"राष्ट्रपति जी के अभिभाषण में भारत के बढ़ते आत्मविश्वास, आशाजनक भविष्य और लोगों की अपार संभावनाओं पर बल"
"भारत फ्रैजाइल फाइव और पॉलिसी पैरालिसिस के दिनों से निकलकर शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल"
'पिछले 10 साल सरकार के ऐतिहासिक फैसलों के लिए जाने जाएंगे
“सबका साथ, सबका विकास कोई नारा नहीं, मोदी की गारंटी है”
"मोदी 3.0 विकसित भारत की नींव मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का आज जवाब दिया।

सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 75वां गणतंत्र दिवस देश की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण के दौरान भारत के आत्मविश्वास की चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में भारत के उज्ज्वल भविष्य के बारे में विश्वास व्यक्त किया और भारत के नागरिकों की क्षमता को स्वीकार किया। उन्होंने राष्ट्रपति को उनके प्रेरणादायक अभिभाषण के लिए धन्यवाद दिया, जिसने राष्ट्र को विकसित भारत का संकल्प पूरा करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर 'धन्यवाद प्रस्ताव' पर सार्थक चर्चा के लिए सदन के सदस्यों को धन्यवाद भी दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, "राष्ट्रपति जी के अभिभाषण में भारत के बढ़ते आत्मविश्वास, आशाजनक भविष्य और लोगों की अपार संभावनाओं पर बल दिया गया।"

सदन के माहौल पर प्रधानमंत्री ने कहा, “विपक्ष मेरी आवाज नहीं दबा सकता, क्योंकि इस आवाज को देश की जनता ने ताकत दी है।” प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक वित्त के रिसाव, 'फ्रैजाइल फाइव' और 'पॉलिसी पैरालिसिस' के समय को याद किया और कहा कि वर्तमान सरकार ने देश को पहले की अव्यवस्था से बाहर लाने के लिए बहुत सोच-समझकर काम किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “कांग्रेस सरकार के 10 साल के शासन के दौरान, पूरी दुनिया ने भारत के लिए ‘फ्रैजाइल फाइव’ और पॉलिसी पैरालिसिस जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया और हमारे 10 वर्षों में - शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में से एक। दुनिया आज हमारे बारे में इसी तरह बात करती है”।

प्रधानमंत्री ने औपनिवेशिक मानसिकता के निशान दूर करने के सरकार के प्रयास पर भी जोर दिया, जिन्हें पिछली सरकारों ने नजरअंदाज कर दिया था। उन्होंने रक्षा बलों के लिए नई पताका, कर्तव्य पथ, अंडमान द्वीप समूह का नया नामकरण, औपनिवेशिक कानूनों का उन्मूलन और भारतीय भाषा को बढ़ावा देना और ऐसे अनेक अन्य कदम सूचीबद्ध किए। प्रधानमंत्री ने स्वदेशी उत्पादों, परंपराओं और स्थानीय मूल्यों को लेकर अतीत की हीन भावना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस सब पर अब गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है।

चार सबसे महत्वपूर्ण जातियों नारी शक्ति, युवा शक्ति, गरीब और अन्नदाता के बारे में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत के इन चार प्रमुख स्तंभों के विकास और प्रगति से देश विकसित होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हम 2047 तक विकसित भारत हासिल करना चाहते हैं तो 20वीं सदी का दृष्टिकोण काम नहीं करेगा।

प्रधानमंत्री ने एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के अधिकारों और विकास की भी बात की और कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से यह सुनिश्चित हुआ कि इन समुदायों को जम्मू और कश्मीर में देश के बाकी हिस्सों के समान अधिकार मिले। इसी प्रकार, राज्य में वन अधिकार कानून, अत्याचार निवारण कानून और बाल्मीकि समुदाय के लिए आवास अधिकार भी निरस्त होने के बाद ही लागू किए गए थे। उन्होंने राज्य के स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए विधेयक पारित होने का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने बाबा साहब के सम्मान में उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया और आदिवासी महिला के देश का राष्ट्रपति बनने की ओर भी इशारा किया। गरीबों के कल्याण के लिए सरकार की नीतियों के बारे में, प्रधानमंत्री मोदी ने एससी, एसटी, ओबीसी और जनजातीय समुदायों के विकास को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। उन्होंने इन समुदायों को सशक्त बनाने के लिए पक्के मकान, स्वास्थ्य में सुधार के लिए स्वच्छता अभियान, उज्ज्वला गैस योजना, मुफ्त राशन और आयुष्मान योजना का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले 10 वर्षों में, एससी और एसटी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति में वृद्धि की गई है, स्कूल में नाम लिखाने वालों की संख्या बढ़ी है, बीच में ही पढ़ाई छोड़ देने वाले छात्रों की दर में काफी कमी आई है, एक नए केन्द्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है जिससे इनकी संख्या 1 से 2 हो गई है और एकलव्य मॉडल स्कूलों की संख्या 120 से बढ़कर 400 हो गई है। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा में एससी छात्रों का नामांकन 44 प्रतिशत, एसटी छात्रों का नामांकन 65 प्रतिशत और ओबीसी नामांकन 45 प्रतिशत बढ़ा है।

श्री मोदी ने कहा, "सबका साथ, सबका विकास सिर्फ एक नारा नहीं, मोदी की गारंटी है।" प्रधानमंत्री ने भ्रामक वर्णन के आधार पर निराशा का माहौल फैलाने के प्रति आगाह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ और उनके विचार और सपने स्वतंत्र हैं जिनमें देश में औपनिवेशिक मानसिकता के लिए कोई स्थान नहीं है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की पहले की गड़बड़ी के विपरीत, अब बीएसएनएल जैसे उद्यम 4जी और 5जी को आगे बढ़ा रहे हैं, एचएएल रिकॉर्ड विनिर्माण कर रहा है और एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर फैक्टरी एचएएल कर्नाटक में है। एलआईसी भी रिकॉर्ड शेयर कीमतों के साथ फल-फूल रही है। पीएम मोदी ने सदन को बताया कि देश में सार्वजनिक उपक्रमों की संख्या 2014 में 234 से बढ़कर आज 254 हो गई है और उनमें से ज्यादातर निवेशकों का ध्यान आकर्षित करते हुए रिकॉर्ड रिटर्न दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश में पीएसयू इंडेक्स में पिछले साल के अंदर दोगुनी बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले 10 वर्षों में, पीएसयू का शुद्ध लाभ 2004 और 2014 के बीच 1.25 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.50 लाख करोड़ रुपये हो गया, और पीएसयू का शुद्ध मूल्य 9.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 17 लाख करोड़ रुपये हो गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह क्षेत्रीय आकांक्षाओं को अच्छी तरह से समझते हैं क्योंकि वह एक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में इस प्रक्रिया से गुजर चुके हैं। पीएम मोदी ने 'देश के विकास के लिए राज्यों के विकास' का मंत्र दोहराया. उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्यों के विकास के लिए केन्द्र की ओर से पूरा सहयोग दिया जायेगा। राज्यों के बीच विकास के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के महत्व पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद का आह्वान किया।

जीवन में एक बार आने वाली कोविड महामारी की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए, पीएम मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ 20 बैठकों की अध्यक्षता को याद किया और चुनौती से निपटने के लिए पूरी मशीनरी को श्रेय दिया।

उन्होंने जी20 के प्रदर्शन और गौरव को सभी राज्यों में फैलाने का भी उल्लेख किया क्योंकि पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। उन्होंने विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को विभिन्न राज्यों में ले जाने की अपनी कार्य प्रणाली की भी जानकारी दी।

राज्यों की भूमिका को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता का श्रेय राज्यों को दिया। उन्होंने कहा, "हमारे कार्यक्रम का डिज़ाइन राज्यों को साथ लेकर चलता है और यह राष्ट्रों को सामूहिक रूप से आगे ले जाने के लिए है।"

राष्ट्र के कामकाज की तुलना मानव शरीर के कामकाज से करते हुए, प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भले ही एक राज्य वंचित और अविकसित रहता है, लेकिन राष्ट्र को उसी तरह विकसित नहीं माना जा सकता है जैसे शरीर का एक गैर-कार्यशील अंग पूरे शरीर को प्रभावित करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की नीतियों की दिशा सभी के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने और जीवन स्तर को ऊपर उठाने की है। उन्होंने कहा, आने वाले दिनों में हमारा ध्यान जीवन को सुगम बनाने से आगे बढ़कर जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने पर होगा। उन्होंने नव-मध्यम वर्ग को नए अवसर प्रदान करने के अपने संकल्प पर जोर दिया जो अभी-अभी गरीबी से बाहर आया है। उन्होंने कहा, "हम सामाजिक न्याय के 'मोदी कवच' को और ताकत प्रदान करेंगे।"

गरीबी से बाहर निकले लोगों के लिए सरकार के समर्थन पर प्रकाश डालते हुए, श्री मोदी ने घोषणा की कि मुफ्त राशन योजना, आयुष्मान योजना, दवाओं पर 80 प्रतिशत की छूट, किसानों के लिए पीएम सम्मान निधि, गरीबों के लिए पक्के घर, नल के पानी के कनेक्शन और नए निर्माण शौचालय निर्माण का कार्य तीव्र गति से जारी रहेगा। उन्होंने कहा, "मोदी 3.0 विकसित भारत की नींव मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 5 वर्षों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे में प्रगति जारी रहेगी और बीमारी का इलाज अधिक किफायती होगा, हर घर में पाइप से पानी पहुंचेगा, पीएम आवास की सम्‍पूर्णता हासिल की जाएगी, सौर ऊर्जा के कारण करोड़ों घरों का बिजली बिल शून्य हो जाएगा, पूरे देश में पाइपलाइन से रसोई गैस, स्टार्टअप बढ़ेंगे, पेटेंट फाइलिंग नए रिकॉर्ड तोड़ेगी। पीएम मोदी ने सदन को आश्वासन दिया कि अगले 5 वर्षों में दुनिया हर अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भारतीय युवाओं की क्षमता देखेगी, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली बदल जाएगी, आत्मनिर्भर भारत अभियान नई ऊंचाई हासिल करेगा, दुनिया में मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स का बोलबाला होगा और देश अन्‍य देशों पर ऊर्जा निर्भरता कम करने की दिशा में काम करेगा। उन्होंने हरित हाइड्रोजन और इथेनॉल मिश्रण पर जोर देने का भी उल्लेख किया। पीएम मोदी ने खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के भारत के विश्वास की भी पुष्टि की।

अगले 5 वर्षों की कल्पना को जारी रखते हुए, प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती और बाजरा को सुपरफूड के रूप में बढ़ावा देने की बात कही। कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग में नई वृद्धि देखने को मिलेगी। इसी तरह, नैनो यूरिया सहकारी के उपयोग को एक जन आंदोलन के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने मत्स्य पालन और पशुपालन में नए रिकॉर्ड की भी बात की।

प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 5 वर्षों में पर्यटन क्षेत्र को रोजगार का एक बड़ा स्रोत बनने पर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने देश के अनेक राज्यों की अपनी अर्थव्यवस्था को केवल पर्यटन के जरिये चलाने की क्षमता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा, "भारत दुनिया के लिए एक बड़ा पर्यटन स्थल बनने जा रहा है।"

प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया और फिनटेक के क्षेत्र में प्रगति पर भी प्रकाश डाला और कहा कि अगले 5 वर्ष भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक भविष्य प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा, "डिजिटल सेवाएं भारत की प्रगति को आगे बढ़ाएंगी।" प्रधानमंत्री ने कहा, ''मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे वैज्ञानिक हमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।''

जमीनी स्तर की अर्थव्यवस्था में बदलाव के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ''3 करोड़ लखपति दीदियां महिला सशक्तिकरण की नई इबारत लिखेंगी।'' प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा, "2047 तक, भारत अपने स्वर्णिम काल का फिर से अनुभव करेगा।"

अपने संबोधन को समाप्त करते हुए, प्रधानमंत्री ने सदन और देश के सामने तथ्य प्रस्तुत करने का अवसर देने के लिए राज्यसभा के सभापति को धन्यवाद दिया और भारत के राष्ट्रपति को उनके प्रेरणादायक अभिभाषण के लिए भी धन्यवाद दिया।

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Prime Minister remembers the legendary Singer Mohammed Rafi on his 100th birth anniversary
December 24, 2024

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, remembers the legendary Singer Mohammed Rafi Sahab on his 100th birth anniversary. Prime Minister Modi remarked that Mohammed Rafi Sahab was a musical genius whose cultural influence and impact transcends generations.

The Prime Minister posted on X:
"Remembering the legendary Mohammed Rafi Sahab on his 100th birth anniversary. He was a musical genius whose cultural influence and impact transcends generations. Rafi Sahab's songs are admired for their ability to capture different emotions and sentiments. His versatility was extensive as well. May his music keep adding joy in the lives of people!"