प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रमुख सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर बातचीत की।
जिलाधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए जिससे कई संकेतकों पर उनके जिलों के कार्य निष्पादन में सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री ने उनसे उन प्रमुख कदमों और उस प्रयास में उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में सीधे तौर पर फीडबैक मांगा, जिनके परिणामस्वरूप जिलों में सफलता मिली है। उन्होंने उनसे यह भी पूछा कि आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम के तहत काम करना उनके पहले किए गए काम से कैसे अलग है। अधिकारियों ने बताया कि किस प्रकार जनभागीदारी इस सफलता के पीछे एक महत्वपूर्ण घटक रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने अपनी टीम में काम करने वाले लोगों को दैनिक आधार पर प्रेरित किया और इस भावना को विकसित करने का प्रयास किया कि वे नौकरी नहीं कर रहे हैं, बल्कि एक सेवा कर रहे हैं। उन्होंने विभागों के बीच समन्वय बढ़ाने और डेटा द्वारा संचालित शासन के लाभों के बारे में भी बताया।
नीति आयोग के सीईओ ने एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम की प्रगति तथा कार्यान्वयन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम किस प्रकार टीम इंडिया की भावना से प्रेरित प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद से लाभान्वित हुआ। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप इन जिलों ने हर पैरामीटर में उल्लेखनीय रूप से बेहतर निष्पादन किया है। यह एक ऐसा तथ्य है, जिसे वैश्विक विशेषज्ञों द्वारा भी स्वतंत्र रूप से मान्यता दी गई है। बिहार के बांका से स्मार्ट क्लासरूम पहल, ओडिशा के कोरापुट में बाल विवाह को रोकने के लिए मिशन अपराजिता जैसे सर्वश्रेष्ठ कार्यों, आदि को अन्य जिलों द्वारा भी दोहराया गया। जिले के प्रमुख अधिकारियों के कार्यकाल की स्थिरता के साथ-साथ जिलों के निष्पादन का विश्लेषण भी प्रस्तुत किया गया।
ग्रामीण विकास सचिव ने आकांक्षी जिलों में किये गये केन्द्रित कार्यों की तर्ज पर चयनित 142 जिलों के उत्थान के मिशन पर प्रस्तुतीकरण दिया। इन चिन्हित जिलों के उत्थान के लिए केंद्र तथा राज्य मिलकर काम करेंगे ताकि अल्प विकास वाले क्षेत्रों की समस्याओं का हल किया जा सके। 15 मंत्रालयों और विभागों से जुड़े 15 क्षेत्रों की पहचान की गई। इन क्षेत्रों में, प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) की पहचान की गई। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चयनित जिलों में केपीआई अगले एक वर्ष में राज्य के औसत से अधिक हो और वे दो वर्षों में राष्ट्रीय औसत के बराबर हो जाए। प्रत्येक संबंधित मंत्रालय/विभाग ने केपीआई के अपने सेट की पहचान की है, जिसके आधार पर जिलों का चयन किया गया था। इस पहल का उद्देश्य सभी हितधारकों के साथ मिलकर जिलों में विभिन्न विभागों द्वारा मिशन मोड में विभिन्न योजनाओं की पूर्णता के लक्ष्य को प्राप्त करना है। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिवों ने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उनके मंत्रालयों के प्रयासों के बारे में एक कार्ययोजना प्रस्तुत की।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब दूसरों की आकांक्षाएँ, अपनी आकांक्षाएँ बन जाएँ, जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए, तो फिर वो कर्तव्य पथ इतिहास रचता है। उन्होंने कहा कि आज हम देश के एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट - आकांक्षी जिलों में यही इतिहास बनते हुए देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न कारणों से ऐसी स्थिति पैदा हुई है, जहां अतीत में आकांक्षी जिले पिछड़ने लगे थे। सर्वांगीण विकास को सुगम बनाने के लिए आकांक्षी जिलों के लिए विशेष हैंड-होल्डिंग की गई। स्थिति अब बदल गई है, क्योंकि आज आकांक्षी जिले, देश के आगे बढ़ने के अवरोध को समाप्त कर रहे हैं। आप सबके प्रयासों से, आकांक्षी जिले, आज गतिरोधक के बजाय गतिवर्धक बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आकांक्षी जिलों में अभियान के कारण हुए विस्तार और नए स्वरूप के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसने संविधान की संघीय भावना और संस्कृति को एक ठोस रूप दिया है, जिसका आधार केंद्र-राज्य और स्थानीय प्रशासन का टीम वर्क है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आकांक्षी जिलों में विकास के लिए प्रशासन और जनता के बीच सीधा कनेक्ट, एक इमोशनल जुड़ाव बहुत जरूरी है। एक तरह से गवर्नेंस का ‘टॉप टू बॉटम’ और ‘बॉटम टू टॉप’ फ़्लो और इस अभियान का महत्वपूर्ण पहलू है - टेक्नोलॉजी और इनोवेशन। प्रधानमंत्री ने उन जिलों के बारे में भी चर्चा की, जहां कुपोषण, स्वच्छ पेयजल और टीकाकरण जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी और इनोवेशन के इस्तेमाल से बहुत अच्छी सफलता मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों में देश को जो सफलता मिल रही है, उसका एक बड़ा कारण है कन्वर्जेंस। सारे संसाधन वही हैं, सरकारी मशीनरी वही है, अधिकारी वही हैं लेकिन परिणाम अलग हैं। पूरे जिले को एक इकाई के रूप में देखने से अधिकारी को उनके प्रयासों की विशालता को महसूस करने तथा जीवन के उद्देश्य एवं सार्थक परिवर्तन लाने की संतुष्टि का एहसास होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 4 सालों में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में जन-धन खातों में 4 से 5 गुना की वृद्धि हुई है। लगभग हर परिवार को शौचालय मिला है, हर गाँव तक बिजली पहुंची है। उन्होंने कहा कि बिजली सिर्फ गरीब के घर में नहीं पहुंची है बल्कि लोगों के जीवन में ऊर्जा का संचार हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कठिन जीवन के कारण आकांक्षी जिलों के लोग अधिक मेहनती, साहसी और जोखिम लेने में सक्षम हैं और इस ताकत को पहचाना जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों ने ये साबित किया है कि इंप्लीमेंटेशन में साइलो खत्म होने से, संसाधनों का ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन होता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि साइलो जब खत्म होते हैं तो 1+1, 2 नहीं बनता, 1 और 1, 11 बन जाता है। ये सामर्थ्य, ये सामूहिक शक्ति, हमें आज एस्पिरेशनल डिस्टिक में नजर आती है। आकांक्षी जिलों में शासन के दृष्टिकोण पर विस्तार से बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि, सबसे पहले, लोगों से उनकी समस्याओं की पहचान करने के लिए परामर्श किया गया था। दूसरा, आकांक्षी जिलों में अनुभवों के आधार पर कार्यशैली को परिष्कृत किया गया और मापने योग्य संकेतकों, प्रगति की वास्तविक समय की निगरानी, जिलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और अच्छी प्रथाओं की प्रतिकृति को प्रोत्साहित किया गया। तीसरे, अधिकारियों के स्थिर कार्यकाल जैसे सुधारों के माध्यम से प्रभावी टीमों के निर्माण को प्रोत्साहित किया गया। इससे सीमित संसाधनों में भी बड़े परिणाम प्राप्त करने में मदद मिली। प्रधानमंत्री ने उचित कार्यान्वयन और निगरानी के लिए क्षेत्र के दौरे, निरीक्षण और रात्रि विश्राम के लिए विस्तृत दिशानिर्देश विकसित करने के लिए कहा।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों का ध्यान न्यू इंडिया की बदली हुई सोच की ओर दिलाया। उन्होंने कहा कि आज आज़ादी के अमृतकाल में देश का लक्ष्य है सेवाओं और सुविधाओं का शत प्रतिशत सैचुरेशन। यानी, हमने अभी तक जो उपलब्धियां हासिल की हैं, उसके आगे हमें एक लंबी दूरी तय करनी है और बड़े स्तर पर काम करना है। उन्होंने जिलों के सभी गांवों में सड़कें, आयुष्मान कार्ड, हर व्यक्ति का बैंक खाता, उज्ज्वला गैस कनेक्शन, बीमा, पेंशन आवास सभी के लिए समयबद्ध लक्ष्य पर जोर दिया। उन्होंने हर जिले के लिए दो साल के विजन का आह्वान किया। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक जिला आम लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए अगले 3 महीनों में पूरे किए जाने वाले 10 कार्यों की पहचान कर सकता है। इसी तरह, इस ऐतिहासिक युग में ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव के साथ 5 कार्यों को जोड़ सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया के रूप में देश एक साइलेंट रिवॉल्यूशन का साक्षी बन रहा है। हमारा कोई भी जिला इसमें पीछे नहीं छूटना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि डिजिटल इनफ्रास्ट्रक्चर हमारे हर गाँव तक पहुंचे, सेवाओं और सुविधाओं की डोर स्टेप डिलिवरी का जरिया बने, ये बहुत जरूरी है। उन्होंने नीति आयोग से जिलाधिकारियों के बीच नियमित बातचीत का एक तरीका तैयार करने को कहा। केंद्रीय मंत्रालयों को इन जिलों की चुनौतियों का दस्तावेजीकरण करने को कहा गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों ने, अलग-अलग विभागों ने ऐसे 142 जिलों की एक लिस्ट तैयार की है जो विकास में इतने पीछे नहीं हैं लेकिन जिन एक-दो पैरामीटर्स पर ये अलग-अलग 142 जिले पीछे हैं, अब वहां पर भी हमें उसी कलेक्टिव अप्रोच के साथ काम करना है, जैसे हम एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में करते हैं। श्री मोदी ने कहा, “ये सभी सरकारों के लिए, भारत सरकार, राज्य सरकार, जिला प्रशासन, जो सरकारी मशीनरी है, उसके लिए एक नया चैलेंज है। इस चैलेंज को अब हमें मिलकर पूरा करना है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो सिविल सर्विसेस के साथी जुड़े हैं, उनसे मैं एक और बात याद करने को कहूंगा। आप वो दिन जरूर याद करें जब आपका इस सर्विस में पहला दिन था। आप देश के लिए कितना कुछ करना चाहते थे, कितना जोश से भरे हुए थे, कितने सेवा भाव से भरे हुए थे। आज उसी जज्बे के साथ आपको फिर आगे बढ़ना है।
जब दूसरों की आकांक्षाएँ, अपनी आकांक्षाएँ बन जाएँ, जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए, तो फिर वो कर्तव्य पथ इतिहास रचता है।
— PMO India (@PMOIndia) January 22, 2022
आज हम देश के Aspirational Districts - आकांक्षी जिलों में यही इतिहास बनते हुए देख रहे हैं: PM @narendramodi
आज Aspirational Districts, देश के आगे बढ़ने के अवरोध को समाप्त कर रहे हैं।
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आप सबके प्रयासों से, Aspirational Districts, आज गतिरोधक के बजाय गतिवर्धक बन रहे हैं: PM @narendramodi
Aspirational Districts में विकास के लिए प्रशासन और जनता के बीच सीधा कनेक्ट, एक इमोशनल जुड़ाव बहुत जरूरी है।
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एक तरह से गवर्नेंस का ‘top to bottom’ और ‘bottom to top’ फ़्लो।
और इस अभियान का महत्वपूर्ण पहलू है - टेक्नोलॉजी और इनोवेशन: PM @narendramodi
Aspirational Districts में देश को जो सफलता मिल रही है, उसका एक बड़ा कारण है Convergence.
— PMO India (@PMOIndia) January 22, 2022
सारे संसाधन वही हैं, सरकारी मशीनरी वही है, अधिकारी वही हैं लेकिन परिणाम अलग है: PM @narendramodi
पिछले 4 सालों में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में जन-धन खातों में 4 से 5 गुना की वृद्धि हुई है।
— PMO India (@PMOIndia) January 22, 2022
लगभग हर परिवार को शौचालय मिला है, हर गाँव तक बिजली पहुंची है।
और बिजली सिर्फ गरीब के घर में नहीं पहुंची है बल्कि लोगों के जीवन में ऊर्जा का संचार हुआ है: PM @narendramodi
Aspirational Districts ने ये साबित किया है कि Implementation में Silos खत्म होने से, संसाधनों का Optimum Utilisation होता है।
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Silos जब खत्म होते हैं तो 1+1, 2 नहीं बनता, 1 और 1, 11 बन जाता है।
ये सामर्थ्य, ये सामूहिक शक्ति, हमें आज Aspirational Districts में नजर आती है: PM
आज आज़ादी के अमृतकाल में देश का लक्ष्य है सेवाओं और सुविधाओं का शत प्रतिशत saturation.
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यानी, हमने अभी तक जो उपलब्धियां हासिल की हैं, उसके आगे हमें एक लंबी दूरी तय करनी है।
और बड़े स्तर पर काम करना है: PM @narendramodi
डिजिटल इंडिया के रूप में देश एक silent revolution का साक्षी बन रहा है। हमारा कोई भी जिला इसमें पीछे नहीं छूटना चाहिए।
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डिजिटल इनफ्रास्ट्रक्चर हमारे हर गाँव तक पहुंचे, सेवाओं और सुविधाओं की डोर स्टेप डिलिवरी का जरिया बने, ये बहुत जरूरी है: PM @narendramodi
ये सभी सरकारों के लिए, भारत सरकार, राज्य सरकार, जिला प्रशासन, जो सरकारी मशीनरी है, उसके लिए एक नया चैलेंज है।
— PMO India (@PMOIndia) January 22, 2022
इस चैलेंज को अब हमें मिलकर पूरा करना है: PM @narendramodi
सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों ने, अलग-अलग विभागों ने ऐसे 142 जिलों की एक लिस्ट तैयार की है।
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जिन एक-दो पैरामीटर्स पर ये अलग-अलग 142 जिले पीछे हैं, अब वहां पर भी हमें उसी कलेक्टिव अप्रोच के साथ काम करना है, जैसे हम Aspirational Districts में करते हैं: PM @narendramodi
सिविल सर्विसेस के साथी जुड़े हैं, उनसे मैं एक और बात याद करने को कहूंगा।
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आप वो दिन जरूर याद करें जब आपका इस सर्विस में पहला दिन था।
आप देश के लिए कितना कुछ करना चाहते थे, कितना जोश से भरे हुए थे, कितने सेवा भाव से भरे हुए थे।
आज उसी जज्बे के साथ आपको फिर आगे बढ़ना है: PM