कोच्चि वाटर मेट्रो राष्ट्र को समर्पित की
तिरुवनंतपुरम में विभिन्न रेल परियोजनाओं तथा डिजिटल साइंस पार्क की आधारशिला रखी
“केरल की पहली वंदेभारत एक्सप्रेस, कोच्चि में वाटर मेट्रो तथा आज लॉन्च की गई अन्य पहलें राज्य की विकास यात्रा को आगे बढ़ाएंगी”
“केरल के लोगों का कठिन परिश्रम और विनम्रता उन्हें अनूठी पहचान देती है”
“भारत वैश्विक मानचित्र पर ब्राइट स्पॉट है”
“सरकार का फोकस सहकारी संघवाद पर है और सरकार राज्यों के विकास को देश के विकास का स्रोत मानती है”
“भारत अप्रत्याशित गति और पैमाने पर प्रगति कर रहा है”
कनेक्टिविटी की दिशा में निवेश न केवल सेवाओं का दायरा बढ़ाएगा, बल्कि दूरी कम करेगा और जाति तथा नस्ल और गरीब तथा अमीर के बीच भेद-भाव किए बिना विभिन्न संस्कृतियों का जोड़ेगा
“जी20 बैठकें और कार्यक्रम केरल को वैश्विक पहचान दे रहे हैं”
“केरल की संस्कृति, खान-पान और जलवायु में समृद्धि अंतर्निहित है”
“मन की बात की 100वीं कड़ी राष्ट्र निर्माण के लिए देशवासियों के प्रयासों तथा एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के प्रति समर्पित है”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज केरल में तिरुवनंतपुरम के सेंट्रल स्टेडियम में 3200 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया। इन परियोजनाओं में कोच्चि वाटर मेट्रों को राष्ट्र को समर्पित करना, विभिन्न रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखना और तिरुवनंतपुरम में डिजिटल साइंस पार्क शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने इससे पहले तिरुवनंतपुरम और कसरगोड़ के बीच केरल की पहली वंदेभारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया।

समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विशु के लिए लोगों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने आज की परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि केरल के विकास और कनेक्टिविटी से जुड़ी आज लॉन्च की गई विभिन्न परियोजनाओं में राज्यों की पहली वंदेभारत एक्सप्रेस, कोच्चि की पहली वाटर मेट्रो और विभिन्न रेल विकास परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने इन विकास परियोजनाओं के लिए केरल के लोगों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने केरल की शिक्षा और जागरुकता की चर्चा करते हुए कहा कि केरल के लोगों का कठिन परिश्रम और उनकी विनम्रता उन्हें अनूठी पहचान देती है। उन्होंने कहा कि केरल के लोग वैश्विक परिदृश्य को समझने में सक्षम हैं और वे इस बात की सराहना कर सकते हैं कि कैसे कठिन समय के बीच भारत को विकास का एक का वाइब्रेंट स्पॉट माना जा रहा है और भारत के विकास के वादे को विश्व स्तर पर स्वीकार किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने भारत के प्रति विश्व के विश्वास का श्रेय केंद्र की निर्णायक सरकार को दिया जो देश के कल्याण के लिए त्वरित और दृढ़ निर्णय लेती है, भारत की आधारभूत संरचना को मजबूत और आधुनिक बनाने में किए गए अभूतपूर्व निवेश, युवाओं के कौशल को आगे बढ़ाने में किए गए निवेश और अंततः जीवन में सहजता (ईज ऑफ लिविंग) और व्यवसाय की सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस सहकारी संघवाद पर है और सरकार राज्यों के विकास को देश का विकास मानती है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम एक सेवा उन्मुख दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं। देश तेज गति से तभी प्रगति कर सकता है, जब केरल प्रगति करे।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के बढ़ते कद का एक कारण केंद्र सरकार का आउटरिच प्रयास है, जिन्होंने विदेशों में रहने वाले केरल के लोगों को लाभान्वित किया है। भारत की बढ़ती शक्ति, विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय की बड़े स्तर पर सहायता कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में कनेक्टिविटी अवसंरचना का काम अभूतपूर्व गति और पैमाने पर किया गया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के बजट में भी आधारभूत संरचना पर 10 लाख करोड़ से अधिक खर्च करने का प्रस्ताव है। प्रधानंत्री ने कहा-“देश में सार्वजनिक परिवहन तथा लॉजिस्टिक क्षेत्र को पूरी तरह से बदला जा रहा है। हम भारतीय रेल की स्वर्ण युग की ओर बढ़ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि 2014 के पहले का जो रेल बजट था उसमें पांच गुणा वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री ने केरल में पिछले नौ वर्षों में रेलवे के विकास पर किए गए कार्यों में गेज परिवर्तन, दोहरीकरण तथा रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि केरल में तीन प्रमुख रेल स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य मल्टीमोडल परिवहन केंद्र बनाने के विजन के साथ आज प्रारंभ किया गया है। “वंदेभारत एक्सप्रेस आकांक्षी भारत की पहचान है।” उन्होंने भारत में रेल नेटवर्क को बदलने का उल्लेख किया, जिससे सेमी हाइ स्पीड ट्रेनों का सहज ढंग से चलना संभव हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक चलाई गई वंदेभारत ट्रेनें सांस्कृतिक, आध्यात्मिक तथा पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ रही हैं। उन्होंने कहा, “केरल की पहली वंदेभारत ट्रेन उत्तर केरल को दक्षिण केरल से जोड़ेगी। यह ट्रेन कोल्लम, कोट्टयम्, एर्नाकुलम, थ्रिशूर तथा कन्नूर जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा को सहज बनाएगी।” उन्होंने ट्रेन के पर्यावरणीय लाभ की भी बात की। प्रधानमंत्री ने बताया कि आज प्रारंभ किया गया कार्य सेमी हाइ स्पीड ट्रेंनों के लिए तिरुवनंतपुरम-शोरानुर सेक्शन को तैयार करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके पूरा होने पर तिरुवनंतपुरम से मंगलूरू के बीच सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाना संभव होगा।

प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताया कि अवसंरचना के संबंध में लोग स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार मेड इन इंडिया समाधानों को उपलब्ध करने का प्रयास है। उन्होंने सेमी हाइब्रिड ट्रेन, रिजिनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम, रो-रो फेरी तथा रोपवे जैसे समाधानों को कनेक्टिवटी के लिए स्थिति विशेष समाधान बताया। उन्होंने मेड इन इंडिया वंदेभारत तथा मेट्रो कोचों को स्वदेशी उद्भव के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने छोटे शहरों में मेट्रो-लाइट तथा अर्बन रोपवेज जैसी परियोजनाओं का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोच्चि वाटर मेट्रो मेड इन इंडिया परियोजना है और उन्होंने इसके लिए बंदरगाहों के विकास के लिए कोच्चि शिपयार्ड को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कोच्चि वाटर मेट्रो कोच्चि के निकट छोटे द्वीपों में रह रहे लोगों को आधुनिक सस्ती परिवहन सुविधा देगी, जबकि बस टर्मिनल और मेट्रो नेटवर्क के बीच इंटरमोडल कनेक्टिविटी प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शहरों में यातायात भीड़-भाड़ को कम करने के अलावा बैक वाटर पर्यटन को लाभान्वित करेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कोच्चि वाटर मेट्रो देश में अन्य राज्यों के लिए आदर्श बनेगी।

श्री मोदी ने दोहराया कि भौतिक कनेक्टिविटी के साथ-साथ देश की प्राथमिकता डिजिटल कनेक्टिविटी भी है। उन्होंने कहा कि तिरुवनंतपुरम में डिजिटल साइंस पार्क जैसी परियोजनाएं डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देंगी। उन्होंने भारत की डिजिटल प्रणाली के प्रति विश्व की सराहना का उल्लेख किया और कहा, “स्वदेश में विकसित 5जी इस क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करेगी।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि कनेक्टिविटी की दिशा में किए गए निवेश से न केवल सेवाओं का दायरा बढ़ेगा, बल्कि दूरी में भी कमी आएगी और यह जाति, नस्ल तथा अमीर और गरीब के बीच भेदभाव किए बिना विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह विकास का सही मॉडल है, जिसे संपूर्ण भारत में देखा जा सकता है और यह एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत बनाता है।

प्रधानमंत्री ने बल देते हुए केरल को देश तथा विश्व को बहुत कुछ देना है। “केरल की संस्कृति, खान-पान तथा जलवायु में समृद्धि अंतर्निहित है।” प्रधानमंत्री ने कुमारकॉम में हाल में हुई जी20 बैठक की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों ने केरल को वैश्विक पहचान दी है।

प्रधानमंत्री ने केरल के रागी पट्टू जैसे प्रसिद्ध श्रीअन्न (मोटे अनाज) की चर्चा करते हुए लोगों का आह्वान किया कि वे स्थानीय उत्पादों के बारे में वोकल बनें। उन्होंने कहा- “जब हमारे उत्पाद वैश्विक बाजार में पहुंचेंगे तब विकसित भारत का मार्ग और मजबूत होगा।”

प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में नागरिकों की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि वे अक्सर वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ केरल के स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की चर्चा करते हैं। उन्होंने बताया कि मन की बात की 100वीं कड़ी इस रविवार को पूरी हो रही है और यह उन सभी नागरिकों के प्रति समर्पित है, जिन्होंने देश के विकास तथा एक भारत श्रेष्ठ भारत की दिशा में अपना योगदान दिया हैं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं को समर्पित करना होगा।

इस अवसर पर केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान, केरल के मुख्यमंत्री श्री पिनराई विजयन, रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, राज्य मंत्री श्री वी. मुरलीधरन, तिरुवनंतपुरम के सांसद डॉ. शशि थरूर तथा केरल सरकार के मंत्रिगण उपस्थित थे।

पृष्टभूमिः

प्रधानमंत्री ने आज 3200 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने कोच्चि वाटर मेट्रो को राष्ट्र को समर्पित किया। अपने किस्म की यह परियोजना कोच्चि के आसपास के 10 द्वीपों को बैटरी चालित हाइब्रिड नौकाओं के माध्यम से कोच्चि शहर को बाधारहित रूप से कनेक्टिविटी प्रदान करती है।

कोच्चि जल मेट्रो के अलावा, डिंडीगुल-पलानी-पलक्कड़ खंड का रेल विद्युतीकरण भी प्रधान मंत्री द्वारा समर्पित किया गया। आयोजन के दौरान, प्रधान मंत्री ने तिरुवनंतपुरम, कोझिकोड, और वर्कला शिवगिरी रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास सहित विभिन्न रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखी; निमन और कोचुवेली सहित तिरुवनंतपुरम क्षेत्र का व्यापक विकास और तिरुवनंतपुरम-शोरानूर खंड की अनुभागीय गति में वृद्धि शामिल है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने तिरुवनंतपुरम में डिजिटल साइंस पार्क की आधारशिला भी रखी। डिजिटल साइंस पार्क की परिकल्पना शिक्षा के सहयोग से उद्योग और व्यावसायिक इकाइयों द्वारा डिजिटल उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने के लिए एक प्रमुख शोध सुविधा के रूप में की गई है। तीसरी पीढ़ी के साइंस पार्क के रूप में, डिजिटल साइंस पार्क में उद्योग 4.0 तकनीकों जैसे एआई, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा, स्मार्ट सामग्री आदि के क्षेत्र में उत्पादों के विकास का समर्थन करने के लिए सामान्य सुविधाएं होंगी। अत्याधुनिक बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर उद्योगों द्वारा हाई एंड एप्लाईड अनुसंधान और विश्वविद्यालयों के सहयोग से उत्पादों के सह-विकास का समर्थन करेगा। परियोजना के चरण-1 के लिए प्रारंभिक निवेश लगभग 200 करोड़ रुपये है, जबकि कुल परियोजना परिव्यय लगभग 1515 करोड़ रुपये अनुमानित है।

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Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella meets Prime Minister, Shri Narendra Modi
January 06, 2025

Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella met with Prime Minister, Shri Narendra Modi in New Delhi.

Shri Modi expressed his happiness to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. Both have discussed various aspects of tech, innovation and AI in the meeting.

Responding to the X post of Satya Nadella about the meeting, Shri Modi said;

“It was indeed a delight to meet you, @satyanadella! Glad to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. It was also wonderful discussing various aspects of tech, innovation and AI in our meeting.”