"अगर आज दुनिया को लगता है कि भारत एक बड़ा लीप लेने के लिए तैयार है, तो उसके पीछे 10 साल का एक शक्तिशाली लॉन्चपैड है"
"आज 21वीं सदी के भारत ने छोटा सोचना छोड़ दिया है; आज हम जो करते हैं, वो सबसे अच्छा और सबसे बड़ा होता है''
'भारत के लोगों का सरकार और व्यवस्था पर भरोसा बढ़ रहा है'
‘सरकारी कार्यालय आज समस्या नहीं बल्कि देशवासियों के सहयोगी बन रहे हैं'
हमारी सरकार ने गांवों को ध्यान में रखकर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है
"भ्रष्टाचार पर लगाम लगाकर, हमने यह सुनिश्चित किया है कि विकास का लाभ भारत के हर क्षेत्र को समान रूप से दिया जाए"
हम परिपूर्णता के शासन में विश्वास करते हैं, कमी की राजनीति में नहीं"
"हमारी सरकार राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत को सर्वोपरि रखते हुए आगे बढ़ रही है"
"हमें 21वीं सदी के भारत को अपने आने वाले दशकों के लिए आज ही तैयार करना होगा"
"भारत ही भविष्य है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में न्यूज 9 वैश्विक शिखर सम्‍मेलन को संबोधित किया। शिखर सम्मेलन का विषय है –भारत एक बड़ा लीप लेने के लिए तैयार हैं।

उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि टीवी 9 की रिपोर्टिंग टीम भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके बहुभाषी समाचार प्लेटफार्मों ने टीवी 9 को भारत के जीवंत लोकतंत्र का प्रतिनिधि बना दिया है।

प्रधानमंत्री ने इस शिखर सम्मेलन के विषय - 'भारत एक बड़ा लीप लेने के लिए तैयार' पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि एक बड़ी छलांग तभी लगाई जा सकती है जब कोई व्‍यक्ति जुनून और उत्साह से भरा हो। उन्होंने कहा कि यह विषय 10 साल के लॉन्चपैड को देखते हुए भारत के आत्मविश्वास और आकांक्षाओं पर प्रकाश डालता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन 10 वर्षों में मानसिकता, आत्मविश्वास और सुशासन परिवर्तन के प्रमुख कारक रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने भारत की नियति में नागरिकों की केंद्रीयता को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मानसिकता की हार से जीत नहीं मिल सकती, इस आलोक में उन्होंने यह भी कहा कि मानसिकता में बदलाव और भारत ने बड़ी छलांग लगाई है, जो अविश्वसनीय है। श्री मोदी ने अतीत के नेतृत्व द्वारा दिए गए नकारात्मक दृष्टिकोण को स्‍मरण करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार, घोटालों, नीतिगत पंगुता और वंशवाद की राजनीति ने देश की नींव को हिला दिया था। प्रधानमंत्री ने इस स्थिति में हुए बदलाव और भारत के दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि 21वीं सदी के भारत ने छोटा सोचना छोड़ दिया है, आज हम जो करते हैं, वो सबसे अच्छा और सबसे बड़ा होता है। दुनिया आश्‍चर्य चकित है और भारत के साथ आगे बढ़ने का लाभ देख रही है।

वर्ष 2014 से पहले के दस वर्षों की तुलना में पिछले 10 वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 640 बिलियन अमेरिकी डॉलर की रिकॉर्ड वृद्धि, भारत की डिजिटल क्रांति, भारत के कोविड वैक्सीन पर भरोसा और करदाताओं की बढ़ती संख्या का उल्लेख किया। यह सरकार के प्रति लोगों के बढ़ते विश्‍वास का प्रतीक है। देश में म्यूचुअल फंड निवेश के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में लोगों ने 9 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था, जबकि 2024 में इसमें 52 लाख करोड़ रुपये की भारी वृद्धि देखी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे ​​देशवासियों को यह विश्‍वास होता है कि देश मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। उनका स्‍वयं और सरकार के प्रति विश्वास का स्तर बराबर है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की कार्य संस्कृति और शासन इस बदलाव का कारण है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालय आज समस्‍या नहीं बल्कि देशवासियों के सहयोगी बन रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस छलांग के लिए गियर बदलने की जरूरत थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में सरयू नहर परियोजना, सरदार सरोवर योजना और महाराष्ट्र की कृष्णा कोएना परियोजना जैसी काफी अर्से से लंबित परियोजनाओं का उदाहरण दिया जो दशकों से लंबित थीं और सरकार द्वारा पूरी की गईं हैं। प्रधानमंत्री ने अटल सुरंग की ओर ध्यान आकर्षित किया, जिसकी आधारशिला 2002 में रखी गई थी, लेकिन 2014 तक भी पूरी नहीं हुई थी और यह वर्तमान सरकार ही थी जिसने 2020 में इसके उद्घाटन के साथ काम पूरा किया। उन्होंने असम में बोगीबील ब्रिज का उदाहरण भी दिया, जिसका काम 1998 चालू किया गया था, जो आखिरकार 20 साल बाद 2018 में पूरा हुआ। इसी प्रकार ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर काम 2008 में शुरू हुआ लेकिन यह 15 साल बाद 2023 में पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि 2014 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद ऐसी सैकड़ों लंबित परियोजनाओं को पूरा किया गया। प्रधानमंत्री ने प्रगति के तहत बड़ी परियोजनाओं की नियमित निगरानी के प्रभाव के बारे में भी जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में इस व्‍यवस्‍था के तहत 17 लाख करोड़ रुपये लागत की परियोजनाओं की समीक्षा की गई है। प्रधानमंत्री ने कुछ परियोजनाओं का उदाहरण दिया जो बहुत जल्दी पूरी हो गईं, जिनमें अटल सेतु, संसद भवन, जम्मू एम्स, राजकोट एम्स, आईआईएम संबलपुर, त्रिची हवाई अड्डे का नया टर्मिनल, आईआईटी भिलाई, गोवा हवाई अड्डा, लक्षद्वीप तक समुद्र के नीचे केबल, वाराणसी मेंबनास डेयरी, द्वारका सुदर्शन सेतु शामिल हैं। इन सभी परियोजनाओं का शिलान्यास प्रधानमंत्री ने किया और इन्हें राष्ट्र को समर्पित भी किया. उन्होंने कहा, "जब करदाताओं के पैसे के प्रति इच्छाशक्ति और सम्मान होता है, तभी देश आगे बढ़ता है और एक बड़ी छलांग के लिए तैयार होता है।"

प्रधानमंत्री ने केवल एक सप्ताह की गतिविधियों को सूचीबद्ध करने के पैमाने को स्पष्ट किया। उन्होंने 20 फरवरी को आईआईटी, आईआईएम और आईआईआईटी जैसे दर्जनों उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ जम्मू से बड़े पैमाने पर शैक्षिक प्रोत्साहन का उल्लेख किया, 24 फरवरी को उन्होंने राजकोट से 5 एम्‍स का लोकार्पण किया, और 500 से अधिक अमृत स्टेशनों की कायाकल्‍प करने सहित 2000 से अधिक परियोजनाओं को पूरा किया गया। उन्होंने बताया कि आने वाले दो दिनों में तीन राज्यों की यात्रा के दौरान यह सिलसिला जारी रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली, दूसरी और तीसरी क्रांति में हम पिछड़ गए, परन्‍तु अब हमें चौथी क्रांति में दुनिया का नेतृत्व करना है।

उन्होंने देश की प्रगति का विस्‍तृत विवरण देते हुए अपनी बात जारी रखी। उन्होंने रोजाना 2 नए कॉलेज, हर हफ्ते एक नई यूनिवर्सिटी, हर दिन 55 पेटेंट और 600 ट्रेडमार्क, प्रतिदिन 1.5 लाख मुद्रा लोन, रोजाना 37 स्टार्टअप, रोजाना 16 हजार करोड़ रुपए की यूपीआई लेन-देन, प्रतिदिन तीन नए जन औषधि केंद्र खोलने, प्रतिदिन 14 किलोमीटर सड़क का निर्माण, प्रतिदिन 50 हजार एलपीजी कनेक्शन, हर सेकंड एक नल कनेक्शन और प्रतिदिन 75 हजार लोग गरीबी से बाहर आने के आंकड़े प्रस्‍तुत किए।

देश के उपभोग पैटर्न पर अभी हाल की रिपोर्ट का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि गरीबी अब तक के सबसे निचले स्तर पर एकल अंक में पहुंच गई है। आंकड़ों के अनुसार, उन्होंने कहा कि एक दशक पहले की तुलना में खपत 2.5 गुना बढ़ गई है क्योंकि लोगों की विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर खर्च करने की क्षमता बढ़ गई है। “पिछले 10 वर्षों में, गांवों में खपत शहरों की तुलना में कहीं तेज़ दर से बढ़ी है। इसका मतलब है कि गांव के लोगों की आर्थिक शक्ति बेहतर हो रही है, उनके पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने ग्रामीण जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढांचे का विकास किया है जिसके परिणामस्वरूप बेहतर कनेक्टिविटी, रोजगार के नए अवसर और महिलाओं की आय में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे ग्रामीण भारत मजबूत हुआ है। भारत में पहली बार, भोजन व्यय कुल व्यय का 50 प्रतिशत से भी कम हो गया है। यानी, जो परिवार पहले अपनी सारी ऊर्जा भोजन जुटाने में खर्च करता था, आज उसके सदस्य दूसरी चीजों पर पैसा खर्च करने में सक्षम हो गए हैं।

पिछली सरकार द्वारा अपनाई गई वोट बैंक की राजनीति की प्रवृत्ति की ओर इशारा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पिछले 10 वर्षों में भ्रष्टाचार को समाप्त करके और इसके साथ-साथ यह सुनिश्चित करके कि विकास के लाभों को समान रूप से वितरित किया गया है, अभाव की मानसिकता से बाहर निकला है। "हम अभाव की राजनीति के बजाय परिपूर्णता के शासन में विश्वास करते हैं। श्री मोदी ने कहा "हमने तुष्टिकरण के बजाय लोगों की संतुष्टि का रास्ता चुना है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह पिछले एक दशक से सरकार का मंत्र रहा है। उन्‍होंने कहा कि यह ‘सबका साथ सबका विकास’ है और सरकार ने वोट बैंक की राजनीति को कार्य प्रदर्शन की राजनीति में बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने मोदी के गारंटी वाहन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की सरकार घर-घर जाकर लाभार्थियों को सुविधाएं दे रही है। उन्‍होंने कहा कि जब परिपूर्णता एक मिशन बन जाती है, तो किसी भी तरह के भेदभाव की कोई संभावना नहीं रह जाती है।

प्रधानमंत्री ने पुरानी चुनौतियों के समाधान के लिए सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारी सरकार राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत को सबसे ऊपर रखते हुए आगे बढ़ रही है। उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, राम मंदिर के निर्माण, तीन तलाक की समाप्ति, नारी शक्ति वंदन अधिनियम, वन रैंक वन पेंशन और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के सृजन का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ ऐसे सभी अधूरे कार्यों को पूरा किया हैं।

प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के भारत को तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया और तेजी से आगे बढ़ रही योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष से सेमीकंडक्टर, डिजिटल से ड्रोन, एआई से स्वच्छ ऊर्जा, 5जी से फिनटेक तक, भारत आज दुनिया में सबसे आगे पहुंच गया है। उन्होंने वैश्विक दुनिया में डिजिटल भुगतान में सबसे बड़ी ताकतों में से एक, फिनटेक अपनाने की दर में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला देश, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर उतारने वाला पहला देश, अग्रणी देशों में से एक के रूप में भारत की बढ़ती शक्ति पर प्रकाश डाला। सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता में दुनिया, 5जी नेटवर्क के विस्तार में यूरोप को पीछे छोड़ना, सेमीकंडक्टर क्षेत्र में तेजी से प्रगति और हरित हाइड्रोजन जैसे भविष्य के ईंधन पर तेजी से विकास।

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'आज भारत अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। भारत भविष्यवादी है। आज हर कोई कहता है - भारत भविष्य है। उन्होंने अगले 5 वर्षों के महत्व पर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने तीसरे कार्यकाल में भारत की क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के विश्वास की पुष्टि करते हुए यह कामना भी की कि आने वाले 5 वर्ष भारत की विकसित भारत की यात्रा के लिए प्रगति और प्रशंसा के वर्ष साबित हों।

 

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Prime Minister shares Sanskrit Subhashitam emphasising the importance of hard work
December 24, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, shared a Sanskrit Subhashitam-

“यस्य कृत्यं न विघ्नन्ति शीतमुष्णं भयं रतिः।

समृद्धिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते।।"

The Subhashitam conveys that only the one whose work is not hampered by cold or heat, fear or affection, wealth or poverty is called a knowledgeable person.

The Prime Minister wrote on X;

“यस्य कृत्यं न विघ्नन्ति शीतमुष्णं भयं रतिः।

समृद्धिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते।।"