हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे युवाओं को स्किल का प्रदर्शन करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मंच मिले : प्रधानमंत्री
दुनिया भारत को भरोसेमंद और उभरते भागीदार के रूप में देखती है: प्रधानमंत्री मोदी
पैन-आईआईटी मूवमेंट का सामूहिक बल आत्मनिर्भर भारत को गति प्रदान कर सकता है : पीएम मोदी
रि-लर्निंग, रि-थिंकिंग, रि-इनोवेटिंग और रि-इंवेंटिंग, कोविड-19 के बाद की व्यवस्था होगी: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से, पैन आईआईटी यूएसएस द्वारा आयोजित आईआईटी-2020 ग्लोबल समिट में मुख्य भाषण दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार “रिफॉर्म (सुधार), परफॉर्म (प्रदर्शन), ट्रांसफॉर्म (परिवर्तन)” के सिद्धांत के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यहां कोई भी क्षेत्र सुधारों के दायरे से बाहर नहीं रह गया है। उन्होंने सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए व्यापक सुधारों; जैसे- 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को सिर्फ 4 कानूनों में बदलना, दुनिया में सबसे कम कॉरपोरेट टैक्स दर, उत्पादन के साथ-साथ निर्माण को बढ़ाने के लिए दस प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना, की जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के इस चुनौती भरे वक्त में, भारत को रिकॉर्ड निवेश मिला है और इस निवेश का बड़ा हिस्सा तकनीकी के क्षेत्र में आया है।

उन्होंने कहा कि आज का हमारा काम कल की दुनिया को आकार देगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि री-लर्निंग (नए सिरे से सीखना), री-थिंकिंग (नए सिरे से सोचना), री-इनोवेटिंग (नए सिरे से प्रयोग करना) और रिइंवेंटिंग (नए सिरे से आविष्कार करना), कोविड-19 के बाद की व्यवस्था होगी। लगभग सभी क्षेत्रों में आर्थिक सुधारों की एक सीरीज के साथ यह हमारी दुनिया को नए सिरे से नई ऊर्जा से भर देगी। उन्होंने कहा कि यह ‘जीवन की सरलता’ सुनिश्चित करेगी और इसके साथ-साथ गरीबों और हाशिए पर खड़े लोगों की जिंदगी पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी। उन्होंने कहा कि उद्योग और अकादमिक क्षेत्र के साझेदारी की वजह से महामारी के दौरान बहुत सारे इनोवेशन सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि आज दुनिया को नए हालात में ढलने के लिए व्यावहारिक समाधानों की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा, पैन आईआईटी आंदोलन की सामूहिक शक्ति आत्मनिर्भर भारत बनने के सपने को गति दे सकती है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को भारत का ब्रांड एंबेसडर बताया, जिनकी आवाज यह सुनिश्चित करने में बेहद खास है कि दुनिया, भारत के दृष्टिकोणों को सही अर्थों में समझ पाए।

वर्ष 2022 में भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने पैन आईआईटी आंदोलन से “गिविंग बैक टू इंडिया” (भारत को वापस देना) को लेकर एक ऊंचा मानदंड स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने सभी लोगों से इस बारे में अपने विचारों और सुझावों को देने के लिए कहा कि हम आजादी के 75वें साल को कैसे दर्ज कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “आप अपने विचार माय गॉव पर दे सकते हैं या आप इसे सीधे मेरे साथ नरेन्द्र मोदी ऐप पर साझा कर सकते हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के समय से भारत में हैकथॉन की एक संस्कृति विकसित हो रही है और इन हैकाथॉन्स में युवा सोच राष्ट्रीय और वैश्विक समस्याओं के जबरदस्त समाधान पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को अपना कौशल प्रदर्शित करने और दुनिया के बेहतर व्यवहारों से सीखने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मंच मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप के कई देशों के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने वैभव शिखर सम्मेलन का आयोजन किया, जिसने विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में शीर्ष गुणवत्ता की प्रतिभा को आपस में जोड़ा। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन ने विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में भविष्य में होने वाली साझेदारियों की लय तय कर दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने काम करने के तरीके में एक अमूल-चूल परिवर्तन का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहा, पहले जब आईआईटी एयरो-स्पेस इंजीनियरों को तैयार करता था, तब उन्हें रोजगार देने के लिए घरेलू स्तर पर एक मजबूत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र नहीं था, लेकिन आज अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधारों के साथ, मानवता के सामने मौजूद यह अंतिम मोर्चा भारतीय प्रतिभा के लिए खुला है। यही वजह है कि भारत में हर दिन नए स्पेस टेक स्टार्टअप्स आ रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि दर्शकों में शामिल कुछ लोग पूरे साहस के साथ उस जगह पर जाएंगे, जहां पहले कोई नहीं पहुंचा है। भारत में कई क्षेत्रों में अत्याधुनिक और बिल्कुल ही नए तरीके के काम हो रहे हैं।

आज, आईआईटी के पूर्व छात्र बड़ी संख्या में उद्योग, शिक्षा, कला और सरकारों में वैश्विक नेतृत्व वाले पदों पर मौजूद हैं। इसीलिए उन्होंने पूर्व छात्रों से बहस, चर्चा और तकनीक की उभरती हुई नई दुनिया में समाधानों के जरिए अपना योगदान करने की अपील की।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Waqf Law Has No Place In The Constitution, Says PM Modi

Media Coverage

Waqf Law Has No Place In The Constitution, Says PM Modi
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.