"राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार हमारे रचनाकार समुदाय की प्रतिभा और सकारात्मक बदलाव लाने के उनके जुनून को सम्‍मानित करता है "
"राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार नए युग को उसकी शुरुआत से ही पहचान दे रहा है"
"डिजिटल इंडिया अभियान ने सामग्री निर्माताओं की एक नई दुनिया बनाई है"
"हमारे शिव नटराज हैं, उनके डमरू से महेश्वर सूत्र निकलता है, उनका तांडव लय और सृजन की नींव रखता है"
"युवाओं ने अपने सकारात्मक कार्यों से सरकार से सामग्री निर्माताओं पर ध्यान देने का आग्रह किया है"
“आपने एक विचार बनाया, उसे नया रूप दिया और उसे स्क्रीन पर जीवंत कर दिया, आप इंटरनेट के एमवीपी हैं”
"सामग्री निर्माण से देश के बारे में गलत धारणाओं को सुधारने में मदद मिल सकती है"
“क्या हम ऐसी सामग्री बना सकते हैं जो युवाओं में नशीली दवाओं के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूकता लाए? हम कह सकते हैं- नशीली दवाएं अच्छी नहीं हैं"
"भारत ने अपने पूर्ण लोकतंत्र पर गर्व करते हुए एक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है"
“आप पूरी दुनिया में भारत के डिजिटल दूत हैं, आप वोकल फॉर लोकल के ब्रांड एंबेसडर हैं”
“आइए हम भारत पर एक सृजन अभियान चलाएं और उसमें भारत की कहानियों, संस्कृति, विरासत और परंपराओं को पूरी दुनिया के समक्ष लाएं,
आइए, हम भारत का निर्माण करें, हम विश्‍व का निर्माण करें”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज भारत मंडपम, नई दिल्ली में पहला राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने विजेताओं के साथ संक्षिप्त बातचीत भी की। यह राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार कहानी कहने, सामाजिक बदलाव का वकालत करना, पर्यावरणीय स्थिरता, शिक्षा और गेमिंग सहित अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्टता और उसके प्रभाव को सम्‍मानित करने का एक प्रयास है। इस पुरस्कार की कल्पना रचनात्मकता के जरिए सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक लॉन्चपैड के रूप में की गई है।

 

प्रधानमंत्री ने मौजूद लोगों को संबोधित करते इस अवसर के लिए चुने गए भारत मंडपम स्थल का उल्लेख किया और कहा कि देश के रचनाकार आज उसी स्थान पर एकत्र हुए हैं जहां से विश्व नेताओं ने जी20 शिखर सम्मेलन में भविष्य को दिशा दी थी।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि बदलते समय और नए युग के आगमन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना देश की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि देश आज पहले राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कारों के साथ उस जिम्मेदारी को पूरा कर रहा है। प्रधानमंत्री ने भविष्य का पहले से विश्लेषण करने की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा, "राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार नए युग को उसकी शुरुआत से पहले ही पहचान दे रहे हैं।" उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार आने वाले समय में नये युग को ऊर्जा देकर और युवाओं की रचनात्मकता तथा दैनिक जीवन के पहलुओं के प्रति संवेदनशीलता का सम्मान करते हुए एक मजबूत प्रभाव स्थापित करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार सामग्री रचनाकारों के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत बनेंगे और उनके काम को एक पहचान दिलाएंगे। प्रधानमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और बहुत कम समय में प्रतियोगियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना भी की। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस आयोजन के लिए 2 लाख से अधिक रचनात्मक लोगों का जुड़ाव देश के लिए एक पहचान बना रहा है।

पहली बार ही महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार समारोह होने पर प्रधानमंत्री ने बताया कि भगवान शिव को भाषा, कला और रचनात्मकता के निर्माता के रूप में जाना जाता है। प्रधानमंत्री ने सभी को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “हमारे शिव नटराज हैं, उनके डमरू से महेश्वर सूत्र निकलता है, उनका तांडव लय और सृजन की नींव रखता है।"

प्रधानमंत्री ने आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का भी जश्न मनाया और पुरस्कार पाने वाली महिलाओं को बधाई दी। उन्होंने भारत के रचनात्मक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी पर गर्व जताया। उन्होंने इस अवसर पर सभी महिलाओं को अपनी शुभकामनाएं दीं और गैस सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपये की कटौती के फैसले की भी जानकारी दी, जिस पर उपस्थित लोगों ने खूब तालियां बजाईं।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र की विकास यात्रा पर एक योजना या नीति के गुणक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए पिछले 10 वर्षों में डेटा क्रांति और कम लागत वाले डेटा की उपलब्धता का उल्लेख किया। उन्होंने सामग्री निर्माताओं की नई दुनिया के निर्माण का श्रेय डिजिटल इंडिया अभियान को दिया और इस दिशा में युवाओं के प्रयासों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने युवाओं को बधाई देते हुए और ऐसे पुरस्कारों की शुरुआत का उन्हें श्रेय देते हुए कहा कि युवाओं ने अपने सकारात्मक कार्यों से सरकार से सामग्री निर्माताओं की ओर ध्यान देने का आग्रह किया है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि किसी भी रचनाकार ने कभी भी सामग्री निर्माण से जुड़ा कोई पाठ्यक्रम नहीं किया है क्योंकि ऐसा कोई पाठ्यक्रम अस्तित्व में ही नहीं था फिर भी उन्होंने पढ़ाई से लेकर सामग्री निर्माण तक की अपनी बेहतरीन यात्रा जारी रखी। प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसी प्रतिभा की सामूहिक क्षमता पर ध्यान देने पर जोर देते हुए कहा, "आप अपनी परियोजनाओं के लेखक, निर्देशक, निर्माता और संपादक हैं।" प्रधानमंत्री ने सामग्री निर्माताओं के साहस और दृढ़ संकल्प की सराहना करते हुए कहा, “आपने एक विचार बनाया, उसे नया रूप दिया और उसे पर्दे जीवंत कर दिया। आपने न केवल दुनिया को अपनी क्षमताओं से परिचित कराया है, बल्कि उससे दुनिया को रू-ब-रू भी कराया है।” प्रधानमंत्री ने पूरे भारत में रचनात्मक सामग्री के प्रभाव को स्वीकार किया और कहा, "आप इंटरनेट के एमवीपी हैं।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि सामग्री और रचनात्मकता के बीच सहयोग से जुड़ाव बढ़ता है, सामग्री और डिजिटल का सहयोग बदलाव लाता है, और उद्देश्य के साथ सामग्री निर्माण अपना प्रभाव दिखाता है। श्री मोदी ने सामग्री निर्माताओं से सामग्री के माध्यम से समाज में प्रेरणा लाने का अनुरोध किया और उन्हें लाल किले से महिलाओं के प्रति अनादर का मुद्दा उठाने को याद दिलाया। पीएम ने रचनाकारों से लड़के और लड़कियों का पालन-पोषण करते समय माता-पिता के बीच समानता की भावना को प्रगाढ़ करने के लिए प्रेरक सामग्रियां बनाने का आग्रह किया। उन्होंने सामग्री निर्माताओं को समाज के साथ जुड़ने और इस सोच को हर घर तक ले जाने की बात कही। उन्होंने सामग्री निर्माताओं से भारत की नारी शक्ति की क्षमताओं को प्रदर्शित करने का आग्रह किया और एक मां के अपने दैनिक कार्यों को पूरा करने और ग्रामीण तथा आदिवासी क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों में शामिल करने के विचार दिए। प्रधानमंत्री ने कहा, "सामग्री निर्माण गलत धारणाओं को सुधारने में मदद कर सकता है।"

प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान को एक कभी न खत्म होने वाला प्रयास बताया है। उन्होंने एक बाघ के प्लास्टिक की बोतल उठाते हुए हालिया वीडियो का उल्लेख करते हुए सामग्री निर्माताओं से प्लास्टिक को यहां-वहां नहीं फेंकने के संदेश के साथ इस दिशा में काम करना जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने बच्चों के बीच मानसिक स्वास्थ्य और तनाव के गंभीर मुद्दों पर अधिक जागरूकता पैदा करने और स्थानीय भाषाओं में ही सामग्री निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर एक लघु फिल्म की भी सराहना की जिसे उन्होंने लगभग 15 साल पहले देखी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का भी जिक्र किया जहां उन्हें परीक्षा से पहले बच्चों से जुड़ने और उनकी बातें सुनने का मौका मिलता है। श्री मोदी ने युवाओं पर नशीली दवाओं के नकारात्मक प्रभावों को उजागर करने वाली सामग्री बनाने की सिफारिश की और कहा, "हमें कहना होगा – नशीली दवाएं अच्छी नहीं हैं।"

प्रधानमंत्री ने इस दौरान आगामी लोकसभा चुनावों की ओर ध्यान आकर्षित किया और अगले साल भी सामग्री निर्माताओं से मिलने का भरोसा जताया। पीएम मोदी ने कहा, ''यह मोदी की गारंटी नहीं है, बल्कि भारत के 140 करोड़ नागरिकों की गारंटी है।'' उन्होंने उनसे देश में युवाओं और पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं के बीच जागरूकता पैदा करने का आग्रह किया ताकि उनके मन में यह भावना पैदा हो कि मतदान चुनाव में विजेताओं और हारने वालों की घोषणा करने के लिए ही नहीं किया जाता है, बल्कि इतने बड़े देश के भविष्य को तैयार करने वाली निर्णय लेने की प्रक्रिया का हिस्सा बनने का एक अवसर भी है। उन्होंने कहा कि भले ही कई देश अलग-अलग तरीकों से समृद्ध हुए हों, लेकिन उन्होंने अंततः लोकतंत्र को ही चुना। प्रधानमंत्री ने कहा, ''भारत ने पूर्ण लोकतंत्र पर गर्व करते हुए एक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है।'' उन्होंने युवाओं से अपेक्षाएं और भारत को दुनिया के लिए एक आदर्श बनाने में उनके योगदान के बारे में बताया और सोशल मीडिया के जरिए भारत के दिव्यांगजनों की अंतर्निहित ताकत को सामने लाने की जरूरत पर भी जोर दिया।

दुनिया में भारत के बढ़ते प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने तिरंगे की शक्ति के बारे में बात की जो यूक्रेन से छात्रों को निकालने के दौरान देखी गई थी। भले ही भारत के प्रति दुनिया का माहौल और भावना बदल गई है, लेकिन प्रधानमंत्री ने देश की छवि बदलने पर अधिक ताकत लगाने पर जोर दिया। पीएम मोदी ने अपनी एक विदेश यात्रा के दौरान आमंत्रित देश की सरकार के लिए दुभाषिया के रूप में काम करने वाले एक कंप्यूटर इंजीनियर के साथ अपनी बातचीत को याद किया, जिसने उनसे भारत को सपेरों और जादू-टोने की भूमि होने के बारे में पूछा था। प्रधानमंत्री ने बताया कि भले ही उन दिनों भारत बेहद शक्तिशाली था, लेकिन अब उसकी शक्ति एक कंप्यूटर माउस पर केंद्रित हो गई है जो दुनिया की दिशा तय करता है।

पीएम मोदी ने कहा, “आप पूरी दुनिया में भारत के डिजिटल राजदूत हैं। आप वोकल फॉर लोकल के ब्रांड एंबेसडर हैं।” उन्होंने कल अपनी श्रीनगर यात्रा को याद किया और एक मधुमक्खी पालन उद्यमी के साथ अपनी बातचीत का उल्लेख किया, जिसने डिजिटल इंडिया की शक्ति से एक वैश्विक ब्रांड बनाया।

प्रधानमंत्री ने सामग्री निर्माताओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “आइए, हम भारत पर एक सृजन अभियान चलाएं। आइए, हम भारत की कहानियों, संस्कृति, विरासत और परंपराओं को पूरी दुनिया के सामने लाएं। आइए, हम भारत का निर्माण करें और विश्व का निर्माण करें।” पीएम ने उनसे ऐसी सामग्री बनाने के लिए वैश्विक दर्शकों को शामिल करने का आग्रह किया जो न केवल निर्माता बल्कि देश के लिए भी अधिकतम लाइक्स दिलाए। भारत के प्रति दुनिया की जिज्ञासा को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने सामग्री निर्माताओं से अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश आदि संयुक्त राष्ट्र की भाषाओं में सामग्री तैयार करने का आग्रह किया। श्री मोदी ने एआई के बारे में बिल गेट्स के साथ अपनी नवीनतम बातचीत को याद किया और इंडियाएआई मिशन के लिए कैबिनेट की मंजूरी के बारे में जानकारी दी। भारत के युवाओं और उसकी प्रतिभा को श्रेय देते हुए, प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर मिशन पर भी थोड़ी चर्चा की और विश्वास व्यक्त किया कि भारत जो रास्ता 5जी तकनीक के लिए अपनाया था वही रास्ता सेमीकंडक्टर मिशन के लिए भी अपनाएगा। उन्होंने पड़ोसी देशों से रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए वहां प्रचलित भाषाओं के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों को अपने चल रहे भाषण को कम समय में विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करने और नमो ऐप से तस्वीरें लेने के लिए एआई के उपयोग के बारे में बताया।

 

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सामग्री निर्माताओं की क्षमता राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की ब्रांडिंग को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकती है। उन्होंने रचनात्मकता की ताकत पर प्रकाश डाला और खुदाई से प्राप्त कलाकृतियों की कल्पना करने का उदाहरण दिया जो दर्शकों को इसका अनुभव करने के लिए उसी युग में वापस ले जाने की क्षमता रखते हैं। अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि रचनात्मकता की शक्ति देश के विकास के लिए उत्प्रेरक एजेंट बन गई है। उन्होंने इस अवसर पर सभी को बधाई दी और राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार के निर्णायक मंडल के प्रयासों की भी सराहना की, जिन्होंने कम समय में 2 लाख से अधिक आवेदकों को जांचा-परखा।

इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार में अनुकरणीय सार्वजनिक सहभागिता देखी गई है। पहले दौर में 20 विभिन्न श्रेणियों में 1.5 लाख से अधिक नामांकन प्राप्त हुए थे। इसके बाद, वोटिंग राउंड में विभिन्न पुरस्कार श्रेणियों में डिजिटल रचनाकारों के लिए लगभग 10 लाख वोट डाले गए। इसके बाद, तीन अंतरराष्ट्रीय रचनाकारों सहित 23 विजेताओं का फैसला किया गया। यह जबरदस्त सार्वजनिक जुड़ाव इस बात का प्रमाण है कि पुरस्कार वास्तव में लोगों की पसंद को दर्शाता है।

यह पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ कहानीकार पुरस्कार; डिसरप्टर ऑफ द इयर, वर्ष के सेलिब्रिटी क्रिएटर; ग्रीन चैंपियन पुरस्कार; सामाजिक बदलाव के लिए सर्वश्रेष्ठ क्रिएटर; सर्वाधिक प्रभावशाली कृषि क्रिएटर; वर्ष के सांस्कृतिक राजदूत; अंतर्राष्ट्रीय क्रिएटर पुरस्कार; सर्वश्रेष्ठ यात्रा क्रिएटर पुरस्कार; स्वच्छता राजदूत पुरस्कार; न्यू इंडिया चैंपियन अवार्ड; टेक क्रिएटर अवार्ड; हेरिटेज फैशन आइकन अवार्ड; सर्वाधिक रचनात्मक क्रिएटर (पुरुष एवं महिला); खाद्य श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ क्रिएटर; शिक्षा श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ क्रिएटर; गेमिंग श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ क्रिएटर; सर्वश्रेष्ठ सूक्ष्म क्रिएटर; सर्वश्रेष्ठ नैनो क्रिएटर; सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य एवं फिटनेस क्रिएटर सहित बीस श्रेणियों में प्रदान किया जा रहा है।

 

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