प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के जबलपुर में 12,600 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क, रेल, गैस पाइपलाइन, आवास और स्वच्छ पेयजल जैसे क्षेत्रों की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। श्री मोदी ने रानी दुर्गावती के 500वें जन्म शताब्दी समारोह के अनुरूप जबलपुर में 'वीरांगना रानी दुर्गावती स्मारक और उद्यान' का भूमि पूजन किया। इन परियोजनाओं में इंदौर में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत निर्मित 1000 से अधिक घरों का उद्घाटन; मंडला, जबलपुर और डिंडोरी जिलों में कई जल जीवन मिशन परियोजनाओं की आधारशिला रखना; सिवनी जिले में जल जीवन मिशन परियोजना का लोकार्पण और शिलान्यास; मध्य प्रदेश में सड़क बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 4800 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण; 1850 करोड़ रुपये से अधिक की रेल परियोजनाओं का लोकार्पण; विजयपुर- औरैयां- फूलपुर पाइपलाइन परियोजना; जबलपुर में एक नए बॉटलिंग प्लांट का शिलान्यास; और, मुंबई नागपुर झारसुगुड़ा पाइपलाइन परियोजना के नागपुर जबलपुर सेक्शन (317 किमी.) की आधारशिला रखना शामिल है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर प्रदर्शित प्रदर्शनी का अवलोकन किया और वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
उपस्थित लोगों संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने मां नर्मदा की इस पुण्य भूमि को नमन किया और कहा कि वह जबलपुर को बिल्कुल नए रूप में देख रहे हैं क्योंकि यह शहर जोश, उत्साह और उमंग से भरा हुआ है जो कि शहर की भावना को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कि पूरा देश वीरांगना रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती उत्साह और उमंग के साथ मना रहा है। रानी दुर्गावती गौरव यात्रा के समापन के दौरान प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने उनकी जयंती को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का आह्वान किया था और आज की सभा उसी भावना का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा, "हम भारत के पूर्वजों के प्रति अपना ऋण चुकाने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं।" वीरांगना रानी दुर्गावती स्मारक और उद्यान परियोजना की योजना के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की हर मां और युवा इस स्थल की यात्रा करना चाहेंगे और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह स्थल एक तीर्थस्थल में बदल जाएगा। उन्होंने रेखांकित किया कि रानी दुर्गावती का जीवन हमें दूसरों की भलाई के लिए जीना सिखाता है और मातृभूमि के लिए कुछ कर गुज़रने की प्रेरणा देता है। प्रधानमंत्री ने रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती के अवसर पर संपूर्ण जनजातीय समाज, मध्य प्रदेश की जनता और देश के 140 करोड़ नागरिकों को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने भारत की आजादी के बाद, इस भूमि के पूर्वजों को समुचित जगह नहीं दिए जाने पर अफसोस व्यक्त किया और कहा कि इस भूमि के नायकों को भुला दिया गया।
आज लगभग 12,000 करोड़ रुपये लागत की इस परियोजना के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे किसानों, युवाओं सहित लाखों लोगों के जीवन में बदलाव आएगा। उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र में नए उद्योगों के आगमन से, युवाओं को अब यहां नौकरियां मिलेंगी।”
प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि माताओं और बहनों के लिए रसोई में धुआं मुक्त वातावरण प्रदान करना वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। एक शोध अध्ययन का हवाला देते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि एक धुआं छोड़ने वाला स्टोव 24 घंटे में 400 सिगरेट के बराबर धुआं पैदा करता है। उन्होंने महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की दिशा में पिछली सरकार के प्रयासों के अभाव पर भी अफसोस व्यक्त किया।
उज्ज्वला योजना के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने पहले गैस कनेक्शन लेने में होने वाली दिक्कतों के बारे में याद दिलाया। उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा रक्षाबंधन की त्योहार की अवधि के दौरान गैस की कीमतों में की गई कटौती पर भी प्रकाश डाला। इस कदम से उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए गैस सिलेंडर 400 रुपये सस्ता हो गया। उन्होंने आगामी त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ गैस सिलेंडर की कीमतों में और 100 रुपये की कटौती करने के सरकार के फैसले की जानकारी भी दी। प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले कुछ हफ्तों में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए गैस सिलेंडर की कीमतों में 500 रुपये की कमी की गई है।” राज्य में गैस पाइपलाइन बिछाने का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र सरकार पाइपलाइन के माध्यम से सस्ती रसोई गैस की आपूर्ति करने की दिशा में व्यापक प्रगति कर रही है।
पिछली सरकारों के दौरान हुए घोटालों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि गरीबों के लिए आने वाली धनराशि से भ्रष्ट लोगों की तिजोरियां भरी जा रही थीं। उन्होंने ऑनलाइन जाकर दस साल पहले की उन सुर्खियों को भी देखने का सुझाव दिया जो विभिन्न घोटालों के समाचारों से भरी हुई थीं।
प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि 2014 के बाद वर्तमान सरकार ने भ्रष्ट कार्यप्रणालियों को खत्म करने के लिए ‘स्वच्छता’ अभियान चलाया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिए उन 11 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को सरकारी सूची से हटा दिया गया जो कभी अस्तित्व में ही नहीं थे। 2014 के बाद, मोदी ने यह सुनिश्चित किया कि गरीबों के लिए आवंटित धन को कोई लूट न सके।” उन्होंने भ्रष्ट व्यवस्था को खत्म करने का श्रेय जन धन, आधार और मोबाइल की त्रिशक्ति को दिया। प्रधानमंत्री ने दोहराया, “आज इसी त्रिशक्ति की वजह से 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि गलत हाथों में जाने से बचा ली गई है।” उन्होंने यह भी बताया कि केन्द्र सरकार सिर्फ 500 रुपये में उज्ज्वला सिलेंडर उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, करोड़ों परिवारों को मुफ्त राशन देने के लिए तीन लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, आयुष्मान योजना के तहत देश के लगभग पांच करोड़ परिवारों के मुफ्त इलाज के लिए 70,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, किसानों को सस्ता यूरिया मिलना सुनिश्चित करने के लिए आठ लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, पीएम किसान सम्मान निधि के तहत छोटे किसानों के बैंक खातों में 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की गई है और गरीब परिवारों को पक्के मकान प्रदान करने के लिए चार लाख करोड़ रुपये का खर्च किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इंदौर में गरीब परिवारों को आधुनिक तकनीक से निर्मित 1,000 पक्के मकान मिले हैं।
इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि यह मध्य प्रदेश के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण समय है, प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास में कोई भी अड़चन पिछले दो दशकों की कड़ी मेहनत को बर्बाद कर देगी। 25 वर्ष से कम उम्र के लोगों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है कि उनके बच्चे बड़े होकर आने वाले 25 वर्षों में एक विकसित मध्य प्रदेश के साक्षी बनें। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में मध्य प्रदेश को कृषि निर्यात के मामले में शीर्ष पर पहुंचाया है। उन्होंने औद्योगिक विकास के मामले में इस राज्य के अग्रणी होने के तथ्य पर भी जोर दिया। भारत द्वारा पिछले कुछ वर्षों में रक्षा उत्पादन से संबंधित निर्यात के मामले में कई गुना वृद्धि हासिल करने का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें जबलपुर का बड़ा योगदान है। उन्होंने यहां स्थित रक्षा से संबंधित सामान बनाने वाली चार कारखानों के योगदानों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार अपनी सेना को ‘मेड इन इंडिया’ वाले हथियार उपलब्ध करा रही है और दुनिया में भी भारत के रक्षा सामानों की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा, “इससे मध्य प्रदेश को भी बहुत लाभ होने वाला है, यहां रोजगार के हजारों नए अवसर पैदा होने वाले हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत का आत्मविश्वास नई ऊंचाई पर है। खेल के मैदान से लेकर खेत-खलिहान तक भारत का झंडा लहरा रहा है।'' उन्होंने मौजूदा एशियाई खेलों में भारत के शानदार प्रदर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत का हर युवा यह महसूस करता है कि यह समय भारत का है। उन्होंने रेखांकित किया कि जब युवाओं को ऐसे अवसर मिलते हैं, तो विकसित भारत के निर्माण के प्रति उनके जुनून को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने जी-20 जैसे भव्य वैश्विक आयोजन और भारत के चंद्रयान की सफलता का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी सफलताओं से लोकल के लिए वोकल होने का मंत्र दूर-दूर तक गूंज रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि गांधी जयंती के अवसर पर दिल्ली के एक स्टोर में 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के खादी उत्पाद बेचे गए। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, "स्वदेशी की भावना, देश को आगे ले जाने की भावना आज हर जगह बढ़ रही है।" उन्होंने स्टार्टअप की दुनिया में सफलता हासिल करने में भारत के युवाओं की भूमिका पर भी चर्चा की। 1 अक्टूबर को देश में शुरू किए गए स्वच्छता अभियान के बारे में प्रधानमंत्री ने बताया कि लगभग 9 करोड़ नागरिकों की भागीदारी के साथ 9 लाख से अधिक स्थानों पर स्वच्छता कार्यक्रम चलाए गए। उन्होंने राज्य को स्वच्छता के मामले में शीर्ष पर ले जाने का श्रेय मध्य प्रदेश की जनता को दिया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ऐसे समय में जब देश की उपलब्धियों की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है, तो कुछ राजनीतिक दलों के भारत-विरोधी दृष्टिकोण के विरुद्ध आगाह किया। उन्होंने डिजिटल इंडिया अभियान और भारत के कोविड वैक्सीन के बारे में ऐसे दलों द्वारा उठाए गए सवालों का उदाहरण दिया। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे राजनीतिक दल देश के दुश्मनों की बातों पर यकीन कर लेते हैं और भारतीय सेना पर सवाल उठाने की सीमा तक चले जाते हैं। उन्होंने इन तत्वों द्वारा अमृत महोत्सव समारोह और अमृत सरोवरों के निर्माण की आलोचना पर भी बात की।
श्री मोदी ने आजादी से लेकर सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि तक भारत के जनजातीय समाज की भूमिका पर प्रकाश डाला और दशकों तक शासन करने वालों द्वारा आजादी के बाद से उनकी उपेक्षा का सवाल उठाया। उन्होंने रेखांकित किया कि यह अटल जी की सरकार थी जिसने जनजातीय समाज के कल्याण के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया और बजट आवंटित किया। श्री मोदी ने बताया कि इसके लिए पिछले 9 वर्षों में बजट कई गुना बढ़ाया गया है। उन्होंने भारत में पहली जनजातीय महिला के राष्ट्रपति बनने और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने का भी जिक्र किया। श्री मोदी ने देश के सबसे आधुनिक रेलवे स्टेशनों में से एक का नाम रानी कमलापति के नाम पर रखे जाने, पातालपानी स्टेशन का नाम बदलकर जननायक तांत्याभील रखे जाने और रानी दुर्गावती जी के नाम पर आज भव्य स्मारक बनाने की परियोजना पर भी प्रकाश डाला, जो गोंड समुदाय की प्रेरणास्रोत रही हैं। उन्होंने बताया कि यह संग्रहालय समृद्ध गोंड परंपरा के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से गोंड संस्कृति, इतिहास और कला का प्रदर्शन करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक नेताओं को गोंड पेंटिंग उपहार में देने का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि यह वर्तमान सरकार ही है, जिसने महू सहित दुनिया भर में डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ बनाया है। उन्होंने कुछ सप्ताह पहले सागर में संत रविदास जी के स्मारक स्थल का भूमिपूजन करने का भी स्मरण किया। उन्होंने कहा, "यह सामाजिक सद्भाव और विरासत के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
उन्होंने रेखांकित किया कि भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली पार्टियों ने जनजातीय समाज के संसाधनों को लूटा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 से पहले केवल 8 से 10 वन उपजों पर ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिया जाता था, बाकी को औने-पौने दाम पर बेच दिया जाता था, जबकि आज करीब 90 वन उपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले जनजातीय और छोटे किसानों द्वारा पैदा किए जाने वाले कोदो-कुटकी जैसे मोटे अनाजों को इतना महत्व नहीं दिया जाता था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जी-20 अतिथियों के लिए भोजन की तैयारी आपके कोदो-कुटकी से की गई थी। उन्होंने कहा, "वर्तमान सरकार श्री अन्न के रूप में कोदो-कुटकी को देश-विदेश के बाजारों तक पहुंचाना चाहती है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, ''डबल इंजन की सरकार वंचितों को प्राथमिकता देती है।'' गरीबों के स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने आज की परियोजनाओं का उल्लेख किया जहां लगभग 1600 गांवों में पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में उनके अधिकार दिलाने की बात भी की। प्रधानमंत्री ने 13 हजार करोड़ रुपये की पीएम विश्वकर्मा योजना का भी जिक्र किया।
अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने नागरिकों को मध्य प्रदेश को विकास के मामले में शीर्ष स्थान पर ले जाने की मोदी की गारंटी का आश्वासन दिया। उन्होंने अंत में कहा, "मुझे विश्वास है कि मध्य प्रदेश का महाकौशल, मोदी और सरकार के इस संकल्प को मजबूती प्रदान करेगा।"
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई सी. पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती भारत सरकार द्वारा धूमधाम से मनाई जा रही है। प्रधानमंत्री ने जुलाई 2023 में मध्य प्रदेश के शहडोल की अपनी यात्रा के दौरान इस समारोह की घोषणा की थी। उन्होंने इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस के दौरान लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए इस घोषणा को दोहराया था। इन समारोहों के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने 'वीरांगना रानी दुर्गावती स्मारक और उद्यान' का भूमि पूजन किया।
जबलपुर में लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला 'वीरांगना रानी दुर्गावती स्मारक और उद्यान' लगभग 21 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा। इसमें रानी दुर्गावती की 52 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा प्रदर्शित की जाएगी। परिसर में रानी दुर्गावती की वीरता और साहस सहित गोंडवाना क्षेत्र के इतिहास को दिखाने वाला एक शानदार संग्रहालय होगा। यह गोंड लोगों और अन्य जनजातीय समुदायों के खान-पान, कला, संस्कृति, रहन-सहन आदि पर भी प्रकाश डालेगा। 'वीरांगना रानी दुर्गावती स्मारक और उद्यान' के परिसर में औषधीय पौधों के लिए एक उद्यान, एक कैक्टस उद्यान और रॉक गार्डन सहित कई पार्क एवं उद्यान मौजूद होंगे। रानी दुर्गावती 16वीं शताब्दी के मध्य में गोंडवाना की शासिका थीं। उन्हें एक बहादुर, निडर और साहसी योद्धा के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ी थी।
मध्य प्रदेश के इंदौर में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के उद्घाटन के साथ 'सभी के लिए आवास' प्रदान करने के प्रधानमंत्री के विज़न को मजबूती मिली। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत लगभग 128 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस परियोजना से 1000 से अधिक लाभार्थी परिवारों को फायदा होगा। लेकिन गुणवत्तापूर्ण घर बनाने की इस परियोजना में अभिनव प्रौद्योगिकी, 'पूर्व-तकनीक आधारित इस्पात संरचना प्रणाली के साथ प्रीफैब्रिकेटेड सैंडविच पैनल सिस्टम' का उपयोग किया गया है। इस अभिनव प्रौद्योगिकी से काफी कम समय में सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ आवास निर्मित किये जाते हैं।
प्रत्येक परिवार को नल से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के विज़न को साकार करने की दिशा में एक कदम के रूप में, मंडला, जबलपुर और डिंडोरी जिलों में 2350 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई जल जीवन मिशन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। प्रधानमंत्री ने सिवनी जिले में 100 करोड़ रुपये से अधिक की जल जीवन मिशन परियोजना का लोकार्पण किया। राज्य के चार जिलों की इन परियोजनाओं से मध्य प्रदेश के लगभग 1575 गांवों को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में सड़क अवसंरचना में सुधार के लिए 4800 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने विभिन्न सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिनमें शामिल हैं - एनएच 346 के झरखेड़ा-बैरसिया-ढोलखेड़ी को जोड़ने वाली सड़क का उन्नयन; एनएच 543 के बालाघाट-गोंडिया खंड का चार लेन में उन्नयन; रूढ़ी और देशगांव को जोड़ने वाले खंडवा बाईपास को चार लेन का बनाना; एनएच 47 के टेमागांव से चिचोली खंड को चार लेन का बनाना; बोरेगांव को शाहपुर से जोड़ने वाली सड़क को चार लेन का बनाना और शाहपुर को मुक्ताईनगर से जोड़ने वाली सड़क को चार लेन का बनाना। प्रधानमंत्री ने एनएच 347सी के खलघाट से सरवरदेवला को जोड़ने वाली सड़क के उन्नयन का लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री ने 1850 करोड़ रुपये से अधिक की रेल परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। इनमें कटनी-विजयसोटा (102 किमी) और मारवासग्राम-सिंगरौली (78.50 किमी) को जोड़ने वाली रेल लाइनों का दोहरीकरण शामिल हैं। ये दोनों परियोजनाएं कटनी-सिंगरौली खंड को जोड़ने वाली रेल लाइन के दोहरीकरण की परियोजना का हिस्सा हैं। इन परियोजनाओं से मध्य प्रदेश में रेल अवसंरचना में सुधार होगा, जिससे राज्य में व्यापार और पर्यटन को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने विजयपुर-औरैयां-फूलपुर पाइपलाइन परियोजना का लोकार्पण किया। 352 किमी लंबी पाइपलाइन 1750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित की गई है। प्रधानमंत्री ने मुंबई नागपुर झारसुगुड़ा पाइपलाइन परियोजना के नागपुर जबलपुर खंड (317 किमी) की आधारशिला भी रखी। यह परियोजना 1100 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से पूरी की जायेगी। गैस पाइपलाइन परियोजनाएँ उद्योगों और घरों को स्वच्छ व किफायती प्राकृतिक गैस प्रदान करेंगी और पर्यावरण में उत्सर्जन को कम करने में भी मददगार होंगी। प्रधानमंत्री ने जबलपुर में एक नए बॉटलिंग प्लांट का भी लोकार्पण किया, जो लगभग 147 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है।