, deeply embedded in our national identity. The Providence National Cricket Stadium in Guyana stands as a symbol of our friendship.

Kanhai, Kalicharan, Chanderpaul are all well-known names in India. Clive Lloyd and his team have been a favourite of many generations. Young players from this region also have a huge fan base in India. Some of these great cricketers are here with us today. Many of our cricket fans enjoyed the T-20 World Cup that you hosted this year.

Your cheers for the ‘Team in Blue’ at their match in Guyana could be heard even back home in India!

Friends,

This morning, I had the honour of addressing the Guyanese Parliament. Coming from the Mother of Democracy, I felt the spiritual connect with one of the most vibrant democracies in the Caribbean region. We have a shared history that binds us together. Common struggle against colonial rule, love for democratic values, And, respect for diversity.

We have a shared future that we want to create. Aspirations for growth and development, Commitment towards economy and ecology, And, belief in a just and inclusive world order.

Friends,

I know the people of Guyana are well-wishers of India. You would be closely watching the progress being made in India. India’s journey over the past decade has been one of scale, speed and sustainability.

In just 10 years, India has grown from the tenth largest economy to the fifth largest. And, soon, we will become the third-largest. Our youth have made us the third largest start-up ecosystem in the world. India is a global hub for e-commerce, AI, fintech, agriculture, technology and more.

We have reached Mars and the Moon. From highways to i-ways, airways to railways, we are building state of art infrastructure. We have a strong service sector. Now, we are also becoming stronger in manufacturing. India has become the second largest mobile manufacturer in the world.

Friends,

India’s growth has not only been inspirational but also inclusive. Our digital public infrastructure is empowering the poor. We opened over 500 million bank accounts for the people. We connected these bank accounts with digital identity and mobiles. Due to this, people receive assistance directly in their bank accounts. Ayushman Bharat is the world’s largest free health insurance scheme. It is benefiting over 500 million people.

We have built over 30 million homes for those in need. In just one decade, we have lifted 250 million people out of poverty. Even among the poor, our initiatives have benefited women the most. Millions of women are becoming grassroots entrepreneurs, generating jobs and opportunities.

Friends,

While all this massive growth was happening, we also focused on sustainability. In just a decade, our solar energy capacity grew 30-fold ! Can you imagine ?We have moved towards green mobility, with 20 percent ethanol blending in petrol.

At the international level too, we have played a central role in many initiatives to combat climate change. The International Solar Alliance, The Global Biofuels Alliance, The Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, Many of these initiatives have a special focus on empowering the Global South.

We have also championed the International Big Cat Alliance. Guyana, with its majestic Jaguars, also stands to benefit from this.

Friends,

Last year, we had hosted President Irfaan Ali as the Chief Guest of the Pravasi Bhartiya Divas. We also received Prime Minister Mark Phillips and Vice President Bharrat Jagdeo in India. Together, we have worked to strengthen bilateral cooperation in many areas.

Today, we have agreed to widen the scope of our collaboration -from energy to enterprise,Ayurveda to agriculture, infrastructure to innovation, healthcare to human resources, anddata to development. Our partnership also holds significant value for the wider region. The second India-CARICOM summit held yesterday is testament to the same.

As members of the United Nations, we both believe in reformed multilateralism. As developing countries, we understand the power of the Global South. We seek strategic autonomy and support inclusive development. We prioritize sustainable development and climate justice. And, we continue to call for dialogue and diplomacy to address global crises.

Friends,

I always call our diaspora the Rashtradoots. An Ambassador is a Rajdoot, but for me you are all Rashtradoots. They are Ambassadors of Indian culture and values. It is said that no worldly pleasure can compare to the comfort of a mother’s lap.

You, the Indo-Guyanese community, are doubly blessed. You have Guyana as your motherland and Bharat Mata as your ancestral land. Today, when India is a land of opportunities, each one of you can play a bigger role in connecting our two countries.

Friends,

Bharat Ko Janiye Quiz has been launched. I call upon you to participate. Also encourage your friends from Guyana. It will be a good opportunity to understand India, its values, culture and diversity.

Friends,

Next year, from 13 January to 26 February, Maha Kumbh will be held at Prayagraj. I invite you to attend this gathering with families and friends. You can travel to Basti or Gonda, from where many of you came. You can also visit the Ram Temple at Ayodhya. There is another invite.

It is for the Pravasi Bharatiya Divas that will be held in Bhubaneshwar in January. If you come, you can also take the blessings of Mahaprabhu Jagannath in Puri. Now with so many events and invitations, I hope to see many of you in India soon. Once again, thank you all for the love and affection you have shown me.

Thank you.
Thank you very much.

And special thanks to my friend Ali. Thanks a lot.