"राष्ट्रपति जी के अभिभाषण में भारत के बढ़ते आत्मविश्वास, आशाजनक भविष्य और लोगों की अपार संभावनाओं पर बल"
"भारत फ्रैजाइल फाइव और पॉलिसी पैरालिसिस के दिनों से निकलकर शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल"
'पिछले 10 साल सरकार के ऐतिहासिक फैसलों के लिए जाने जाएंगे
“सबका साथ, सबका विकास कोई नारा नहीं, मोदी की गारंटी है”
"मोदी 3.0 विकसित भारत की नींव मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का आज जवाब दिया।

सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 75वां गणतंत्र दिवस देश की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण के दौरान भारत के आत्मविश्वास की चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में भारत के उज्ज्वल भविष्य के बारे में विश्वास व्यक्त किया और भारत के नागरिकों की क्षमता को स्वीकार किया। उन्होंने राष्ट्रपति को उनके प्रेरणादायक अभिभाषण के लिए धन्यवाद दिया, जिसने राष्ट्र को विकसित भारत का संकल्प पूरा करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर 'धन्यवाद प्रस्ताव' पर सार्थक चर्चा के लिए सदन के सदस्यों को धन्यवाद भी दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, "राष्ट्रपति जी के अभिभाषण में भारत के बढ़ते आत्मविश्वास, आशाजनक भविष्य और लोगों की अपार संभावनाओं पर बल दिया गया।"

सदन के माहौल पर प्रधानमंत्री ने कहा, “विपक्ष मेरी आवाज नहीं दबा सकता, क्योंकि इस आवाज को देश की जनता ने ताकत दी है।” प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक वित्त के रिसाव, 'फ्रैजाइल फाइव' और 'पॉलिसी पैरालिसिस' के समय को याद किया और कहा कि वर्तमान सरकार ने देश को पहले की अव्यवस्था से बाहर लाने के लिए बहुत सोच-समझकर काम किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “कांग्रेस सरकार के 10 साल के शासन के दौरान, पूरी दुनिया ने भारत के लिए ‘फ्रैजाइल फाइव’ और पॉलिसी पैरालिसिस जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया और हमारे 10 वर्षों में - शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में से एक। दुनिया आज हमारे बारे में इसी तरह बात करती है”।

प्रधानमंत्री ने औपनिवेशिक मानसिकता के निशान दूर करने के सरकार के प्रयास पर भी जोर दिया, जिन्हें पिछली सरकारों ने नजरअंदाज कर दिया था। उन्होंने रक्षा बलों के लिए नई पताका, कर्तव्य पथ, अंडमान द्वीप समूह का नया नामकरण, औपनिवेशिक कानूनों का उन्मूलन और भारतीय भाषा को बढ़ावा देना और ऐसे अनेक अन्य कदम सूचीबद्ध किए। प्रधानमंत्री ने स्वदेशी उत्पादों, परंपराओं और स्थानीय मूल्यों को लेकर अतीत की हीन भावना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस सब पर अब गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है।

चार सबसे महत्वपूर्ण जातियों नारी शक्ति, युवा शक्ति, गरीब और अन्नदाता के बारे में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत के इन चार प्रमुख स्तंभों के विकास और प्रगति से देश विकसित होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हम 2047 तक विकसित भारत हासिल करना चाहते हैं तो 20वीं सदी का दृष्टिकोण काम नहीं करेगा।

प्रधानमंत्री ने एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के अधिकारों और विकास की भी बात की और कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से यह सुनिश्चित हुआ कि इन समुदायों को जम्मू और कश्मीर में देश के बाकी हिस्सों के समान अधिकार मिले। इसी प्रकार, राज्य में वन अधिकार कानून, अत्याचार निवारण कानून और बाल्मीकि समुदाय के लिए आवास अधिकार भी निरस्त होने के बाद ही लागू किए गए थे। उन्होंने राज्य के स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए विधेयक पारित होने का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने बाबा साहब के सम्मान में उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया और आदिवासी महिला के देश का राष्ट्रपति बनने की ओर भी इशारा किया। गरीबों के कल्याण के लिए सरकार की नीतियों के बारे में, प्रधानमंत्री मोदी ने एससी, एसटी, ओबीसी और जनजातीय समुदायों के विकास को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। उन्होंने इन समुदायों को सशक्त बनाने के लिए पक्के मकान, स्वास्थ्य में सुधार के लिए स्वच्छता अभियान, उज्ज्वला गैस योजना, मुफ्त राशन और आयुष्मान योजना का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले 10 वर्षों में, एससी और एसटी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति में वृद्धि की गई है, स्कूल में नाम लिखाने वालों की संख्या बढ़ी है, बीच में ही पढ़ाई छोड़ देने वाले छात्रों की दर में काफी कमी आई है, एक नए केन्द्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है जिससे इनकी संख्या 1 से 2 हो गई है और एकलव्य मॉडल स्कूलों की संख्या 120 से बढ़कर 400 हो गई है। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा में एससी छात्रों का नामांकन 44 प्रतिशत, एसटी छात्रों का नामांकन 65 प्रतिशत और ओबीसी नामांकन 45 प्रतिशत बढ़ा है।

श्री मोदी ने कहा, "सबका साथ, सबका विकास सिर्फ एक नारा नहीं, मोदी की गारंटी है।" प्रधानमंत्री ने भ्रामक वर्णन के आधार पर निराशा का माहौल फैलाने के प्रति आगाह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ और उनके विचार और सपने स्वतंत्र हैं जिनमें देश में औपनिवेशिक मानसिकता के लिए कोई स्थान नहीं है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की पहले की गड़बड़ी के विपरीत, अब बीएसएनएल जैसे उद्यम 4जी और 5जी को आगे बढ़ा रहे हैं, एचएएल रिकॉर्ड विनिर्माण कर रहा है और एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर फैक्टरी एचएएल कर्नाटक में है। एलआईसी भी रिकॉर्ड शेयर कीमतों के साथ फल-फूल रही है। पीएम मोदी ने सदन को बताया कि देश में सार्वजनिक उपक्रमों की संख्या 2014 में 234 से बढ़कर आज 254 हो गई है और उनमें से ज्यादातर निवेशकों का ध्यान आकर्षित करते हुए रिकॉर्ड रिटर्न दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश में पीएसयू इंडेक्स में पिछले साल के अंदर दोगुनी बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले 10 वर्षों में, पीएसयू का शुद्ध लाभ 2004 और 2014 के बीच 1.25 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.50 लाख करोड़ रुपये हो गया, और पीएसयू का शुद्ध मूल्य 9.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 17 लाख करोड़ रुपये हो गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह क्षेत्रीय आकांक्षाओं को अच्छी तरह से समझते हैं क्योंकि वह एक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में इस प्रक्रिया से गुजर चुके हैं। पीएम मोदी ने 'देश के विकास के लिए राज्यों के विकास' का मंत्र दोहराया. उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्यों के विकास के लिए केन्द्र की ओर से पूरा सहयोग दिया जायेगा। राज्यों के बीच विकास के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के महत्व पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद का आह्वान किया।

जीवन में एक बार आने वाली कोविड महामारी की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए, पीएम मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ 20 बैठकों की अध्यक्षता को याद किया और चुनौती से निपटने के लिए पूरी मशीनरी को श्रेय दिया।

उन्होंने जी20 के प्रदर्शन और गौरव को सभी राज्यों में फैलाने का भी उल्लेख किया क्योंकि पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। उन्होंने विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को विभिन्न राज्यों में ले जाने की अपनी कार्य प्रणाली की भी जानकारी दी।

राज्यों की भूमिका को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता का श्रेय राज्यों को दिया। उन्होंने कहा, "हमारे कार्यक्रम का डिज़ाइन राज्यों को साथ लेकर चलता है और यह राष्ट्रों को सामूहिक रूप से आगे ले जाने के लिए है।"

राष्ट्र के कामकाज की तुलना मानव शरीर के कामकाज से करते हुए, प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भले ही एक राज्य वंचित और अविकसित रहता है, लेकिन राष्ट्र को उसी तरह विकसित नहीं माना जा सकता है जैसे शरीर का एक गैर-कार्यशील अंग पूरे शरीर को प्रभावित करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की नीतियों की दिशा सभी के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने और जीवन स्तर को ऊपर उठाने की है। उन्होंने कहा, आने वाले दिनों में हमारा ध्यान जीवन को सुगम बनाने से आगे बढ़कर जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने पर होगा। उन्होंने नव-मध्यम वर्ग को नए अवसर प्रदान करने के अपने संकल्प पर जोर दिया जो अभी-अभी गरीबी से बाहर आया है। उन्होंने कहा, "हम सामाजिक न्याय के 'मोदी कवच' को और ताकत प्रदान करेंगे।"

गरीबी से बाहर निकले लोगों के लिए सरकार के समर्थन पर प्रकाश डालते हुए, श्री मोदी ने घोषणा की कि मुफ्त राशन योजना, आयुष्मान योजना, दवाओं पर 80 प्रतिशत की छूट, किसानों के लिए पीएम सम्मान निधि, गरीबों के लिए पक्के घर, नल के पानी के कनेक्शन और नए निर्माण शौचालय निर्माण का कार्य तीव्र गति से जारी रहेगा। उन्होंने कहा, "मोदी 3.0 विकसित भारत की नींव मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 5 वर्षों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे में प्रगति जारी रहेगी और बीमारी का इलाज अधिक किफायती होगा, हर घर में पाइप से पानी पहुंचेगा, पीएम आवास की सम्‍पूर्णता हासिल की जाएगी, सौर ऊर्जा के कारण करोड़ों घरों का बिजली बिल शून्य हो जाएगा, पूरे देश में पाइपलाइन से रसोई गैस, स्टार्टअप बढ़ेंगे, पेटेंट फाइलिंग नए रिकॉर्ड तोड़ेगी। पीएम मोदी ने सदन को आश्वासन दिया कि अगले 5 वर्षों में दुनिया हर अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भारतीय युवाओं की क्षमता देखेगी, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली बदल जाएगी, आत्मनिर्भर भारत अभियान नई ऊंचाई हासिल करेगा, दुनिया में मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स का बोलबाला होगा और देश अन्‍य देशों पर ऊर्जा निर्भरता कम करने की दिशा में काम करेगा। उन्होंने हरित हाइड्रोजन और इथेनॉल मिश्रण पर जोर देने का भी उल्लेख किया। पीएम मोदी ने खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के भारत के विश्वास की भी पुष्टि की।

अगले 5 वर्षों की कल्पना को जारी रखते हुए, प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती और बाजरा को सुपरफूड के रूप में बढ़ावा देने की बात कही। कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग में नई वृद्धि देखने को मिलेगी। इसी तरह, नैनो यूरिया सहकारी के उपयोग को एक जन आंदोलन के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने मत्स्य पालन और पशुपालन में नए रिकॉर्ड की भी बात की।

प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 5 वर्षों में पर्यटन क्षेत्र को रोजगार का एक बड़ा स्रोत बनने पर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने देश के अनेक राज्यों की अपनी अर्थव्यवस्था को केवल पर्यटन के जरिये चलाने की क्षमता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा, "भारत दुनिया के लिए एक बड़ा पर्यटन स्थल बनने जा रहा है।"

प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया और फिनटेक के क्षेत्र में प्रगति पर भी प्रकाश डाला और कहा कि अगले 5 वर्ष भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक भविष्य प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा, "डिजिटल सेवाएं भारत की प्रगति को आगे बढ़ाएंगी।" प्रधानमंत्री ने कहा, ''मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे वैज्ञानिक हमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।''

जमीनी स्तर की अर्थव्यवस्था में बदलाव के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ''3 करोड़ लखपति दीदियां महिला सशक्तिकरण की नई इबारत लिखेंगी।'' प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा, "2047 तक, भारत अपने स्वर्णिम काल का फिर से अनुभव करेगा।"

अपने संबोधन को समाप्त करते हुए, प्रधानमंत्री ने सदन और देश के सामने तथ्य प्रस्तुत करने का अवसर देने के लिए राज्यसभा के सभापति को धन्यवाद दिया और भारत के राष्ट्रपति को उनके प्रेरणादायक अभिभाषण के लिए भी धन्यवाद दिया।

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।