अमर उजाला से विशेष साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले : सरकारी योजनाओं के लाभार्थी सियासत का हिस्सा नहीं... वे विकास योद्धा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमर उजाला से खास बातचीत में यूपी-पंजाब सहित पांच प्रदेशों में चुनाव के साथ देश में शिक्षा की हालत, चिकित्सा शिक्षा के विकास, रोजगार वृद्धि और यूक्रेन में युद्ध से पैदा हुए अंतरराष्ट्रीय हालात पर विस्तार से अपनी राय रखी। उन्होंने 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव में जीत के साथ पहली बार 2024 के भावी लोकसभा चुनाव में भी विकास को मुद्दा बताते हुए जीत का दावा किया। डॉ. इंदुशेखर पंचोली से बातचीत में प्रमुख मुद्दों, प्रश्नों और विषयों पर जानिये प्रधानमंत्री की राय...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मानते हैं कि सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों का वर्ग चुनावी सियासत या लाभ-हानि का हिस्सा नहीं है। ये समूह दरअसल विकास योद्धा हैं, जो अपनी बुनियादी जरूरतों से आगे बढ़कर देश के विकास में दमखम दिखाने को तैयार हैं। इससे देश को जो लाभ मिलने वाला है, वह कल्पना से परे है। यह सत्ता में दशकों तक बैठे लोगों को आईना भी दिखाने वाला है। पीएम ने कहा, लोग चौथी बार जातिवाद-परिवारवाद से ऊपर उठकर अब विकासवाद व राष्ट्रवाद के नाम पर वोट कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव में सकारात्मक नतीजों के प्रति आशान्वित पीएम मोदी ने आखिरी चरण के मतदान से पहले ‘अमर उजाला’ से शनिवार को खास बातचीत की। प्रधानमंत्री यूपी चुनाव को अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी और समीकरणों के तौर पर नहीं देखते। मोदी ने कहा, चुनाव रिपोर्ट कार्ड और भविष्य का विजन सामने रखने का माध्यम होता है। जन कल्याण के लिए काम करने वालों के लिए अगले चुनाव की तैयारी उसी दिन से शुरू हो जाती है, जिस दिन वे पिछला चुनाव जीतते हैं।

पीएम ने कहा, चुनाव गुणा-भाग नहीं, बल्कि जनता के बीच आपकी केमिस्ट्री से चलते हैं। ऐसी केमिस्ट्री जहां लोग प्रगति के लिए उत्सुक हैं और सरकार उनकी सेवा करने के लिए। ऐसी केमिस्ट्री जो लोगों को एक बेहतर कल के लिए एकसाथ लाती है। उन्होंने कहा, यूपी या पंजाब नहीं, सभी राज्य एक ही धागे से जुड़े हैं। सबकी आंखों में सपने हैं। इसलिए वे एक सकारात्मक राजनीति की ओर देख रहे हैं, जो प्रगति और विजन पर केंद्रित हो, परिवारवाद या विभाजन पर नहीं।

पहले डीबीटी का मतलब था डायरेक्ट बेनिफिट टु फैमिली, अब सीधा जनता तक लाभ पहुंच रहा है। आकांक्षा की राजनीति की ओर यह रुझान 2014 से पूरे देश में देखा गया है। ये 2019 के बाद और भी मजबूत हो गया है। लोगों ने देखा कि संकट के समय में विकास-केंद्रित सरकार कितनी महत्वपूर्ण होती है। यही रुझान अब आपको हर चुनाव में दिखाई दे रहा है और आगे भी दिखाई देगा।

70 वर्षों में जितने डॉक्टर तैयार हुए उतने अब अगले 10 वर्षों में ही बनेंगे
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 2014 तक देश में लगभग 385 मेडिकल कॉलेज थे। अब इनकी संख्या 600 से ज्यादा है। पहली बार निजी से ज्यादा सरकारी मेडिकल कॉलेज हो गए। आजादी के बाद के 70 वर्षों में जितने डॉक्टर देश में तैयार हुए, उतने डॉक्टर अब अगले 10 वर्षों में बनेंगे।

ऑपरेशन गंगा : कई देशों की सरकारों से तालमेल
मोदी बोले, ऑपरेशन गंगा के तहत भारत सरकार कई देशों की सरकारों के साथ तालमेल बिठाकर काम कर रही है। मैंने भी कई राष्ट्राध्यक्षों से बात की है और उन्हें कहा कि भारतीयों की सुरक्षित वतन वापसी हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।

युवाओं के लिए भविष्य में और अधिक होंगे अवसर
पीएम मोदी ने कहा कि काम मांगने वाले हों या काम देने वाले, दोनों के लिए ही भारत की अर्थव्यवस्था ढेरों अवसर पैदा कर रही है। हम सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। निकट भविष्य में युवाओं के लिए अवसर और ज्यादा बनने वाले हैं।

सभी लोग चाहते हैं कि उनके राज्य का हो विकास
सभी लोग चाहते हैं कि उनके राज्य का विकास हो। वे सभी अपने और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य की कामना कर रहे हैं। इसलिए जाति, धर्म, वंशवाद की राजनीति करने वाले दलों को जनता लगातार कमजोर कर रही है। - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

जातिवाद-परिवारवाद पर भारी विकास की रफ्तार... इसी से बनेगी निर्णायक सरकार

हमारे ईमानदार प्रयासों से यूपी के लोगों में एक नया विश्वास जगा
डबल इंजन की सरकार का फायदा लोग समझने लगे हैं। डबल इंजन की सरकार की तेज गति के आगे घोर परिवारवादियों की सरकारों की सुस्त चाल कहीं टिक नहीं सकती।

आपने यूपी में प्रत्येक चरण के चुनाव में रैलियां की हैं, अब इस रण के आखिरी चरण पर पहुंच कर क्या तस्वीर देख रहे हैं?
मैं सबसे पहले यूपी के लोगों का, हमारी माताओं-बहनों-बेटियों और नौजवानों-किसानों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। छह चरणों में ही उन्होंने भाजपा और सहयोगी दलों की प्रचंड बहुमत वाली सरकार सुनिश्चित कर दी है। अपना भाई, बेटा, साथी मानकर उन्होंने हमें खूब आशीर्वाद दिया है। भाजपा पहले जैसी मजबूत और निर्णायक सरकार बनाएगी। लोग चौथी बार लगातार जातिवाद-परिवारवाद से ऊपर उठकर विकासवाद और राष्ट्रवाद के नाम पर वोट कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में योगी जी के नेतृत्व में कानून का राज स्थापित हुआ है। केंद्र और राज्य की डबल इंजन की सरकार का फायदा लोग समझने लगे हैं। चाहे गरीबों को घर, गैस कनेक्शन, बिजली, नल से जल देना हो या नई सड़कों व नए हाईवे का निर्माण, डबल इंजन की सरकार की तेज गति के आगे, घोर परिवारवादियों की सरकारों की सुस्त चाल कहीं टिक नहीं सकती। वैश्विक महामारी के इस दौर में पिछले 2 साल से यूपी के 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है।

इतनी बड़ी आबादी वाले प्रदेश में हमने अभूतपूर्व तेजी से टीकाकरण किया। टीके के सुरक्षा कवच की वजह से स्कूल-कॉलेज खुले हैं और व्यापार-कारोबार में भी तेजी आई है। भाजपा सरकार के ईमानदार प्रयासों की वजह से यूपी के लोगों में एक नया विश्वास पैदा हुआ है। आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक हर क्षेत्र में विकास के हमारे कार्यों की जनता सराहना कर रही है। 10 मार्च के बाद भाजपा सरकार, इन कार्यों को और तेजी से आगे बढ़ाएगी। पहले डीबीटी का मतलब होता था डायरेक्ट बेनिफिट टु फैमिली उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में लोग हमें दोबारा अवसर देना चाहते हैं। पंजाब के मेरे भाई-बहन वहां की भ्रष्ट, परिवारवादी और नाकाम सरकारों से त्रस्त हो चुके हैं।

पंजाब, उत्तराखंड, गोवा व मणिपुर में भी आपने रैलियां की हैं, आपका क्या आकलन है ?

देखिए, भाजपा की सरकार, चाहे किसी राज्य में हो, लोगों की सेवा की भावना से काम करती है। गरीबों व मध्य वर्ग का जीवन आसान बने, व्यापार-कारोबार और निवेश के लिए उचित वातावरण रहे, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर के भी लोग पहले की सरकारों के रवैये और हमारी सरकार की कार्यसंस्कृति के फर्क को साफ महसूस करते हैं। भाजपा की सरकारों ने आगे बढ़कर गरीबों को समस्त विकास योजनाओं का फायदा पहुंचाया है। पहले की सरकारों के लिए डीबीटी का मतलब होता था, डायरेक्ट बेनिफिट टु फैमिली।

हमारी सरकार ने डीबीटी को डायरेक्ट बेनिफिट टु पीपल बनाया। इससे भ्रष्टाचार कम हुआ है, सरकार की योजनाओं का लाभ, बिना लीकेज सीधे लोगों के बैंक खातों में जा रहा है। वे लोग टेक्नोलॉजी को तोड़-मरोड़ कर, अनेकों फर्जी कंपनियां तैयार कर, अनेकों कागजी लोग बनाकर, जनता का पैसा लूटते थे। हमारी सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल करके लोगों को उनका वाजिब हक मिले। यह एक बड़ी वजह है कि लोगों में जातिवादी और परिवारवादी नेताओं पर आश्रित रहने की भावना खत्म होने लगी है।

अब हर जगह विकास, कानून-व्यवस्था और सुरक्षा के मुद्दे को जगह मिलने लगी है। उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में लोगों ने हमारे इन सब कार्यों को देखा है, इसलिए वे सब हमें सेवा का दोबारा अवसर देना चाहते हैं। पंजाब के मेरे भाई-बहन अब वहां की भ्रष्ट, परिवारवादी और नाकाम सरकारों से त्रस्त हो चुके हैं। उनमें बदलाव की गहरी इच्छा दिखी है। वे भाजपा को उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं।

यूपी का हर व्यक्ति इस बात का गर्व करता है कि उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य नहीं रहा, बल्कि देश के विकास में एक नया अध्याय जोड़ रहा है

आप बार-बार कह रहे हैं, जीतेंगे तो योगी ही, आपने कहा, यूपी प्लस योगी यानी उपयोगी। क्या सीएम योगी के चेहरे पर ही भाजपा चुनाव लड़ रही है?

योगी जी ने यूपी की माताओं-बहनों-बेटियों, नौजवानों के हृदय में जगह बनाई है। यूपी में माफिया और अपराधियों पर लगाम कसी जा सकती है, पहले की सरकारों में इसकी उम्मीद तक यूपी के लोग छोड़ चुके थे। योगी जी ने एक तरफ ऐसे अराजक तत्वों पर सख्ती की, तो दूसरी तरफ गरीबों के लिए पूरी संवेदनशीलता से काम किया। भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी गर्व है कि भाजपा की सरकार ने इस सेवा भाव से काम किया है। इसलिए योगी जी यूपी की माताओं-बहनों-बेटियों, किसानों-नौजवानों सभी के प्रतिनिधि हैं।

पहले की सरकारों ने यूपी को बड़ी-बड़ी घोषणाओं और झूठे वादों के सिवाय कुछ नहीं दिया। आज लोग देख रहे हैं कि योगी जी किस तरह स्थितियों को बदलने के लिए, यूपी के विकास के लिए निरंतर परिश्रम कर रहे हैं। इसीलिए यूपी की जनता कह रही है-यूपी+योगी, बहुत उपयोगी। मैं एक और पंक्ति जोड़ देता हूं-जीतेंगे तो योगी ही और उनकी जीत से जीतेगा सबका विकास, जीतेगा सबका विश्वास, जीतेगा सबका प्रयास।

योगी सरकार ने कानून-व्यवस्था को कायम करने में कहां तक सफलता हासिल की है?

उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था सुधर भी सकती है, लोग कभी इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते थे। आप लोगों ने भी 2017 से पहले गुंडे-बदमाशों, अपराधी तत्वों और माफिया की करतूतों को विस्तार से रिपोर्ट किया है। कुशासन की वो यादें न तो अखबारों के आर्काइव से मिटी हैं और न ही हमारी बहन-बेटियां के मस्तिष्क से मिट पाएंगी। जिन दलित, पिछड़े परिवारों के घर जलाए गए, घरों-जमीनों पर अवैध कब्जे हुए और थाने में रिपोर्ट तक दर्ज नहीं होती थी, उनको वो अंधेरगर्दी आज भी याद है।

आज अगर राज्य की कानून-व्यवस्था आपको पटरी पर नजर आ रही है, तो यह योगी सरकार के दृढ़ संकल्प और अथक परिश्रम का ही परिणाम है। यूपी में यह कानून का राज ही है, जिसके चलते राज्य में होने वाले दंगे इतिहास का हिस्सा बन चुके हैं। बीते पांच साल में हर जाति-धर्म के त्याेहार सौहार्द भरे माहौल में संपन्न हुए हैं।

बीते पांच साल में यूपी के विकास को आप किस दृष्टि से देखते हैं?

विकास की योजनाओं को लेकर पहले की सरकारों का ढीला-ढाला कामकाज और भाजपा सरकार की तेज गति आज आंकड़ों में भी साफ नजर आती है। आज यूपी में एक्सप्रेस-वे डबल हो रहे हैं, हवाईअड्डों की संख्या भी डबल हो रही है। यूपी देश का एकमात्र राज्य है, जहां 5 शहरों में मेट्रो रेल हैं और 5 पर काम चल रहा है। पिछली सरकार के समय तक जहां 17 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, आज यह संख्या 35 से ज्यादा हो चुकी है। हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए हम तेजी से काम कर रहे हैं।

साल 2017 तक जहां यूपी में मेडिकल की सिर्फ 1900 सीटें थीं, वहीं बीते 5 साल में 2100 नई सीटें जोड़ी गईं। शिक्षा क्षेत्र में देखें, अनेक नई यूनिवर्सिटी पांच साल में तैयार हुई। पिछली सरकार अपने कार्यकाल में जहां गरीबों के लिए कुछ हजार ही घर बनवा पाई थी, योगी जी की सरकार ने अपने पांच साल में 34 लाख से ज्यादा घर गरीबों को बनाकर दिए। पिछली सरकार में विकास का मतलब एक ही परिवार का विकास था। इन परिवारवादियों के राज में विकास इनसे शुरू होकर, इन पर ही खत्म होता था।

जबकि भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मंत्र पर काम कर रही है। इस मंत्र पर चलते हुए गरीबों, दलितों, वंचितों, पिछड़ों, छोटे किसानों, महिलाओं, युवाओं और मध्य वर्ग समेत सभी लोगों की भलाई के लिए योजनाएं बनाई गईं और बिना किसी जातिगत और धार्मिक भेदभाव के लागू भी किया। आज यूपी का हर व्यक्ति इस बात का गर्व करता है कि उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य नहीं रहा, बल्कि देश के विकास में एक नया अध्याय जोड़ रहा है।

डबल इंजन की सरकार ने हर परिस्थिति में, हर जरूरतमंद की, कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक की सेवा के संकल्प को पूरा करने का प्रयास किया है

सूबे में सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों का नया वर्ग खड़ा हो गया है। इससे भाजपा को कितना लाभ मिलने की संभावना है?

आप जिसे लाभार्थियों का नया वर्ग कह रहे हैं, मैं उन्हें विकास का नया योद्धा मानता हूं। ये वैसे लोग हैं, जो अब अपनी जरूरतों से आगे बढ़कर देश के विकास में दमखम दिखाने को तैयार हैं। आप ये पूछ रहे हैं कि इससे भाजपा को क्या लाभ मिलने वाला है, लेकिन इससे देश को जो लाभ मिलने वाला है, उसकी तो आप कल्पना भी नहीं कर सकते। यही नहीं, आपका सवाल अगर जनता-जनार्दन की दुखती रग पर हाथ रखने जैसा है, तो सत्ता में दशकों तक बैठे लोगों को आईना भी दिखाने वाला है।

आज उत्तर प्रदेश के लोगों को अगर मकान, बिजली-पानी कनेक्शन, शौचालय, गैस कनेक्शन मिल रहे हैं, तो यह हमारी उपलब्धियों के साथ-साथ पुरानी सरकारों के कुशासन का भी प्रतिबिंब हैं। इतने दशकों तक इतनी मूल सुविधाओं से सामान्य जन को वंचित रखने का पाप इन्होंने किया है। हमारी डबल इंजन की सरकार ने हर परिस्थिति में, हर जरूरतमंद की, कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक की सेवा के संकल्प को पूरा करने का प्रयास किया है।

भाजपा के अधिकतर नेताओं का चुनाव अभियान नकारात्मक हो गया है, विकास और किसानों, युवाओं के मुद्दे गायब हैं?

देखिए मैं अमर उजाला की संपादकीय टीम को एक टास्क देता हूं। आप लोग हमारे संबोधनों का एक वर्ड क्लाउड बनाइए और खुद देखिए। जो शब्द प्रमुखता से बोले गए हैं, वो होंगे घर, राशन, वैक्सीन, कानून व्यवस्था, किसान, इथेनॉल ब्लेंडिंग, हाईवे-एक्सप्रेसवे, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के अवसर, यूपी का इन्फ्रास्ट्रक्चर। वर्ड क्लाउड में 90 प्रतिशत शब्द आपको यही मिलेंगे। हां, 10 प्रतिशत ऐसा भी हो सकता है कि जहां हम विरोधियों की झूठी घोषणाओं और झूठे आरोपों का जवाब दे रहे होंगे।

मैंने हमेशा अपने संबोधनों में महिला हितों, नौजवानों-किसानों के हितों, रोजगार के अवसरों की बात की है। शुरू से ही सकारात्मकता, सर्वांगीण और समावेशी विकास की सोच को अपनाया है। भाजपा का पूरा चुनाव प्रचार अभियान केंद्र सरकार और राज्य सरकार यानी डबल इंजन की सरकारों द्वारा किए गए चौतरफा विकास के इर्द-गिर्द ही रहा है।

खेती में सुधार के तीन कानून वापस ले लिए गए। अब खेती और खेतिहर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए क्या रणनीति होगी?

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए पिछले 7 वर्षों में हम एक केंद्रित और व्यापक रणनीति के साथ काम कर रहे हैं। पहले सिर्फ उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दिया जाता था, हमने उत्पादन के साथ-साथ किसानों के लाभ पर भी फोकस किया। हमने बीज से बाजार तक किसानों के लिए नई व्यवस्था बनाने का प्रयास किया, उनमें सुधार का प्रयास किया। छोटे किसानों की छोटी-छोटी जरूरतों को समझा और उसके लिए कार्य किया। पीएम किसान सम्मान निधि हो, करोड़ों किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड हो, फसल बीमा योजना का विस्तार हो, दशकों से अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाएं पूरी हों, किसानों को आसानी से कम ब्याज दरों पर ऋण मिले, हमने इन सबका ध्यान रखा। हमने पशुपालकों और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा से जोड़ा।

ये हमारी ही सरकार है जो एमएसपी पर सरकारी खरीद पर इतना जोर दे रही है। मैं अमर उजाला के पाठकों को कुछ आंकड़े भी दूंगा। 2007 से 2014 के बीच किसानों से करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये का धान खरीदा गया था। हमारी सरकार के दौरान सात साल में लगभग 7.5 लाख करोड़ रुपये का धान किसानों से एमएसपी पर खरीदा गया है। इसी तरह दलहन के लिए एमएसपी भुगतान लगभग 75 गुना बढ़ा है। एक और अहम बात यह भी है कि एमएसपी का यह पैसा डीबीटी के जरिये सीधे किसानों के खाते में पहुंच रहा है।

किसानों की आय बढ़ाने के लिए हमारी सरकार कृषि निर्यात को भी बढ़ावा दे रही है। हम खेती को आधुनिक तकनीक से भी जोड़ रहे हैं। आप देख ही रहे हैं कि किसानों में ड्रोन को लेकर कितना उत्साह है। ड्रोन किसानों की फसलों की देखभाल से लेकर उपज को बाजारों तक पहुंचाने तक, अनेक प्रकार से किसानों की मदद करेंगे। किसानों के लिए हमारे प्रयास एकाध कदम पर आधारित नहीं रहे हैं। यह एक संपूर्ण और व्यापक योजना है, जिस पर हम काम कर रहे हैं और यह फलदायी भी हो रहा है।

यूपी से 2024 के समीकरण साधने की तैयारी अभी से शुरू हो गई है?

समीकरण उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, जो चुनावी राजनीति को गणित के खेल के रूप में देखते हैं। इसको जोड़ो, उसे तोड़ो तो चुनाव जीत जाएंगे। लेकिन चुनाव अब गुणा-भाग नहीं, बल्कि जनता के बीच आपकी केमिस्ट्री से चलते हैं। ऐसी केमिस्ट्री, जहां लोग प्रगति के लिए उत्सुक हैं और सरकार उनकी सेवा करने के लिए। ऐसी केमिस्ट्री जो लोगों को एक बेहतर कल के लिए एक साथ लाती है। चुनाव आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन इन चुनावों के बीच आपका काम लोगों के लिए मायने रखता है। जन कल्याण के लिए काम करने वालों के लिए अगले चुनाव की तैयारी उसी दिन से शुरू हो जाती है, जिस दिन वो पिछला चुनाव जीतते हैं। क्योंकि वे पहले दिन से ही काम कर रहे हैं।

पंजाब में आप लंबे अरसे बाद अकाली दल के बिना चुनाव लड़े हैं, नए सहयोगियों के साथ कैसा रिस्पांस मिला?

पंजाब बॉर्डर स्टेट है, मेहनतकश और राष्ट्रभक्ति से भरे हुए लोगों का प्रदेश। स्वाभाविक है कि पंजाब के लोग भाजपा को अपना आशीर्वाद देंगे। जो भारत की सुरक्षा के प्रति ही गंभीर नहीं, जो भारत को एक राष्ट्र ही नहीं मानते, देश की अखंडता व पंजाब की सुरक्षा उनके हवाले नहीं की जा सकती, यह लोग जानते हैं। भाजपा के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ने पंजाब की सुरक्षा और विकास का जो संकल्प सामने रखा है, उसको पंजाब की जनता ने भरपूर आशीर्वाद दिया है। पंजाब के लोग भी डबल इंजन की सरकार की ताकत को समझते हैं।

ड्रग्स, सीमा पार से तस्करी की कोशिशें, किसानों की स्थिति, रोजगार के अवसर, अहम मुद्दे हैं। आज आप देखिए, इतनी संभावनाओं से भरा पूरा पंजाब, लेकिन इंडस्ट्री? वो तो पंजाब को छोड़कर जा रही हैं। कांग्रेस सरकार की नीतियों के कारण पंजाब में निवेश को लेकर उत्साह बहुत कम रहा है। इन स्थितियों को डबल इंजन की सरकार ही बदल सकती है। हमने अपने घोषणा-पत्र में अनेक संकल्प लिए हैं। पंजाब में बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर होगा, पारदर्शी सरकार होगी तो न उद्योगों को पलायन करना पड़ेगा, न नौजवानों को!

काशी में आखिरी दो दिन प्रवास के मायने?

देखिए, काशी में बिताया हर पल मेरे लिए अनमोल होता है। मुझे लगता है कि काशी के लोगों ने मुझे इतना स्नेह दिया है, इतना आशीर्वाद दिया है कि मैं काशी के लिए जितना करूं, वो कम ही है। मैं यहां आता हूं तो अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से मिलता हूं, बनारस की सड़कों पर टहलता हूं, कभी ठंडई, कभी चाय पीता हूं, मां गंगा को स्पर्श कर आने वाली हवा मुझे अभिभूत कर देती है।

इस पुरातन शहर में जो ऊर्जा हर गली, हर घाट, हर क्षेत्र में हजारों वर्षों से व्याप्त है, उसे मैं भीतर तक महसूस करता हूं। ये अनुभव ही कुछ और होता है। मेरे लिए तो पूरा बनारस ही एक मंदिर की तरह है। यहां का हर जन, मेरे लिए देवी-देवता है। उनकी सेवा करने के लिए, साथ समय बिताने के लिए कई बार तो मुझे दो दिन भी कम लगते हैं।
समाज को आपस में लड़ाकर आगे बढ़ने वालों की राजनीति में संभावनाएं अब हो रहीं खत्म

स्रोत : अमर उजाला

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !