Quoteश्री अरबिंदो के सम्मान में स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया
Quote"1893 का वर्ष श्री अरबिंदो, स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के जीवन में एक महत्वपूर्ण वर्ष था"
Quote"जब मोटिवेशन और एक्शन एक साथ मिल जाते हैं, तो असंभव प्रतीत होने वाला लक्ष्य भी अवश्यम्भावी रूप से पूर्ण हो जाता है"
Quote"श्री अरबिंदो का जीवन 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' का प्रतिबिंब है"
Quote"काशी तमिल संगमम् इस बात का एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे भारत अपनी संस्कृति और परंपराओं के माध्यम से देश को एक सूत्र में बांधता है"
Quote"हम 'इंडिया फर्स्ट' के मंत्र के साथ काम कर रहे हैं और पूरी दुनिया के सामने अपनी विरासत को गर्व के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं"
Quote"भारत मानव सभ्यता का सबसे परिष्कृत विचार है, मानवता का सबसे स्वाभाविक स्वर है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में पुडुचेरी के कंबन कलई संगम में आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से श्री अरबिंदो के 150वीं जयंती समारोह को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने श्री अरबिंदो के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और एक डाक टिकट भी जारी किया।

प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती के अवसर के महत्व को रेखांकित किया जिसे पूरे वर्ष बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता रहेगा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्र एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी करके श्री अरबिंदो को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्र द्वारा ऐसे प्रयासों से भारत के संकल्पों को नई ऊर्जा और शक्ति मिलेगी।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कई बड़े आयोजन एक साथ होते हैं तो अक्सर उनके पीछे 'योग-शक्ति' यानी एक सामूहिक और एकजुट करने वाली शक्ति होती है। प्रधानमंत्री ने कई महान हस्तियों का स्मरण किया जिन्होंने न केवल स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया बल्कि राष्ट्र की आत्मा को भी नया जीवन दिया। श्री मोदी ने कहा की उनमें से तीन व्यक्तित्व, श्री अरबिंदो, स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के जीवन में एक ही समय में कई महान घटनाएं हुईं। इन घटनाओं ने न केवल इन हस्तियों के जीवन को बदला बल्कि राष्ट्रीय जीवन में भी दूरगामी परिवर्तन हुए। प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्ष 1893 में श्री अरबिंदो भारत लौट आए और उसी वर्ष स्वामी विवेकानंद विश्व धर्म संसद में अपना प्रतिष्ठित भाषण देने के लिए अमेरिका गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जी उसी वर्ष दक्षिण अफ्रीका गए, जहां से उनके महात्मा गांधी बनने की यात्रा की शुरुआत हुई। उन्होंने उल्लेख किया कि वर्तमान समय में भारत एक ऐसे ही अनकों संयोंगों का साक्षी बन रहा है, जब देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहा है और अमृत काल की अपनी यात्रा शुरू कर रहा है क्योंकि हम श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती और नेताजी सुभाष की 125वीं जयंती माना रहे हैं। "जब मोटिवेशन और एक्शन एक साथ मिल जाते हैं, तो असंभव प्रतीत होने वाला लक्ष्य भी अवश्यम्भावी रूप से पूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि आज अमृत काल में देश की सफलताएं और सबका प्रयास का संकल्प इसका प्रमाण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री अरबिंदो का जीवन 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' का प्रतिबिंब है क्योंकि उनका जन्म बंगाल में हुआ था और वे गुजराती, बंगाली, मराठी, हिंदी और संस्कृत सहित कई भाषाओं को जानते थे। उन्होंने अपना अधिकांश जीवन गुजरात एवं पुडुचेरी में व्यतीत किया और जहां भी गए उन्होंने अपनी गहरी छाप छोड़ी। प्रधानमंत्री ने श्री अरबिंदो की शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए टिप्पणी की कि जब हम अपनी परंपराओं और संस्कृति के बारे में जागरूक होते हैं और उनके माध्यम से जीना शुरू करते हैं तो यह वह क्षण होता है जब हमारी विविधता हमारे जीवन का एक स्वाभाविक उत्सव बन जाती है। श्री मोदी ने कहा, “यह आजादी के अमृत काल के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा का स्रोत है। एक भारत श्रेष्ठ भारत को समझाने के लिए इससे बेहतर कोई और तरीका नहीं है।”

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प्रधानमंत्री ने काशी तमिल संगमम् में भाग लेने के अवसर का स्मरण किया। श्री मोदी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह अद्भुत घटना इस बात का एक बड़ा उदाहरण है कि भारत अपनी संस्कृति और परंपराओं के माध्यम से देश को एक सूत्र में कैसे बांधता है। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम् ने दिखाया कि आज का युवा भाषा और पहनावे के आधार पर भेद करने वाली राजनीति को पीछे छोड़कर एक भारत, श्रेष्ठ भारत की राजनीति को अपना रहा है। उन्होंने कहा कि आज आजादी का अमृत महोत्सव और अमृत काल में हमें काशी तमिल संगमम् की भावना का विस्तार करना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री अरबिंदो एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिनके जीवन में आधुनिक वैज्ञानिक सोच, राजनीतिक विद्रोह और साथ ही परमात्मा की भावना भी थी। प्रधानमंत्री ने बंगाल विभाजन के दौरान उनके 'कोई समझौता नहीं' के नारे का स्म्मरण किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी वैचारिक स्पष्टता, सांस्कृतिक शक्ति और देशभक्ति ने उन्हें उस समय के स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक आदर्श व्यक्ति बना दिया था। श्री मोदी ने कहा कि श्री अरबिंदो के जीवन की दार्शनिक और आध्यात्मिक गहराई को देखेंगे तो वह आपको उतने ही गंभीर और मनस्वी ऋषि नजर आएंगे। उन्होंने उपनिषदों में समाज सेवा का तत्व जोड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम बिना किसी हीन भावना के विकसित भारत की अपनी यात्रा में सभी विचारों को अपना रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि हम 'इंडिया फर्स्ट' के मंत्र के साथ काम कर रहे हैं और पूरी दुनिया के सामने अपनी विरासत को गर्व के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं।

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प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह श्री अरबिंदो का जीवन है जो भारत की एक और शक्ति का प्रतीक है, जो पंच प्रण में से एक- "गुलामी की मानसिकता से मुक्ति" है। उन्होंने आगे कहा कि भारी पश्चिमी प्रभाव के बावजूद, श्री अरबिंदो जब भारत लौटे तो जेल में अपने व्यतीत किए गए समय के दौरान वे गीता के संपर्क में आए और वे भारतीय संस्कृति की सबसे तेज आवाज के रूप में उभरे। श्री मोदी ने आगे याद करते हुए कहा कि उन्होंने शास्त्रों का अध्ययन किया और रामायण, महाभारत व उपनिषद से लेकर कालिदास, भवभूति और भर्तृहरि तक के ग्रंथों का अनुवाद किया। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी करते हुए कहा, "लोगों ने भारत को श्री अरबिंदो के विचारों में देखा, वही अरबिंदो जिन्हें कभी युवावस्था में भारतीयता से दूर रखा गया था। यह भारत और भारतीयता की असली ताकत है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत वह अमर बीज है जो विपरीत परिस्थितियों में थोड़ा दबाया जा सकता है, थोड़ा मुरझा सकता है, लेकिन यह मर नहीं सकता।" श्री मोदी ने समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास पर टिप्पणी करते हुए कहा, "भारत मानव सभ्यता का सबसे परिष्कृत विचार, मानवता का सबसे स्वाभाविक स्वर है।'' भारत की सांस्कृतिक अमरता के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "महर्षि अरबिंदो के समय में भी भारत अमर था, और यह आजादी के अमृत काल में आज भी अमर है।" प्रधानमंत्री ने आज की दुनिया के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों पर ध्यान देते हुए अपने संबोधन का समापन किया। श्री मोदी ने इन चुनौतियों पर काबू पाने में भारत की भूमिका के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने अंत में कहा, "इसलिए हमें महर्षि अरबिंदो से प्रेरणा लेकर खुद को तैयार करना होगा और सबका प्रयास से एक विकसित भारत बनाना होगा।

पृष्ठभूमि

श्री अरबिंदो का जन्म 15 अगस्त 1872 को हुआ था। वे एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अतुलनीय योगदान दिया। आजादी का अमृत महोत्सव- आजादी के 75 वर्षों के अवसर पर भारत के लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का उत्सव मनाने का एक प्रयास है, जिसके अंतर्गत देश भर में वर्ष भर की गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन करके श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती मनायी जा रही है।

 

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  • Aman Kumar February 18, 2023

    Good job sir, you also have to do something for coin collectors.
  • CHANDRA KUMAR December 23, 2022

    भारत जोड़ो यात्रा, एक हुडदंग से ज्यादा कुछ भी नहीं है। कांग्रेस पार्टी अपनी बची हुई जमा पूंजी दांव पर लगा चुकी है। बीजेपी सेल्फ गोल करने के लिए बैचेन लग रहा है। भाई , उसने भारत जोड़ो यात्रा किया, आप धर्म जोड़ो (हिंदू सिख बौद्ध जैन आदिवासी देवता आदि) यात्रा का आयोजन कीजिए, परिवार जोड़ो यात्रा का आयोजन कीजिए। आप बेवजह एक हारे हुए व्यक्ति को क्यों हराना चाहते हैं, आपको मालूम होना चाहिए की जब आप एक हिंसक व्यक्ति को मारेंगे, तब सब कोई आपके साथ होगा, लेकिन जब आप एक निहत्थे आदमी को मारेंगे, तब कोई आपके साथ नहीं होगा। सबकी सहानुभूति निहत्थे व्यक्ति के साथ होगा। बीजेपी क्या चाहती है की भारतीय जनता राहुल गांधी को अगला महात्मा गांधी मान ले। यदि नहीं, तो राहुल गांधी पर अभी हमला मत कीजिए। राहुल गांधी अभी पदयात्रा कर रहा है। जनता को उससे अभी सहानुभूति है। थोड़ा इंतजार कीजिए, एक वर्ष बाद लोकसभा चुनाव है, तब तक भारतीय जनता भूल जायेगी, की राहुल गांधी ने पदयात्रा भी किया था। लेकिन यदि बीजेपी ने राहुल गांधी को परेशान किया, तो पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तरह, 2024 का लोकसभा चुनाव भी हारेगी। यह अच्छा हुआ कि कांग्रेस पार्टी का पदयात्रा 2023 में खत्म हो जायेगा, अन्यथा यदि यह पदयात्रा 2024 तक जारी रहता तो बीजेपी के खिलाफ भी माहौल बन सकता था। राहुल गांधी भुला हुआ कल है, उन्हें याद करने लायक मत बनाइए। राहुल गांधि का विरोध बंद कीजिए। अन्यथा राहुल गांधी, महात्मा गांधी बन जायेगा, यदि आप गोडसे बनने का कोशिश किए। राहुल गांधी को बस नजरंदाज कीजिए, वह कोई भी बयान दे, उस पर ध्यान मत दीजिए। तब भारतीय मीडिया और भारतीय जनता भी , उस पर ध्यान नहीं देगी। जब राहुल गांधी की पदयात्रा, भारत जोड़ो यात्रा, खत्म हो जाए, तब मालूम कीजिए, की इस तूफान ने बीजेपी के वोट बैंक का कितना नुकसान किया। फिर उस नुकसान के भरपाई का उपाय , उसी अनुसार से खोजिएगा।
  • Jayakumar G December 22, 2022

    jai Kisan💐💐💐💐💐💐
  • RatishTiwari Advocate December 21, 2022

    भारत माता की जय जय जय जय जय
  • DEBASHIS ROY December 20, 2022

    bharat mata ki joy
  • Jayakumar G December 20, 2022

    Jai Bharat 🇮🇳 Jai Shreshtha Bharat🇮🇳 Peace, Power, Tourism, 5G connectivity, Culture, Natural farming, Sports, Potential. Peace, Power, Tourism, 5G connectivity, Culture, Natural farming, Sports, Potential.
  • अनन्त राम मिश्र December 15, 2022

    जय हो
  • Anjaiah Patel Palugula December 14, 2022

    jai SriRam
  • ramrajya December 14, 2022

    Modiji and team Please send a railway audit team to Panvel railway station which is in a pathetic condition from 25 years , nothing has changed till Date . The ticket counter or toilets of places for passengers to sit is not available. Old persons , ladies and children have to stand for hours in the long distance train platforms . Outsides the railway station it is a mess , The cloak rooms where parcels are booked work like they are sleeping most of the time with thier own pace . It’s a disaster in Panvel station for long distance trains .
  • OTC First Year December 14, 2022

    मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती, मेरे देश की धरती। RSS cultivates Nationalism and produces Nationalistic Heros like Narender Bhai Modi as on date and similar more Heros in the past too and promises to produce more and more in the future as well. RSS is BOON for Motherland INDIA.
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