प्रधानमंत्री मोदी ने हुनर हाट का दौरा किया, जिसका आयोजन दिल्ली में इंडिया गेट लॉन में अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। पीएम मोदी ने हुनर हाट में भाग लेने वाले देश भर के कारीगरों, शिल्पकारों और खाने पीने के स्टालों का दौरा किया।
प्रधानमंत्री ने कई कारीगरों से बातचीत की और उनकी कलाकृतियों के लिए उनकी सराहना की। आयोजन में भारत भर के कारीगरों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर कार्यक्रम की कुछ झलकियां साझा कीं और लोगों से हुनर हाट की यात्रा करने का आग्रह किया।
The colours and diversity of India on display...
— Narendra Modi (@narendramodi) February 19, 2020
Spent a wonderful afternoon at #HunarHaat on India Gate. It showcases the best of products including handicrafts, carpets, textiles and of course, delicious food!
Do visit it. pic.twitter.com/7NxOm5ZW4Z
पीएम मोदी ने एक कप चाय के साथ दोपहर के भोजन में 'स्वादिष्ट' लिट्टी चोखा का भी आनंद लिया।
Had tasty Litti Chokha for lunch along with a hot cup of tea... #HunarHaat pic.twitter.com/KGJSNJAyNu
— Narendra Modi (@narendramodi) February 19, 2020
एक कलाकार ने प्रधानमंत्री को पेंटिंग भेंट की जिसमें भारत का नक्शा था और उसमें भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक दिव्यांग कलाकार से भी बातचीत की और उनके चित्रों के बारे में जानकारी ली और उनके प्रयासों की सराहना की।
पीएम मोदी ने हुनर हाट में संगीत में भी हाथ आजमाया। उन्होंने एक स्टाल पर संगीत वाद्ययंत्र बजाया।
Trying my hand at some music in #HunarHaat... pic.twitter.com/LQDV2DWcyO
— Narendra Modi (@narendramodi) February 19, 2020
इंडिया गेट के लॉन में 250 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। साथ ही भाग लेने वाले कारीगरों में से 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री ने हाट में भाग लेने वाले कारीगरों के साथ बातचीत की और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी देखा।
हुनर हाट भारत की स्वदेशी पारंपरिक विरासत को संरक्षित करने और उसे बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस साल के हुनर हाट का विषय 'कौशल को काम' है। पिछले 3 वर्षों में लगभग 3 लाख कारीगरों, शिल्पकारों और खान-पान विशेषज्ञों को हुनर हाट के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। इन लाभार्थियों में बड़ी संख्या में महिला कारीगर शामिल हैं।