“हमारा वैचारिक तंत्र और राजनीतिक मंत्र साफ है, गोलमोल नहीं है और हमने उसको जी कर दिखाया है। हम लोगों के लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। नेशन फर्स्ट- यही हमारा मंत्र है, यही हमारा कर्म है। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को 21वीं सदी की राजनीति में अपनी यह पहचान और सशक्त करनी है।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ये बातें शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहीं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा, “मुझे दीनदयाल जी के दर्शन करने का सौभाग्य नहीं मिला था, लेकिन उनका स्मरण, उनके बताए हुए रास्ते, उनका दर्शन, उनका चिंतन और उनका जीवन प्रतिपल हमें पावन भी करता है, प्रेरणा भी देता है और ऊर्जा से भर देता है। एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में भारत को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने जो योगदान दिया है, वो पीढ़ियों को प्रेरित करने वाला है। भारतीय जनता पार्टी के हम सभी कार्यकर्ताओं के लिए उनका दिखाया मार्ग प्रेरणा देता है, प्रोत्साहित करता है।”
पीएम मोदी ने कहा कि वे दीनदयाल जी ही थे, जिन्होंने भारत की राष्ट्रनीति, अर्थनीति, समाज नीति और राजनीति को देश के अथाह सामर्थ्य के हिसाब से तय करने की बात मुखरता से कही थी और लिखी थी। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के भारत को विश्व पटल पर नई ऊंचाई देने के लिए, 130 करोड़ से अधिक भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए, आज जो कुछ भी हो रहा है, उसमें दीनदयाल जी जैसे महान व्यक्तित्व का बहुत बड़ा आशीर्वाद है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के किसान, गरीब, श्रमिक और महिलाएं ही आत्मनिर्भर भारत के मजबूत स्तंभ हैं, इसलिए इनका आत्मसम्मान और आत्मगौरव ही आत्मनिर्भर भारत की प्राण-शक्ति है और प्रेरणा हैं। इनको सशक्त करने से ही भारत की प्रगति संभव है। उन्होंने कहा, “देश के किसान, श्रमिक भाई-बहन, युवाओं, मध्यम वर्ग के हित में अनेक अच्छे और ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। जहां-जहां राज्यों में हमें सेवा करने का मौका मिला है, वहां-वहां इन्हीं आदर्शों को परिपूर्ण करने के लिए उतने ही जी जान से लगे हुए हैं। आज जब देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक-एक देशवासी अथक परिश्रम कर रहा है, तभी तो गरीबों को, दलितों, वंचितों, युवाओं, महिलाओं, किसानों, आदिवासी, मजदूरों को उनका हक देने का ऐतिहासिक काम हुआ है।’’
श्री मोदी ने कहा कि आजादी के अनेक दशकों तक किसान और श्रमिक के नाम पर खूब नारे लगे, बड़े-बड़े घोषणापत्र लिखे गए। लेकिन समय की कसौटी ने सिद्ध कर दिया है कि वे सारी बातें कितनी खोखली थीं। किसान और श्रमिक के नाम पर देश और राज्यों में कई बार सरकारें बनीं, लेकिन उन्हें मिला क्या? सिर्फ वादों और कानूनों का एक उलझा हुआ जाल। किसानों को ऐसे कानूनों में उलझाकर रखा गया, जिसके कारण वे अपनी ही उपज को, अपने मन मुताबिक बेच तक नहीं सकते थे।
पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में NDA सरकार ने निरंतर इस स्थिति को बदलने का काम किया है। पहले लागत का डेढ़ गुना MSP तय किया, उसमें रिकॉर्ड बढ़ोतरी की और रिकॉर्ड सरकारी खरीद भी सुनिश्चित की। उन्होंने कहा, “बीते सालों में यह निरंतर प्रयास किया गया है कि किसान को बैंकों से सीधे जोड़ा जाए। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में कुल एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांसफर किए जा चुके हैं। सरकार ने इस बात का भी प्रयास किया है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड हो, उन्हें खेती के लिए आसानी से कर्ज उपलब्ध हो। भाजपा सरकार के 5 वर्ष में किसानों को लगभग 35 लाख करोड़ रुपये KCC के माध्यम से दिए गए हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दशकों बाद किसान को अपनी उपज पर सही हक मिल पाया है। कृषि में जो सुधार किए हैं, उसका सबसे ज्यादा लाभ छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा। लेकिन किसानों से हमेशा झूठ बोलने वाले कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से किसानों को भ्रमित करने में लगे हैं। देश के किसानों को ऐसी किसी भी अफवाह से बचाना भाजपा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है।
पीएम मोदी ने कहा कि किसानों की तरह ही दशकों तक देश के श्रमिकों को भी कानून के जाल में उलझाकर रखा गया। जब-जब श्रमिकों ने आवाज उठाई, तब-तब उनको कागज पर एक कानून दे दिया गया। जो पहले के श्रमिक कानून थे, वो देश की आधी आबादी, हमारी महिला श्रमशक्ति के लिए काफी नहीं थे। अब इन नए कानूनों से हमारी बहनों को, बेटियों को, समान मानदेय दिया गया है, उनकी ज्यादा भागीदारी को सुनिश्चित किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “किसानों, श्रमिकों और महिलाओं की ही तरह छोटे-छोटे स्वरोजगार से जुड़े साथियों का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा था, जिसकी सुध कभी नहीं ली गई। रेहड़ी, पटरी, फेरी वाले लाखों साथी जो आत्मसम्मान के साथ अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं, उनके लिए भी पहली बार एक विशेष योजना बनाई गई है। किसानों, खेत मजदूरों, छोटे दुकानदारों, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन और बीमा से जुड़ी योजनाएं सरकार ने पहले ही शुरू कर दी हैं। अब नए प्रावधानों से सामाजिक सुरक्षा का यह कवच और मजबूत होगा।”
पीएम मोदी ने कहा कि जिस संकल्प पत्र को लेकर भाजपा कार्यकर्ता घर-घर गए थे, आज जब वे उसको देखेंगे तो पाएंगे कि कितनी तेजी से काम हुआ है। वह चाहे अनुच्छेद-370 हो, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो। ये हमारे वे वादे रहे हैं, जो दशकों की हमारी तपस्या का भी आधार रहे हैं, ध्येय रहे हैं। संकल्प लेकर उसे सिद्ध करने की इस ताकत को हमें बनाए रखना है, ऊर्जावान रखना है। क्योंकि हमारी बातें, हमारे विचार, हमारा आचरण, 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप ही होने चाहिए। हमारे आदर्श, हमारी परंपरा, हमारी प्रेरणा, जितनी प्राचीन है, उतनी ही नवीन भी होनी चाहिए। हम भले ही दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल हों, लेकिन हमारी पहुंच भारत के छोटे से छोटे गांव तक, छोटी से छोटी गली तक होनी ही चाहिए।
देभभर में फैले भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं को दीनदयाल उपाध्याल जी की जन्म जयंति पर अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूँ: PM @narendramodi
— narendramodi_in (@narendramodi_in) September 25, 2020
आप सभी सामान्य जन की सुरक्षा और सेवा के लिए समर्पित भाव से निरंतर काम कर रहे हैं।
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कोरोना की चुनौतियों के बीच भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी इस सेवा साधना को बिना रुके, बिना थके, जारी रखा है: PM @narendramodi
आज हमारे बीच, ऐसे कम ही लोग हैं जिन्होंने दीन दयाल जी को जीते जी, देखा हो, सुना हो या उनके साथ काम किया हो।
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एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में, भारत को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने जो योगदान दिया है, वो पीढ़ियों को प्रेरित करने वाला है: PM @narendramodi
ये दीनदयाल जी ही थे, जिन्होंने भारत की राष्ट्रनीति, अर्थनीति और समाजनीति, इन तीनों को भारत के अथाह सामर्थ्य के हिसाब से तय करने की बात मुखरता से कही थी, लिखी थी: PM @narendramodi
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21वीं सदी के भारत को विश्व पटल पर नई ऊंचाई देने के लिए, 130 करोड़ से अधिक भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए, आज जो कुछ भी हो रहा है, उसमें दीन दयाल जी जैसे महान व्यक्तित्वों का बहुत बड़ा आशीर्वाद है: PM @narendramodi
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आज से ही देश के ईमानदार करदाताओं के हितों को सुरक्षा देने वाला, फेसलेस अपील का प्रावधान, भारत की टैक्स व्यवस्था से जुड़ने वाला है।
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ईमानदार करदाताओं को परेशानी ना हो, इसके लिए फेसलेस टैक्स सिस्टम कुछ महीने पहले ही टैक्स रिजीम का हिस्सा हो चुका है: PM @narendramodi
आज जब देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक-एक देशवासी अथक परिश्रम कर रहा है, तब गरीबों को, दलितों, वंचितों, युवाओं, महिलाओं, किसानों, आदिवासी, मज़दूरों को उनका हक देने का बहुत ऐतिहासिक काम हुआ है: PM @narendramodi
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दीन दयाल जी कहते थे कि बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बावजूद जनता की अपेक्षाएं पूरी नहीं हो रही हैं।
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उन्होंने कहा था- अव्यवस्था और अनाचार, अभाव और असमानताएं, असुरक्षा और असमाजिकता बढ़ती जा रही है”: PM @narendramodi
किसानों को ऐसे कानूनों में उलझाकर रखा गया, जिसके कारण वो अपनी ही उपज को, अपने मन मुताबिक बेच भी नहीं सकता था।
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नतीजा ये हुआ कि उपज बढ़ने के बावजूद किसानों की आमदनी उतनी नहीं बढ़ी।
हां, उन पर कर्ज जरूर बढ़ता गया: PM @narendramodi
किसान और श्रमिक के नाम पर देश में, राज्यों में अनेकों बार सरकारें बनीं लेकिन उन्हें मिला क्या?
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सिर्फ वादों और कानूनों का एक उलझा हुआ जाल।
एक ऐसा जाल, जिसको ना तो किसान समझ पाता था और ना ही श्रमिक: PM @narendramodi
भाजपा के नेतृत्व में NDA सरकार ने निरंतर इस स्थिति को बदलने का काम किया है।
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पहले लागत का डेढ़ गुणा MSP तय किया, उसमें रिकॉर्ड बढोतरी की और रिकॉर्ड सरकारी खरीद भी सुनिश्चित की: PM @narendramodi
अब किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ पशुपालकों और मछली पालन से जुड़े लोगों को भी दिया जा रहा है: PM @narendramodi
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सरकार ने इस बात का भी प्रयास किया है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड हो, उन्हें खेती के लिए आसानी से कर्ज उपलब्ध हो।
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पहले सिर्फ उसी किसान को KCC का लाभ मिलता था जिसके पास 2 हेक्टेयर जमीन हो। हमारी सरकार इसके दायरे में देश के हर किसान को ले आई: PM
बीते सालों में ये निरंतर प्रयास किया गया है कि किसान को बैंकों से सीधे जोड़ा जाए।
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पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में कुल एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर किए जा चुके हैं: PM @narendramodi
आज़ादी के अनेक दशकों तक किसान और श्रमिक के नाम पर खूब नारे लगे, बड़े-बड़े घोषणापत्र लिखे गए, लेकिन समय की कसौटी ने सिद्ध कर दिया है कि वो सारी बातें कितनी खोखली थी: PM @narendramodi
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किसानों से हमेशा झूठ बोलने वाले कुछ लोग इन दिनों अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से किसानों को भ्रमित करने में लगे हैं। ये लोग अफवाहें फैला रहे हैं: PM @narendramodi
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भाजपा सरकार ने जो काम किया है, अब भाजपा के हर कार्यकर्ता को इन कानूनों की भावना को, बिल्कुल सरल भाषा में किसान साथियों के बीच ले जाना है: PM @narendramodi
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किसानों की तरह ही हमारे यहां दशकों तक देश के श्रमिकों को भी कानून के जाल में उलझाकर रखा गया है।
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जब-जब श्रमिकों ने आवाज़ उठाई, तब-तब उनको कागज पर एक कानून दे दिया गया: PM @narendramodi
ज़रूरत श्रमिकों का जीवन आसान बनाने की थी, लेकिन उनके जीवन को कानूनी दांव-पेंचों में उलझाकर रख दिया गया।
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इस वजह से वो इंसाफ के लिए कोर्ट का रुख करते भी तो बरसों-बरस कचहरी के चक्कर ही काटते रह जाते थे।
अब इस स्थिति को बदल दिया गया है: PM
निर्माण से जुड़े श्रमिकों के लिए एक कानून, खेत से जुड़े श्रमिकों के लिए दूसरा कानून।
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पत्रकारिता से जुड़े कामगारों के लिए एक कानून, फिल्म उद्योग के क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक साथियों के लिए अलग कानून।
ऐसे अनेक कानून थे: PM @narendramodi
नए कानूनों के माध्यम से देश के सभी, करीब 50 करोड़ संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वेतन मिले और समय पर मिले, इसको कानूनी रूप से अनिवार्य कर दिया गया है: PM @narendramodi
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4 Labour Codes के माध्यम से देश के श्रमिक साथियों को दर्जनों कानूनों के कुचक्र से बाहर निकालने का प्रयास किया गया है।
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श्रमिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा, सुविधा और वेतन को लेकर अब कानूनों को सरल बनाया गया है, सहज बनाया गया है: PM @narendramodi
अब IT इंडस्ट्री, होटल, ढाबा, ट्रांसपोर्ट, घरेलू कामगार, असंगठित क्षेत्र के तमाम दूसरे श्रमिकों को भी इसके दायरे में लाया गया है: PM @narendramodi
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अभी तक खनन, बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन वर्कर, स्वीपिंग और क्लीनिंग, मैन्यूफैक्चरिंग, ऐसे कुछ कामों से जुड़े देश के सिर्फ 30% श्रमिकों को ही न्यूनतम वेतन मिलता था: PM @narendramodi
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वहीं एक राज्य से दूसरे राज्य में काम के लिए जाने वाले श्रमिक साथियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और लिए भी इसमें हर ज़रूरी प्रावधान किया गया है: PM @narendramodi
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ऐसे श्रमिकों को रेगुलर कर्मचारी की तरह ही वेतन मिलेगा, वेलफेयर से जुड़ी दूसरी योजनाओं का लाभ मिलेगा और उन्ही की ही तरह काम के घंटे भी फिक्स होंगे: PM @narendramodi
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अभी पूरे देश में न्यूनतम वेतन को लेकर करीब 10 हज़ार अलग-अलग दरें हैं।
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अब नए प्रावधानों से ये 200 के करीब रह जाएंगी।
इसके अलावा अब ठेका मज़दूरी के स्थान पर एक फिक्स्ड टर्म के रोज़गार का भी विकल्प दिया गया है: PM @narendramodi
जो पहले के श्रमिक कानून थे, वो देश की आधी आबादी, हमारी महिला श्रमशक्ति के लिए काफी नहीं थे।
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अब इन नए कानूनों से हमारी बहनों को, बेटियों को, समान मानदेय दिया गया है, उनकी ज्यादा भागीदारी को सुनिश्चित किया गया है: PM @narendramodi
किसानों, श्रमिकों और महिलाओं की ही तरह छोटे-छोटे स्वरोजगार से जुड़े साथियों का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा था, जिसकी सुध कभी नहीं ली गई।
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रेहड़ी, पटरी, फेरी पर काम करने वाले लाखों साथी जो आत्मसम्मान के साथ अपने परिवार भरण-पोषण करते हैं उनके लिए भी पहली बार एक विशेष योजना बनाई गई है: PM
बल्कि इससे रेहड़-पटरी वालों को इस तरह बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा गया है, कि अगर वो अपने छोटे कारोबार को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो बैंक उनको आगे भी ज्यादा लोन दे सके, कम दरों पर कर्ज दे सके: PM @narendramodi
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लाखों रेहड़ी-पटरी वाले साथियों को बैंक से सीधे 10 हज़ार रुपए का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
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ये सिर्फ एकमुश्त ऋण की योजना नहीं है: PM @narendramodi
कोशिश ये है कि आत्मनिर्भरता के व्यापक मिशन से हर कोई जुड़े, सभी को अवसर मिले।
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इसी ध्येय के साथ SC/ST वर्ग के साथियों के लिए जो आरक्षण का प्रावधान है, उसको हमारी सरकार ने पार्लियामेंट में अगले 10 वर्ष के लिए बढ़ाया गया है: PM @narendramodi
गरीब हो, किसान हो, श्रमिक हो, महिलाएं हों, ये सभी आत्मनिर्भर भारत के मज़बूत स्तंभ हैं।
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इसलिए, इनका आत्मसम्मान और आत्मगौरव ही, आत्मनिर्भर भारत की प्राण-शक्ति है और प्रेरणा हैं: PM @narendramodi
हमारा वैचारिक तंत्र और राजनीतिक मंत्र, साफ़ है, गोलमोल नहीं है, हमने उसको जीकर दिखाया है, हम लोगों के लिए राष्ट्र सर्वोपरि, Nation First, यही हमारा मंत्र है: PM @narendramodi
— narendramodi_in (@narendramodi_in) September 25, 2020
इसमें आर्टिकल-370, अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण, जैसे वो वादे भी शामिल हैं, जो दशकों की हमारी तपस्या का भी आधार रहे हैं, ध्येय रहे हैं।
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संकल्प लेकर उसे सिद्ध करने की इस ताकत को हमें बनाए रखना है, ऊर्जावान रखना है: PM @narendramodi
भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में जिस संकल्प पत्र को लेकर आप घर-घर, द्वार-द्वार गए थे, आज जब आप उसको देखेंगे तो आप पाएंगे कि कितनी तेजी से काम किया जा रहा है।
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हर घर जल और हर गांव तक तेज़ इंटरनेट, जैसे अनेक ऐसे संकल्प हैं, जो करोड़ों देशवासियों के जीवन को आसान बनाने वाले हैं: PM
बदलते हुए समय में बहुत कुछ तेजी से बदल रहा है।
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भाजपा के कार्यकर्ता ने इस दौर में जिस तरह की Flexibility और adoptability दिखाई है, वो भी प्रशंसनीय है।
कोरोना काल में भी हमने ये कर दिखाया है: PM @narendramodi
समाज की सेवा में सक्रियता दिखाने के साथ-साथ, दल के रूप में, कार्यकर्ता के रूप में, हमें एक और बात का विशेष ध्यान रखना है।
— narendramodi_in (@narendramodi_in) September 25, 2020
हमारी बातें, हमारे विचार, हमारा आचरण, 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप ही होने चाहिए: PM @narendramodi
हमारे आदर्श, हमारी परंपरा, हमारी प्रेरणा, जितनी प्राचीन है, उतनी ही नवीन भी होनी चाहिए।
— narendramodi_in (@narendramodi_in) September 25, 2020
हम भले ही दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल हों, लेकिन हमारी पहुंच भारत के छोटे से छोटे गांव तक, छोटी से छोटी गली तक होनी ही चाहिए: PM @narendramodi
अगर कोरोना के इस कालखंड की ही बात करें, तो दो गज़ की दूरी, मास्क, हाथ की साफ-सफाई, इन सभी के लिए जागरूकता फैलाना, निरंतर जरूरी है।
— narendramodi_in (@narendramodi_in) September 25, 2020
हमें खुद भी इन नियमों का सख्ती से पालन करना है और दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना है: PM @narendramodi
आज देश वोकल फॉर लोकल के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है।
— narendramodi_in (@narendramodi_in) September 25, 2020
लेकिन ये सिर्फ बातों से ही संभव नहीं होगा।
भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता को भी स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है: PM @narendramodi