Quoteअत्यंत हर्ष की बात है कि लगभग 1000 वर्ष पुरानी अवलोकितेश्वर पद्मपाणि प्रतिमा को वापस लाया गया है: पीएम मोदी
Quoteवर्ष 2013 तक करीब-करीब 13 प्रतिमाएं भारत आई थीं, लेकिन पिछले 7 वर्षों में भारत ने 200 से ज्यादा बहुमूल्य प्रतिमाओं को सफलतापूर्वक वापस लाया है: पीएम
Quoteपीएम मोदी ने बॉलीवुड गानों को लिप-सिंक कर सोशल मीडिया पर तहलका मचाने वाले किली पॉल और नीमा का जिक्र किया।
Quoteहमारी मातृभाषा हमारे जीवन को हमारी मां की तरह गढ़ती है : पीएम मोदी
Quoteहमें गर्व से अपनी मातृभाषा में बोलना चाहिए: पीएम मोदी
Quoteपिछले सात वर्षों में देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार पर बहुत ध्यान दिया गया है : पीएम मोदी
Quoteभारत में आप जहां भी जाएंगे, आप पाएंगे कि स्वच्छता की दिशा में कुछ न कुछ प्रयास हो रहा है: पीएम
Quoteपंचायत से संसद तक हमारे देश की महिलाएं नई ऊंचाइयों को छू रही हैं: पीएम मोदी
Quoteपरिवारों से युवाओं में साइंटिफिक टेंपरामेंट विकसित करने का आग्रह किया: पीएम मोदी

मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार | ‘मन की बात’ में फिर एक बार आप सबका स्वागत है | आज ‘मन की बात’ की शुरुआत हम, भारत की सफलता के ज़िक्र के साथ करेंगे | इस महीने की शुरुआत में भारत, इटली से अपनी एक बहुमूल्य धरोहर को लाने में सफल हुआ है | ये धरोहर है, अवलोकितेश्वर पद्मपाणि की हजार साल से भी ज्यादा पुरानी प्रतिमा | ये मूर्ति कुछ वर्ष पहले बिहार में गया जी के देवी स्थान कुंडलपुर मंदिर से चोरी हो गई थी | लेकिन अनेक प्रयासों के बाद अब भारत को ये प्रतिमा वापस मिल गई है | ऐसे ही कुछ वर्ष पहले तमिलनाडु के वेल्लूर से भगवान आंजनेय्यर, हनुमान जी की प्रतिमा चोरी हो गई थी | हनुमान जी की ये मूर्ति भी 600-700 साल पुरानी थी | इस महीने की शुरुआत में, ऑस्ट्रेलिया में हमें ये प्राप्त हुई, हमारे मिशन को मिल चुकी है | 

 

साथियो, हजारों वर्षों के हमारे इतिहास में, देश के कोने-कोने में एक-से-बढ़कर एक मूर्तियां हमेशा बनती रहीं, इसमें श्रद्धा भी थी, सामर्थ्य भी था, कौशल्य भी था और विवधताओं से भरा हुआ था और हमारे हर मूर्तियों के इतिहास में तत्कालीन समय का प्रभाव भी नज़र आता है | ये भारत की मूर्तिकला का नायाब उदहारण तो थीं हीं, इनसे हमारी आस्था भी जुड़ी हुई थी | लेकिन, अतीत में बहुत सारी मूर्तियां चोरी होकर भारत से बाहर जाती रहीं | कभी इस देश में, तो कभी उस देश में ये मूर्तियां बेचीं जाती रहीं और उनके लिए वो तो सिर्फ कलाकृति थी | न उनको उसके इतिहास से लेना देना था, श्रद्धा से लेना देना था | इन मूर्तियों को वापस लाना, भारत माँ के प्रति हमारा दायित्व है | इन मूर्तियों में भारत की आत्मा का, आस्था का अंश है | इनका एक सांस्कृतिक-ऐतिहासिक महत्व भी है | इस दायित्व को समझते हुए भारत ने अपने प्रयास बढ़ाए | और इसका कारण ये भी हुआ कि चोरी करने की जो प्रवृति थी, उसमें भी एक भय पैदा हुआ | जिन देशों में ये मूर्तियां चोरी करके ले जाई गईं थीं, अब उन्हें भी लगने लगा कि भारत के साथ रिश्तों में soft power का जो diplomatic channel होता है उसमें इसका भी बहुत बड़ा महत्व हो सकता है | क्योंकि इसके साथ भारत की भावनाएँ जुड़ी हुई हैं, भारत की श्रद्धा जुड़ी हुई है, और, एक प्रकार से people to people relation में भी ये बहुत ताकत पैदा करता है | अभी आपने कुछ दिन पहले देखा होगा, काशी से चोरी हुई मां अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा भी वापस लाई गई थी | ये भारत के प्रति बदल रहे वैश्विक नजरिये का ही उदाहरण है | साल 2013 तक करीब-करीब 13 प्रतिमाएं भारत आयी थीं | लेकिन, पिछले सात साल में 200 से ज्यादा बहुमूल्य प्रतिमाओं को, भारत, सफलता के साथ वापस ला चुका है | अमेरिका, ब्रिटेन, हॉलैंड, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, सिंगापुर, ऐसे कितने ही देशों ने भारत की इस भावना को समझा है और मूर्तियां वापस लाने में हमारी मदद की है | मैं पिछले साल सितम्बर में जब अमेरिका गया था, तो वहां मुझे काफी पुरानी-पुरानी कई सारी प्रतिमाएँ और सांस्कृतिक महत्व की अनेक चीजें प्राप्त हुई | देश की जब कोई बहुमूल्य धरोहर वापस मिलती है, तो स्वाभाविक है इतिहास में श्रद्धा रखने वाले, archaeology में श्रद्धा रखने वाले, आस्था और संस्कृति के साथ जुड़े हुए लोग, और एक हिन्दुस्तानी के नाते, हम सबको, संतोष मिलना बहुत स्वाभाविक है |

साथियो, भारतीय संस्कृति और अपनी धरोहर की बात करते हुए मैं आज आपको ‘मन की बात’ में दो लोगों से मिलवाना चाहता हूं | इन दिनों फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर तंजानिया की दो भाई-बहन किलि पॉल और उनकी बहन नीमा ये बहुत चर्चा में हैं, और मुझे पक्का भरोसा है, आपने भी, उनके बारे में जरुर सुना होगा | उनके अंदर भारतीय संगीत को लेकर एक जुनून है, एक दीवानगी है और इसी वजह से वे काफी लोकप्रिय भी हैं | Lip Sync के उनके तरीके से पता चलता है कि इसके लिए वे कितनी ज्यादा मेहनत करते हैं | हाल ही में, गणतन्त्र दिवस के अवसर पर हमारा राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ गाते हुए उनका वीडियो खूब वायरल हुआ था | कुछ दिन पहले उन्होंने लता दीदी का एक गाना गाकर उनको भी भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी दी थी | मैं इस अद्भुत Creativity के लिए इन दोनों भाई-बहन किलि और नीमा उनकी बहुत सराहना करता हूं | कुछ दिन पहले तंजानिया में भारतीय दूतावास में इन्हें सम्मानित भी किया गया है | भारतीय संगीत का जादू ही कुछ ऐसा है, जो सबको मोह लेता है | मुझे याद है, कुछ वर्ष पहले दुनिया के डेढ़ सौ से ज्यादा देशों के गायकों-संगीतकारों ने अपने-अपने देश में, अपनी-अपनी वेशभूषा में पूज्य बापू का प्रिय, महात्मा गाँधी का प्रिय भजन, ‘वैष्णव जन’ गाने का सफल प्रयोग किया था |

आज जब भारत अपनी आज़ादी के 75वाँ वर्ष का महत्वपूर्ण पर्व मना रहा है, तो देशभक्ति के गीतों को लेकर भी ऐसे प्रयोग किए जा सकते हैं | जहाँ विदेशी नागरिकों को, वहाँ के प्रसिद्ध गायकों को, भारतीय देशभक्ति के गीत गाने के लिये आमंत्रित करें | इतना ही नहीं अगर तंजानिया में किलि और नीमा भारत के गीतों को इस प्रकार से Lip Sync कर सकते हैं तो क्या मेरे देश में, हमारे देश की कई भाषाओं में, कई प्रकार के गीत हैं क्या हम कोई गुजराती बच्चे तमिल गीत पर करें, कोई केरल के बच्चे असमिया गीत पर करें, कोई कन्नड़ बच्चे जम्मू-कश्मीर के गीतों पर करें | एक ऐसा माहौल बना सकते हैं हम, जिसमें ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ हम अनुभव कर सकेंगे | इतना ही नहीं हम आजादी के अमृत महोत्सव को एक नए तरीके से जरुर मना सकते हैं | मैं देश के नौजवानों से आह्वाहन करता हूँ, आइए, कि भारतीय भाषाओँ के जो popular गीत हैं उनको आप अपने तरीके से video बनाइए, बहुत popular हो जाएंगे आप | और देश की विविधताओं का नयी पीढ़ी को परिचय होगा |        

मेरे प्यारे देशवासियो, अभी कुछ दिन पहले ही, हमने, मातृभाषा दिवस मनाया | जो विद्वान लोग हैं, वो मातृभाषा शब्द कहाँ से आया, इसकी उत्त्पति कैसे हुई, इसे लेकर बहुत academic input दे सकते हैं | मैं तो मातृभाषा के लिए यही कहूँगा कि जैसे हमारे जीवन को हमारी माँ गढ़ती है, वैसे ही, मातृभाषा भी, हमारे जीवन को गढ़ती है | माँ और मातृभाषा, दोनों मिलकर जीवन की foundation को मजबूत बनाते हैं, चिरंजीव बनाते हैं | जैसे, हम अपनी माँ को नहीं छोड़ सकते, वैसे ही, अपनी मातृभाषा को भी नहीं छोड़ सकते | मुझे बरसों पहले की एक बात याद है, जब, मुझे अमेरिका जाना हुआ, तो, अलग-अलग परिवारों में जाने का मौका मिलता था, कि एक बार मेरा एक तेलुगू परिवार में जाना हुआ और मुझे एक बहुत खुशी का दृश्य वहां देखने को मिला | उन्होंने मुझे बताया कि हम लोगों ने परिवार में नियम बनाया है कि कितना ही काम क्यों न हो, लेकिन अगर हम शहर के बाहर नहीं हैं तो परिवार के सभी सदस्य dinner, table पर बैठकर साथ में लेंगे और दूसरा dinner की table पर compulsory  हर कोई तेलुगू भाषा में ही बोलेगा | जो बच्चे वहाँ पैदा हुए थे, उनके लिए भी ये नियम था | अपनी मातृभाषा के प्रति ये प्रेम देखकर इस परिवार से मैं बहुत प्रभावित हुआ था | 

साथियो, आजादी के 75 साल बाद भी कुछ लोग ऐसे मानसिक द्वन्द में जी रहे हैं जिसके कारण उन्हें अपनी भाषा, अपने पहनावे, अपने खान-पान को लेकर एक संकोच होता है, जबकि, विश्व में कहीं और ऐसा नहीं है | हमारी मातृभाषा है, हमें उसे गर्व के साथ बोलना चाहिए | और, हमारा भारत तो भाषाओं के मामले में इतना समृद्ध है कि उसकी तुलना ही नहीं हो सकती | हमारी भाषाओं की सबसे बड़ी खूबसूरती ये है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक, कच्छ से कोहिमा तक सैकड़ों भाषाएं, हजारों बोलियाँ एक दूसरे से अलग लेकिन एक दूसरे में रची-बसी हुई हैं - भाषा अनेक - भाव एक | सदियों से हमारी भाषाएँ एक दूसरे से सीखते हुए खुद को परिष्कृत करती रही है, एक दूसरे का विकास कर रही हैं | भारत में विश्व की सबसे पुरानी भाषा तमिल है और इस बात का हर भारतीय को गर्व होना चाहिए कि दुनिया की इतनी बड़ी विरासत हमारे पास है | उसी प्रकार से जितने पुराने धर्मशास्त्र हैं, उसकी अभिव्यक्ति भी हमारी संस्कृत भाषा में है | भारत के लोग, करीब, 121, यानी हमें गर्व होगा 121 प्रकार की मातृ भाषाओं से जुड़े हुए हैं और इनमे 14 भाषाएँ तो ऐसी हैं जो एक करोड़ से भी ज्यादा लोग रोजमर्रा की जिंदगी में बोलते हैं | यानी, जितनी कई यूरोपियन देशों की कुल जनसंख्या नहीं है, उससे ज्यादा लोग हमारे यहाँ अलग-अलग 14 भाषाओं से जुड़े हुए हैं | साल 2019 में, हिन्दी, दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे क्रमांक पर थी | इस बात का भी हर भारतीय को गर्व होना चाहिए | भाषा, केवल अभिव्यक्ति का ही माध्यम नहीं है, बल्कि, भाषा, समाज की संस्कृति और विरासत को भी सहेजने का काम करती है | अपनी भाषा की विरासत को सहेजने का ऐसा ही काम सूरीनाम में सुरजन परोही जी कर रहे हैं | इस महीने की 2 तारीख को वो 84 वर्ष के हुए हैं | उनके पूर्वज भी बरसों पहले, हज़ारों श्रमिकों के साथ, रोजी-रोटी के लिए सूरीनाम गए थे | सुरजन परोही जी हिन्दी में बहुत अच्छी कविता लिखते हैं, वहां के राष्ट्रीय कवियों में उनका नाम लिया जाता है | यानी, आज भी उनके दिल में हिन्दुस्तान धड़कता है, उनके कार्यों में हिन्दुस्तानी मिट्टी की महक है | सूरीनाम के लोगों ने सुरजन परोही जी के नाम पर एक संग्रहालय भी बनाया है | मेरे लिए ये बहुत सुखद है कि साल 2015 में मुझे उन्हें सम्मानित करने का अवसर मिला था | 

साथियो, आज के दिन, यानी, 27 फरवरी को मराठी भाषा गौरव दिवस भी है |

“सर्व मराठी बंधु भगिनिना मराठी भाषा दिनाच्या हार्दिक शुभेच्छा|”

ये दिन मराठी कविराज, विष्णु बामन शिरवाडकर जी, श्रीमान  कुसुमाग्रज जी को समर्पित है | आज ही कुसुमाग्रज जी की जन्म जयंती भी है | कुसुमाग्रज जी ने मराठी में कवितायेँ लिखी, अनेकों नाटक लिखे, मराठी साहित्य को नई ऊँचाई दी | 

साथियो, हमारे यहाँ भाषा की अपनी खूबियाँ हैं, मातृभाषा का अपना विज्ञान है | इस विज्ञान को समझते हुए ही, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में, स्थानीय भाषा में, पढ़ाई पर जोर दिया गया है | हमारे Professional courses भी स्थानीय भाषा में पढ़ाए जाएँ, इसका प्रयास हो रहा है | आज़ादी के अमृत काल में इस प्रयासों को हम सब ने मिलकर के बहुत गति देनी चाहिये, ये स्वाभिमान का काम है | मैं चाहूँगा, आप जो भी मातृभाषा बोलते हैं, उसकी खूबियों के बारे में अवश्य जानेँ और कुछ-ना-कुछ लिखें | 

साथियो, कुछ दिनों पहले मेरी मुलाकात, मेरे मित्र, और Kenya  के पूर्व प्रधानमंत्री राइला ओडिंगा जी से हुई थी | ये मुलाकात, दिलचस्प तो थी ही लेकिन बहुत भावुक थी | हम बहुत अच्छे मित्र रहे तो खुलकर के काफी बातें भी कर लेते हैं | जब हम दोनों बातें कर रहे थे, तो ओडिंगा जी ने अपनी बिटिया के बारे में बताया | उनकी बेटी Rosemary को Brain Tumour  हो गया था और इस वजह से उन्हें अपनी बिटिया की Surgery करानी पड़ी थी | लेकिन, उसका एक दुष्परिणाम ये हुआ कि Rosemary की आंखों की रोशनी करीब-करीब चली गई, दिखाई देना ही बंद हो गया | अब आप कल्पना कर सकते हैं उस बेटी का क्या हाल हुआ होगा और एक पिता की स्थिति का भी हम अंदाज लगा सकते हैं, उनकी भावनाओं को समझ सकते हैं | उन्होंने दुनियाभर के अस्पतालों में, कोई भी दुनिया का बड़ा देश ऐसा नहीं होगा, कि जहाँ उन्होंने, बेटी के इलाज के लिए, भरपूर कोशिश न की हो | दुनिया के बड़े-बड़े देश छान मारे, लेकिन, कोई सफलता नहीं मिली और एक प्रकार से सारी आशायें छोड़ दी पूरे घर में एक निराशा का वातावरण बन गया | इतने में, किसी ने उनको, भारत में, आयुर्वेद के इलाज़ के लिए आने के लिए सुझाव दिया और वो बहुत कुछ कर चुके थे, थक भी चुके थे, फिर भी उनको लगा कि चलो भई एक बार try करें क्या होता है ? वे भारत आये, केरला के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में अपनी बेटी का इलाज करवाना शुरू किया | काफी समय बेटी यहाँ रही | आयुर्वेद के इस इलाज का असर ये हुआ कि Rosemary की आंखों की रोशनी काफी हद तक वापस लौट आई | आप कल्पना कर सकते हैं, कि, जैसे एक नया जीवन मिल गया और रोशनी तो Rosemary के जीवन में आई | लेकिन पूरे परिवार में एक नई रोशनी नई जिंदगी आ गई और ओडिंगा जी इतने भावुक हो करके ये बात मुझे बता रहे थे, कि उनकी इच्छा है, कि, भारत के आयुर्वेद का ज्ञान है विज्ञान है वो Kenya में ले जाए | जिस प्रकार के Plants  इसमें काम आते हैं उन plant की खेती करेंगे और इसका लाभ अधिक लोगों को मिले इसके लिए वो पूरा प्रयास करेंगे |

मेरे लिए ये बहुत खशी की बात है कि हमारी धरती और परंपरा से किसी के जीवन से इतना बड़ा कष्ट दूर हुआ | ये सुन करके आपको भी खुशी होगी | कौन भारतवासी होगा जिसको इसका गर्व ना हो ? हम सभी जानते हैं कि ओडिंगा जी ही नहीं बल्कि दुनिया के लाखों लोग आयुर्वेद से ऐसे ही लाभ उठा रहे हैं | 

ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स भी आयुर्वेद के बहुत बड़े प्रशंसकों में से एक हैं | जब भी मेरी उनसे मुलाकात होती है, वो आयुर्वेद का जिक्र जरूर करते हैं | उन्हें भारत के कई आयुर्वेदिक संस्थाओं की जानकारी भी है |

साथियो, पिछले सात वर्षों में देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार पर बहुत ध्यान दिया गया है | आयुष मंत्रालय के गठन से चिकित्सा और स्वास्थ्य से जुड़े हमारे पारंपरिक तरीकों को लोकप्रिय बनाने के संकल्प को और मजबूती मिली है | मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि पिछले कुछ समय में आयुर्वेद के क्षेत्र में भी कई नए Start-up सामने आए हैं | इसी महीने की शुरुआत में Ayush Start-up Challenge शुरू हुआ था | इस Challenge का लक्ष्य, इस क्षेत्र में काम करने वाले Start-ups को identify करके उन्हें Support करना है | इस क्षेत्र में काम कर रहे युवाओं से मेरा आग्रह है, कि वे इस Challenge में जरुर हिस्सा लें |

साथियो, एक बार जब लोग मिलकर के कुछ करने की ठान लें, तो वो अद्भुत चीजें कर जाते हैं | समाज में कई ऐसे बड़े बदलाव हुए हैं, जिनमें जन-भागीदारी सामूहिक प्रयास इसकी बहुत बड़ी भूमिका रही है | “मिशन जल थल” नाम का ऐसा ही एक जन-आंदोलन कश्मीर के श्रीनगर में चल रहा है | यह श्रीनगर की झीलों और तालाबों की साफ-सफाई और उनकी पुरानी रौनक लौटाने का एक अनोखा प्रयास है | “मिशन जल थल” का Focus “कुशल सार” और “गिल सार” पर है | जनभागीदारी के साथ-साथ इसमें Technology की भी बहुत मदद ली जा रही है | कहां-कहां अतिक्रमण हुआ है, कहां अवैध निर्माण हुआ है, इसका पता लगाने के लिए इस क्षेत्र का बाकायदा Survey कराया गया | इसके साथ ही Plastic Waste को हटाने और कचरे की सफाई का अभियान भी चलाया गया | मिशन के दूसरे चरण में पुराने Water Channels और झील को भरने वाले 19 झरनों को Restore करने का भी भरपूर प्रयास किया गया | इस Restoration Project के महत्व के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैले, इसके लिए स्थानीय लोगों और युवाओं को Water Ambassadors भी बनाया गया | अब यहां के स्थानीय लोग “गिल सार लेक” में प्रवासी पक्षियों और मछलियों की संख्या बढ़ती रहे इसके लिए भी प्रयास कर रहे हैं और उसको देखकर खुश भी होते हैं | मैं इस शानदार प्रयास के लिए श्रीनगर के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ |

साथियो, आठ साल पहले देश ने जो ‘स्वच्छ भारत मिशन’ शुरू किया, समय के साथ उसका विस्तार भी बढ़ता गया, नए-नए innovation भी जुड़ते गए | भारत में आप कहीं पर भी जाएंगे तो पाएंगे कि हर तरफ स्वछता के लिए कोई न कोई प्रयास जरुर हो रहा है | असम के कोकराझार में ऐसे ही एक प्रयास के बारे में मुझे पता चला है | यहाँ Morning Walkers के एक समूह ने ‘स्वच्छ और हरित कोकराझार’ मिशन के तहत बहुत प्रशंसनीय पहल की है | इन सबने नए Flyover क्षेत्र में तीन किलोमीटर लम्बी सड़क की सफाई कर स्वच्छता का प्रेरक सन्देश दिया | इसी प्रकार विशाखापट्नम में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत polythene के बजाए कपड़े के थैलों को बढ़ावा दिया जा रहा है | यहाँ के लोग पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए Single Use Plastic उत्पादों के खिलाफ अभियान भी चला रहे हैं | इसके साथ ही साथ ये लोग घर पर ही कचरे को अलग करने के लिए जागरूकता भी फैला रहे हैं | मुंबई के Somaiya College के Students ने स्वछता के अपने अभियान में सुन्दरता को भी शामिल कर लिया है | इन्होंने कल्याण रेलवे स्टेशन की दीवारों को सुन्दर पेंटिंग्स से सजाया है | राजस्थान के सवाई माधोपुर का भी प्रेरक उदाहरण मेरी जानकारी में आया है | यहाँ के युवाओं ने रणथंभौर में ‘Mission Beat Plastic’ नाम का अभियान चला रखा है | जिसमें रणथंभौर के जंगलों से Plastic और Polythene को हटाया गया है
| सबका प्रयास की यही भावना, देश में जनभागीदारी को मजबूत करती है और जब जनभागीदारी हो तो बड़े से बड़े लक्ष्य अवश्य पूरे होते हैं | 

मेरे प्यारे देशवासियो, आज से कुछ दिन बाद ही, 8 मार्च को पूरी दुनिया में ‘International Women’s Day’, ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया जाएगा | महिलाओं के साहस, कौशल, और प्रतिभा से जुड़े कितने ही उदाहरण हम ‘मन की बात’ में लगातार साझा करते रहे हैं | आज चाहे Skill India हो, Self Help Group हो, या छोटे बड़े उद्योग हो, महिलाओं ने हर जगह मोर्चा संभाला हुआ है | आप किसी भी क्षेत्र में देखिए, महिलायें पुराने मिथकों को तोड़ रही हैं | आज, हमारे देश में parliament से लेकर पंचायत तक अलग-अलग कार्यक्षेत्र में, महिलायें, नई ऊँचाई प्राप्त कर रही हैं | सेना में भी बेटियाँ अब नई और बड़ी भूमिकाओं में ज़िम्मेदारी निभा रही हैं, और, देश की रक्षा कर रही हैं | पिछले महीने गणतंत्र दिवस पर हमने देखा कि  आधुनिक fighter planes को भी बेटियाँ उड़ा रही हैं | देश ने सैनिक स्कूलों में भी बेटियों के admission पर रोक हटाई, और पूरे देश में बेटियाँ सैनिक स्कूलों में दाखिला ले रही हैं | इसी तरह, अपने start-up जगत को देखें, पिछले सालों में, देश में, हजारों नए start-up शुरू हुए | इनमें से करीब आधे start-up में महिलायें निदेशक की भूमिका में हैं | पिछले कुछ समय में महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश बढ़ाने जैसे निर्णय लिए गए हैं | बेटे और बेटियों को समान अधिकार देते हुए विवाह की उम्र समान करने के लिए देश प्रयास कर रहा है | इससे हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है | आप एक और बड़ा बदलाव भी होते देख रहे होंगे ! ये बदलाव है – हमारे सामाजिक अभियानों की सफलता | ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की सफलता को ही लीजिए, आज देश में लिंग अनुपात सुधरा है | स्कूल जाने वाली बेटियों की संख्या में भी सुधार हुआ है | इसमें हमारी भी ज़िम्मेदारी है कि हमारी बेटियाँ बीच में स्कूल न छोड़ दें | इसी तरह, ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत देश में महिलाओं को खुले में शौच से मुक्ति मिली है | ट्रिपल तलाक जैसे सामाजिक बुराई का अंत भी हो रहा है | जब से ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून आया है देश में तीन तलाक के मामलों में 80 प्रतिशत की कमी आई है | ये इतने सारे बदलाव इतने कम समय में कैसे हो रहे हैं ? ये परिवर्तन इसलिए आ रहा है क्योंकि हमारे देश में परिवर्तन और प्रगतिशील प्रयासों का नेतृत्व अब खुद महिलायें कर रहीं हैं | 

मेरे प्यारे देशवासियों, कल 28 फरवरी को ‘National Science Day’ है | ये दिन Raman Effect की खोज के लिए भी जाना जाता है | मैं सी.वी. रमन जी के साथ उन सभी वैज्ञानिकों को आदरपूर्वक श्रद्दांजलि देता हूँ, जिन्होंने हमारी Scientific Journey को समृद्ध बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है | साथियो, हमारे जीवन में सुगमता और सरलता में technology ने काफी जगह बना ली है | कौन-सी technology अच्छी है, किस technology का बेहतर इस्तेमाल क्या है, इन सभी विषयों से हम भली-भांति परिचित होते ही हैं | लेकिन, ये भी सही है कि अपने परिवार के बच्चों को उस technology  का आधार क्या है, उसके पीछे की science क्या है, इस तरफ हमारा ध्यान जाता ही नहीं है | इस Science Day पर मेरा सभी परिवारों से आग्रह है कि वो अपने बच्चों में Scientific Temperament विकसित करने के लिए जरुर छोटे-छोटे प्रयासों से शुरू कर सकते हैं
| अब जैसे दिखता नहीं है चश्मा लगाने के बाद साफ़ दिखने लगता है तो बच्चों को आसानी से समझाया सकता है कि इसके पीछे विज्ञान क्या है | सिर्फ चश्मे देखें, आनंद करें, इतना नहीं | अभी आराम से आप एक छोटे से कागज़ पर उसे बता सकते हैं | अब वो Mobile Phone उपयोग करता है, Calculator कैसे काम करता है, Remote Control कैसे काम करता है, Sensor क्या होते हैं ? ये Scientific बातें इसके साथ-साथ घर में चर्चा में होती है क्या ? हो सकती है बड़े आराम से हम इन चीज़ों को घर की रोजमर्रा की ज़िन्दगी के पीछे क्या Science की वो कौन सी बात है जो ये कर रही है, इसको, समझा सकते हैं | उसी प्रकार से क्या कभी हमने बच्चों को लेकर के भी आसमान में एक साथ देखा है क्या ? रात में तारों के बारे में भी जरुर बातें हुई हों | विभिन्न तरह के constellations दिखाई देते हैं, उनके बारे में बताएं | ऐसा करके आप बच्चों में physics और astronomy के प्रति नया रुझान पैदा कर सकते हैं | आज कल तो बहुत सारी Apps भी हैं जिससे आप तारों और ग्रहों को locate कर सकते है, या, जो तारा आसमान में दिख रहा है उसको पहचान सकते हैं, उसके बारे में जान भी सकते हैं | मैं, अपने Start-ups को भी कहूँगा कि आप अपने कौशल और Scientific Character का इस्तेमाल राष्ट्र निर्माण से जुड़े कार्यों में भी करें | ये देश के प्रति हमारी Collective Scientific Responsibility भी है | जैसे आजकल मैं देख रहा हूँ कि हमारे Start-ups virtual reality की दुनिया में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं | Virtual Classes के इस दौर में ऐसे ही एक Virtual lab बच्चों को ध्यान में रखते हुए बनाई जा सकती है | हम virtual reality के द्वारा बच्चों को घर में बैठे chemistry की lab का अनुभव भी करा सकते हैं | अपने शिक्षकों और अभिभावकों से मेरा आग्रह है कि आप सभी विद्यार्थियों एवं बच्चों को सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करें और उनके साथ मिलजुल कर सवालों का सही जवाब तलाशें | आज, मैं, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारतीय वैज्ञानिकों की भूमिका की भी सराहना करना चाहूँगा | उनके कड़े परिश्रम की वजह से ही Made In India वैक्सीन का निर्माण संभव हो पाया, जिससे पूरी दुनिया को बहुत बड़ी मदद मिली है | Science का मानवता के लिए यही तो उपहार है |  

मेरे प्यारे देशवासियो, इस बार भी हमने अनेक विषयों पर चर्चा की | आने वाले मार्च के महीने में अनेक पर्व–त्योहार आ रहे हैं - शिवरात्रि है और अब कुछ दिन बाद आप सब होली की तैयारी में जुट जाएंगे | होली हमें एक सूत्र में पिरोने वाला त्योहार है | इसमें अपने–पराए, द्वेष–विद्वेष, छोटे–बड़े सारे भेद मिट जाते हैं | इसलिए कहते है, होली के रंगों से भी ज्यादा गाढ़ा रंग, होली के प्रेम और सौहार्द का होता है | होली में गुजिया के साथ-साथ रिश्तों की भी अनूठी मिठास होती है | इन रिश्तों को हमें और मजबूत करना है और रिश्ते सिर्फ अपने परिवार के लोगों से ही नहीं बल्कि उन लोगों से भी जो आपके एक वृहद् परिवार का हिस्सा है | इसका सबसे महत्वपूर्ण तरीका भी आपको याद रखना है | ये तरीका है – ‘Vocal for Local’ के साथ त्योहार मनाने का | आप त्योहारों पर स्थानीय उत्पादों की खरीदी करें, जिससे आपके आसपास रहने वाले लोगों के जीवन में भी रंग भरे, रंग रहे, उमंग रहे | हमारा देश जितनी सफलता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, और, आगे बढ़ रहा है, उससे त्योहारों में जोश भी कई गुना हो गया है | इसी जोश के साथ हमें अपने त्योहार मनाने हैं, और साथ ही, अपनी सावधानी भी बनाए रखनी है | मैं आप सभी को आने वाले पर्वों की ढेर सारी शुभकामनाएँ देता हूँ | मुझे हमेशा आपकी बातों का, आपके पत्रों का, आपके संदेशों का इंतज़ार रहेगा | बहुत बहुत धन्यवाद  | 

 

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Japan-India Business Cooperation Committee delegation calls on Prime Minister Modi
March 05, 2025
QuoteJapanese delegation includes leaders from Corporate Houses from key sectors like manufacturing, banking, airlines, pharma sector, engineering and logistics
QuotePrime Minister Modi appreciates Japan’s strong commitment to ‘Make in India, Make for the World

A delegation from the Japan-India Business Cooperation Committee (JIBCC) comprising 17 members and led by its Chairman, Mr. Tatsuo Yasunaga called on Prime Minister Narendra Modi today. The delegation included senior leaders from leading Japanese corporate houses across key sectors such as manufacturing, banking, airlines, pharma sector, plant engineering and logistics.

Mr Yasunaga briefed the Prime Minister on the upcoming 48th Joint meeting of Japan-India Business Cooperation Committee with its Indian counterpart, the India-Japan Business Cooperation Committee which is scheduled to be held on 06 March 2025 in New Delhi. The discussions covered key areas, including high-quality, low-cost manufacturing in India, expanding manufacturing for global markets with a special focus on Africa, and enhancing human resource development and exchanges.

Prime Minister expressed his appreciation for Japanese businesses’ expansion plans in India and their steadfast commitment to ‘Make in India, Make for the World’. Prime Minister also highlighted the importance of enhanced cooperation in skill development, which remains a key pillar of India-Japan bilateral ties.